Sansar डेली करंट अफेयर्स, 01 October 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 01 October 2018


GS Paper 1 Source: PIB

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Topic : Mahatma Gandhi International Sanitation Convention

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संदर्भ

नई दिल्ली में महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन (Mahatma Gandhi International Sanitation Convention) आयोजित हो रहा है. यह आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के द्वारा महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती समारोहों के क्रम में किया गया है. साथ ही इसी दिन स्वच्छ भारत अभियान की चौथी वर्षगाँठ भी पड़ रही है.

  • इस बैठक में 70 देशों के मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है जिन्हें गुजरात में गाँधी ट्रेल/ ‘Gandhi Trail’ अर्थात् गाँधी से सम्बन्धित स्थलों की यात्रा पर ले जाया जाएगा.
  • सरकार इस अवसर का उपयोग अक्टूबर 2, 2014 में आरम्भ किये गये स्वच्छ भारत कार्यक्रम की पिछले चार वर्षों में हुई उपलब्धियों और उसके सफलता की कथा को सामने लाने में करेगी. इस अवसर पर विश्व-भर के नेताओं से आमने-सामने के संवाद होंगे तथा भारत के सस्ता कार्यक्रमों के दौरान हुए अनुभवों को उनसे साझा किया जाएगा.
  • ज्ञातव्य है कि कतिपय टिकाऊ विकास के लक्ष्य (Sustainable Development Goals) 2030 तक प्राप्त करने की योजना है. इन लक्ष्यों के क्रम 6 (SDG #6) में सभी व्यक्ति तक स्वच्छता पहुँचाने, गंदे अनुपचारित प्रवाह जल (untreated wastewater) के अनुपात को आधा करने तथा उसके दुबारा और सुरक्षित उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

वैश्विक स्वच्छता संकट (Global Sanitation Crisis)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा संयुक्त राष्ट्र बाल आकस्मिक कोष के प्रतिवेदनों के अनुसार वैश्विक स्वच्छता संकट में है जो निम्नलिखित तथ्यों से प्रकट होता है –

  • वैश्विक जनसंख्या के 60% लोग (4.5 billion) के पास या तो घर पर शौचालय नहीं है अथवा जो मानवीय मल को सुरक्षित ढंग से निस्तारित नहीं करते हैं.
  • पूरे विश्व में ऐसे 862 million लोग हैं जो अभी भी खुले में शौच करते हैं.
  • करोड़ों लोग ऐसे पेय जल का प्रयोग करते हैं जो मल प्रदूषण से सुरक्षित नहीं हैं.
  • विश्व में समाज द्वारा उत्पन्न गंदे जल के प्रवाह का 80% वापस बिना उपचारित हुए अथवा फिर से प्रयुक्त हुए पारिस्थितिकी तंत्र में लौट जाता है.
  • संसार की जनसंख्या के मात्र 39% लोग (2.9 billion लोग) सुरक्षित स्वच्छता सेवा का उपयोग करते हैं अर्थात् उनके मल का स्थानीय रूप से सुरक्षित ढंग से निस्तार कर दिया जाता है अथवा कहीं दूर ले जाकर उसका उपचार कर दिया जाता है.
  • यदि सुरक्षित जल और उत्तम स्वास्थ्य विषयक व्यवस्था दोनों उपलब्ध हो जाए तो इससे स्वच्छता में सुधार होगा और हर वर्ष लगभग 842 हजार मौतों को रोका जा सकता है.

स्वच्छ भारत अभियान

जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है कि भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान (SBM) का अनावरण किया था जिसका उद्देश्य था भारत को 2 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ और खुले शौच से मुक्त करते हुए महात्मा गाँधी को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी जाए.

जब से यह कार्यक्रम चला है तब से ग्रामीण स्वच्छता में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है. पहले यह अक्टूबर, 2014 में 39% थी जो सितम्बर, 2018 आते-आते 90% हो गयी है. इस अभियान के अंतर्गत 78 मिलियन घरेलू शौचालय बनाये गये हैं. फलस्वरूप 25 राज्यों, केंद्र-शाषित क्षेत्रों, 513 से अधिक जिलों तथा 5,04,316 गाँवों ने अभी तक अपने आप को खुले शौच से मुक्त घोषित कर दिया है.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Committee to review the Competition Act

संदर्भ

हाल ही में भारत सरकार ने एक समिति का गठन किया है जो प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम की समीक्षा करेगी. इस समिति के अध्यक्ष निगम मामलों के मंत्रालय के सचिव होंगे.

