Sansar Daily Current Affairs, 01 November 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Deal inked for biofuel research
संदर्भ
जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology – DBT) ने ऊर्जा एवं अनुसंधान संस्थान (The Energy and Research Institute) के साथ एक त्रि-वर्षीय समझौता किया है जिसके अंतर्गत 11 करोड़ रुपयों का व्यय करके एक केंद्र स्थापित किया जाएगा जो उन्नत जैव ईंधन और जैव सामग्रियाँ उत्पादित करेगा.
मुख्य तथ्य
- यह इस प्रकार का पाँचवा केंद्र है जिसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने जैव ऊर्जा के विषय में अनुसन्धान और विकास करने के लिए स्थापित किया है. अन्य चार ऐसे केंद्र जो पहले से बने हैं, वे हैं –
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली,
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी
- ट्रांसटेक ग्रीन पॉवर लिमिटेड, जयपुर
- खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस ऊर्जा केंद्र, NCR
- यह जैव केंद्र न केवल प्रौद्योगिकी का विकास करेगा अपितु इसका व्यवसायीकरण भी करेगा.
- यह केंद्र ईंधन के अतिरिक्त जिन उत्पादों को तैयार करेगा, वे हैं – खाद्य सामग्री, चारा, पूरक पोषण सामग्री, जैव-प्लास्टिक तथा नए विशिष्ट रसायन.
जैव ईंधन का महत्त्व
विश्व-भर में पिछले दशक से लोगों का ध्यान जैव ईंधन की और गया है. अतः यह आवश्यक है कि भारत भी जैव ईंधन के मामले में अन्य देशों से पीछे न रहे. ऐसे ईंधन का भारत में बहुत ही महत्त्व है क्योंकि न केवल यह सरकार के लिए Make in India, स्वच्छ भारत अभियान, कौशल विकास जैसी पहलों के लिए शुभ है अपितु यह इन महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायक होगा – किसानों की कमाई दुगुनी करना, आयात में कमी लाना, रोजगार बढ़ाना, कचरे से संपदा का निर्माण करना आदि.
जैव ईंधन की श्रेणियाँ
- पहली पीढ़ी के जैव ईंधन – इसमें किण्वन के पारम्परिक तरीके द्वारा ऐथनॉल बनाने के लिए गेहूँ और गन्ने जैसी खाद्य फसलों और बायोडीजल के लिए तिलहनों का उपयोग किया जाता है.
- दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन – इसमें गैर-खाद्य फसलों का उपयोग किया जाता है और ईंधन के उत्पादन में लकड़ी, घास, बीज फसलों, जैविक अपशिष्ट जैसे फीडस्टॉक का उपयोग किया जाता है.
- तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन – इसमें विशेष रूप से इंजिनियर्ड शैवालों (engineered Algae) का प्रयोग किया जाता है. शैवाल के बायोमास का उपयोग जैव ईंधन में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है. इसमें अन्य की तुलना में ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम होता है.
- चौथी पीढ़ी के जैव ईंधन – इसका उद्देश्य न केवल टिकाऊ ऊर्जा का उत्पादन करना है बल्कि यह कार्बन डाइऑक्साइड के अभिग्रहण (capturing) और भंडारण (storage) की एक पद्धति भी है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : United Nations World Tourism Organization (UNWTO)
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) की कार्यकारिणी परिषद् का 109वाँ सत्र बहरैन के मनामा नामक नगर में आयोजित किया जा रहा है. इस सत्र में कार्यकारिणी समिति वैश्विक प्रयटन प्रक्षेत्र के विकास से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श करेगी.
UNWTO क्या है?
UNWTO संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो सतत एवं सबके लिए उपलब्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तरदायी होती है.
सदस्य
इसके 158 देश सदस्य हैं. इसके अलावा इसके 6 सहायक सदस्य होते हैं. साथ ही, इसमें 500 ऐसे सदस्य भी होते हैं जो निजी क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों, पर्यटन संघों एवं स्थानीय पर्यटन अधिकारीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
कार्य
- UNWTO पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो पर्यटन को आर्थिक वृद्धि, समावेश विकास और पर्यावरणिक सततता को आगे ले जाने वाले कारक के रूप में बढ़ावा देता है. साथ ही यह पर्यटन के विषय में नई-नई जानकारियाँ प्राप्त करने और विश्व-भर में पर्यटन से सम्बन्धित नीतियों के निर्माण में पर्यटन क्षेत्र को नेतृत्व एवं सहयोग प्रदान करता है.
- UNWTO पर्यटन के विषय में बनी हुई वैश्विक नैतिक संहिता (Global Code of Ethics for Tourism) को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिससे सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में के योगदान को अधिक-से-अधिक बढ़ाया जा सके और साथ ही इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम-से-कम किया जा सके. यह संगठन पर्यटन को सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) को प्राप्त करने का एक हथियार मानता है. विदित हो कि ये लक्ष्य मूलतः जिन विषयों से सम्बंधित हैं, वे हैं – विश्व-भर में दरिद्रता उन्मूलन, सतत विकास को बढ़ावा देना.
- संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन बाजार के विषय में जानकारी देता है, प्रतिस्पर्धात्मक एवं सतत पर्यटन नीतियों को प्रोत्साहित करता है, पर्यटन शिक्षा एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है एवं विश्व-भर के 100 देशों में फैली हुई तकनीकी सहायता परियोजनाओं के माध्यम से पर्यटन को विकास का कारगर हथियार बनाने की दिशा में कार्यरत है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : International Solar Alliance (ISA)
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance – ISA) में संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य-देशों को इसकी सदस्यता देने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा में प्रस्तुत संकल्प पर अपनी घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस संकल्प के अनुसार गठबंधन के समझौता-ढाँचे (Framework Agreement) में संशोधन किया जाएगा.
सदस्यता के विस्तार का लाभ
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की सदस्यता को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के लिए खोल देने का परिणाम यह होगा कि सौर ऊर्जा एक वैश्विक एजेंडा बन जाएगा और इस प्रकार विश्व के सभी देश सौर-उर्जा के निर्माण और प्रयोग की ओर प्रवृत्त होंगे.
ISA क्या है?
- ISA (International Solar Alliance) की स्थापना CoP21 पेरिस घोषणा के अनुसार हुई है.
- इस alliance का उद्देश्य है सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना है जिससे पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम की जा सके.
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय, अंतर-सरकारी alliance है जो आपसी समझौते पर आधारित है.
- अब तक 19 देशों ने इस समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है और 48 देशों ने इसके framework agreement को हस्ताक्षरित कर दिए हैं.
- यह 121 ऐसे देशों का alliance है जो सौर ऊर्जा की दृष्टि से समृद्ध हैं.
- ये देश पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं.
- इसका मुख्यालय भारत में है और इसका अंतरिम सचिवालय फिलहाल गुरुग्राम में बन रहा है.
ISA का लक्ष्य
ISA चाहता है कि विश्व-भर में 1000 GW सौर ऊर्जा का उत्पादन हो तथा इसके लिए 2030 तक सौर ऊर्जा में US$ 1000 billion से अधिक के निवेश की व्यवस्था हो.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : UN Habitat
संदर्भ
विश्व नगर दिवस, 2018 के अवसर पर नई दिल्ली में UN Habitat के साथ भागीदारी करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने हाल ही में एक नीति-चर्चा बैठक आयोजित की जिसका नाम – ‘Urban Cafe: River for Habitat’ दिया गया है.
इस बैठक में सम्बंधित प्रक्षेत्र के विशेषज्ञों ने मानव सभ्यता के विभिन्न पहलुओं के साथ नदियों का क्या नाता है, इस विषय पर मिल-जुलकर की चर्चा की. इस संदर्भ में नगरों, हमारी अर्थव्यवस्था तथा हमारे दैनन्दिन जीवन पर नदियों के प्रभाव पर विमर्श हुआ. साथ ही इस विषय में मन्त्रणा हुई की नदियों को कैसे स्वस्थ बनाया जाए.
UN Habitat क्या है?
संयुक्त राष्ट्र मानव बस्ती कार्यक्रम अथवा UN Habitat संयुक्त राष्ट्र संघ की एक एजेंसी है जिसका काम मानव बस्तियों एवं सतत शहरी विकास को देखना है. इसकी स्थापना 1978 में हुई थी. ज्ञातव्य है कि इसकी स्थापना के लिए 1976 में कनाडा के वैंकुवर नगर में आयोजित मानव बस्ती एवं सतत शहरी विकास (Human Settlements and Sustainable Urban Development – Habitat I) के पहले सम्मलेन में निर्णय लिया गया था.
- UN Habitat सामाजिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ कस्बों और नगरों को बढ़ावा देता है जिससे सभी को उचित आश्रय का लक्ष्य प्राप्त हो.
- यह एजेंसी संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का एक सदस्य है.
- UN Habitat संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रति उत्तरदायी है जिसे वह अपनी रिपोर्टें पेश करता है.
विश्व नगर दिवस
- यह दिवस प्रत्येक वर्ष अक्टूबर 31 को मनाया जाता है.
- 2018 की इसकी थीम है – “Building sustainable and resilient cities”.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Section 7 of the RBI Act
संदर्भ
कहा जा रहा है कि भारत सरकार भारतीय रिज़र्व बैंक को विशेष निर्देश देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुभाग 7 (Section 7 of the Reserve Bank of India Act) का प्रयोग करने जा रही है.
भूमिका
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वाद की सुनवाई के समय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुभाग 7 (Section 7) के प्रयोग का मामला उभरा. यह वाद भारतीय स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादक संघ (Independent Power Producers Association) के द्वारा दायर किया गया था और इसमें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के द्वारा 12 फरवरी को निर्गत एक परिपत्र (circular) को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के क्रम में अगस्त में उच्च न्यायालय ने एक टिपण्णी की थी की सरकार चाहे तो भारतीय रिज़र्व बैंक को RBI Act के अनुभाग 7 के तहत निर्देश (directions) दे सकती है.
