Sansar Daily Current Affairs, 03 December 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National Judicial Appointments Commission (NJAC) Act
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक समीक्षा याचिका को निरस्त कर दिया है जिसमें सरकार द्वारा प्रस्तावित एक संवैधानिक संशोधन के खारिज किये जाने पर आपत्ति की गई थी. इस संशोधन के द्वारा शीर्षस्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति में कार्यपालिका के दखल की सिफारिश की गई थी क्योंकि याचिकाकर्ताओं का विचार था कि वर्तमान प्रक्रिया में न्यायाधीशों की नियुक्ति देर से हो रही है और उसमें प्रतिभा को महत्त्व नहीं दिया जा रहा है.
पृष्ठभूमि
16 अक्टूबर, 2015 को सर्वोच्च न्यायालय ने बहुमत से दो संवैधानिक संशोधनों को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा था कि इन संशोधनों से न्यायपालिका की स्वतन्त्रता को चोट पहुँचेगी. ये संशोधन थे – संविधान (99वाँ संशोधन) अधिनियम, 2014 तथा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग, 2014 (National Judicial Appointments Commission – NJAC Act, 2014).
न्यायालय का कहना था कि प्रस्तावित संशोधनों के कारण न्यायपालिका की स्वतंत्रता को क्षति पहुँचेगी तथा न्यायिक नियुक्तियों को कार्यपालिका के नियंत्रण से दूर रखना चाहिए.
NJAC के बारे में
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के जज एक कोलेजियम प्रणाली के द्वारा नियुक्त होते हैं जिसमें कार्यपालिका कोई भूमिका नहीं होती. इस व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार ने NJAC अधिनियम के द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की अभिकल्पना की है जो ऐसे न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानान्तरण के लिए उत्तरदायी होगा. इसके लिए संविधान में एक नई धारा 124A डाली जानी थी.
इस आयोग का स्वरूप निम्नवत होगा –
- भारत का मुख्य न्यायाधीश (पदेन अध्यक्ष).
- भारत के मुख्य न्यायाधीश के बाद के दो अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश (पदेन सदस्य).
- भारत सरकार का विधि एवं न्याय मंत्री (पदेन सदस्य).
- एक समिति द्वारा नामित दो प्रतिष्ठित व्यक्ति (पदेन सदस्य). इस समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के प्रधानमंत्री तथा लोकसभा के नेता-प्रतिपक्ष सदस्य होंगे. यदि नेता प्रतिपक्ष न हो तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता इस समिति का सदस्य होगा. जो दो सुप्रतिष्ठित व्यक्ति सदस्य के रूप में नामित होंगे, उनमें से एक अनुसूचित जाति अथवा अनूसूचित जनजाति अथवा अन्य पिछड़ा वर्ग अथवा अल्पसंख्य समुदाय अथवा स्त्री होगा. ये नामित सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा और उन्हें दुबारा नामित नहीं किया जाएगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Right to know
संदर्भ
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक संकल्प निर्गत किया है जिसके अनुसार नागरिक चाहें तो प्रत्येक सोमवार को दो घंटे के लिए सूचना के अधिकार (RTI) के अंतर्गत राज्य के किसी भी जिला-स्तरीय कार्यालय अथवा स्थानीय निकाय में जाकर वहाँ दस्तावेजों का निरीक्षण कर सकते हैं.
उद्देश्य
- सूचना की उपलब्धता को सुचारू बनाना.
- महाराष्ट्र राज्य सूचना आयोग के यहाँ लंबित अपीलों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाना.
- सूचना न दिए जाने और रोक दिए जाने के वृतांतों पर नज़र रखना.
RTI Act क्या है?
- नागरिकों को सशक्त बनाने, पारदर्शिता को बढ़ावा देने, सरकारी काम में उत्तरदायित्व तय करने, भ्रष्टाचार को रोकने तथा लोकतन्त्र को सही मायने में लोगों का तन्त्र बनाने के मूल उद्देश्य से सूचना अधिकार अधिनियम पारित हुआ था.
- इस अधिनियम के अनुसार भारत का कोई भी नागरिक किसी लोक अधिकारी से सूचना का अनुरोध कर सकता है और उसके अनुरोध पर तीस दिनों के अन्दर विचार कर पूछने वाले को उत्तर देना अनिवार्य होगा.
- लोक अधिकारी के दायरे में सरकारी निकाय आते हैं.
- इस अधिनियम के अनुसार सभी लोक अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने-अपने कार्यालय से सम्बन्धित दस्तावेजों को कंप्यूटर में डालकर उनका सम्यक रूप से प्रचार-प्रसार करें जिससे नागरिकों को सूचना के लिए कम-से-कम अनुरोध करना पड़े.