समिति को सौंपे गए कार्य

  • यह समिति प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम/नियमों/अधिनियमों (Competition Act/ Rules/ Regulations) की समीक्षा कर आवश्यक परिवर्तनों पर सुझाव देगी क्योंकि व्यवसाय का वातावरण तेजी से बदल रहा है.
  • यह समिति विश्व भर में प्रतिस्पर्द्धा के क्षेत्र में प्रचलित उत्तम प्रथाओं, विशेषकर ट्रस्ट विरोधी कानून, विलय निर्देश तथा सीमा पार के प्रतिस्पर्द्धा विषयक मामलों के प्रबंधन का अध्ययन करेगी.
  • समिति प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम से टकराने वाली नियामक तंत्रों/संस्थागत प्रणालियों और सहकारी नीतियों का भी अध्ययन करेगी.
  • इसके अतिरिक्त यह समिति प्रतिस्पर्द्धा से जुड़े हुए किसी ऐसे अन्य मामले पर भी विचार करेगी जिसे यह आवश्यक समझेगी.

प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम

प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम वर्ष 2002 में पारित हुआ था और इसके आलोक में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग की स्थापना हुई थी. इस आयोग ने 2009 अपना काम आरम्भ किया और अब तक इसमें प्रतिस्पर्द्धा और भारतीय बाजार में न्यायपूर्ण प्रथाओं के विकास में व्यापक योगदान दिया है. इस अधिनियम में प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम (संशोधन), 2007 के द्वारा संशोधन किया गया था. यह अधिनियम प्रतिस्पर्द्धा विरोधी समझौतों तथा उद्यमों द्वारा अपनी प्रबल स्थिति के दुरूपयोग का निषेध करता है. साथ ही यह कंपनियों के  विलयन और अधिग्रहण (Mergers and acquisitions – M&A) को भी नियमित करता है जिससे उनके कारण भारत में प्रतिस्पर्द्धा पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़े.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Assam to launch wage compensation scheme for pregnant women in tea gardens

संदर्भ

असम ऐसा पहला भारतीय राज्य बन गया है जिसने राज्य के चाय बागानों में काम करने वाली गर्भवती स्त्रियों के लिए वेतन क्षतिपूर्ति योजना (Wage Compensation Scheme) आरम्भ की है.

उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य गर्भवती स्त्रियों को बेहतर स्वास्थ्य और पूरक पोषाहार उपलब्ध कराना है. इसमें चाय बगानों में काम करने वाली स्त्रियों को उचित स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा देने का प्रावधान है.

मुख्य तथ्य

  • इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक गर्भवती स्त्री को 12,000 रु. दिए जायेंगे जिससे वह स्वयं के साथ-साथ होने वाले बच्चे की देखभाल इस प्रकार कर सके जिससे उसके परिवार की आजीविका के साथ समझौता नहीं करना पड़े.
  • यह 12,000 रु. एक साथ न देकर चार किश्तों में दिए जायेंगे. गर्भ की पहली तिमाही में 2,000 रु., दूसरी तिमाही में 4,000 रु., अस्पताल में प्रसव के लिए 3,000 रु. तथा बच्चे के जन्म के पंजीकरण के लिए 3,000 रु. दिए जायेंगे.
  • स्त्री को मातृत्व अवकाश भी मिलेगा. गर्भ की तीसरी तिमाही से लेकर प्रसव के तीन महीनों तक उससे काम नहीं लिया जाएगा.
  • इसके अतिरिक्त स्त्री को बच्चे के जन्म के पश्चात् की देखभाल तथा उसके पहले टीकाकरण के लिए सहायता दी जायेगी.

महत्त्व

इस योजना से असम की 60,000 स्त्रियों को लाभ मिलने की सम्भावना है. इस योजना के फलस्वरूप चाय बगान के क्षेत्रों में मातृ मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में कमी होने की आशा है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : ‘Comprehensive Convention on International Terrorism’ (CCIT)

संदर्भ

हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस माँग को दुहराया कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक कन्वेंशन (Comprehensive Convention on International Terrorism – CCIT) होना चाहिए.

पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि अभी कुछ हाल के ही वर्षों में शक्तिशाली देशों को आंतकवाद के खतरों का अनुभव हुआ है और उनका ध्यान इन खतरों की ओर गया है. परन्तु भारत बहुत पहले से आतंकवाद का शिकार रहा है. उसने सदा आतंकवाद की निंदा की है चाहे उसका रूप कैसा भी क्यों न हो. भारत यह कहता आया है कि आतंकवाद का सामना करने के लिए एक सम्पूर्ण दृष्टिकोण और सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है. भारत यह कहता आया है कि आतंकवादियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी तंत्रों की रचना होना आवश्यक है. इसी संदर्भ में भारत ने 1996 में ही एक व्यापक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद कन्वेंशन (Comprehensive Convention on International Terrorism – CCIT) के लिए एक प्रारूप का प्रस्ताव दिया था.