- न्यायालय के इस आदेश को देखते हुए सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर को एक पत्र दिया था जिसमें उनसे 12 फ़रवरी के परिपत्र के संदर्भ में ऊर्जा कंपनियों को मिलने वाली छूट के विषय में उनका मन्तव्य माँगा गया था. इसके अतिरिक्त 10 अक्टूबर को सरकार ने भारतीय रिज़र्व के गवर्नर से मुद्रा तरलता (liquidity) लाने के लिए RBI के पूँजी भंडार (capital reserve) का उपयोग करने के विषय में भी मन्तव्य माँगा था.
Section 7 of the RBI Act क्या है?
RBI Act के अनुभाग 7 के अनुसार केंद्र सरकार को यह शक्ति है कि वह समय-समय पर RBI गवर्नर से परमर्श करके भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को ऐसे निर्देश दे सके जो उसकी दृष्टि में लोकहित में आवश्यक है. “The Central Government may from time to time give such directions to the Bank as it may, after consultation with the Governor of the Bank, consider necessary in the public interest,” Section 7(1) of the RBI Act reads.
RBI Act के Section 7 में एक उप-अनुभाग भी जो कहता है कि – “भारत सरकार चाहे तो बैंक के सामान्य पर्यवेक्षण और कारोबार को वह एक केन्द्रीय निदेशक बोर्ड (Central Board of Directors) को सौंप सकती है जो बैंक द्वारा किये जाने वाले सभी कार्य कर सकता है और बैंक की सारी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है.”
क्या अनुभाग 7 का प्रयोग एक असाधारण कदम होगा?
इस अनुभाग का प्रयोग पहले कभी नहीं हुआ है. 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बुरी अवस्था में थी. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय भी भारतीय अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई थी, फिर भी इस अनुभाग को लागू नहीं किया गया. इसलिए इसका कार्यान्वयन कैसे होगा, यह स्पष्ट नहीं है. इस प्रकार के आक्रामक प्रयोग से कुछ अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों को घबराहट हो सकती है. साथ ही RBI की स्वयत्तता को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाये जा सकते हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : World Bank’s Doing Business Report, 2018
संदर्भ
विश्व बैंक ने 2019 का Doing Business Report (DBR, 2019) निर्गत कर दिया है. इस रिपोर्ट में 190 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग दी गई है.
भारत का प्रदर्शन
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत पिछले वर्ष की तुलना में 23 स्थान आगे बढ़कर 77वें रैंक पर पहुँच गया है.
- रिपोर्ट के अनुसार चीन, जिबूती (Djibouti) और अजरबैजान जैसी पहले की तुलना में सुधरी हुई 10 शीर्षस्थ अर्थव्यवस्थाओं में भारत का नाम आया है.
- भारत में व्यवसाय संचालन की सरलता में यह सुधार इसलिए हुआ है कि यहाँ ऐसे कई सुधार हुए हैं जिससे व्यवसायियों को आसानी से निर्माण के लिए (construction permits) अनुमति मिल जाती है. साथ ही में सरलतापूर्वक वे कर जमा कर सकते हैं और सीमा-पार व्यापार भी कर सकते हैं.
सरकार द्वारा किये गए सुधार
- भारत में कई आवेदन प्रपत्रों को एक प्रपत्र में बदल दिया गया है.
- निर्माण कार्य के लिए अनुमति की प्रणाली भी सुचारू कर दी गई है. ऐसी अनुमति का दाम भी पहले से घटा दिया गया है.
- सरकार ने insolvency and bankruptcy code में भी सुधार किया है.
- भारत में कर संरचना पहले जटिल थी परन्तु अब उसे सरल बना दिया गया है.
- राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना 2017-2020 (National Trade Facilitation Action Plan) के अधीन किये गये उपायों के कारण सीमा-पार व्यापार पहले से अधिक कारगर हो गया है.
वैश्विक प्रदर्शन
- रैंकिंग में जो 5 देश सबसे ऊपर हैं, वे हैं – न्यूजीलैंड, सिंगापुर, डेनमार्क, हांगकांग और कोरिया.
- अमेरिका पिछले साल 6वें स्थान था, इस बार 8वें स्थान पर आ गया है.
- रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान 16 स्थान आगे बढ़कर इस वर्ष 167वें स्थान पर है.
- सबसे बड़ी जनसंख्या वाली दो अर्थव्यवस्थाएँ – चीन और भारत – इस वर्ष उन शीर्षस्थ 10 देशों में हैं जिन्होंने अपनी रैंकिंग सुधारी हैं.
- रैंकिंग में सर्वाधिक सुधार लाने वाले 10 देशों की सूची में ये देश आते हैं – अफगानिस्तान, जिबूती, अज़रबैजान, टोगो, केन्या, कोट डी’आईवोयर, तुर्की और रवांडा.
- जिबूती और भारत ही ऐसी अर्थव्यवस्थाएँ हैं जो लगातार दूसरे वर्ष सबसे अधिक सुधार लाने वाले 10 अर्थव्यवस्थाओं में हैं.
Prelims Vishesh
Rashtriya Ekta Diwas :-
- सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर को देश-भर में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया.
- यह दिवस 2015 से मनाया जा रहा है.
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