Sansar Daily Current Affairs, 02 June 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Tamil Nadu Health System Reform Programme
संदर्भ
तमिलनाडु स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम के लिए भारत सरकार, तमिलनाडु राज्य सरकार एवं विश्व बैंक ने संयुक्त रूप से एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं जिसके माध्यम से 287 मिलियन डॉलर के ऋण की व्यवस्था हो रही है.
तमिलनाडु स्वास्थ्य प्रणाली सुधार कार्यक्रम क्या है?
- यह कार्यक्रम स्वास्थ्य सुविधा मिलियन की गुणवत्ता में सुधार लाने, असंक्रामक रोगों के बोझ को कम करने तथा तमिलनाडु में प्रजनन एवं बाल चिकित्सा सुविधाओं में कमियों को दूर करने के लिए बनाया गया है.
- यह कार्यक्रम सरकारी और संस्थागत स्वास्थ्य सुविधाओं को समर्थन देने के लिए चलाया जा रहा है.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत असंक्रामक रोगों के लिए जनता के बीच जाँच की जायेगी, उपचार की व्यवस्था की जायेगी और उपचार के पश्चात् देखभाल किया जाएगा.
- यह कार्यक्रम निगरानी एवं मूल्यांकन का भी कम करेगा.
- रोगियों को ऐसी जानकारी एवं कौशल्य से युक्त किया जाएगा जिससे कि वे अपने स्वास्थ्य पर स्वयं ध्यान दे सकें.
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रयोगशालाओं और स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी.
- सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के लिए अस्पतालों में देखभाल की व्यवस्था होगी एवं 24×7 चलने वाली ट्रॉमा केयर सेवाएँ भी प्रदान की जाएँगी जिसके लिए ट्रॉमा पंजीकरण किया जाएगा.
- प्रजनन मामलों की देखभाल एवं बाल चिकित्सा के लिए राज्य के 9 जिलों में विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहाँ आदिवासी लोगों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है और जहाँ इन चिकित्साओं की सुविधा सबसे कम है.
- इस कार्यक्रम में निवेश से अधिक परिणाम पर बल दिया जाता है जिसके लिए इसमें प्रोग्राम फॉर रिजल्ट्स अर्थात् परिणाम के लिए कार्यक्रम नामक सुविधा दी गई है. इसके माध्यम से निवेश और प्राप्त होने वाले परिणामों की व्यय एवं उत्प्रेरणा राशि के संदर्भ में समीक्षा होती है.
पृष्ठभूमि
तमिलनाडु स्वास्थ्य सुविधा की दृष्टि से भारतीय राज्यों में तीसरे स्थान पर है जैसा कि नीति आयोग स्वास्थ्य सूचकांक से पता चलता है. 2005 में यहाँ एक लाख प्रसव पर 90 शिशु मृत्यु को प्राप्त हो जाते थे. परन्तु 2015-16 में यह आँकड़ा घटकर 62 हो गया था. इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर भी प्रत्येक एक हजार प्रसव पर 30 से घटकर 20 हो गई थी. यह सुधार होने का मुख्य कारण आपातकालीन प्रसूति एवं नवजात देखभाल केन्द्रों की स्थापना के साथ-साथ विश्व बैंक के सहयोग से 108 एम्बुलेंस की सुविधा देना था. तमिलनाडु के आपातकालीन प्रसूति एवं नवजात देखभाल केंद्र सप्ताह में सातों दिन और 24 घंटे प्रति दिन खुले रहते हैं. इन सब का फल यह हुआ कि किसी भी महिला को ऐसे केन्द्रों तक पहुँचने में 30 मिनट से अधिक नहीं लगने लगा.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Jan Shikshan Sansthans (JSS)
संदर्भ
भारत सरकार के कौशल्य विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) ने यह निर्णय लिया है कि जन शिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को शुल्क नहीं देना पड़ेगा.
जन शिक्षण संस्थान क्या हैं?
- जन शिक्षण संस्थानों में निरक्षर, नवसाक्षर और पाठशाला की पढ़ाई छोड़ देने वाले व्यक्तियों को ऐसे कौशलों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है जिनकी बाजार में अधिक माँग होती है.
- पहले ये संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन थे, परन्तु अब ये 2018 से कौशल्य विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत आ गये हैं.
- पहले इनका नाम श्रमिक विद्यापीठ हुआ करता था.
- ये संस्थान इस मामले में अनूठे हैं कि ये व्यावसायिक कौशल्य से साक्षरता को जोड़ देते हैं और लोगों को प्रचुर मात्रा में जीवन समृद्धि शिक्षा (Life Enrichment Education – LEE) प्रदान करते हैं.