GS Paper 2 Source: Indian Express
Topic : Mekedatu dam project
संदर्भ
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.के. पलानिस्वामी ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कर्नाटक की मेकेदाटु बाँध परियोजना के लिए चल रहे साध्यता-सम्बन्धी अध्ययन (feasibility study) को रोक दिया जाए. विदित हो किस अध्ययन पर केन्द्रीय जल आयोग (CWG) ने अपनी अनुमति दे रखी है और उसने विस्तृत परियोजना (detailed project report – DPR) प्रतिवेदन माँगा है.
मेकेदाटु बाँध परियोजना क्या है?
- यह कर्नाटक सरकार की एक परियोजना है जो मेकेदाटु में चलाई जायेगी. यह स्थान कर्नाटक के रामनगरम जिले में कावेरी नदी के तट पर है.
- इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य बेंगलुरु को पेयजल मुहैया करना और इस क्षेत्र के भूगर्भ जल के स्तर को ऊँचा करना है.
परियोजना से सम्बन्धित विवाद
तमिलनाडु को इस परियोजना पर आपत्ति है जिसको लेकर उसने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दी है. इस राज्य का मुख्य तर्क यह है कि यह परियोजना कावेरी नदी जल पंचाट के अंतिम निर्देश का उल्लंघन करता है और प्रस्तावित दो जलाशयों के निर्माण के कारण कृष्णराज सागर तथा कावेरी जलाशय के नीचे के निकटवर्ती नदी क्षेत्र तथा कर्णाटक और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित Billigundulu में जलप्रवाह को अवरुद्ध कर देगा.
दूसरी ओर कर्नाटक का कहना है कि यह प्रस्तावित परियोजना तमिलनाडु को दिए जाने वाले जल की निश्चित मात्रा को छोड़ने में आड़े नहीं आएगी और न ही इसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा.
CWC क्या है?
- केन्द्रीय जल आयोग जल संसाधन से सम्बंधित एक मूर्धन्य तकनीकी निकाय है जो जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय के तहत आता है.
- CWC का अध्यक्ष चेयरमैन कहलाता है जो भारत सरकार के पदेन सचिव के स्तर का होता है.
- आयोग का कार्य सम्बंधित राज्य सरकारों के साथ विमर्श कर देश-भर में जल संसाधनों के नियंत्रण, संरक्षण एवं उपयोग के लिए आवश्यक योजनाओं को आरम्भ करना, उनका समन्वयन करना और उन्हें आगे बढ़ाना है जिससे कि बाढ़ का नियंत्रण हो तथा सिंचाई, नौकायन, पेयजल आपूर्ति तथा जलशक्ति विकास के कार्य सम्पन्न हो सकें.
- यदि आवश्यक हो तो यह आयोग ऐसी योजनाओं की छानबीन, निर्माण तथा क्रियान्वयन को भी अपने हाथ में लेता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : UNESCO’s List of Intangible Cultural Heritage
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ( United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization – UNESCO) ने रेगे संगीत शैली (reggae) को उन सांस्कृतिक संस्थानों की सूची में जोड़ दिया है जो सुरक्षा एवं संरक्षण के पात्र हैं.
पृष्ठभूमि
ज्ञातव्य है कि प्रतिवर्ष UNESCO अमूर्त मानव संस्कृति धरोहरों की सूची में (Representative List of the Intangible Cultural Heritage of Humanity) नई धरोहरों को जोड़ा करता है. इस बार जमैका ने इस सूची के लिए अपनी संगीत शैली रेगे का प्रस्ताव भेजा था. इसके चयन के साथ अब तक ऐसी 300 अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरें सूचीबद्ध हो चुकी हैं, जिनमें बहुत सारे संगीत की धरोहरें हैं जैसे – डोमिनिकन का मेरेंग्वे, स्लोवाक का बैगपाइप और वियतनाम का जोआन.
रेगे क्या है?
रेगे जमैका की एक संगीत-शैली है जिसका उद्गम समाज के वंचित लोगों के संगीत से हुआ है. ये लोग मुख्य रूप से पश्चिमी किंग्स्टन में रहते हैं. अब यह संगीत वंचितों का संगीत न रहकर सार्वभौम संगीत हो गया है जिसे विभिन्न लिंग, नस्लें और धार्मिक समूह अपना चुके हैं.
UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची
- यह एक प्रतिष्ठित सूची है जिसमें अमूर्त धरोहरें शामिल होती हैं और जो सांस्कृतिक विरासत की विविधता को दिखलाती है एवं इसके महत्त्व के बारे में जागरूकता पैदा करती है.
- यह सूची 2008 में पहली बार बनी थी जब अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षा संधि लागू हुई थी.
- इस सूची के दो भाग हैं – i) अमूर्त मानव सांस्कृतिक धरोहर की सूची जो किसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है ii) ऐसी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर जिनको तुरंत सुरक्षित करने की आवश्यकता है.
भारत की भी कुछ अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरें इस सूची में देखी जा सकती हैं, जैसे –
- वैदिक मन्त्रोच्चार परम्परा.
- रामलीला
- कुटियाट्टम, संस्कृत नाटक
- गढ़वाल का रामन धार्मिक उत्सव एवं पारम्परिक नाटक
- केरल का मुडीयेट्टु नामक पारम्परिक नाटक और नृत्य नाटिका
- राजस्थान का कालबेलिया लोक नाटक एवं नृत्य
- ओडिशा का छऊ नृत्य
- लद्दाख का बौद्ध मन्त्रोच्चार
- मणिपुर का संकीर्तन नामक परम्परागत गायन.
- ढोलवादन एवं नृत्य.
- पंजाब के जंडियाला गुरु के ठठेरों द्वारा पारम्परिक पीतल और ताम्बे के बर्तन बनाने की कला
- योग
- नवरोज़
- कुम्भ मेला
GS Paper 2 Source: Times of India
Topic : G20 Summit 2018 begins in Argentina
संदर्भ
हाल ही में नवम्बर 30 को G20 शिखर सम्मलेन हुआ जिसमें विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के 19 नेता और यूरोपीय संघ का एक प्रतिनिधि शामिल हुए. यह G20 की 13वाँ सम्मलेन और दक्षिण अमेरिका में होने वाला पहला सम्मेलन था.
G-20 क्या है?
- G 20 1999 में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसमें 20 बड़ी अर्थव्यस्थाओं की सरकारें और केन्द्रीय बैंक गवर्नर प्रतिभागिता करते हैं.
- G 20 की अर्थव्यस्थाएँ सकल विश्व उत्पादन (Gross World Product – GWP) में 85% तथा वैश्विक व्यापार में 80% योगदान करती है.
- G 20 सम्मेलन में विश्व के द्वारा सामना की जा रही समस्याओं पर विचार किया जाता है जिसमें इन सरकारों के प्रमुख शामिल होते हैं. साथ ही उन देशों के वित्त और विदेश मंत्री भी अलग से बैठक करते हैं.
- G 20 के पास अपना कोई स्थायी कर्मचारी-वृन्द (permanent staff) नहीं होता और इसकी अध्यक्षता प्रतिवर्ष विभिन्न देशों के प्रमुख बदल-बदल करते हैं.
- पहला G 20 सम्मेलन बर्लिन दिसम्बर 1999 को हुआ था जिसके आतिथेय जर्मनी और कनाडा के वित्त मंत्री थे.
सदस्य देश
- G-20 के अन्दर ये देश आते हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका.
- इसमें यूरोपीय संघ की ओर से यूरोपीय आयोग तथा यूरोपीय केन्द्रीय बैंक प्रतिनिधित्व करते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Gender wage gap highest in India
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने ग्लोबल वेज रिपोर्ट 2018-19 जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रति घंटा मजदूरी के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं को भारत में सबसे अधिक असमान रूप से वेतन दिया जाता है. भारतीय महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 34% कम मजदूरी प्राप्त होती है.
रिपोर्ट के मुख्य तथ्य
- रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का लाभ दक्षिण एशियाई देशों के लोगों को मिला और उनके वेतन में अन्य क्षेत्रों के लोगों की तुलना में अच्छी वृद्धि हुई.
- वर्ष 2008 की मंदी के बाद से 2017 तक भारत उन दक्षिणी एशियाई देशों में सम्मिलित है, जहाँ लोगों का वेतन सबसे अधिक बढ़ा.
- रिपोर्ट के अनुसार अच्छी औसत वेतन वृद्धि के मामले में भारत के अतिरिक्त चीन, थाईलैंड और वियतनाम भी अग्रणी देशों में शामिल हैं.
- दक्षिण एशिया की बात करें तो भारत में 2008 से लेकर 2017 के दौरान औसत वास्तविक वेतन वृद्धि रीजनल मीडियन (क्षेत्रीय औसत) 3.7 के 5.5 रही.
