Sansar Daily Current Affairs, 01 September 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Family Law Reform
संदर्भ
हाल ही में विधि आयोग ने पारिवारिक विधि सुधार (Family Law Reform) विषय पर एक परामर्श पत्र निर्गत किया है. इस पत्र में भारत के सभी कानूनों, चाहे वे धर्मनिरपेक्ष अथवा व्यक्तिगत हों, के प्रावधानों पर विचार किया गया है तथा इनमें कई परिवर्तन का सुझाव दिया गया है जिन्हें भविष्य में संशोधन एवं अधिनियम का रूप दिया जा सकता है.
मुख्य तथ्य
- पत्र में जिन पारिवारिक कानूनों की चर्चा है, वे हैं – No Fault तलाक, मुआवजे के तत्संबंधित प्रावधान, विवाह में दिव्यांगों के अधिकार, विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत विवाह का 30 दिनों के भीतर पंजीकरण, विवाह के लिए सहमति हेतु उम्र के विषय में वर्तमान अनिश्चतता एवं असामान्यता, विवाह का अनिवार्य पंजीकरण, धर्म परिवर्तन के पश्चात् बहुविवाह इत्यादि.
- हिंदी कानून के संदर्भ में इस पत्र में दाम्पत्य अधिकार की पुनः स्थापना जैसे प्रावधानों की समस्या की चर्चा की गई है. साथ में कुछ अवधारणाओं को भी पत्र में सम्मिलित किया गया है, जैसे – विवाहित युगल का “संपदा समुदाय”, संदायादता का उन्मूलन, अवैध संतानों के अधिकार आदि. परामर्श पत्र में एक हिन्दू स्त्री के द्वारा स्वयं अर्जित की गई सम्पत्ति के विषय में भी सुझाव दिए गये हैं.
- जहाँ तक मुस्लिम कानून का प्रश्न है परामर्श पत्र में सुझाव दिया गया है कि मुस्लिम कानून की संहिता बनाकार उत्तराधिकार कानून में सुधार लाया जा सकता है, परन्तु इसके कानून को स्त्री की दृष्टि न्यायसंगत होना चाहिए. पत्र में विधवा के अधिकारों, विवाह के उपरान्त “सम्पदा (स्वअर्जित) समुदाय” को लागू करना तथा तलाक के आधार के रूप में अप्रत्यावर्तनीय विवाह विच्छेद शामिल करना.
- पारसी कानून के बारे में परामर्श पत्र में यह सुझाव दिया गया है कि विवाहित स्त्री की सम्पत्ति की विरासत के अधिकार की सुरक्षा की जाए, चाहे वे समुदाय के बाहर ही विवाह क्यों न कर लें.
- विधि आयोग के परामर्श पत्र में यह सलाह दी गई है कि किशोर न्याय (देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम, 2015 / (Juvenile Justice (Care and Protection) Act, 2015) में विस्तार करते हुए इसे एक ऐसे तगड़े धर्मनिरपेक्ष कानून का रूप दिया जाए जिसका लाभ सभी समुदायों के व्यक्ति दत्तक ग्रहण के लिए कर सकें. सुझाव दिया गया है कि दत्तक ग्रहण संबंधी मार्गनिर्देशों में संशोधन किया जाए और इसकी भाषा इस प्रकार बदला जाए कि सभी लैंगिक पहचानों का इसमें समावेश हो सके. पत्र के अनुसार अभिरक्षा (custody) एवं अभिभावक कानूनों में कुछ दोष हैं जो वैधानिक अथवा पारम्परिक कारणों से हैं. आयोग का सुझाव है कि अभिरक्षा के मामलों में किसी व्यक्तिगत कानून को महत्त्व नहीं देते हुए जो भी निर्णय लिया जाए उसमें बच्चे के हित को प्रधानता दी जाए.
