Sansar Daily Current Affairs, 03 August 2021
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential;
Topic : e-Rupi Digital Payment
संदर्भ
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये “ई-रुपी” को आनावृत किया जो व्यक्ति-विशिष्ट और उद्देश्य-विशिष्ट वाउचर पर आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि “ई-रुपी” वाउचर भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन में डीबीटी को और भी अधिक प्रभावकारी बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा एवं डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम देगा. इससे लक्षित, पारदर्शी और लीकेज मुक्त वितरण में सभी को बड़ी सहायता मिलेगी.
ई-रुपी के बारे में
- यह एक वाउचर बेस्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम है.
- इसे नेशनल पमेंट्स कॉरपॉरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने UPI प्लेटफॉर्म पर विकसित किया है.
- इसमें सहयागी बैंकों द्वारा वाउचर निर्गत किये जायेंगे. सरकारें, कॉर्पोरेट संस्थाएँ, संगठन आदि इन बैंकों के पास विशिष्ट उद्देश्य क साथ लाभार्थियों की सूची लेकर जायेंगे. इसके पश्चात् बैंकों द्वारा उन व्यक्ति विशेष के नाम पर ई-वाउचर निर्गत किये जायेंगे जो उन्हें उनके मोबाइल फ़ोन पर मैसेज स्ट्रिंग या क्यूआर कोड के रूप में भेजे जायेंगे.
- इसके पश्चात् लाभार्थियों द्वारा इन वाउचर को उस उद्देश्य विशिष्ट (किसी योजना के तहत नकद भुगतान) के लिए भुनाया जा सकेगा.
- सिस्टम प्री-पेड प्रकृति का है और इसलिये किसी भी मध्यस्थ के बिना सेवा प्रदाता को बिना दरी के भगतान का आश्वासन देता है.
- इससे यह सुनिश्चित होगा कि धन का उपयोग उस कार्य के लिए ही किया गया है, जिसके लिए रकम दी गई थी.
- वर्तमान में विद्यमान अन्य डिजिटल पेमेंट प्रणालियों से यह इसी कारण भिन्न भी है.
- इसका उपयोग आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, उर्वरक सब्सिडी और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम जैसी याजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों का लाभ प्रदान किया जायेगा.
GS Paper 3 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Cybersecurity related issues.
Topic : Section 66 A
संदर्भ
सूचना प्रोद्योगिकी कानून का “सेक्शन 66 A” एक एनजीओ पीपल्स यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टीज (PUCL) के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों से पूछा है कि साल 2015 में आईटी कानून के सेक्शन 66 A को असंवैधानिक घोषित करने के बावजूद विभिन्न राज्यों में पुलिस द्वारा अभी भी इस सेक्शन के अंर्गत FIR क्यों दर्ज की जा रही है.
पृष्ठभूमि
ज्ञातव्य है कि पिछले दिनों केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सभी गज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को सूचना प्रोद्योगिकी कानून, 2000 के सेक्शन 66 A के तहत दर्ज किये गये मामलों को त्वरित प्रभाव से वापस लेने के लिए कहा था.
अनुभाग 66A में क्या है?
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में अनुभाग 66A 2009 में जोड़ा गया था. इसमें कंप्यूटर अथवा मोबाइल फोन या टेबलेट जैसे अन्य संचार उपकरण से अपमानाजनक संवाद भेजने के लिए दंड का विधान किया गया है. इसके लिए अधिकतम तीन वर्षों तक का कारावास एवं जुर्माने का दंड दिया जा सकता है.
सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च, 2015 में श्रेया सिंघल बनाम भारतीय संघ मामले में सुनवाई करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अनुभाग 66A को असंवैधानिक घोषित करते हुए निरस्त कर दिया था क्योंकि उसका विश्वास था कि इसके चलते कई निर्दोष जन भी गिरफ्तार हुए हैं.
अपने निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिपण्णी की थी कि 66A अनुभाग संविधान की धारा 19(1)(a) के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करता है. न्यायालय का यह कहना था कि इस अनुभाग में जिन अभिव्यक्तियों को अपराध के दायरे में लाया गया था, उनकी परिभाषा सटीक रूप से नहीं दी गई थी और इस कारण किसी भी अभिव्यक्ति को अपराध के दायरे में लाया जा सकता था. दूसरे शब्दों में, दंडनीय अभिव्यक्ति की परिभाषा वस्तुनिष्ठ न होकर विषयनिष्ठ थी.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to Environment.
Topic : Environment, Social & Governance : ESG Report
संदर्भ
हाल ही में इंटरग्लोब एविएशन लिमिटड (इंडिगो) पर्यावरण, समाज और प्रशासन (Environment, Social & Governance : ESG) रिपोर्ट जारी करने वाली प्रथम भारतीय एयरलाइन्स कंपनी बन गई है.
पर्यावरण, समाज और प्रशासन (ESG) रिपोर्ट क्या है?
- यह कंपनी की गैर-वित्तीय रिपोर्टिंग का एक भाग है, जिसे संधारणीयता रिपोर्टिंग (Sustainability Reporting) भी कहा जाता है.
- इसमें किसी कंपनी द्वारा पर्यावरणीय, सामाजिक प्रभावों के बार में विश्लेषण किया जाता है.
- यह रिपोर्टिंग कंपनी के समक्ष विद्यमान चुनौतियों और अवसरों एवं उनके सम्बन्ध में कंपनी की रणनीतियों के विषय में पारदर्शिता लाती है.
