Sansar Daily Current Affairs, 03 January 2020
GS Paper 1 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Savitribai Phule
संदर्भ
जनवरी 3 को भारतीय समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई जा रही है.
सावित्रीबाई फुले से सम्बंधित मुख्य तथ्य
- महराष्ट्र के नयगाँव में जनवरी 3, 1831 को जन्मी सावित्रीबाई फुले को भारत की सबसे पहली महिलावादी (feminist) माना जाता है क्योंकि ब्रिटिश राज में उन्होंने स्त्रियों के शिक्षाधिकार के लिए बड़ा संघर्ष किया था.
- 1848 में वे भारत की पहली महिला शिक्षा बनीं और उन्होंने अपने समाज सुधारक पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर लड़कियों के लिए एक विद्यालय खोला था.
- पति-पत्नी ने मिलकर जाति पर आधारित भेदभाव के विरुद्ध भी काम किया था जिसके लिए उन्हें पुणे के परम्परावादी समुदायों का प्रतिरोध झेलना पड़ा था.
- 1854 में सावित्रीबाई फुले ने एक विधवाश्रम स्थापित किया जिसमें 1864 से निर्धन स्त्रियाँ और उन बालिका वधुओं को रखा जाने लगा था जिनको उनके परिवारों ने छोड़ दिया था.
- सत्यशोधक समाज के कार्यकलाप में भी फुले की एक बड़ी भूमिका थी. विदित हो कि इस समाज की स्थापना ज्योतिराव फुले ने वंचित निम्न जातियों को समान अधिकार दिलाने के लिए थी.
- महाराष्ट्र में प्लेग फैलने पर रोगियों के उपचार के लिए सावित्रीबाई ने 1897 में एक चिकित्सालय खोला था.
- उन्होंने बाल हत्या प्रतिबंधक गृह की भी स्थापना की थी.
- 2014 में उनके सम्मान में पुणे विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय कर दिया गया.
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations. Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.
Topic : Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities
संदर्भ
हाल ही में भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने आणविक प्रतिष्ठानों की सूचियों का आदान-प्रदान किया है. यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच पूर्व में हुए एक समझौते के आलोक में हुआ है जिसमें दोनों देशों ने यह वचन दिया था कि वे एक-दूसरे के आणविक प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर आक्रमण नहीं करेंगे.
इस समझौते को गैर-आणविक आक्रमण समझौता (Non-Nuclear Aggression Agreement) भी कहते हैं. इसके तहत प्रत्येक वर्ष जनवरी 1 को दोनों देश अपने-अपने आणविक प्रतिष्ठानों की सूचना साझा करते हैं.
पृष्ठभूमि
इस समझौते पर दिसम्बर 31, 1988 में हस्ताक्षर किये गये थे और यह जनवरी 27, 1991 से लागू हुआ था.
माहात्म्य
- इस समझौते का इतिहास यह है कि 1981 में इजराइल ने इराक की राजधानी बग़दाद के निकट स्थित ओसिरक नामक परमाणु रिएक्टर पर बमबारी की थी. यह बमबारी इजराइल ने लड़ाकू जेटों के माध्यम से शत्रु के हवाई क्षेत्र में घुस कर की थी. इससे इराक का आणविक हथियार कार्यक्रम ध्वस्त हो गया था. इस घटना को देखते हुए भारत और पाकिस्तान को इस समझौते की आवश्यकता का अनुभव हुआ था.
- समझौता होने के पहले पाकिस्तान इस बात को लेकर अत्यंत चिंतित था कि 1972 में भारत ने बांग्लादेश को सहायता पहुंचकर पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे, साथ ही भारतीय सेना ने 1987 में ऑपरेशन ब्रासटैक्स भी चलाया था जिसमें आक्रामक क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए सैन्य अभ्यास किया गया था. उस समय पाकिस्तान घबरा गया था और अपने आणविक प्रतिष्ठानों और संपदाओं को हाई-अलर्ट पर डाल दिया था.
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.