- परामर्श पत्र में पूर्वोत्तर भारत के विषय में भी चर्चा हुई है. ज्ञातव्य है कि संविधान की छठी अनुसूची पूर्वोत्तर राज्यों और जनजातीय क्षेत्रों को कतिपय छूट प्रदान करती है, परन्तु वहाँ प्रचिलित पारिवारिक कानूनों को भी सुधारने की आवश्यकता है. सुझाव दिया गया है कि इन क्षेत्रों में कार्यरत महिला संगठनों के एतत् विषयक प्रयासों को भी संज्ञान में लेना चाहिए.
- सर्वोच्च न्यायालय में वर्तमान में कई मामले विचाराधीन हैं. इन पर भी विधि आयोग ने अपने परामर्श दिए हैं. ये मामले हैं – बहुविवाह, हलाला निकाह, पारसी पत्नी का संतान के लाभ के लिए सम्पत्ति पर अधिकार, व्यभिचार कानून आदि.
विधि आयोग का मानना है कि अभी समान नागरिक संहिता/Uniform Civil Code (UCC) की आवश्यकता और वांछनीयता नहीं है. ज्ञातव्य है कि संविधान के नीति निदेशक सिद्धांतों में समान नागरिक संहिता के निर्माण का भी उल्लेख है. (अनुच्छेद 44).
परन्तु नीति निदेशक सिद्धांत निर्देश मात्र है और उन्हें लागू करना अनिवार्य नहीं है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Department of Official Language
संदर्भ
हाल ही में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की पहली समीक्षा बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की. इस बैठक में सरकारी काम में हिंदी भाषा के प्रयोग के विषय में चर्चा हुई.
भारतीय संवैधानिक प्रावधान
भारतीय संविधान के भाग 17 (अनुच्छेद 343-351) में भारतीय गणराज्य की राजभाषा के विषय में विस्तृत प्रावधान किये गये हैं. इस सम्बन्ध में मुख्य प्रावधान अनुच्छेद 343 और 344 में वर्णित हैं. सरकारी भाषाओं की सूची संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित है.
भारत की राजभाषा
संविधान के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी भारत की राजभाषा है. संविधान में मूलतः यह प्रावधान किया गया था कि संविधान के प्रवर्तन से लेकर 15 वर्षों तक अंग्रेजी संघ के सभी सरकारी कार्यों के लिए प्रयोग होती रहेगी.
संविधान में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि 15 वर्ष के उस कालखंड में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का प्रयोग राष्ट्रपति के आदेश से किया जाएगा. यह भी उल्लेख है कि अंग्रेजी अंकों के साथ-साथ देवनागिरी के अंक भी प्रयोग में रहेंगे.
संविधान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 15 वर्ष की अवधि के बाद भी यदि किसी विशेष कार्य के लिए अंग्रेजी का प्रयोग करना आवश्यक समझा जाए तो संसद इसके लिए कानून पारित कर सकता है.
भाषा नीति के निर्माण और क्रियान्वयन दोनों के लिए संविधान ने केन्द्रीय सरकार को सारी शक्तियाँ प्रदान की है.
अनुच्छेद 351 के अनुसार केंद्र का यह दायित्व होगा कि वह हिंदी के विकास और प्रसार के लिए कार्य करेगा.
कुछ अन्य तथ्य
राजभाषा विभाग ने “कंठस्थ” नामक एक कंप्यूटर सॉफ्टवेर बनाया है जो सभी सरकारी संचिकाओं को अंग्रेजी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद करने के काम को सरलतर एवं अधिक तेज बनाएगा.
विभाग अंग्रेजी सहित 16 भारतीय भाषाओं में उपयोग के लिए “प्रवाह” नामक एक ई-शिक्षण मंच बना रहा है. इस मंच की सहायता से अपनी मातृभाषा के माध्यम से हिंदी सीख सकता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : BIMSTEC Summit 2018
संदर्भ
हाल ही में नेपाल में चौथा BIMSTEC शिखर सम्मलेन सम्पन्न हुआ. इस बैठक में सदस्य देशों ने एक स्मृतिपत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किये जिसके अनुसार सदस्य देशों के बीच में ऊर्जा के विषय में सहयोग बढ़ाने के लिए एक Bimstec Grid Interconnection की स्थापना की जायेगी.
