Sansar डेली करंट अफेयर्स, 01 October 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 01 October 2020


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.

Topic : Ambedkar Social Innovation & Incubation Mission

संदर्भ

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) ने अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन (ASIIM) आरंभ किया.

  • ASIIM को उच्च शैक्षणिक संस्थानों (HEI) में अध्ययनरत अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों में नवाचार और उद्यम को बढ़ावा देने हेतु अनुसूचित जाति के लिए उद्यम पूंजी निधि (Venture Capital Fund for SCs-VCF-SC) के तहत आरंभ किया गया है.
  • VCF-SC (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित) अनुसूचित जाति के उद्यमियों की संस्थाओं को रियायती वित्त प्रदान करके और उन्हें रोजगार प्रदाता (Job-Givers) बनने में सक्षम करके दिव्यांग तथा अनुसूचित जाति के युवाओं के मध्य उद्यमशीलता विकसित करना है.
  • ASIIM के तहत SC युवाओं द्वारा आरंभ की गई 1,000 पहलों की पहचान की जाएगी और तीन वर्षों में 30 लाख रुपये इक्विटी के रूप में प्रदान किए जाएँगे.

अंबेडकर सोशल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन मिशन

  • जैसा कि कहा जा चुका है कि इस पहल के अंतर्गत देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (Technology Business Incubators- TBIs) के माध्यम से अगले 4 वर्षों में स्टार्ट-अप आधारित विचारों के साथ अनुसूचित जाति के 1000 युवाओं की पहचान की जाएगी.
  • जिसके बाद उन्हें इक्विटी फंडिंग के तौर पर 3 वर्ष में 30 लाख रुपए का फंड दिया जाएगा ताकि वे अपने स्टार्ट-अप स्थापित करने के विचार को वाणिज्यिक उद्यम में परिवर्तित कर सकें.
  • सफल उपक्रम के लिये आगे की निधि हेतु ‘अनुसूचित जाति के लिये वेंचर कैपिटल फंड’ से 5 करोड़ रुपए तक की वेंचर फंडिंग के लिये अर्हता प्राप्त करेंगे.

लाभ

  • अनुसूचित जाति के लिये वेंचर कैपिटल फंड के तहत ASIIM पहल से अनुसूचित जाति के युवाओं में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.
  • नौकरी चाहने वालों से, ‘नौकरी देने वालों में’ तब्दील होने में मदद मिलेगी.
  • ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलेगा.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

 

  • केंद्र सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति के उद्यमियों हेतु 2015 को ‘अनुसूचित जाति उद्यम पूंजी निधि’ (Venture Capital Fund for scheduled caste) नामक विशेष योजना प्रारंभ की गई थी.
  • जुलाई , 2014 के भाजपा सरकार के अपने पहले बजट में इस कोष के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था.
  • केन्द्र सरकार State Scheduled Castes Development Corporations (SCDCs) को धन देती है जो दलित परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई योजनाओं के तहत लोन देती है.
  • यह योजना Industrial Finance Corporation of India – IFCI के माध्यम से चल रही है.
  • विदित हो कि IFCI, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को धन देता है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

दलित युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से कई योजनाएं प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल के प्रथम वर्ष से ही चलायी जा रही हैं. यह कोष दलित युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देता है. यह उन दलित उद्यमियों की सहायता करता है जो नवाचार के जरिए समाज में कुछ नया करना चाहते हैं. उच्च शिक्षा परिसरों में अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, उन्मुख व्यावसायिक विचारों की पहचान युवा उद्यमियों को नवीन और प्रौद्योगिकी पर काम करने में लगे युवा उद्यमियों को केंद्रित समर्थन प्रदान करने की आवश्यकता है ताकि उन्हें सफल वाणिज्यिक उद्यमों की स्थापना में मदद मिल सके. इस तरह की पहल से न केवल अनुसूचित जाति के छात्रों को नवाचार और उद्यमिता के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, बल्कि सरकार के स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम को भी बढ़ावा मिलेगा.


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Conservation and pollution related issues.

Topic : Stubble Burning

संदर्भ

पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) द्वारा कृषि अवशेषों के दहन/पराली जलाने को लेकर (stubble burning) पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की गई.

EPCA के अनुसार न्यूनतम समर्थन यूल्य में अवशेष हटाने की लागत को शामिल करना एक व्यवहार्य विकल्प नहीं हो सकता है और यदि आवश्यक हो तो ऐसा कोई भी प्रोत्साहन राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाना चाहिए.  

पृष्ठभूमि

किसानों को अवशेष दहन से रोकने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार ने विगत वर्ष लघु एवं सीमांत किसानों के लिए 2,500 रुपये प्रति एकड़ के बोनस की घोषणा की थी.