यूरोपीय संघ में 500 से अधिक कर्मचारियों वाली सभी कम्पनियों के लिए ESG रिपोर्टिंग करना अनिवार्य है. भारतीय प्रतिभृति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी नये दिशानिर्देशों के अनुसार मार्केट कैप के अनुसार शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कम्पनियों को वित्त वर्ष 2023 तक संधारणीयता से जुड़ी रिपोर्टिंग (Sustainability Related Reporting) शुरू करनी होगी.
Environment, Social and Governance (ESG) Fund :– GS Paper 3 Source : Indian Express UPSC Syllabus : Food processing and related industries in India- scope and significance, location, upstream and downstream requirements, supply chain management. संदर्भ हाल ही में, विशेषज्ञों द्वारा ‘फूड फोर्टिफिकेशन’ अर्थात् ‘खाद्यान्न को पोषणयुक्त बनाने’ (Food Fortification) के कारण मानव स्वास्थ्य और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के संबंध में आगाह किया गया है. संबंधित प्रकरण केंद्र सरकार द्वारा चावल और खाद्य तेलों को विटामिन एवं खनिजों से पोषणयुक्त बनाने (fortify) को अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है. पृष्ठभूमि चावल को पोषणयुक्त बनाने (Fortification of Rice) तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए इसके वितरण को मजबूत करने के लिए केन्द्र प्रायोजित पायलट योजना लागू करने के लिए 15 राज्यों की पहचान की गई है. इस पायलट योजना को 2019-2020 से आरंभ होकर तीन वर्ष की अवधि के लिए स्वीकृति दी गई है. फूड फोर्टिफिकेशन फूड फोर्टिफिकेशन से तात्पर्य खाद्य पदार्थों में एक या अधिक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की जानबूझकर की जाने वाली वृद्धि से है जिससे इन पोषक तत्त्वों की न्यूनता में सुधार या निवारण किया जा सके तथा स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके. पर इसके माध्यम से केवल एक सूक्ष्म पोषक तत्त्व के संकेन्द्रण में वृद्धि हो सकती है (उदारहण के लिए नमक का आयोडीकरण) अथवा खाद्य-सूक्ष्म पोषक तत्त्वों के संयोजन की एक पूरी शृंखला हो सकती है. यह कुपोषण की समस्या का समाधान करने के लिए संतुलित और विविधतापूर्ण आहार का प्रतिस्थापन नहीं है. स्वास्थ्य सम्बंधित लाभ व्यापक जनसंख्या कवरेज चूँकि पोषक तत्त्वों को मुख्य रूप से उपभोग किये जाने वाले प्रमुख खाद्य पदार्थों में जोड़ा जाता है, अतः इसके माध्यम से जनसंख्या के एक बड़े भाग के स्वास्थ्य में सुधार संभव है. सामाजिक-संस्कृतिक रूप से स्वीकार्य इसके लिए लक्षित जनसंख्या की खाद्य आदतों और पैटर्न में किसी भी परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है. लागत प्रभावी खाद्य सुरक्षा के अनुपूरक के रूप में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्यान्वयन का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए पोषण सुरक्षा अत्यधिक आवश्यक है. स्वैच्छिक प्रकृति राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र द्वारा खाद्य पदार्थों को फोर्टिफाइड बनाने के सीमित प्रयासों के कारण फोर्टिफिकेशन अनिवार्य होने के स्थान पर निरंतर स्वैच्छिक बना हुआ है. राज्यों द्वारा अकुशल कार्यान्वयन : हालाँकि कुछ राज्यों ने ICDS, MDMS और PDS में फोर्टिफिकेशन को अपनाया है, परन्तु कुछ निश्चित नीतिगत दिशानिर्देशों, बजटीय बाध्यताओं, तकनीकी ज्ञान और लॉजिस्टिक समर्थन के अभाव के कारण राज्यों ने समग्र रूप से फोर्टिफिकेशन को नहीं अपनाया है. FSSAI की अकुशलता : इसके पास अधिदेश को प्रभावी ढंग से लागो करने के लिए संसाधनों और जनशक्ति का अभाव है. जागरूकता का अभाव : वर्तमान में, फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के उपयोग और लाभों के सम्बन्ध में अत्यधिक गलत-सूचना और अनभिज्ञता व्याप्त है. आगे की राह राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन सरकारी योजनाओं के माध्यम से फोर्टिफिकेशन के अखिल-भारतीय कार्यान्वयन से प्रतिवर्ष आवंटित कुल बजट में केवल 1% की वृद्धि होगी. राज्यों के लिए समर्थन भारत सरकार द्वारा केवल आदेश और अधिसूचनाएँ जारी करना पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि राज्य सरकारों को अत्यधिक समर्थन की आवश्यकता होती है और उन्हें फोर्टिफिकेशन के लाभ के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और विभिन्न कार्यक्रमों के तहत फोर्टिफाइड स्टेपल्स की खरीद के लिए सक्षम होना चाहिए. मानकों को सुनिश्चित करना वृहद् पोषक पदार्थों एवं गुणवत्ता के सम्बन्ध में FSSAI मानकों के अनुपालन को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए. जागरूकता खुले बाजार में उपभोक्ताओं द्वारा माँग में वृद्धि के लिए फोर्टिफिकेशन के सम्बन्ध में जन जागरूकता अभियान की आवश्यकता है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन यह प्रमुख भोजन (staple food) के पोषण सम्बन्धी मूल्य में सुधार करने के लिए एक दीर्घकालिक कदम है. Three periods of ancient ages unearthed in Durgadevi village :- Kick boxing:- Valmiki Tiger Reserve :- Agriculture Export Facilitation Centre – AEFC :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi June,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Food Fortification
फूड फोर्टिफिकेशन के लाभ
चुनौतियाँ
Prelims Vishesh