BIMSTEC 2018 की theme है – बंगाल की खाड़ी को शांतिपूर्ण, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर बनाना/ ‘Towards a peaceful, prosperous and sustainable Bay of Bengal region’.
काठमांडू घोषणा (Kathmandu Declaration)
- शिखर सम्मलेन के अंत में एक 18 सूत्री काठमांडू घोषणा निर्गत की गई. इस घोषणा के अनुसार BIMSTEC सचिवालय को क्षेत्र के विभिन्न तकनीकी एवं आर्थिक गतिविधियों में संलग्न करते हुए उसकी कार्यकुशलता में वृद्धि की जायेगी.
- घोषणा में इस बात की ओर ध्यान दिलाया गया कि क्षेत्र में आर्थिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापार एवं निवेश का अत्यधिक महत्त्व है.
- काठमांडू घोषणा में यह कहा गया कि आतंकवाद से लड़ाई का लक्ष्य न केवल आतंकियों, आतंकी संगठनों एवं उनके नेटवर्क को ख़त्म करना है अपितु आतंक के लिए उन देशों एवं गैर-सरकारी संगठनों को भी दोषी माना जाएगा जो आंतकवाद को मनोवैज्ञानिक एवं वित्तीय सहयोग देते हैं.
- काठमांडू घोषणा में यह स्वीकार किया गया कि विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए गरीबी का उन्मूलन सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए. इस संदर्भ में घोषणा में संकल्प किया गया कि सतत विकास के एजेंडा 2030 को मिलकर लागू किया जाएगा.
BIMSTEC की स्थापना एवं स्वरूप
- BIMSTEC का full form है – Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation.
- यह एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना Bangkok Declaration के अंतर्गत जून 6, 1997 में हुई थी.
- इसका मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में है.
- वर्तमान में इसमें 7 देश हैं (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका) जिनमें 5 दक्षिणी-एशियाई देश हैं और 2 दक्षिण-पूर्व एशिया के देश (म्यांमार और थाईलैंड) हैं.
BIMSTEC के उद्देश्य
BIMSTEC का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (बंगाल की खाड़ी से संलग्न) के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
आज यह संगठन 15 प्रक्षेत्रों में सहयोग का काम कर रहा है, ये प्रक्षेत्र हैं – व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद निरोध, पर्यावरण, संस्कृति, लोगों का लोगों से सम्पर्क, जलवायु परिवर्तन.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : India Post Payments Bank
संदर्भ
हाल ही में भारत सरकार ने भारतीय डाक भुगतान बैंक (India Post Payment Bank) का अनावरण किया है. इसके तहत डाक विभाग की 1.55 लाख शाखाओं का उपयोग करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बैंक और वित्तीय सेवाएँ प्रदान की जायेंगी. 31 दिसम्बर, 2018 तक इन सभी शाखाओं को India Post Payments Bank (IPPB) तंत्र से जोड़ दिया जायेगा.
IPPB क्या है?
भारत डाक भुगतान बैंक (IPPB) एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी होगी जो संचार मंत्रलाय के डाक विभाग के अधीनस्थ होगी. इसपर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व होगा और RBI इसका प्रशासी निकाय (governed by) होगा.
मुख्य तथ्य
- भारत डाक भुगतान बैंक ने 30 जनवरी, 2017 से काम का आरम्भ कर दिया था. आरम्भ में इसकी दो प्रायोगिक शाखाएँ खुली थीं, एक रायपुर और एक राँची में.
- IPPB बचत खाते पर 4% का ब्याज देगा.
