Sansar Daily Current Affairs, 02 October 2019
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.
Topic : Quad countries
संदर्भ
क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) के विदेश मंत्रियों ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) बैठक के दौरान मुलाकात की. इस मुलाकात में कनेक्टिविटी, सतत विकास, काउंटर टेररिज़्म, नॉन-प्रालिफेरेशन एवं मैरीटाइम और साइबर सुरक्षा आदि विषयों पर चर्चा हुई.
Quad क्या है?
- Quad एक क्षेत्रीय गठबंधन है जिसमें ये चार देश शामिल हैं – ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका.
- ये चारों देश प्रजातांत्रिक देश हैं और चाहते हैं कि समुद्री व्यापार और सुरक्षा विघ्नरहित हो.
- Quad की संकल्पना सबसे पहले जापान के प्रधानमन्त्री Shinzo Abe द्वारा 2007 में दी गई थी. परन्तु उस समय ऑस्ट्रेलिया के इससे निकल जाने के कारण यह संकल्पना आगे नहीं बढ़ सकी.
Quad समूह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के बीच विचारों के आदान-प्रदान का एक रास्ता मात्र है और उसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए. इसके गठन का उद्देश्य प्रतिस्पर्धात्मक नहीं है.
अमरीका के लिए Quad का महत्त्व
चीन इस क्षेत्र में एकतरफ़ा निवेश और राजनैतिक संधियाँ कर रहा है. अमेरिका इसे अपने वर्चस्व पर खतरा मानता है और चाहता है कि चीन की आक्रमकता को नियंत्रित किया जाए. चीन के इन क़दमों का प्रत्युत्तर देने के लिए अमेरिका चाहता है कि Quad के चारों देश आपस में सहयोग करते हुए ऐसी स्वतंत्र, सुरक्षात्मक और आर्थिक नीतियाँ बनाएँ जिससे क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व को रोका जा सके. भारत-प्रशांत सागरीय क्षेत्र में चीन स्थायी सैन्य अड्डे स्थापित करना चाह रहा है. चारों देशों को इसका विरोध करना चाहिए और चीन को यह बता देना चाहिए कि वह एकपक्षीय सैन्य उपस्थिति की नीति छोड़े और क्षेत्र के देशों से विचार विमर्श कर उनका सहयोग प्राप्त करे. चारों देश अपने-अपने नौसैनिक बेड़ों को सुदृढ़ करें और अधिक शक्तिशाली बाएँ तथा यथासंभव अपनी पनडुब्बियों को आणविक प्रक्षेपण के लिए समर्थ बानाएँ.
भारत का दृष्टिकोण
भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते क़दमों को नियंत्रित करना न केवल अमेरिका के लिए, अपितु भारत के लिए उतना ही आवश्यक है. भारत चीन का पड़ोसी है और वह चीन की आक्रमकता का पहले से ही शिकार है. आये दिन कोई न कोई ऐसी घटनाएँ घटती रहती हैं जो टकराव का कारण बनती हैं. इसके अतिरिक्त यदि चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में हावी हो गया तो वह भारत के लिए व्यापारिक मार्गों में रुकावटें खड़ी करेगा और साथ ही इस क्षेत्र के अन्य देशों को अपने पाले लाने में का भरसक प्रयास करेगा. अंततोगत्वा भारत को सामरिक और आर्थिक हानि पहुँचेगी. सैनिक दृष्टि से भी भारत कमजोर पड़ सकता है. अतः यह उचित ही है कि Quad के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका से मिलकर भारत भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए ऐसी नीति तैयार करे और ऐसे कदम उठाये जिससे चीन को नियंत्रण के अन्दर रखा जाए. कुल मिलाकर यह इन चारों देशों के लिए ही नहीं, अपितु यह पूरे विश्व की शांति के लिए परम आवश्यक है.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : World Tourism Day 2019
संदर्भ
विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के द्वारा हुई. इस तिथि के चुनाव का मुख्य कारण यह था कि वर्ष 1970 में UNWTO की कानून को स्वीकारा गया था.
इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस की थीम “पर्यटन और नौकरियाँ – सभी के लिए बेहतर भविष्य)” (Tourism and Jobs-A Better Future For All) है. इस वर्ष वर्ल्ड टूरिज्म डे 2019 (World Tourism Day 2019) की मेजबानी भारत करने जा रहा है.
विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य
विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में पर्यटन की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों को बढ़ावा देना है. यह दिवस दुनिया भर के लोगों में आपसी समझ बढ़ाने में सहायता कर सकता है. विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर दुनिया भर में कई तरह के इवेंट्स आयोजित किए जाते हैं.
UNWTO क्या है?
UNWTO संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो सतत एवं सबके लिए उपलब्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तरदायी होती है.
सदस्य
इसके 158 देश सदस्य हैं. इसके अलावा इसके 6 सहायक सदस्य होते हैं. साथ ही, इसमें 500 ऐसे सदस्य भी होते हैं जो निजी क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों, पर्यटन संघों एवं स्थानीय पर्यटन अधिकारीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
कार्य
- UNWTO पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो पर्यटन को आर्थिक वृद्धि, समावेश विकास और पर्यावरणिक सततता को आगे ले जाने वाले कारक के रूप में बढ़ावा देता है. साथ ही यह पर्यटन के विषय में नई-नई जानकारियाँ प्राप्त करने और विश्व-भर में पर्यटन से सम्बन्धित नीतियों के निर्माण में पर्यटन क्षेत्र को नेतृत्व एवं सहयोग प्रदान करता है.
- UNWTO पर्यटन के विषय में बनी हुई वैश्विक नैतिक संहिता (Global Code of Ethics for Tourism) को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिससे सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में के योगदान को अधिक-से-अधिक बढ़ाया जा सके और साथ ही इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम-से-कम किया जा सके. यह संगठन पर्यटन को सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) को प्राप्त करने का एक हथियार मानता है. विदित हो कि ये लक्ष्य मूलतः जिन विषयों से सम्बंधित हैं, वे हैं – विश्व-भर में दरिद्रता उन्मूलन, सतत विकास को बढ़ावा देना.
- संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन बाजार के विषय में जानकारी देता है, प्रतिस्पर्धात्मक एवं सतत पर्यटन नीतियों को प्रोत्साहित करता है, पर्यटन शिक्षा एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है एवं विश्व-भर के 100 देशों में फैली हुई तकनीकी सहायता परियोजनाओं के माध्यम से पर्यटन को विकास का कारगर हथियार बनाने की दिशा में कार्यरत है.
GS Paper 3 Source: PIB
UPSC Syllabus : Issues related to direct and indirect farm subsidies and minimum support prices; Public Distribution System objectives, functioning, limitations, revamping; issues of buffer stocks and food security; Technology missions; economics of animal-rearing.
Topic : PM – KISAN scheme
संदर्भ
कृषि मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब किसान PM किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) पोर्टल के जरिये 6 हजार रुपए सालाना की सहायता राशि के लिए स्वयं पंजीकरण करा सकेंगे. यह पंजीकरण पीएम किसान पोर्टल पर कराया जाएगा. यह नई सुविधा अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी. इसके अलावा किसान इस पोर्टल पर भुगतान का स्टेटस भी चेक कर सकते हैं.
पीएम-किसान योजना
- इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक के मिश्रित जोतों/स्वामित्व वाले पात्र छोटे और सीमान्त किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी.
- यह धनराशि प्रति 2000 रुपये की तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी.
- इस योजना में 75,000 करोड़ रू. का व्यय अनुमानित है जिसका वहन 2019-20 में केंद्र सरकार करेगी.
छोटे और सीमान्त किसान परिवार कौन कहलायेंगे?
योजना के अंतर्गत छोटे और सीमान्त भूमिधारक परिवार उस परिवार को कहेंगे जिसमें एक पति, एक पत्नी और 18 वर्ष की उम्र तक वाले बच्चे होंगे और जिनके पास कुल मिलाकर 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होगी.
पीएम-किसान योजना के लाभ
- योजना के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की प्रक्रिया मानवीय हस्तक्षेप के बिना लाभार्थियों के बैंक खातों में पारदर्शी रूप से बिना किसी देर के डिजिटली प्रमाणिक भुगतान सुनिश्चित करती है.
