Sansar Daily Current Affairs, 03 June 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : MODEL TENANCY ACT
संदर्भ
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘आदर्श किरायेदारी अधिनियम’ (Model Tenancy Act- MTA) को मंजूरी दे दी गई.
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, नए कानून बनाकर ‘आदर्श किरायेदारी अधिनियम’ लागू कर सकते हैं या वे अपने विद्यमान किरायेदारी कानूनों में अपने अनुसार संशोधन कर सकते हैं.
आदर्श किरायेदारी अधिनियम, 2019 के के विषय में जानकारी
- अधिनियम के अनुसार यदि कोई मकान मालिक किराए में संशोधन चाहता है तो उसे इसके लिए तीन महीनों की लिखित सूचना देनी होगी.
- प्रत्येक जिले में जिला कलक्टर को किराया प्राधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
- जो किराएदार विहित समय से अधिक टिके रहेंगे उनपर भारी अर्थदंड लगाया जाएगा. उन्हें किराए का दुगुना और बाद में चौगुना तक देना होगा.
- किराएदार को जो अग्रिम सिक्यूरिटी राशि जमा करनी है वह अधिकतम दो महीने के किराए के बराबर होगी.
- मकान मालिक और किराएदार दोनों को किराया समझौते की एक प्रति जिला किराया प्राधिकारी को देनी होगी.
- क्योंकि भूमि राज्य का विषय है इसलिए प्रस्तावित कानून को अंगीकृत करने का काम राज्यों पर छोड़ दिया गया है.
- राज्यों को किराया न्यायालय और किराया पंचाट गठित करने होंगे.
- यदि मकान मालिक मरम्मत करने से मन करता है तो किराएदा र मरमत्त करके उसका पैसा किराए से काट लेगा.
- कोई भी मकान मालिक किराए पर उठाये हुए परिसर के अन्दर बिना 24 घंटे पूर्व की सूचना के घुस नहीं सकता है.
- यदि मकान मालिक और किराएदार के बीच कोई विवाद है तो मकान मालिक बिजली और पानी काट नहीं सकता है.
- यदि मकान मालिक बिजली-पानी काटता है तो किराएदार किराया प्राधिकारी को इसकी सूचना देकर क्षतिपूर्ति की माँग कर सकता है.
- यदि किराया प्राधिकारी को लगे कि आवेदन यों ही और तंग करने के लिए दिया गया है तो वह मकान मालिक या किरायादार पर अर्थदंड लगा सकता है.
माहात्म्य
प्रस्तावित कानून का महत्त्व यह है कि इससे कई मामले व्यवहार न्यायालयों में जाने से रुक जाएँगे और इस प्रकार उन न्यायालयों का भार हल्का हो जाएगा. साथ ही कानूनी पचड़ों में फंसी किराए पर दी गई परिसम्पत्तियाँ मुक्त हो सकेंगी. इस प्रकार प्रस्तावित विधेयक में किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों पर ध्यान दिया गया है. यह प्रवासियों, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों, पेशेवरों, छात्रों एवं शहरी निर्धनों सहित समाज के विभिन्न वर्गों हेतु समावेशी तथा सतत पारिस्थितिक-तंत्र को बढ़ावा देगा.
चुनौतियाँ
भारत में अधिकांश किराएदारियां अनौपचारिक हैं, इस प्रकार वे अपंजीकृत बनी हुई हैं. अधिनियम मौजूदा व्यवस्था को औपचारिक बनाता है; जिससे किराए भी बढ़ सकते हैं. चूँकि यह अधिनियम राज्यों पर बाध्यकारी नहीं है, इसलिए राज्यों द्वारा आदर्श अधिनियम को लागू नहीं करने की संभावना भी है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to health.
Topic : H10N3 Bird Flu
संदर्भ
हाल ही में, चीन में ‘H10N3 बर्ड फ्लू’ स्ट्रेन (H10N3 bird flu strain) से मनुष्य के संक्रमित होने का विश्व का पहला मामला दर्ज किया गया है.
H10N3 बर्ड फ्लू’ स्ट्रेन
- H10N3 इंफ्लूएंज़ा ए वायरस का एक उप-प्रकार है जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू वायरस के रूप में जाना जाता है.
