Sansar Daily Current Affairs, 01 June 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : Economic Community of West African States
संदर्भ
पश्चिम अफ्रीकी देश ‘माली’ में जारी संकट को हल करने के लिए,‘पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समूह’ (Economic Community of West African States- ECOWAS) के द्वारा मध्यस्थता करने का प्रयास किया जा रहा है.
‘माली’ में क्या हो रहा है?
1960 में फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल करने के बाद से माली में अब तक तक पांच तख्तापलट हो चुके है, और केवल एक बार, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति से दूसरे राष्ट्रपति के लिए शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता-अंतरण हुआ है.
हालिया तख्तापलट: नौ महीने पूर्व, बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप, राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता (Ibrahim Boubacar Keïta) को सत्ता से हटा दिया गया था. गत सप्ताह, एक नए मंत्रिमंडल की घोषणा की गई थी जिसमें दो प्रमुख सैन्य नेताओं को सम्मिलित नहीं किया गया था. इसके बाद सेना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हिरासत में ले लिया है.
ECOWAS
- पश्चिम अफ्रीका राज्य आर्थिक समुदाय (ECOWAS) मूलत: सोलह पश्चिम अफ्रीकी देशों का एक क्षेत्रीय आर्थिक समूह है.
- इसका मुख्यालय अबूजा, नाइजीरिया में स्थित है
इकोवास के प्रमुख उद्देश्य हैं –
- आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में विकास और सहयोग को प्रोत्साहन देना.
- सभी सदस्य देशों के लोगों की जीवन- दशा में सुधार लाना आर्थिक स्थिरता को बढ़ाना तथा बनाए रखना.
- सदस्य देशों के मध्य संबंध में सुधार लाना, और अफ्रीका के विकास और प्रगति में योगदान देना.
ECOWAS में दो उप-क्षेत्रीय ब्लॉक शामिल हैं:
- ‘पश्चिम अफ्रीकी आर्थिक और मौद्रिक संघ’ (West African Economic and Monetary Union): यह मुख्य रूप से, आठ फ्रेंच भाषी देशों का एक संगठन है.
- 2000 में स्थापित ‘पश्चिम अफ्रीकी मौद्रिक क्षेत्र’ (West African Monetary Zone- WAMZ): इसमें मुख्यतः अंग्रेजी बोलने वाले छह देश शामिल हैं.
मेरी राय – मेंस के लिए
विगत कुछ दशकों में भारत और अफ्रीकी देशों के बीच आर्थिक रिश्तों की डोर काफी मजबूत हुई है. उदाहरण के लिए, आपसी व्यापार काफी तेजी से फल-फूल रहा है. हालांकि इन देशों के साथ आपसी व्यापार में महज कुछ वस्तुओं (कोयला, सोना, और रिफाइंड पेट्रोलियम तेल) का ही वर्चस्व रहा है. इसके साथ ही कई भारतीय कंपनियों ने इन देशों में मुख्य रूप से संसाधन क्षेत्र में भारी-भरकम निवेश भी किया है. पश्चिमी एवं पूर्वी अफ्रीकी देशों के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में नि:संदेह ऊर्जा सुरक्षा ही है. हालांकि, पश्चिमी एवं पूर्वी अफ्रीकी देशों को महज संसाधन आयात से परे देखने की भी आवश्यकता है. अफ्रीकी देश न केबल ऊर्जा के महत्वपूर्ण स्रोत हैं, बल्कि भारत से रिफाइंड पेट्रोलियम तेलों के निर्यात के प्रमुख गंतव्य भी हैं. इसके अलावा, भारत इन देशों की गरीब आबादी को स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इसी तरह इन देशों से दालों का आयात भारत की खाद्य सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही भारत भी ज्ञान को साझा करके एवं इन देशों के किसानों को और अधिक आसानी से नई तकनीक सुलभ कराके अफ्रीका की खाद्य असुरक्षा को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है. यहाँ तक कि समुद्री सहयोग के मामले में भी भारत के हित सिर्फ ऊर्जा को हासिल करने और संसाधनों की ढुलाई तक ही सीमित नहीं हैं. “ब्लू इकोनॉमी (समुद्र की बदौलत आर्थिक विकास)’ पर विशेष जोर देने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. चूंकि मुख्य रूप से अर्थनीति ही इन अफ्रीकी देशों के साथ भारत के रिश्तों को नया आयाम दे रही है इसलिए भारत और इन देशों के बीच घनिष्ठ आर्थिक एवं सुरक्षा संबंध निश्चित रूप से इन सभी देशों के हित में होंगे. आज का भारत, सभी देशों के साथ निकट संबंध रखने में विश्वास रखता है. आज की तिथि में भारत तेजी से उभरती हुई विश्व शक्ति है. साथ ही अफ्रीका को लेकर उसकी अपेक्षाएँ भी बढ़ी हैं. यही कारण है कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों और सुरक्षा से जुड़े हितों को देखते हुए अफ्रीकी देशों के साथ और निकटता बढ़ा रहा है, ताकि इन देशों के साथ मिलकर साझा विकास, सुरक्षा और सभी देशों के हितों को पूरे करने की दिशा में आगे बढ़ सके.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : India expands negative list for defence imports