- भारत सरकार की योजनाओं के लिए समस्त भुगतान डीबीटी के जरिये किये जा रहे हैं.
- पीएम-किसान योजना के अंतर्गत पब्लिक फाइनेंशियल मैंनेजमेंट सिस्टम (PFMS) द्वारा इतने कम अर्से में लाभार्थियों की विशाल संख्या के खातों में धनराशि के इलेक्ट्रॉनिक अंतरण का सफल परिचालन, पीएफएमएस की ऐतिहासिक उपलब्घि है, जिसने भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को और ज्यादा मजबूती प्रदान की है.
राज्यों द्वारा संचालित समान कार्यक्रम
- मध्य प्रदेश में भावान्तर भुगतान योजना चल रही है जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर की राशि किसानों को दी जाती है.
- तेलंगाना में रायतु बन्धु योजना लागू है जिसमें राज्य के सभी किसानों को खेती की हर ऋतु में 4,000 प्रति एकड़ का भुगतान किया जाता है.
- कालिया एक ऐतिहासिक पहल है जो ओडिशा राज्य में कृषि गत समृद्धि बढ़ाने और निर्धनता घटाने में बहुत सहायता पहुँचाएगी. इसका दायरा बहुत बड़ा है और इसके द्वारा किये गये आर्थिक निवेश से उन किसानों और मजदूरों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ होगा जिन्हें पैसे की आवश्यकता रहती है. ये पैसे उन्हें प्रत्यक्ष लाभ स्थानान्तरण (Direct Benefit Transfer – DBT) दिए जाएँगे. इस योजना में यह प्रावधान भी है कि जिसके अनुसार राज्य के दस लाख भूमिहीन परिवारों को 12,500 रु. प्रति-इकाई लागत पर इन गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता दी जायेगी – बकरी पालन, बतख पालन, मत्स्य पालन, कुकुरमुत्ता उत्पादन और मधु पालन.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation related issues.
Topic : Forest-PLUS 2.0
संदर्भ
यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) और भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने 25 सितंबर, 2019 को आधिकारिक तौर पर फारेस्ट फॉर वाटर एंड प्रोस्पेरिटी (फॉरेस्ट-प्लस 2.0 – Forest-PLUS 2.0) कार्यक्रम का अनावरण किया.
फॉरेस्ट-प्लस
- फारेस्ट प्लस ने 2017 में अपने पाँच वर्ष पूरे कर लिए हैं.
- फॉरेस्ट-प्लस का उद्देश्य ‘वनोन्मूलन एवं वन क्षरण से होने वाले उत्सर्जन में कटौती’ (REDD +) में भाग लेने के लिए भारत की क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना था.
- इसमें सिक्किम, रामपुर, शिवमोग्गा और होशंगाबाद के चार पायलट परियोजना सम्मिलित थे.
- इसके अंतर्गत वन प्रबंधन के लिये क्षेत्र परीक्षण, नवीन उपकरण एवं दृष्टिकोण विकसित किया गया.
- सिक्किम में जैव-ब्रिकेट्स (Bio-Briquettes) का संवर्द्धन, रामपुर में सौर ताप प्रणाली का प्रारम्भ और होशंगाबाद में एक कृषि-वानिकी मॉडल का विकास इस कार्यक्रम की कुछ उपलब्धियाँ थीं.
- बायो-ब्रिकेट्स विकासशील देशों में प्रयोग किया जाने वाले कोयला और चारकोल का जैव-ईंधन विकल्प हैं.
फॉरेस्ट-प्लस 2.0
- यह दिसंबर 2018 में शुरू किया गया पंच वर्षीय कार्यक्रम है.
- यह वन परिदृश्य (Forest Landscape) प्रबंधन हेतु पारितंत्र प्रबंधन और पारिस्थितिकीय सेवाओं के संवर्द्धन के लिये उपकरणों और तकनीकों का विकास करने पर केंद्रित है.