- ये संस्थान समाज के अन्य हितधारकों से भी तालमेल रखने का प्रयास करते हैं. इनका प्रयास रहता है कि इन संस्थानों से निकलने वाले छात्र आत्मनिर्भर एवं आत्म विश्वासी कर्मचारी एवं उद्यमी बने.
GS Paper 3 Source: Down to Earth
Topic : Periodic Labour Force Survey (PLFS)
संदर्भ
पिछले दिनों समय-समय पर होने वाले श्रम बल से सम्बंधित सर्वेक्षण (PLFS) का नवीनतम संस्करण प्रकाशित हुआ.
सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष
- सर्वेक्षण बताता है कि 1972 से अब तक की अवधि में आज गाँवों और शहरों दोनों जगह बेरोजगारी की दर अधिकतम है.
- गाँवों में रहने वाले पुरुषों की बेरोजगारी दर 2011-12 से तिगुनी से अधिक बढ़ गई है. वहीं दूसरी ओर, गाँवों में रहने वाली स्त्रियों में बेरोजगारी दुगुनी रही.
- 2011-12 से शहर में रहने वाले पुरुषों की बेरोजगारी दुगुनी से अधिक और स्त्रियों की बेरोजगारी दुगुनी हो गई है.
- 1972 से लेकर 2012 तक बेरोजगारी की दर लगभग स्थिर रही और उसमें कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया.
- बेहतर शिक्षा पाने वाले 15 से 29 वर्ष के युवाओं में बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ी.
- गाँवों (5.3%) की तुलना में शहरों (7.8%) में बेरोजगारी की दर अधिक है.
- समग्र बेरोजगारी दर 1% है.
- शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की बेरोजगारी दर पुरुषों से अधिक है.
- यह एक रोचक बात है कि गाँव की अनपढ़ महिलाओं में बेरोजगारी घटी है.
- जो शहरी महिलाएँ साक्षर हैं उनकी बेरोजगारी दर 2011-12 के समान ही है.
- जहाँ तक सामाजिक वर्गों की बात है, सबसे अधिक बेरोजगारी अनारक्षित अथवा सामान्य वर्ग (6.7%) है. इसके बाद अनुसूचित जातियों (3%), अन्य पिछड़े वर्गों (6%) और अनुसूचित जनजातियों (4.3%) का नाम है.
- धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो गाँवों और शहरों में दोनों जगह सबसे अधिक बेरोजगारी ईसाइयों में है. गाँवों में 4% ईसाई, 6.5% मुसलमान, 6.3% सिख और 5.2% हिन्दू बेरोजगार हैं. शहरी क्षेत्रों में 11% ईसाई, 9.1% सिख, 8.5% मुसलमान और 7.6% हिन्दू बेरोजगार हैं.
पृष्ठभूमि
श्रम बल से सम्बंधित सर्वेक्षण (PLFS) का गठन केंद्र के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में किया गया था. इसके लिए डाटा का संग्रह NSSO ने जुलाई 2017 से जून 2018 तक किया था.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : #SelfiewithSapling
संदर्भ
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने #SelfiewithSapling अर्थात् पौधे के साथ सेल्फी नामक एक जन अभियान का अनावरण किया है. इस अभियान के अंतर्गत लोगों से यह अनुरोध किया जा रहा है कि वे एक पौधा लगायें और उस पौधे के साथ अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया में प्रचारित करें.
विश्व पर्यावरण दिवस क्या है?
- यह दिवस प्रत्येक वर्ष जून 5 को मनाया जाता है.
- यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के तत्त्ववधान में 1974 से मनाया जाता रहा है.
- इसमें विश्व भर के हजारों समुदाय शामिल होते हैं.
- इस दिन संसार-भर में लोग पर्यावरण के संरक्षण की महत्ता के प्रति जागरूकता अभियान चलाते हैं और पर्यावरणगत नियमों के सकारात्मक वैश्विक प्रभाव को दर्शाते हैं. साथ ही वे ऐसी गतिविधियाँ चलाते हैं जिनसे स्थानीय स्तर पर लोगों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है.
- विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का एक अंग है.
- 2019 में 45वाँ विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है जिसके लिए अतिथि देश के रूप में चीन का चयन हुआ है.
- इस बार की थीम है – वायु प्रदूषण को मात दो (Beat Air Pollution).
Prelims Vishesh
Parthenogenesis :-
- पिछले दिनों अमेरिका की न्यू इंग्लैंड एक्वेरियम ने घोषणा की कि एक “कुँवारी” एनाकोंडा सर्पिणी जाड़ों में तीन सर्प शिशुओं को जन्म दिया था. इनमें दो बच गये हैं.
- ज्ञातव्य है कि जिस एक्वेरियम यह सर्पिणी रहती थी वहाँ कोई भी नर एनाकोंडा नहीं था. विज्ञान में ऐसे जन्म को parthenogenesis कहते हैं.
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