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब राज्यों में फसल अवशेषों के दहन को प्रतिबंधित कर दिया था.

पराली जलाना क्या होता है?

नवम्बर महीने में धान की फसल कट जाने पर उसी खेत में गेहूँ बोने की जल्दबाजी होती है जिस कारण किसान फसल कटाई से बची हुई पराली को जलाकर गेहूँ की तैयारी झट-पट करने लगते हैं. ऐसा करने से न केवल वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक गैसों का ही, अपितु पार्टिकुलेट पदार्थ का भी उत्सर्जन होता है.

किसान पराली जलाना क्यों चाहते हैं?

  • किसान पराली जलने से होने वाले स्वास्थ्य के खतरे को समझते हैं, परन्तु उनके पास खेत को दुबारा झट-पट खेती के योग्य बनाने का और कोई दूसरा उपाय नहीं होता.
  • फसल कटाई से बची हुई पराली के निस्तारण के लिए नई तकनीक उपलब्ध है, परन्तु उनके लिए ये तकनीक सुलभ नहीं होती.
  • विशेषज्ञों का कहना है कि नई तकनीक के खर्चीले होने के कारण किसान पराली को जला देने में ही अपनी भलाई समझते हैं.

ऐसा नहीं है कि पराली जलाने से क्षति ही क्षति होती है. इसके कुछ लाभ भी हैं, जैसे –

  1. इससे खेत झट-पट तैयार हो जाता है.
  2. यह सबसे सस्ता उपाय है.
  3. यह खरपतवार को समाप्त कर देता है. इन खरपतवारों में कुछ ऐसे भी होते हैं जिनको कीटनाशक दवाओं से मारना कठिन होता है.
  4. यह कीड़े-मकौडों को मार देता है.
  5. इससे नाइट्रोजन टाई-अप में कमी आती है.

पराली जलाने से बचने के वैकल्पिक उपाय

  • धान के डंठलों से बिजली बनाई जा सकती है. ऐसा करने से किसान पराली को नहीं जलाएंगे और उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
  • पराली को मिट्टी में ही दबा देने से मिट्टी की नमी में सुधार आएगा और इसके भीतर मृदा सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ेगी जो अंततः पौधों के बेहतर विकास में काम आएगी.
  • पराली को कम्पोस्ट करके जैव-खाद में बदला जा सकता है.
  • पराली से खमीर प्रोटीन भी निकल सकता है जिसका उद्योगों में उपयोग हो सकता है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

 

  • इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक रिपोर्ट के अनुसार, फसल अवशेषों और पटाखों की वजह से लगभग 190 बिलियन डॉलर या भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.7 प्रतिशत नुकसान होना है.
  • अवशेष जलने से मिट्टी की उर्वरता पर भी बुरा असर पड़ता है.
  • आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों की तुलना में हरियाणा में तीव्र श्वसन संक्रमण (Acute Respiratory Infections – ARI) का जोखिम 50 गुना अधिक है.
  • आधुनिक यंत्रों की खरीद को प्रोत्साहित करके फसल के अवशेषों के दहन को रोकने के लिए राष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन नीति (NPMCR), 2014 निर्मित की गई थी.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

धान की कटाई के बाद बचे धान के अवशेषों को किसान आग लगा देते हैं. जिससे धुएं के रूप में हमारे पर्यावरण में जहर घुल रहा है. खेतों में आग लगाने से मिट्टी में पाए जाने वाली मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं. साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी घट जाती है. सड़कों के किनारे खेतों में लगाई जाने वाली आग से राहगीरों को धुएं के कारण कुछ दिखाई नहीं देता. जिससे वाहन चालकों को हादसा होने का खतरा बना रहता है. धुंए से लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है. प्रशासन की ओर से अवशेषों में आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जाती है. किसानों से अवशेषों जलाने की बजाय खाद के रूप में प्रयोग करना चाहिए. जिससे फसल में खाद की जरूरत को कम किया जा सके. फसल में गुणवत्ता के साथ उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सके. स्ट्राबैलर नामक मशीन के इस्तेमाल से किसान अवशेषों को एकत्रित कर बिक्री कर सकते हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. सूखे चारे की कमी के अभाव को पूरा करने में मदद मिल सकती है. बच्चों को संदेश दिया कि हर मानव को अपने जीवन में एक पौधा जरूर लगाना चाहिए. प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधरोपण बहुत ही आवश्यक है.


GS Paper 3 Source : Economic Times

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UPSC Syllabus : Indian economy – growth and development; Investment models.