- यह बैंक बेकिंग से सम्बंधित अन्य कार्य भी करेगा, जैसे – बचत और चालू खाते, धन स्थानान्तरण, प्रत्यक्ष लाभ स्थानान्तरण, बिल एवं यूटिलिटी भुगतान तथा मर्चेंट भुगतान.
- इस बैंक को यह अनुमति दी गई है कि वह अपने खातों से डाक बचत बैंक के 17 करोड़ खातों को जोड़ ले.
Payment Bank की अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें >> Payment Bank
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Inland Waterways Authority of India (IWAI)
संदर्भ
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने हाल ही में 13 नवीनतम उच्च कोटि के जहाज की रूपांकनों को सार्वजनिक कर दिया है जो गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग 1) पर चालन के लिए उपयुक्त हैं.
नए रूपांकनों के लाभ
- इन रूपांकनों के अनुसार निर्मित जहाज कम जल में भारी वाहन क्षमता के साथ चलाये जा सकते हैं. साथ ही ये पर्यावरण के अनुकूल हैं. इन रुपाकनों का प्रयोग कर जहाज निर्माण उद्योग प्रत्येक जहाज पर 30 से 50 लाख रुपयों की बचत कर सकता है.
- नए रूपांकित जहाज़ों पर ईंधन का खर्चा भी कम आएगा जिसके चलते माल ढुलाई की लागत कम आएगी.
- ये जहाज 2 मीटर की गहराई वाले पानी में भी 350 कारों का वहन करते हुए चल सकते हैं. कुछ जहाज ऐसे भी होंगे जो 2500 टन माल उठा सकते हैं. इस प्रकार 150 ट्रकों और रेलगाड़ी के एक पूरे रैक का काम एक अकेला जहाज कर सकता है. इसके कारण जमीनी यातायात पर दबाव कम हो जाएगा.
- नए रूपांकनों का प्रयोग भारतीय जहाज निर्माताओं की विदेशी जहाज रूपांकनों पर निर्भरता को दूर कर देगा और इस प्रकार Make in India पहल को दृढ़ता प्रदान करेगा.
जलमार्ग विकास परियोजना
- केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर कम से कम 1500 टन के जहाजों के वाणिज्यिक नौकायन को संभव बनाने के लिए जल मार्ग विकास परियोजना/JMVP को आरंभ किया है.
- परियोजना में गंगा नदी पर इलाहाबाद और हल्दिया (NW-1) के बीच में जलमार्ग के विकास की परिकल्पना की गई है.
- इस परियोजना को विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है.
- जल मार्ग विकास परियोजना को केंद्र के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और जहाजरानी एवं जल संसाधन मंत्रालय संचालित करेंगे.
IWAI
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) एक वैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में जलमार्ग का काम देखता है.
- इसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नोयडा शहर में स्थित है.
- यह जलमार्गों में आवश्यक निर्माण कार्य करता है तथा साथ ही नई परियोजनाएँ आर्थिक रूप से हाँथ में लेने लायक हैं या नहीं इसकी जाँच करता है.
गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली, जो अलाहाबाद और हल्दिया के बीच स्थित है, को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 घोषित किया गया है. यह जलमार्ग जिन राज्यों से होकर जाता है, वे हैं – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल.
इसको भी पढ़ें >> Sagarmala Project
Prelims Vishesh
Pakal Dul and Lower Kalnai hydropower projects :-
- भारत चेनाब नदी पर दो पनबिजली परियोजनाएँ चलाने जा रहा है जिनको लेकर पाकिस्तान चिंतित है.
- ये परियोजनाएँ हैं – पाकुल दुल (Pakul Dul) और निचली कलनाई पनबिजली संयंत्र (Lower Kalnai hydroelectric power plant project).
- इन संयंत्रों में क्रमशः 1000 megawatt और 48 megawatt बिजली उत्पन्न होगी.
- पाकिस्तान की चिंताओं को दूर करने के लिए भारत ने इन परियोजनाओं के स्थल की यात्रा के लिए पाकिस्तानी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है.
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