Topic : Kalapani Territory
संदर्भ
नेपाल और भारत कालापानी सीमा समस्या को संवाद के माध्यम से समाधान करने को तैयार हो गये हैं. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत के नवीनतम राजनीतिक मानचित्र में भारत के सम्प्रभु क्षेत्र को ही दिखलाया गया है.
पृष्ठभूमि
भारत के नए मानचित्र में कालापानी को भारतीय भूभाग के रूप में दिखाने को लेकर नेपाल सरकार ने कड़ी आपत्ति प्रकट की थी.
विदित हो कि इस मानचित्र में कालापानी को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के अन्दर शामिल किया गया है. नेपाल सरकार का कहना है कि कालापानी नेपाल का एक अटूट अंग है. वस्तुतः कालापानी की स्थिति को लेकर दोनों देशों में विवाद रहा है जिसके समाधान के लिए दोनों देश के विदेश सचिव चर्चाएँ करते रहते हैं.
कालापानी कहाँ पर है?
- कालापानी कैलास मानसरोवर को जाने वाले रास्ते में 3,600 मीटर की ऊँचाई पर पड़ता है.
- इसके एक ओर उत्तराखंड है तो दूसरी ओर नेपाल का सुदूर पश्चिम प्रदेश है.
- 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के समय से कालापानी पर भारत की भारत-तिब्बती सीमा पुलिस का नियंत्रण रहा है.
विवाद का उद्गम
1816 में नेपाल और ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कम्पनी ने सुगौली संधि की थी जिसमें काली नदी को नेपाल की भारत से लगने वाली सीमा पर माना गया था. इस मानचित्र में रिजलाइन (ridgeline) का कोई उल्लेख नहीं है. बाद में कई ऐसे मानचित्र बने जिनमें ब्रिटेन के सर्वेक्षणकर्ताओं ने काली नदी का उद्गम कभी यहाँ तो कभी वहाँ दिखाया. इस कारण काली नदी के उद्गम को लेकर अस्पष्टता बनी रही जिस कारण दोनों देशों में सीमा को लेकर विवाद होने लगा. दोनों देश अपना-अपना मानचित्र दिखाते थे जिसमें कालापानी को वे अपने-अपने भूभाग के अन्दर बतलाते थे. इन मानचित्रों में कालापानी के भूभाग का क्षेत्रफल भी एक जैसा नहीं होता था.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.
Topic : Indian Science Congress
संदर्भ
बेंगलुरु में स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में सम्प्रति भारतीय विज्ञान कांग्रेस का 107वाँ सत्र चल रहा रहा है जिसकी थीम है – “विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी : ग्रामीण विकास” / “Science & Technology: Rural Development”.
इंडियन साइंस कांग्रेस संघ क्या है?
- इंडियन साइंस कांग्रेस संघ का आरम्भ 1914 में कलकत्ता में हुआ था. इस संघ के 30,000 से अधिक वैज्ञानिक सदस्य हैं.
- इसकी स्थापना के पीछे ब्रिटेन के दो रसायनशास्त्रियों – प्रोफेसर जे.एल. साइमन्सन और प्रोफेसर पी.एस. मैकमोहन की दूरदृष्टि और पहल थी. इन दोनों वैज्ञानिकों को लगा था कि उनके देश के ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस की तर्ज पर भारत में भी शोधकर्ताओं की प्रत्येक वर्ष बैठक हो तो यहाँ वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा.
संघ के उद्देश्य
- भारत में विज्ञान को आगे बढ़ाना और प्रोत्साहित करना.
- भारत में एक उचित स्थान पर प्रत्येक वर्ष एक सम्मेलन आयोजित करना.
- कार्यवाहियाँ, पत्रिकाएँ और अन्य वांछनीय प्रकाशन सामग्रियाँ छपवाना.
- विज्ञान के प्रोत्साहन के लिए धन की व्यवस्था करना और इसके लिए संघ की सम्पत्तियों का आंशिक अथवा पूर्ण निपटारा करना.