CCIT क्या है?

CCIT एक प्रस्तावित संधि है जिसका उद्देश्य सभी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को अपराध घोषित करना तथा आतंकवादियों, उन्हें पैसा और समर्थन देने वालों को धन, हथियार और सुरक्षित अड्डे की सुविधा से वंचित करना है. भारत द्वारा इस विषय में 1996 में दिए गए प्रारूप का संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया जाना अभी भी शेष है.

CCIT क्या चाहता है?

  • आतंकवाद की एक सार्वभौम परिभाषा : अच्छा आतंकी अथवा बुरा आतंकी नहीं होता अर्थात् आतंकी आतंकी होता है.
  • आतंकवाद में संग्लन सभी समूहों पर प्रतिबन्ध लगाना और उन्हें धन प्राप्त करने और सुरक्षित अड्डे की सुविधा का लाभ उठाने से रोकना.
  • सभी आतंकवादी समूहों (सीमा-पार समूहों समेत) पर मुकदमा चलाना.
  • सीमा-पार के आतंक को ऐसा अपराध घोषित करना जिसके लिए अपराधी को दूसरे देश को सौंपने में कोई रुकावट न हो. इसके लिए हर देश अपने घरेलू कानूनों में आवश्यक संशोधन करे.
  • CCIT में दक्षिण एशिया में पाकिस्तान द्वारा सीमा-पार के आतंकवाद को समर्थन दिए जाने का विशेष उल्लेख है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : IUCN threat categories

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संदर्भ

वैज्ञानिकों ने पौधों के संरक्षण के कार्य को सुचारू बनाने के लिए भारत की ऐसी 59 पौधा-प्रजातियों का चयन किया है जो अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature – IUCN) के मानदंडों पर खरे उतरते हैं.

मुख्य तथ्य

  • भारत में लगभग 2,700 ऐसी पौधा-प्रजातियाँ खतरे में हैं, परन्तु ICUN में अभी तक बहुत कम पौधों का मूल्यांकन किया है. इस तथ्य को देखते हुए कई संस्थानों के विशेषज्ञों ने ऐसे 59 पौधों की सूची बनाई है जिनके ऊपर मंडराते हुए खतरों का मूल्यांकन नहीं किया गया तो ये विलुप्त हो जायेंगे.
  • इन 59 पौधों में भी इस बात का पता लगाया गया है कि इन पर कितना खतरा है. अध्ययन के अनुसार 10 पौधे विकट रूप से संकटग्रस्त (critically endangered) हैं. 18 पौधे संकटग्रस्त (endangered) हैं और 6 पौधे संकट (vulnerable) की ओर बढ़ रहे हैं. 5 पौधे संकट से ग्रस्त होने ही वाले हैं तथा 1 पौधा ऐसा है जो वर्तमान के लिए सबसे कम चिंता का विषय है.

पौधों की प्रजातियों में कमी का कारण

क्षेत्रीय सर्वेक्षणों से पता चला है कि पौधों की संख्या में कमी का सबसे बड़ा कारण उनके प्राकृतिक निवास को पहुँचाई गई क्षति है. प्रयोगशाला में बीजों के अंकुरण की क्षमता की जाँच से पता चलता है कि कई बीज फलने-फूलने में असमर्थ हैं और पौधों के ह्रास का यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है.

IUCN

  • आईयूसीएन की स्थापना अक्टूबर, 1948 में फ्रांस के फॉन्टेनबेलाऊ शहर में आयोजित हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रकृति के संरक्षण के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संघ ( International Union for the Protection of Nature or IUPN) के रूप में की गई थी.
  • 1956 में इस संघ का नाम IUPN से बदलकर IUCN कर दिया गया है अर्थात् अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature and Natural Resources)
  • आईयूसीएन दुनिया का पहला वैश्विक पर्यावरण संगठन है और आज के दिन में यह सबसे बड़ा वैश्विक संरक्षण नेटवर्क है.
  • इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड में जेनेवा के निकट Gland में है.
  • IUCN मानव का प्रकृति के साथ जो व्यवहार है उसका अध्ययन करता है और दोनों के बीच संतुलन को संरक्षित करता है.
  • यह जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ टिकाऊ विकास और खाद्य सुरक्षा जैसी चुनौतियों पर विचार करता है.

Prelims Vishesh

UN Champions of the Earth Award 2018 :

हाल ही में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान  – Champions of the Earth Award – दिया गया.

Uttarakhand HC directs state to provide reservation to transgenders in educational institutions :-

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह शैक्षणिक संस्थानों तथा लोक नियुक्तियों में किन्नरों को आरक्षण का प्रावधान करे. इसके लिए न्यायालय ने सरकार को छह महीने का समय दिया है.

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