Sansar Daily Current Affairs, 03 May 2019
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Sri Vedanta Desikan
संदर्भ
भारत के उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में श्री वेदांत देशिक की 750वीं जयंती के अवसर पर उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया.
श्री वेदांत देशिक
- वेदान्त देशिक (1268 – 1369) वैष्णव गुरू, कवि, भक्त, दार्शनिक एवं आचार्य थे. तेरहवीं शताब्दी में इनकी स्थिति मानी जाती है.
- उनकी पादुका सहस्रम् नामक रचना चित्रकाव्य की अनुपम भेंट है.
- इनको वेंकटनाथ के नाम से भी जाना जाता है.
- वडकलई नामक वैष्णव सम्प्रदाय के द्वारा इन्हें तिरुमलई के वेंकटेश्वर मंदिर के दैवी घंटे का अवतार माना जाता है.
- वह किदांबी अप्पुलार के शिष्य थे, जिन्हें आत्रेय रामानुजाचार्य के नाम से भी जाना जाता था. आत्रेय रामानुजाचार्य प्रसिद्ध गुरु रामानुज की परम्परा के आचार्य थे.
- श्री वेदांत देशिक ने संस्कृत, तमिल, प्राकृत और मणिप्रवलम भाषाओं में कविता, गद्य, नाटक, टिप्पणी, विज्ञान संबंधी लेख और दर्शन के सिद्धांतों की रचना की थी.
- उनकी रचनाएँ हैं – श्री स्तोत्र निधि, श्री पादुका सहस्रम्, रहस्य ग्रन्थम्, श्री देसिक प्रबन्धम्, काव्यम्.
- श्री वेदांत देशिक केवल आध्यात्मिक गुरु ही नहीं बल्कि वे एक वैज्ञानिक, गणितज्ञ, साहित्यकार, भाषाविद, सैन्य रणनीतिज्ञ भी थे.
- अपने जीवनकाल में इन्हें सर्वतंत्रस्वतंत्रार, कवितारकिगा सिंहम्, वेदान्ताचरियार की उपाधि मिली थी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : International Religious Freedom 2019 report
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता से सम्बंधित अमेरिका के संयुक्त राज्य आयोग (US Commission on International Religious Freedom – USCIRF) ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता 2019 रिपोर्ट जारी कर दी है. यह रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष जारी होता है और इसको अमेरिका के विदेश विभाग को सौंपा जाता है.
USCIRF
- विदित हो कि यह आयोग 1998 में निर्मित एक स्वतंत्र, द्विपक्षीय अमेरिकी संघीय सरकारी आयोग है.
- यह आयोग विदेशों में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की समीक्षा करता है और अमेरिका के राष्ट्रपति, विदेशमंत्री और कांग्रेस के लिए नीतियों की सिफारिश करता है.
प्रतिवेदन का माहात्म्य
- अपने वार्षिक प्रतिवेदन में अमेरिकी आयोग निःसंकोच रूप से पूरे विश्व में धार्मिक स्वतंत्रता पर होने वाले खतरों का विवरण देता है और उन खतरों के आधार पर देशों का वर्गीकरण करता है. ये वर्ग हैं – CPC, EPC और टियर 2
- CPC (countries of particular concern अर्थात् विशेष चिंता उत्पन्न करने वाले देश) का दर्जा उन देशों को दिया जाता है जहाँ धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन नियमित रूप से होता है.
- EPC (entities of particular concern अर्थात् विशेष चिंता उत्पन्न करने वाले गुट) श्रेणी में वे देश रखे जाते हैं जहाँ गैर-सरकारी गुट धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात करते रहते हैं.
- टियर 2 श्रेणी उन देशों की है जहाँ धार्मिक स्वतंत्रता का पूर्णतः उल्लंघन न होकर आंशिक रूप से खतरा बना रहता है. ऐसे देशों में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन सरकार द्वारा किया जाता है अथवा उसको सहन किया जाता है.
मुख्य तथ्य
- 2019 के रिपोर्ट में अमेरिकी आयोग ने 16 देशों को CPC में रखने का सुझाव दिया है. इनमें 10 ऐसे देश हैं जिनको गत वर्ष ही CPC का दर्जा दिया जा चुका है. शेष छह देशों को यह दर्जा अभी दिया नहीं गया है. कुल मिलाकर ये 16 देश इस प्रकार हैं – बर्मा, चीन, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (CAR), नाइजीरिया, रूस, सीरिया, उज्बेकिस्तान और वियतनाम.
- EPC का दर्जा जिन पाँच गुटों को दिया गया है, वे हैं – इराक और सीरिया का इस्लामी राज्य (ISIS), अफगानिस्तान का तालिबान, सोमालिया का अल-शबाब, यमन का हूथी तथा सीरिया का हयात तहरीर अल-शाम.