- अमेरिका की एक परामर्शदात्री और इंजीनियरिंग कंपनी टेट्रा टेक ARD को कार्यक्रम लागू करने का दायित्व सौंपा गया है और नई दिल्ली स्थित IORA इकोलॉजिकल सॉल्यूशंस नामक पर्यावरण सलाहकार समूह इसका कार्यान्वयन भागीदार है.
- फॉरेस्ट-प्लस 2.0 में तीन भू-परिदृश्यों (Landscapes) में पायलट परियोजना सम्मिलित हैं – गया (बिहार), तिरुवनंतपुरम (केरल) और मेडक (तेलंगाना).
- इन स्थलों का चयन उनके भू-परिदृश्यों में विविधता के आधार पर किया गया है.
- बिहार एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ वन का अभाव है. दूसरी तरफ तेलंगाना अपेक्षाकृत एक सूखा क्षेत्र है जहाँ सामुदायिक आजीविका संवृद्धि की अपार संभावना है. वहीं केरल जैव-विविधता से समृद्ध है.
फॉरेस्ट-प्लस 2.0 के लक्ष्य
- 1,20,000 हेक्टेयर भूमि का सही ढंग से प्रबंधन.
- 12 मिलियन डॉलर के समतुल्य की नवीन एवं समावेशी आर्थिक गतिविधियाँ.
- आठ लाख घरों को लाभान्वित करना.
- पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लिये भू-परिदृश्य के प्रबंधन में तीन प्रोत्साहन तंत्रों का प्रदर्शन.
तीन केंद्र बिंदु
- वन प्रबंधन में कई सेवाओं हेतु उपकरण का विकास करना, जैसे – स्वचालित वन नियोजन प्रक्रियाओं और मॉडल वन प्रबंधन योजनाओं के लिये नवाचारी एप्स. परिणामस्वरूप जल प्रवाह और गुणवत्ता, आजीविका एवं वनाश्रित समुदायों के लचीलेपन आदि में सुधार होने की आशा है.
- वित्तीयन का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहन-आधारित उपकरणों का विकास करना. उदाहरण के लिये ऐसे भुगतान तंत्र का विकास जिसमें एक नगरपालिका या उद्योग डाउनस्ट्रीम जल के उपयोग के लिये अपस्ट्रीम वन समुदायों को भुगतान करे ताकि वनों का अच्छे तरीके से संरक्षण हो सके.
- वनों पर निर्भर लोगों हेतु आर्थिक अवसरों के सृजन के लिए मॉडल्स और संरक्षण उद्यमों की स्थापना करना तथा निजी क्षेत्र से निवेश की व्यवस्था करना.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.
Topic : Quantum Supremacy
संदर्भ
गूगल ने कथित तौर पर एक क्वांटम कंप्यूटर बनाया है जो गणना करने में दुनिया के शीर्ष सुपर कंप्यूटरों से आगे है. यह क्वांटम कंप्यूटर लगभग तीन मिनट में कठिन से कठिन गणना को हल करने में सक्षम है. ऐसा बताया जा रहा है कि वर्तमान के सुपर कंप्यूटर इस प्रकार गणना की गणना करने में 10,000 साल लग जाएँगे.
पृष्ठभूमि
दशकों से आधुनिक कम्प्यूटर बाइनरी कोड पर आधारित होते हैं. इसके बाद क्लासिकल कम्प्यूटरों ने 0 और 1 पर आधारित बिट्स टेक्नोलॉजी अपनाई. अब क्वांटम कम्प्यूटर प्रोसेसर में सुपरपोजीशंस से पार्टिकल्स से गणना को बहुत तेज किया जा सकता है.
क्वांटम सुपेर्मेसी क्या है?
आमतौर पर इलेक्ट्रॉनों या फोटॉनों जैसे उप-परमाणु कणों को एक समूह में इस प्रकार से जोड़ा जा सकता है जो बाइनरी बिट्स की समान संख्या से अधिक प्रसंस्करण शक्ति की अनुमति देता है. उन गुणों में से एक को सुपरपोजिशन के रूप में जाना जाता है और दूसरे को उलझाव कहा जाता है.