- ऊपर लिखे गये उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जो कुछ उचित और आवश्यक हो वह कार्य सम्पादित करना.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation related issues.
Topic : Supreme Court bats against transfer of community resources
संदर्भ
पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी कि सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह गाँव के तालाब जैसे अमूल्य सामुदायिक संसाधन को शक्तिमान् लोगों और उद्योगपतियों को देकर उनका वाणिज्यीकरण करवाए.
मामला क्या है?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सैनी गाँव के कुछ तालाबों को बृहत्तर नॉएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Greater Noida Industrial Development Authority) ने कतिपय निजी उद्योगपतियों को हस्तांतरित कर दिए थे. इस कार्रवाई के विरुद्ध न्यायालय में मामला गया जिस पर ऊपर कही व्यवस्था दी गई है.
न्यायालय की टिप्पणियाँ
- किसी गाँव के अन्दर विद्यमान सार्वजनिक स्थल की सुरक्षा संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त मौलिक अधिकार के संरक्षण के लिए आवश्यक है.
- ऐसे सार्वजनिक स्थल ग्रामीण समुदाय के लिए जीवनाधार होते हैं और इनका प्रयोग कई कार्यों के लिए होता है तथा ये जीवन के लिए आवश्यक संसाधन भी जुटाते हैं.
- यदि सरकार गाँव वालों को ऐसे स्थलों के स्थान पर दूसरे वैकल्पिक स्थल भी देने का प्रस्ताव करे तब भी यह उचित नहीं होगा.
- इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि विद्यमान जलाशयों को नष्ट कर के कालांतर में होने वाली क्षति की पूर्ति हो सकती है. बहुत संभावना है कि लोगों को उनको दिए गये वैकल्पिक स्थल तक पहुँचने में कोषों चलना पड़े.
चिंताएँ
अज्ञात काल से गाँव के कुछ सार्वजनिक स्थल वहाँ के रहने वालों के सामूहिक लाभ के लिए होते रहे हैं. आज के औद्योगिक जगत में प्रत्येक संसाधन का वाणिज्यिक लाभ उठाने की प्रवृत्ति देखी जाती है. इस प्रवृत्ति को पोषित करने में प्रशासन का तंत्र भी अपनी भूमिका निभाता है. परिणाम यह होता है कि शक्तिमान् व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत लालसा को पूरी करने के लिए येन केन प्रकारेण ऐसी सामुदायिक संपदाओं को हड़प लेते हैं. सर्वोच्च न्यायालय की ऊपर वर्णित व्यवस्था इस प्रवृत्ति पर रोक लगाती है.
Prelims Vishesh
MiG-27 :-
- भारतीय वायुसेना में 1985 में पहली बार लिया गया MiG-27 नामक स्थल आक्रमण विमान पिछले दिसम्बर 27 को सेवा-निवृत्त हो गया.
- एकल इंजन वाले और एकल सीट वाले इस विमान ने कारगिल युद्ध में अपना पराक्रम दिखाया था और इसके लिए उसे बहादुर उपनाम दिया गया था.
- इसका निर्माण शुरू में सोवियत यूनियन में होता था और बाद में इसे देश में ही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कर रहा था.
Year of the Nurse and the Midwife 2020 :-
- विश्व स्वास्थ्य सभा ने 2020 को अंतर्राष्ट्रीय परिचारिका एवं प्रसाविका वर्ष बनाने का निर्णय लिया है क्योंकि इसी वर्ष आधुनिक परिचारिका सेवा की संस्थापिका फ्लोरेंस नाईटिंगल की 200वीं जयंती मनाई जायेगी.
- वर्तमान में पूरे विश्व में 22 मिलियन परिचारिकाएँ और 2 मिलियन प्रसाविकाएँ हैं. विश्व स्वास्थ्य संघठन के अनुसार, इनकी संख्या 9 मिलियन और बढ़ाने की आवश्यकता है जिससे कि 2030 तक स्वास्थ्य से सम्बंधित लक्ष्य को पाया जा सके.
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