- H10N3 मुर्गियों में वायरस का एक कम रोगजनक या अपेक्षाकृत कम गंभीर कारक है और इसके बड़े पैमाने पर फैलने का जोखिम बहुत कम है. जानवरों में इस फ्लू का संक्रमण कोविड-19 के समान श्वसन कणों से हो सकता है.
- यह स्ट्रेन सामान्य वायरस नहीं है, पिछले 40 वर्षों (2018 तक) में वायरस के लगभग 160 आइसोलेट्स की सूचना मिली है, वह भी ज़्यादातर एशिया और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में जंगली पक्षियों या जलपक्षी में. अभी तक मुर्गियों में किसी भी स्ट्रेन का पता नहीं चला है.
- चीन में एवियन इंफ्लूएंज़ा के कई अलग-अलग उपभेद हैं और कुछ छिटपुट रूप से उन लोगों को संक्रमित करते हैं जो आमतौर पर मुर्गी पालन करते हैं.
- हालाँकि वर्ष 2016-2017 के दौरान H7N9 स्ट्रेन से लगभग 300 लोगों की मौत होने के बाद से बर्ड फ्लू के कारण मानव संक्रमण के मामलों की संख्या ज़्यादा नहीं है.
बर्ड फ्लू
- बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 के कारण होती है.
- यह विषाणु जिसे इन्फ्लूएंजा ए (Influenza- A) या टाइप ए (Type- A) विषाणु कहते हैं, सामान्यतः पक्षियों में पाया जाता है. परन्तु कभी-कभी यह मानव सहित अन्य कई स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है. जब यह मानव को संक्रमित करता है तो इसे इन्फ्लूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहा जाता है.
- बर्ड फ्लू संक्रमण चिकन, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तीव्रता से फैलता है. इसलिए बर्ड फ्लू के दौरान इन पक्षियों को न खाने की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी जाती है.
- विदित हो कि यह इन्फ्लूएंजा वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान व पक्षियों की बहुत कम समय में ही मौत हो जाती है.
- वैसे, अभी तक बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है, परन्तु कई बार यह इंसान से इंसान में फैलता है.
लक्षण
बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं, परन्तु सांस लेने में समस्या और हर वक्त उल्टी होने का अनुभव इसके खास लक्षण हैं.
बचाव
- बीमारी के प्रकोप से बचाने के लिये सख्त जैव-सुरक्षा (Biosecurity) उपाय अपनाने और अच्छी स्वच्छता व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता होती है.
- यदि जानवरों में इसके संक्रमण का पता चलता है, तो वायरस से संक्रमित और संपर्क वाले जानवरों को चुनकर पृथक करने की नीति का अनुपालन किया जाना चाहिये ताकि वायरस के तीव्रता से प्रसार को नियंत्रित किया जा सके और इसे नष्ट करने के प्रभावी उपाय अपनाए जा सकें.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.
Topic : National Commission for Protection of Child Rights
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए, महामारी के कारण अपने निकटस्थ लोगों को खोने वाले और सदमा झेलने वाले बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के तरीकों की जाँच की जा रही है.
- इस संबंध में, 28 मई को, न्यायालय ने केंद्र सरकार को, महामारी की वजह से अनाथ होने वाले बच्चों के लिए कल्याणकारी उपाय करने का निर्देश दिया था.
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और राज्यों को, तत्काल देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों को चिह्नित करते हुए संबंधित जानकारी को संकलित करने के लिए भी कहा गया था.
‘बाल स्वराज’ नामक एक ऑनलाइन ट्रैकिंग पोर्टल पर जुटाई गई जानकारी के आधार पर, NCPCR ने निम्नलिखित संस्तुतियाँ दीं है:
- देश में लगभग 10,000 बच्चों को तत्काल देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है.
- इनमें मार्च 2020 से कोविड-19 महामारी के दौरान, ‘शून्य’ से 17 वर्ष तक की आयु के अनाथ या परित्याग किये गये बच्चे सम्मिलित हैं.
- इन बच्चों के लिए तस्करी और देह व्यापार में धकेले जाने का जोखिम बहुत अधिक है.