लाभ
- क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग हम वैश्विक मुद्दों और अनुसंधान परियोजनाओं के दृष्टिकोण को बदलने के लिए कर सकते हैं. ये मशीनें अंततः कुछ तकनीकों को सुरक्षित करने के लिए उपयोग की जाने वाली एन्क्रिप्शन तकनीकों को हराने में सक्षम हो सकती हैं, जैसे कि कंप्यूटर द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन.
- इस टेक्नोलॉजी के जरिए हैल्थकेयर, कम्यूनिकेशन, फाइनेंशियल सर्विसेज, ट्रांसपोर्ट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में बड़े कार्य होंगे.
- साइबर सुरक्षा को बड़ा खतरा भी है क्योंकि इससे परंपरागत इंटरनेट सिक्योरिटी प्रोग्रामों को भी ब्रेक किया जा सकता है.
- क्वांटम प्रोसेसर सुपरकंडक्टिविटी यानी पूर्ण जीरों डिग्री तापमान पर कार्य करते हैं. तापमान में अंतर से क्यूबिट पर प्रभाव पड़ता है.
Prelims Vishesh
Gandhi Solar Park at UN headquarters :–
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में 50 किलोवाट के गांधी सोलर पार्क का उद्घाटन किया.
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय की छत पर स्थापित सौर पैनलों को उपहार में दिया है और विश्व निकाय के सभी 193 सदस्यों के लिए एक-एक पैनल लगाया गया है. पूरी परियोजना पर 10 लाख डॉलर खर्च हुए हैं.
Vaidyaratnam P. S. Warrier :-
- श्री नायडू ने केरल में मलप्पुरम के कोट्टाकल क्षेत्र में मंगलवार को वैद्यरत्नम पी एस वेरियर की 150वीं जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को अधिक से अधिक भाषा सीखने का प्रयास करना चाहिए और भाषा हमारी आँखों के समान है.
- वैद्यरत्नम वेरियर पी.एस. को पिछली सदी में आयुर्वेद को पुनर्जीवित करने वाला एक महान दूरदर्शी माना जाता है.
- वैद्यरत्नम पी एस वेरियर (1869-1944) केरल, भारत के एक आयुर्वेदिक चिकित्सक थे.
- उन्हें केरल में एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार केंद्र, कोट्टकल आर्य वैद्यशाला के संस्थापक के रूप में जाना जाता है.
Ramanujan Prize :-
- 2019 का रामानुजन पुरस्कार को गणितज्ञ एडम हार्पर, वारविक विश्वविद्यालय, इंग्लैंड के साथ सहायक प्रोफेसर द्वारा प्रदान किया जाएगा.
- इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रशस्ति पत्र और 10,000 अमेरिकी डॉलर दिए जाते हैं.
- रामानुजन पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2005 में की गई थी. विदित हो कि यह पुरस्कार गणित के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष पाँच पुरस्कारों में से एक है.
- एडम हार्पर (Adam Harper) को यह पुरस्कार विश्लेषणात्मक (Analytic) और संभाव्य संख्या सिद्धांत (Probabilistic Number Theory) में उनके द्वारा दिये गए कई उत्कृष्ट योगदान हेतु दिया जा रहा है.
Siachen Glacier :-
- स्वच्छ अभियान के अंतर्गत भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे खतरनाक रणभूमि सियाचिन ग्लेशियर के इको-सिस्टम की सुरक्षा के लिए 130 टन ठोस अपशिष्ट को हटाया.
- विदित हो कि काराकोरम पर्वत शृंखला में स्थित यह ग्लेशियर ध्रुवों के बाद विश्व के सबसे बड़े ग्लेशियरों में से एक है.
- यहाँ तैनात सैन्यकर्मी विकट परिस्थितियों का सामना करते हैं. यहाँ स्थित रणभूमि विश्व की उच्चतम रणभूमि है जो भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पर है.
- इस ग्लेशियर से नुब्रा जैसी कई नदियाँ निकलती हैं.
- विश्व का सबसे ऊँचा हेलीपैड यहींपॉइंट सोनम में बना हुआ है. यहीं विश्व का सबसे ऊँचा टेलीफोन बूथ भी है.
- यहाँ हिम तेंदुआ और भूरा भालू जैसे जीव पाए जाते हैं.
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