संदर्भ
हाल ही में रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने 108 वस्तुओं की दूसरी ‘नकारात्मक आयात सूची’ (Negative Import List) जारी की, जिसका नाम परिवर्तित कर अब ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची‘ (Positive Indigenisation List) कर दिया गया है. 101 वस्तुओं वाली ‘प्रथम नकारात्मक स्वदेशीकरण’ (First Negative Indigenisation) सूची को अगस्त 2020 में अधिसूचित किया गया था.
दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची के विषय में
- खरीद: सभी 108 वस्तुओं की खरीद अब रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (Defence Acquisition Procedure- DAP), 2020 में दिये गए प्रावधानों के अनुसार स्वदेशी स्रोतों से की जाएगी.
- समय-सीमा : इसे दिसंबर 2021 से दिसंबर 2025 तक प्रभावी रूप से लागू करने की योजना है.
- शामिल वस्तुएँ:
- इस सूची में सेंसर, सिम्युलेटर, हथियार और गोला-बारूद जैसे- हेलीकॉप्टर, नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) सिस्टम, टैंक इंजन, मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) आदि को शामिल किया गया है.
इस नीति की आवश्यकता तथा प्रभाव
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, भारत द्वारा 2014 और 2019 के बीच 16.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रक्षा-संबंधी वस्तुओं का आयात किया गया और इस अवधि के दौरान यह विश्व में दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश रहा.
- सरकार, रक्षा क्षेत्र में आयातित वस्तुओं पर निर्भरता को कम करना चाहती है और घरेलू रक्षा विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है.
- नकारात्मक आयात सूची में सम्मिलित वस्तुओं के आयात की संभावना को नकारते हुए, भारतीय सैन्य बलों की आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए घरेलू रक्षा उद्योग को आगे बढ़ने तथा निर्माण करने का अवसर दिया गया है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to health.
Topic : January 30 now ‘World Neglected Tropical Diseases Day’: WHA
संदर्भ
विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) के 74वें सत्र में, सभी प्रतिनिधियों द्वारा ‘संयुक्त अरब अमीरात’ द्वारा 30 जनवरी को ‘विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (World Neglected Tropical Diseases– NTD) दिवस’ के रूप में घोषित करने हेतु प्रस्तुत किये गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है.
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग
- WHO के अनुसार उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD), वे बीमारियाँ होती हैं, जो उष्ण व उपोष्ण कटिबंध में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले गरीब लोगों को प्रभावित करती हैं.
- जापानी इंसेफलाइटिस, डेंगु बुखार, कुष्ठ रोग, क्लेमाइडिया, बुरुलाई अल्सर, चैगास बीमारी आदि NTD के उदाहरण हैं. राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर इन बीमारियों का प्रभाव इतना भयंकर होता है कि इन्हें गरीबी के चिरस्थायीकरण के लिये उत्तरदायी माना जाता है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Economy or disaster management.
Topic : Economic impact of increased incidence of cyclones on the west coast
संदर्भ
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के एक दशकवार विश्लेषण से पता चलता है कि बंगाल की खाड़ी में वर्ष 1891-1900 से प्रत्येक दशक में अरब सागर की तुलना में अधिक चक्रवात आए हैं.
