Sansar Daily Current Affairs, 02 November 2018
GS Paper 1 Source: PIB
Topic : Renaming of Jharsuguda Airport in Odisha
संदर्भ
केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने ओडिशा के झारसुगुड़ा हवाई अड्डे का नाम बदलकर “वीर सुरेन्द्र साय हवाई अड्डा” करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है.
वीर सुरेन्द्र साय कौन थे?
- वीर सुरेन्द्र साय ओडिशा के एक सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय नेता थे. उनका जन्म संबलपुर के खिंडा में 1809 में हुआ था. वे मधुकर साय के प्रत्यक्ष वंशज थे और 1827 में नरेश महाराजा साय की मृत्यु के पश्चात् संबलपुर की राजगद्दी पर उन्हीं का कानूनी अधिकार था. किन्तु अंग्रेजों को यह मंजूर नहीं था.
- सुरेन्द्र साय के उत्तराधिकार को नहीं मानते हुए अंग्रेजों ने मधुकर साय की विधवा रानी मोहन कुमारी को गद्दी पर बिठा दिया और उसके पश्चात् उस गद्दी का उत्तरधिकार नारायण सिंह को दे दिया गया जो वैसे तो राजपरिवार के ही वंशज थे परन्तु उनकी माता किसी निम्न जाति की थी.
- नारायण सिंह के संबलपुर का राजा बन जाने पर सुरेन्द्र साय ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया. उन्होंने अंग्रेजों को संबलपुर से निकाल-बाहर करने का प्रण लिया. उनका यह विरोध 1827 में आरम्भ हुआ जब वे मात्र 18 साल के थे. अंग्रेजों के विरुद्ध सुरेन्द्र साय की लड़ाई लगभग 40 साल चली. 1862 में उन्होंने समर्पण कर दिया और अंततोगत्वा 1864 में वे बंदी बना लिए गए.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Location tracking devices, emergency buttons mandatory for new public service vehicles
संदर्भ
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना निर्गत की है जिसमें कहा गया है कि जनवरी 1, 2019 को और उसके बाद जितने भी नए सार्वजनिक सेवा के वाहन, ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा छोड़कर, पंजीकृत किये जाएँगे उनमें Vehicle Location Tracking (VLT) और आपातकालीन बटन लगाना अनिवार्य होगा.
- अधिसूचना में कहा गया है कि जहाँ तक दिसम्बर 31, 2018 तक पंजीकृत हुए पुराने सार्वजनिक सेवा के वाहनों की बात है, उनके बारे में सम्बंधित राज्य सरकारें अधिक्सूचना निर्गत कर बताएँगी कि किस तिथि से उन गाड़ियों में VLT और आपातकालीन बटन लगाना आवश्यक होगा.
VLT और आपातकालीन बटन लगाने की प्रक्रिया
- राज्य सरकार सार्वजनिक सेवा की गाड़ियों में VLT और आपातकालीन बटन लगे हैं अथवा नहीं, इसकी जाँच उस समय कर लेगी जब उन गाड़ियों को फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा.
- आदेश को लागू करने के लिए राज्य सरकार अथवा VLT निर्माता अथवा कोई प्राधिकृत एजेंसी कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर स्थापित करेंगे.
आदेश लागू कैसे होगा?
- VLT उपकरण के निर्माता अथवा उनके प्राधिकृत डीलर सार्वजनिक सेवा की गाड़ियों में VLT उपकरण लगाएँगे और गाड़ी के विवरणों के साथ उस उपकरण को तत्क्षण पंजीकृत कर लेंगे.
- सार्वजनिक सेवा की गाड़ियों के स्वामियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने अपनी गाड़ियों में जो VLT लगाये हैं, वे सभी चालू व्यवस्था में हैं और वे नियमित रूप से इस विषय में वांछित डाटा मुहैया कराएँगे.
- केन्द्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 126 (Rule 126) के अनुसार परीक्षण एजेंसियों के द्वारा पहले अभिप्रमाणन के पश्चात् VLT निर्माताओं को प्रत्येक वर्ष अपने VLT उपकरणों की जाँच कराना होगा जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि बनाए गए उपकरणों में एकरूपता हो.
- जाँच करने वाली एजेंसियों को अपने द्वारा अभिप्रमाणित VLT उपकरण के सम्बन्ध में विवरण वाहन डाटाबेस में अपलोड करना होगा.
- राज्य अथवा केंद्र शाषित क्षेत्र आपातकालीन बटन के बारे में IP address और SMS gateway का प्रकाशन करेंगे.