Topic : Current Account

संदर्भ

भारत में चालू खाता अधिशेष अप्रैल-जून की द्वितीय तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद के 3.9% पर रहा. कोविड-49 महामारी के बीच पण्य आयात में गिरावट के कारण 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार घाटे में संकुचन से अधिशेष (Surplus) की स्थिति उत्पन्न हुई है.

  • आयात में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में कमी, निम्न घरेलू मांग और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अवरोधों के कारण हुई है.
  • यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि करने में सक्षम बनाएगा, जो वित्तीय और बाह्य क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखने के लिए जरूरी है और यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देता है, क्योंकि देश को घरेलू उत्पादन बनाए रखने के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध होती है.

चालू खाता

  • चालू खाता एक बैंक जमा होता है जिसकी निकासी जमाकर्ता कभी भी कर सकता है. जमाकर्ता को किसी भी दिन इस खाते से कितनी भी बार संचालन की छूट होती है. यह बचत खाते की तरह नहीं है जिसमें कि प्रतिदिन केवल सीमित संख्या में ही लेनदेन Current Account संभव होता है. यह खाता व्यापार, व्यवसाय से जुडे लोगों द्वारा खोला जाता है.
  • चालू खातों पर ब्याज नहीं दिया जाता है.
  • चालू खाता (Current Account) = व्यापार अंतराल + निवल चालू अंतरण + विदेश में निवल आय.
  • पूंजी खाता एक अर्थव्यवस्था में निजी और सार्वजनिक निवेश दोनों के निवल प्रवाह का सार उपलब्ध करवाता है. बाह्य वाणिज्यिक उधारियां, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश आदि पूंजी खाते के घटक हैं.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

 

  • चालू खाता 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के निवासी भारतीयों एवं अकेले व्यक्तियों/ एकल स्वामित्व / साझेदारियों/ संघों/ निजी व सार्वजनिक कम्पनियों/सोसाइटियों/ट्रस्टों/ अविभाजित हिन्दू परिवारों आदि द्वारा खोला जा सकता है.
  • चालू खाता या तो अकेले या संयुक्त रूप से खोला जा सकता है.
  • चालू खाता खोलने के लिए बैंक 5,000 से 50,000 रुपये तक न्यूनतम जमा चाहते हैं.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Space-related.

Topic : India successfully test-fires over 400 km strike range BrahMos supersonic cruise missile

संदर्भ

भारत ने 450 किलोमीटर की विस्तारित प्रहार परास मारक दूरी (extended strike range) क्षमता से युक्त ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. स्वदेशी बूस्टर और एयरफ्रेम सेक्शन के साथ कई अन्य भारत में निर्मित उप-प्रणालियों की विशेषताओं से युक्त इस मिसाइल का ओडिशा के बालासोर में सफल परीक्षण किया गया.

  • ब्रह्मोस एक मध्यम दूरी की रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे 300 किमी तक की रेंज में पनडुब्बी, जलपोत, विमान या भूमि से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
  • सुपरसोनिक गति में ध्वनि की गति से पांच गुना तक तीव्र (मैक-5) गति शामिल है.
  • क्रूज मिसाइलें उड़ानों के अंत तक स्व-चालित (self-propelled) रूप से संचालित होती हैं और इनका अत्यधिक सटीकता के साथ लंबी दूरी पर युद्धक सामग्री ले जाने के लिए उपयोग किया जा सकता है.
  • यह भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के NPOM का संयुक्त उपक्रम है. इसका नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है.
  • ब्रह्मोस के विस्तारित-प्रहार मारक-दूरी संस्करण (Extended-range version) को वर्ष 2016 में भारत द्वारा मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (Missile Technology Control Regime – MTCR) की सदस्यता ग्रहण करने के उपरांत विकसित किया गया था, जिसने क्रूज मिसाइल की प्रहार मारक-दूरी पर आरोपित सीमा हटा दी थी.

MTCR

  • G-7 देशों द्वारा गठित MCTR, 35 देशों के मध्य एक अनौपचारिक साझेदारी है, जो 300 किमी से अधिक दूरी तक 500 किलोग्राम से अधिक पेलोड ले जाने में सक्षम मिसाइलों और मिसाइल प्रौद्योगिकी के प्रसार को सीमित करने की मांग करता है.
  • MCTR बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था (multilateral export control regimes) का एक हिस्सा है.