- ILO के रिपोर्ट के अनुसार उभरते G-20 देशों में मेक्सिको को छोड़कर अन्य देशों में औसत वास्तविक वेतनवृद्धि सकारात्मक रही है.
- कच्चे तेल की कीमत में के गिरावट आने के चलते रूस में 2015 में औसत वेतन बढ़ने की जगह घटा यानी विकास नकारात्मक रहा, परन्तु बाद में इसमें सुधार देखा गया. तुर्की में इस दौरान 1 प्रतिशत नकारात्मक विकास देखा गया.
- रिपोर्ट में पहली बार जेंडर-गैप (लैंगिक असमानता) का भी जिक्र किया गया है.
- रिपोर्ट के अनुसार पुरूषों का औसत वेतन महिलाओं की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है. यह आँकड़ा 70 देशों में स्थिति के अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें दुनियाभर के करीब 80 प्रतिशत कर्मचारी शामिल हैं.
Prelims Vishesh
Konkan 18 :-
- भारत और इंग्लैंड की नौसेनाएँ जो संयुक्त अभ्यास करती हैं उन्हें कोंकण अभ्यास का नाम दिया गया है.
- इस बार 2018 में यह अभ्यास गोवा के पास होगा.
- यह द्विपक्षीय अभ्यास 2004 में शुरू हुआ था और इसका पैमाना तब से वर्षानुवर्ष बढ़ता ही जा रहा है.
- इसका उद्देश्य दोनों देशों को अपने-अपने अनुभवों से अवगत कराना है जिससे ये एक-दूसरे की जानकारियों का लाभ उठा सकें.
‘COPE INDIA 2019’ :-
- कोप इंडिया उस वायुसेना अभ्यास का नाम है जिसमें भारतीय वायुसेना और अमेरिका की वायुसेना भारत में संयुक्त अभ्यास करते हैं.
- 2019 में यह अभ्यास पश्चिम बंगाल में होने वाला है.
- विदित हो कि ऐसा पहला अभ्यास फरवरी, 2004 में ग्वालियर में हुआ था.
India to host G20 summit in 2022 :-
- 2022 का G20 शिखर सम्मेलन का आतिथेय भारत होगा.
- विदित हो कि उस वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे हो जाएँगे.
- अब से पहले कभी भी भारत में G 20 का शिखर सम्मेलन नहीं हुआ था.
CIMON, the 1st Robot with Artificial Intelligence to Fly in Space :-
- कृत्रिम बुद्धि से युक्त छोटे रोबोट CIMON को स्पेस-X के ड्रैगन कार्गो कैप्सूल के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष अड्डे भेज दिया गया है जहाँ वह दो दिन रहेगा.
- CIMON रोबोट का निर्माण यूरोप की जहाज कम्पनी एयरबस ने किया है.
- इस रोबोट की कृत्रिम बुद्धि (AI) IBM की प्रसिद्ध वाटसन प्रणाली पर आधारित है.
- CIMON लगभग गोल है और इसका भार 5 किलोग्राम है.
- यह लोगों से बात कर सकता है और अपने चेहरे को पहचानने वाले सॉफ्टवेर के चलते यह जान लेता है कि वह किससे बात कर रहा है.
Anti-ship cruise missile BrahMos :-
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सम्पन्न रक्षा अधिग्रहण परिषद् (Defence Acquisition Council – DAC) ने रूस में बनने वाले अपने दो जहाज़ों के लिए ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र खरीदने की मंजूरी दे दी है.
- ज्ञातव्य है कि ब्रह्मोस अपने ढंग का विश्व का तीव्रतम क्रूज प्रक्षेपास्त्र है.
- ब्रह्मोस का विकास ब्रह्मोस कोर्पोरेशन ने किया है.
- यह भारत के DRDO और रूस के NPO Mashinostroeniya का संयुक्त उपक्रम है.
- ब्रह्मोस नाम भारत की नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम पर पड़ा है.
- रूस इस परियोजना में प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करा रहा है.
- उड़ान के दौरान मार्गदर्शन की इसकी क्षमता (navigation power) भारत ने विकसित की है.
- इसकी गति ध्वनि की गति से तीन गुणा ज्यादा है.
- इसकी गति की दर 2.8 मैक है.
- ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 3000 kg है.
- इसकी लम्बाई 8.4 मीटर है और व्यास 0.6 मीटर है.
- इसकी मारक क्षमता 290 km तक है और यह 300 km विस्फोटक अपने साथ ले जा सकता है.
- BrahMos एक नियंत्रित क्रूज प्रक्षेपास्त्र है.
- BrahMos को जमीन, विमान, पनडुब्बी से छोड़ा जा सकता है.
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