वाहन (VAHAN) के बारे में
वाहन एक अत्यंत लचीला और व्यापक प्रणाली है जो वाहन पंजीकरण की समस्त गतिविधियों को संभालता है जिससे कि परिवहन विभाग अपने अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान दे सके. इस सॉफ्टवेर के माध्यम से RTO/DTO/MLO/SDM के स्तर पर होने वाली इन प्रक्रियाओं पर काम होता है – वाहन पंजीकरण, फिटनेस, टैक्स, परमिट और कंप्यूटरीकरण.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : World’s first sovereign Blue Bond by Seychelles
संदर्भ
सेशेल्स गणतंत्र ने विश्व के पहले सोवरेन ब्लू बांड (Sovereign Blue Bond) का अनावरण किया है. इस बांड के माध्यम से टिकाऊ सामुद्रिक एवं मत्स्य पालन परियोजनाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी.
- इस बांड से अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों की ओर से 15 मिलियन डॉलर जमा हुए हैं. इस बांड से पता चलता है कि कोई भी देश सामुद्रिक संसाधनों के सतत उपयोग के लिए वित्त हेतु पूँजी बाजार से किस प्रकार धनराशि एकत्र कर सकता है.
ब्लू बांड से सम्बंधित मुख्य तथ्य
- इस बांड में सरकारी और निजी दोनों स्रोतों से निवेश प्राप्त होगा.
- इस बांड के माध्यम से सेशेल्स को सतत मत्स्य पालन सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी.
- सेशेल्स के ब्लू बांड को विश्व बैंक की ओर से 5 मिलियन डॉलर की गारंटी दी हुई है. इसके अतिरिक्त इसमें वैश्विक पर्यावरणिक सुविधा (Global Environment Facility – GEF) की ओर से 5 मिलियन डॉलर का रियायती ऋण भी दिया गया है. इस ऋण से बांड के लिए ब्याज का भुगतान किया जाएगा.
- बांड से प्राप्त आय का उपयोग इन कार्यों में किया जाएगा – संरक्षित सामुद्रिक क्षेत्रों का विस्तार, बेहतर मत्स्य पालन और सेशेल्स की नीली अर्थव्यवस्था (blue economy) का विकास.
- नील अनुदान निधि अर्थात् ब्लू ग्रांट्स फण्ड के माध्यम से अनुदान भी दिया जाएगा. इस निधि का प्रबन्धन सेशेल्स के संरक्षण एवं जलवायु अनुकूलन न्यास (SeyCCAT) द्वारा किया जाएगा.
- बांड से होने वाली आय से नील निवेश निधि (Blue Investment Fund) के माध्यम से ऋण दिए जायेंगे. इस निधि का प्रबंधन सेशेल्स विकास बैंक (Development Bank of Seychelles – DBS) करेगा.
सेशेल्स
- सेशेल्स हिन्द महासागर में पूर्वी अफ्रीका के पास स्थित एक द्वीप समूह वाला देश है जिसमें 115 ग्रेनाइट और प्रवाल द्वीप हैं.
- यह देश दुनिया के बड़े जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक हैं.
- यहाँ पर्यटन के बाद सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण उद्योग मत्स्यपालन है जिसमें जनसंख्या के 17% को रोजगार मिलता है.
- यहाँ से होने वाले निर्यात की 95% आय मछली और उसके उत्पादों से होती है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Agni I
संदर्भ
हाल ही में भारत ने ओडिशा समुद्र तट के पास स्थित अबुल कलाम द्वीप से सतह से सतह मारी करने वाली तथा परमाणु क्षमता वाले अग्नि – 1 बैलिस्टिक मिसाइल का रात्रि परीक्षण सफलतापूर्वक किया.
Agni –I क्या है?
- अग्नि – 1 एक लघु दूरी वाला बैलिस्टिक मिसाइल है जिसका निर्माण भारत के DRDO ने समेकित मार्ग निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत किया है.
- इस मिसाइल में एक विशेष नेविगेशन प्रणाली लगी हुई है जिसके कारण यह अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाता है.
- यह एक सुघटित एक चरण वाला मिसाइल है जो ठोस ईंधनों से चलता है.
- इस मिसाइल को करगिल युद्ध के बाद इसलिए बनाया गया था कि उस समय लगा कि सेना के पास एक ऐसी मिसाइल होना चाहिए जो पृथ्वी 2 (250 km) और अग्नि 2 (2,500 km) के बीच वाली क्षमता का हो.