- रिपोर्ट में 12 देशों को टियर 2 में रखा गया है. ये देश हैं – अफगानिस्तान, अजरबैजान, बहरीन, क्यूबा, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया, इराक, कजाकिस्तान, लाओस, मलेशिया और तुर्की.
रिपोर्ट में भारत
- रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता में कुल मिलाकर कमी आई है.
- भारत 2009 से ही टियर 2 देश की श्रेणी में है.
- भारत में धर्म का राजनीतिकरण बढ़ गया है और धार्मिक स्वतंत्रता में कमी देखी गई है.
- पिछले दस वर्षों से भारत में अल्पसंख्यकों की दशा में ह्रास हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार जिन कारणों से हो रहा है, वे हैं – अतिवादी गुट, धर्म परिवर्तन विरोधी कानून, गोरक्षक समूह, समूह द्वारा हत्या, असम में लाखों लोगों को राष्ट्रीयता से वंचित करने का प्रयत्न, अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों को पंजीकृत नहीं करना.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Waste to Wealth Technologies
संदर्भ
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश में कूड़े के प्रबंधन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सर्वश्रेष्ठ प्रयोगों को क्रियान्वित करने के लिए केन्द्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और आईआईटी दिल्ली संयुक्त रूप से कार्य करेंगे.
मुख्य तथ्य
- वेस्ट टू वेल्थ मिशन प्रोजेक्ट को हाल ही में गठित प्रधानमंत्री की विज्ञान तकनीक तथा नवोन्मेष सलाहकार परिषद् (PM-STIAC) ने मंज़ूरी दी थी.
- इस कार्यक्रम के तहत आईआईटी दिल्ली में वेस्ट टू वेल्थ (West to Wealth) कार्यक्रम प्रबंधन केंद्र की स्थापना की जाएगी.
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों, उद्योगों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं और अन्य एजेंसियों के पास उपलब्ध तकनीक का प्रयोग कर पायलट परियोजनाओं की स्थापना कर भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ प्रयोग करना है.
- इस परियोजना का उद्देश्य कूड़े से विभिन्न तरह की ऊर्जा उत्पन्न कर भारत को कूड़ा मुक्त राष्ट्र बनाना है.
- इसके फलस्वरूप ग्रीन हाउस गैसों का शून्य उत्सर्जन होगा और स्वास्थ्य संबंधी दुष्परिणाम नहीं होंगे.
- इस कार्यक्रम के तहत आईआईटी दिल्ली में वेस्ट टू वेल्थ कार्यक्रम प्रबंधन केन्द्र की स्थापना की जाएगी.
प्रधानमंत्री की विज्ञान तकनीक तथा नवोन्मेष सलाहकार परिषद्
- यह संस्था देश में वैज्ञानिक व तकनीकी समाधान के मूल्यांकन व क्रियान्वयन के लिए कार्य करती है.
- इस संस्था ने प्रमुख वैज्ञानिक चुनौतियों के लिए नौ राष्ट्रीय मिशन को चिन्हित किया है.
- इन नौ मिशनों के द्वारा जटिल समस्याओं का समाधान किया जाएगा तथा धारित विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा.
- “वेस्ट टू वेल्थ” भी इन्हीं नौ मिशनों में से एक है.
आगे की राह
हमारे गाँव और शहरों में जगह-जगह लगे कचरे के ढेर और उनमें पनपते रोग आज गम्भीर खतरा बन चुके हैं. घर से कार्यालय या कॉलेज जाते समय और ट्रेन से किसी रेलवे स्टेशन पहुँचने से पूर्व नजर आते कचरे के पहाड़ हमारा स्वागत करते हैं. कचरे में स्थानीय मवेशी प्लास्टिक की पन्नियों को अपना भोजन बनाते हैं तो कहीं सड़े-गले कचरे के साथ इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी इनके पेट में चला जाता है. ऐसे में आज कचरे का प्रबन्धन, पुनः उपयोग और पुनर्निर्माण समय की माँग है. देश के वैज्ञानिक संस्थानों में नई तकनीकों एवं प्रौद्योगिकी के सहारे कचरे से निर्माण किया जा रहा है जिससे न केवल कचरे से निजात मिल रही है बल्कि हम वेस्ट टू वेल्थ यानी कचरे से सम्पन्नता की ओर टिकाऊ कदम बढ़ा रहे हैं.
GS Paper 3 Source: Indian Express
Topic : New SBI rules link savings bank interest to repo rate
संदर्भ
भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 1 लाख रुपये से अधिक के बैलेंस वाले बड़ी बचत जमा खाता पर और अल्पकालिक ऋणों जैसे ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट पर एक नई ब्याज दर व्यवस्था को शुरू किया है. SBI अपनी ब्याज दर को बड़े बचत जमा खातों और अल्पकालिक ऋण पर आरबीआई की रेपो दर से जोड़ दिया है जो 1 मई, 2019 से प्रभावी भी हो गया है.