विशेष ध्यान देने की जरूरत
प्रलयकारी कोविड-19 महामारी ने समाज के कमजोर वर्गों की स्थिति को दीन-हीन बना कर रख दिया है. ऐसे कई बच्चे हैं जो, या तो परिवार में कमाने वाले या अपने माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाने के कारण अनाथ हो गए हैं. इन बच्चों को अधिकारियों की ओर से तत्काल और विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की स्थापना मार्च 2007 में बाल अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी.
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत काम करता है.
- “बाल” शब्द की परिभाषा में 0 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को सम्मिलित किया गया है.
- कमीशन को यह काम दिया गया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सभी कानून, नीतियाँ , कार्यक्रम एवं प्रशासनिक प्रणाली भारतीय संविधान और संयुक्त राष्ट्र के द्वारा किये गये समझौतों में वर्णित बाल अधिकारों के अनुकूल हों.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : 13 more District Collectors empowered to grant citizenship to applicants from 3 countries
संदर्भ
हाल ही में 13 अन्य जिलों को तीन देशों के आवेदकों को नागरिकता प्रदान करने का अधिकार प्राप्त हुआ है. गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत वर्ष 2009 के नियमों के अंतर्गत एक अधिसूचना जारी की है.
इसने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों, जो पांच राज्यों यथा गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं, को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने हेतु सशक्त बनाया है. गैर-मुस्लिमों में हिंदू, सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध शामिल हैं.
मुख्य बिंदु
- यह अधिसूचना पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उन वैध प्रवासियों (जिन्होंने पासपोर्ट / वीजा के आधार पर प्रवेश किया है) को लाभान्वित करने का प्रयोजन रखती है, जो पहले ही नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 (पंजीकरण द्वारा) और धारा 6 (देशीयकरण द्वारा) के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर चुके हैं.
- नागरिकता एक केंद्रीय विषय है और गृह मंत्रालय समय-समय पर नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 16 के तहत राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से राज्यों को शक्तियां प्रत्यायोजित करता है.
- नागरिकता अधिनियम, 1955 जन्म (धारा 3), अजनन (descent) (धारा 4), पंजीकरण (धारा 5), और देशीयकरण (धारा 6) के आधार पर भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण का प्रावधान करता है.
- नागरिकता अधिनियम, 1955 भारतीय नागरिकता के पर्यवसान के 3 तरीके निर्धारित करता है जैसे – स्वैच्छिक त्यजन (Renunciation) पर्यवसान (Termination) और वंचित (Deprivation) किया जाना.
- यह अधिसूचना नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2020 से संबंधित नहीं है, जो अभी लागू नहीं हुआ है.
Prelims Vishesh
Tulsa Race Massacre :-
- वर्ष 1921 के मई-जून ने हुआ टुल्सा नस्लीय नरसंहार, (Tulsa Race Massacre), अमेरिका के आधुनिक इतिहास में हिंसक नस्लीय घृणा संबंधी सबसे ख़राब घटनाओं में से एक है.
- इस नस्लीय नरसंहार में ओक्लाहोमा राज्य के टुल्सा में, श्वेत नस्ल की भीड़ द्वारा अपेक्षाकृत समृद्ध अफ्रीकी-अमेरिकियों लक्षित करके बड़े पैमाने पर हत्याएं की गयीं तथा इनकी संपत्ति को व्यापक क्षति पहुंचाई गयी थी.
- टुल्सा को अमेरिका में ‘सिविल राइट्स’ लागू होने से पहले ‘जिम क्रो’ कानूनों या बेहद कठोर पृथक्करण कानूनों की वजह से पीड़ित अफ्रीकी अमेरिकियों के लिए एक ‘अनौपचारिक अभयारण्य- शहर’ माना जाता था. इस शहर को अमेरिका का “ब्लैक वॉल स्ट्रीट” भी कहा जाता था.
World Milk Day :-
- हाल ही में 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस-2021 (World Milk Day-2021) को वैश्विक स्तर पर मनाया गया है.
- भारत में विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर एपीडा ने भारत के डेयरी उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सहयोग से वेबिनार का आयोजन किया है.
- विश्व दुग्ध दिवस-2021 की थीम ‘पर्यावरण, पोषण के साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता’ पर केंद्रित है.
- भारत में दुग्ध क्रांति के जन्मदाता डॉ वर्गीज़ कुरियन हैं.
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