- अग्नि 1 की लम्बाई 15 मीटर और यह 1,000 kg. की सामग्री को ले जा सकता है.
- यह मिसाइल भारतीय सेना में पहले से ही शामिल हो चुका है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Earth BioGenome Project
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय जीव वैज्ञानिकों ने अर्थ बायो-जीनोम प्रोजेक्ट (BioGenome Project – EBP) नामक परियोजना आरम्भ की है. यह एक बड़े सोच वाली परियोजना है जिसमें अगले 10 वर्षों तक विश्व के एक-एक ज्ञात पशु, पौधे और फंफूद प्रजाति (fungal species) के DNA का अध्ययन किया जाएगा. इसके लिए 1.5 मिलियन अलग-अलग जिनेमों को क्रमबद्ध किया जाएगा जिसपर अनुमानतः 4.7 बिलियन डॉलर का व्यय आएगा.
EBP क्या है?
- EBP परियोजना में काम करने के लिए विश्व के 19 शोध संस्थानों ने अब तक अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं और कुछ अन्य इसमें सम्मिलित होने की सोच रहे हैं.
- जिन प्राणियों की DNA शृंखला का अध्ययन होने वाला है, उनमें बैक्टीरिया और archaea जैसे अ-जटिल सूक्ष्म जीवाणुओं को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के प्राणी होंगे, जैसे – पशु, पौधे, फंफूद, प्रोटोजोआ आदि.
- इस परियोजना के लिए धनराशि सरकारों, फाउंडेशनों, धार्मादा प्रतिष्ठानों (charities) से प्राप्त की जायेगी.
- इस परियोजना के पहले चरण में 9,000 यूकेरियोटिक (eukaryotic) प्राणिवर्गों, अर्थात् उन प्राणियों जिनके कोषों में झिल्ली से घिरा एक नाभिक होता है, का रेफरेन्स जीनोम तैयार किया जाएगा. इसमें 600 मिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी और अभी तक 200 मिलियन डॉलर का प्रबंध हो भी चुका है.
- इस परियोजना में सम्मिलित ब्रिटेन के प्रतिभागी Wellcome Sanger Institute के नेतृत्व में देश में रहने वाले सभी 66,000 ज्ञात प्रजातियों के जेनेटिक कोड को क्रमबद्ध करेंगे. 100 मिलियन पौंड (£100m) वाले इस राष्ट्र-स्तरीय कार्यक्रम को Darwin Tree of Life का नाम दिया गया है.
महत्त्व
ज्ञातव्य है कि अभी तक झिल्लियों से घिरे हुए नाभिक के कोष वाले मात्र 3,300 प्राणियों के ही DNA क्रमबद्ध किये जा सके हैं जो सम्पूर्ण लक्ष्य का केवल 0.2% ही है. इस परियोजना के अंतर्गत कुल मिलाकर 1.5 मिलियन जीनोम का अध्ययन होना है. यदि यह काम पूरा हो जाता है तो सभी प्राणियों के विषय में एक अतिशय व्यापक सूचना सामग्री उपलब्ध हो जायेगी जिससे जीवन के नियमों और प्राणियों का विकास कैसे होता है, इस विषय में हमारी समझ बढ़ जायेगी. साथ ही हम विरल और संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिए नया दृष्टिकोण अपना सकेंगे. इस अध्ययन से शोधकर्ताओं को कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र में नई जानकारियाँ और आँकड़ें उपलब्ध हो जायेंगे. यदि सभी देशों का सहयोग रहा और पर्याप्त मात्रा में धनराशि उपलब्ध होती रही तो आशा की जाती है कि 2028 तक 1.5 मिलियन जीनोमों का अध्ययन पूरा हो जाएगा.
Prelims Vishesh
Government to set up National Sports Stadium for differently-abled in Meghalaya :-
भारत सरकार ने घोषणा की है कि मेघालय में एक अंतर्राष्ट्रीय मानकों का क्रीडांगन (stadium) बनाया जाएगा जो दिव्यान्गों के लिए होगा.
World’s longest DNA sequence decoded :-
- ब्रिटेन के नॉटिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने, जिनका नेतृत्व Matt Loose कर रहे थे, दावा किया है कि उन्होंने विश्व के सबसे लम्बे DNA क्रम को डिकोड कर लिया है.
- यह क्रम सामान्य की तुलना में 10,000 गुना अधिक लम्बा है.
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