मुख्य तथ्य
- SBI देश का पहला बैंक बन गया है जिसने जमा खाता और अल्पकालिक ऋणों को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा है. इसका तात्पर्य यह हुआ कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया RBI के रेपो रेट यानी की ब्याज दरें घटाने पर वह भी तुरंत अपनी ब्याज दरों को घटा देगा. यदि RBI रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंक भी ब्याज दरें बढ़ा देगा.
- इस बदलाव के तहत जिन बचत खातों में एक लाख रुपये से अधिक होंगे, उन्हें कम ब्याज मिलेगा. अब एक लाख से अधिक राशि वाले बचत खातों पर ब्याज दर 3.25 प्रतिशत होगी जो पहले 50 प्रतिशत थी.
- हालांकि, यदि रेपो दर बढ़ती है तो बड़े बचत खाते में छोटे बचत खाते की तुलना में अधिक ब्याज दर अर्जित होगी.
- एक लाख रुपये से कम पैसे रखने वाले लोगों को मिलने वाले ब्याज में कोई कटौती नहीं की गई है.
रेपो रेट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रेपो रेट वह दर होती है जिस पर वह अन्य बैंकों को कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं. रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे. इनमें होम लोन, वाहन लोन आदि शामिल होते हैं.
रिवर्स रेपो रेट
यह रेपो रेट का उल्टा होता है. RRR वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को कंट्रोल करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे.
रेपो रेट के बारे में विस्तारपूर्वक पढ़ें > Repo rate in Hindi
GS Paper 3 Source: Economic Times
Topic : RISAT 2BR1
संदर्भ
भारत अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) रॉकेट के माध्यम से रडार इमेजिंग उपग्रह RISAT 2BR1 को मई 2019 के अंत तक अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है.
- रॉकेट जो आरआईएसएटी 2बीआरआई लेकर जाएगा, को इसरो की नंबरिंग प्रणाली के अनुसार उसे पीएसएलवी-सी46 के रूप में नामित किया गया है और श्रीहरिकोटा में बने देश के पहले रॉकेट पोर्ट लॉन्च पैड से इसका प्रक्षेपण होगा.
- आरआईएसएटी 2बीआरआई के अनावरण के बाद, इसरो एक काटरेग्राफी उपग्रह काटोसैट-3 भेजेगा.
रिसैट
- रिसैट-२ (RISAT-2) भारत का एक कृत्रिम उपग्रह है जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने २० अप्रैल, 2009 को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया था. रिसैट-दो किसी भी मौसम में पृथ्वी की तस्वीर खींचने में सक्षम है और बाढ़ एवं भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में भी पता लगाने में उपयोगी है.
- रिसैट-1 को 26 अप्रैल, 2012 को प्रक्षेपित किया गया था. 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद, RISAT-2 के प्रक्षेपण को RISAT- 1 से अधिक प्राथमिकता दी गई, क्योंकि इसका C-बैंड SAR रडार अभी तक तैयार नहीं था और RISAT -2 ने एक इजरायली-निर्मित X- बैंड रडार को चलाया.
- जुलाई में रिसैट-2BR1, अक्तूबर में रिसैट-2BR2 और नवंबर में रिसैट-2B लांच किए जाएंगे. इनका उपयोग आपदाओं की भविष्यवाणी, कृषि वानिकी में किया जाएगा. रक्षा क्षेत्र में भी ये मददगार होंगे. इनके जरिए बादलों व कोहरे की स्थिति में भी उच्च विभेदन क्षमता वाली तस्वीरें ली जा सकेंगी.
Prelims Vishesh
Indian Bilateral border trade :-
- गंगटोक, सिक्किम के नाथू ला दर्रे के रास्ते भारत-चीन सीमा व्यापार का वार्षिक सत्र प्रारम्भ हो गया है.
- दोनों देशों के बीच 14 साल से इस मार्ग से व्यापार हो रहा है और यह गर्मियों के पांच माह तक चलता है.
- दोनों देशों के बीच सीमा व्यापार हर साल एक मई से 30 नवंबर के बीच सप्ताह में चार दिन होता है. यह व्यापार 44 साल के अंतराल के बाद 2006 में फिर शुरू हुआ.
- भारत और चीन के बीच तीन खुली व्यापारिक सीमाएँ हैं :- सिक्किम में नाथू ला, हिमाचल प्रदेश में शिपकिला और उत्तराखंड में लिपुलेक.
‘Operation Swift Retort’ :-
- पाकिस्तान ने बालाकोट के आतंकवादी शिविरों पर भारतीय हवाई हमलों के जवाब में 27 फरवरी को की गई उसकी जवाबी कार्रवाई को ‘ऑपरेशन स्विफ्ट रिटॉर्ट’ का नाम देना तय किया है.
- विदित हो कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से पुलवामा में किए गए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था. बढ़ते गुस्से के बीच भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया.
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