हालांकि, अरब सागर में वर्ष 2011 और वर्ष 2020 के मध्य 17 चक्रवाती घटनाएँ हुईं हैं, जो 1890 के दशक से एक दशक में सर्वाधिक हैं. इनमें से ग्यारह गंभीर चक्रवात थे.
अरब सागर में हाल ही में आए चक्रवातों जैसे “ताऊ-ते” और वायु का तेजी से उग्र होना एक अन्य प्रमुख विशेषता है, जिससे अग्रिम तैयारी के लिए अत्यल्प समय ही मिलता है.
पश्चिमी तट पर चक्रवातों की वर्धित घटनाओं का आर्थिक प्रभाव
- सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डेटाबेस के अनुसार, भारत के पश्चिमी तट पर स्थित राज्यों ने वर्ष 2018-19 में देश के सकल घरेलू उत्पाद में 35 प्रतिशत का योगदान दिया था, जबकि पूर्वी तट के राज्यों ने 21 प्रतिशत का योगदान दिया था.
- इसके अतिरिक्त, पश्चिमी तट के राज्यों ने वित्त वर्ष 2018-19 में भारत के विनिर्माण सकल मूल्य वर्धित (Gross value added: GVA) में 46 प्रतिशत का योगदान दिया था, जबकि पूर्वी तट के राज्यों ने 22 प्रतिशत का योगदान दिया था.
- जिला स्तर के विश्लेषण से यह भी ज्ञात हुआ है कि पश्चिमी तटीय जिलों के उत्पादन का मूल्य विषमतापूर्ण रूप से उसके परिमाण से अधिक था.
- पश्चिमी तट अधिक सघन जनसंख्या वाला क्षेत्र है (पूर्वी तट की तुलना में उच्च जनसंख्या घनत्व के अधिक क्षेत्र, जिससे मानव जीवन की क्षति का खतरा बढ़ जाता है.
Prelims Vishesh
Anti-Dumping :-
- वित्त मंत्रालय ने चीन से निष्क्रिय गैस R-134a के आयात पर मौजूदा डंपिंग रोधी शुल्क की वैधता छह महीने के लिए बढ़ा दी है.
- R-134a को टेट्राफ्लूरोएथेन भी कहा जाता है.
- R-134a एक हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) है।
- इसे मुख्य रूप से घरेलू प्रशीतन और ऑटोमोबाइल एयर कंडीशनर के लिए उच्च ताप प्रशीतक (coolent) के रूप में उपयोग किया जाता है.
- ज्ञातव्य है कि डंपिंग रोधी शुल्क विदेशों में निर्मित ऐसी वस्तुओं के आयात पर आरोपित किया जाता है, जिनकी कीमत घरेलू बाजार में सदृश्य वस्तु के उचित बाजार मूल्य से कम रखी जाती है.
US second largest source of FDI in India 2021&21: DPIIT data :-
- उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत में 13.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया है. इसी के साथ इसने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में मॉरीशस को प्रतिस्थापित किया है।.
- सिंगापुर लगातार तीसरे वित्तीय वर्ष में 17.41 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ देश में FDI का शीर्ष स्रोत बना रहा है.
- वित्त वर्ष 2000-21 के दौरान इक्विटी, पुनर्निविशित आय और पूंजी सहित कुल FDI, वित्त वर्ष 2019-20 में 74.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है.
Hepatitis :-
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायरल हेपेटाइटिस निदान और उपचार तक पहुँच अभी भी सीमित है.
- हेपेटाइटिस यकृत की सूजन संबंधी एक रोग है, जो सामान्यतया वायरल संक्रमण के कारण होता है. परंतु, हेपेटाइटिस के अन्य संभावित कारण भी हैं (जैसे दवाओं, औषधियों, विषाक्त पदार्थों और मद्य के द्वितीयक परिणाम).
- वैज्ञानिकों ने 5 विशिष्ट हेपेटाइटिस वायरस की पहचान की है, जिनकी पहचान अक्षर A, B, C, D और E है. अभी तक हेपेटाइटिस C के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है.
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