कुल 4 बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाएँ हैं:

  1. परमाणु प्रौद्योगिकी पर नियंत्रण के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (Nuclear Suppliers Group – NSG) àभारत इसका सदस्य नहीं है.
  2. रासायनिक और जैविक प्रौद्योगिकी (जिसे हथियारों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है) के नियंत्रण के लिए ऑस्ट्रेलिया समूह (AG) à भारत इसका सदस्य है.
  3. परंपरागत हथियारों, दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकी के निर्यात नियंत्रण पर वासेनार व्यवस्था à भारत इसका सदस्य है.
  4. मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR)

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

 

विभिन्न देशों की खुफिया एजेंसियां

  1. RAW (Research and Analysis Wing) – भारत
  2. Mossad – इजरायल
  3. CIA (Central Intelligence Agency) – अमेरिका
  4. ISI (Inter-Services Intelligence) – पाकिस्तान
  5. MSS (Ministry of State Security) – चीन
  6. M1-6 (Military Intelligence Section 6 or Secret Intelligence Service (SIS))– यूनाइटेड किंगडम
  7. ASIS (Australian Secret Intelligence Service) – ऑस्ट्रेलिया
  8. DGSE (Directorate General for External Security) – फ़्रांस
  9. BND (Bundesnachrichtendienst)– जर्मनी
  10. FSB (Federal Security Service of Russian Federation) – रूस

मिसाइल टेस्टिंग सेंटर

  • अब्दुल कलाम द्वीप भारत की पूर्वी तट से लगभग 10 किलोमीटर (6.2 मील) दूर बंगाल की खाड़ी में स्थित है.
  • उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस द्वीप को पहले व्हीलर द्वीप के नाम से जाना जाता था. ये नाम ब्रिटिश काल में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अफसर हग व्हीलर के नाम पर था. साल 2015 में देश के मिसाइल मैन और भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के नाम पर इस आइलैंड को अब्दुल कलाम द्वीप कहा गया.
  • यहां से कई मिसाइलों को लॉन्च किया गया है, जिसमें आकाश, अग्नि, शौर्य और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं. निकटतम बंदरगाह धामरा बंदरगाह है.

सैटलाइट लौन्चिंग स्टेशन

श्रीहरिकोटा भारत के दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश के तट पर बसा एक द्वीप है, भारत का एकमात्र उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र जो सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (जिसे SHAR के रूप में भी जाना जाता है) में है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान द्वारा प्रयोग किया जाता है जहाँ बहुचरण रॉकेट जैसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान और भूतुल्यकाली उपग्रह (Geosynchronous satellite) प्रक्षेपण यान न का उपयोग कर उपग्रहों के प्रक्षेपण किया जाता है.


Prelims Vishesh

What is Naturopathy? :-                            

  • महात्मा गाँधी की प्राकृतिक उपचार के प्रति निष्ठा की याद में भारत सरकार ने नवम्बर 18 को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया है.
  • ज्ञातव्य है कि प्राकृतिक चिकित्सा के अंतर्गत प्राकृतिक साधनों से उपचार किया जाता है, जैसे – स्वास्थ्यकर भोजन, प्राणायाम और विश्राम संबंधी व्यायाम, जड़ीबूटियाँ आदि

Powergrid :

  • गुरुग्राम में स्थित मुख्यालय वाली महारत्न कम्पनी POWERGRID ने भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के साथ एक समझौता पत्र हस्ताक्षरित किया है जिसमें वर्ष 2020-21 के लक्ष्यों का विस्तार से वर्णन है.
  • विदित हो कि उत्पादित होने वाली सम्पूर्ण बिजली का लगभग आधे का सम्प्रेषण POWERGRID ही किया करता है.
  • यह कंपनी POWERTEL के नाम से एक दूरसंचार व्यवसाय भी चलाती है.

Decarbonization and Energy Transition Agenda :

  • भारत और नीदरलैंड्स ने एक रुचिपत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसका विषय है – “कार्बन उन्मूलन एवं ऊर्जा संक्रमण एजेंडा” (‘Decarbonization and Energy Transition Agenda’.)
  • इसका उद्देश्य ऊर्जा की मात्रा बढ़ाने के साथ उसे अधिक स्वच्छ बनाना है.
  • इसके लिए दोनों देश अपनी-अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से एवं साथ ही ज्ञान के आदान-प्रदान आदि की सहायता से नवाचारी तकनीकी समाधानों का सृजन करेंगे.

What is Mutation? :-

  • विषाणु जैसे-जैसे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे अपने-आप परिवर्तन भी लाते हैं. विषाणुओं के इस गुण को “परिवर्तन” (mutation) कहते हैं.
  • उनका परिवर्तित रूप या तो अधिक प्रभावशाली हो सकता है या कम प्रभावशाली.
  • इनमें से कुछ मर जाते हैं और कुछ जीवित रह जाते हैं.
  • वर्तमान में COVID-19 के बारे में पाया गया है कि अब तक इसमें 12,000 परिवर्तन हो चुके हैं.

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