Sansar Daily Current Affairs, 03 May 2021
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Issues related to Health.
Topic : Ebola
संदर्भ
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) ने आधिकारिक तौर पर देश में 12वें इबोला प्रकोप का अंत होने की घोषणा कर दी है.
- 7 फरवरी, 2021 को देश में इबोला प्रकोप घोषित किये जाने के बाद से, कुल 12 मामले सामने आए हैं.
- कांगो की प्रतिक्रिया टीम और स्वास्थ्य भागीदारों के अनुभवों की बदौलत, महामारी पर, इसकी घोषणा के तीन महीने से भी कम समय में नियंत्रण पा लिया गया है.
EBOLA के बारे में
- Ebola वायरस एक जानलेवा वायरस है.
- इसका वायरस जंगली जानवरों से इंसान में संक्रमित होता है.
- जनता को इस रोग के प्रति जागरूक बनाने, आवश्यक औषधियाँ उपलब्ध कराने और समाज के अन्दर विशेष सावधानी रखने से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है.
- यदि रोग को शुरू ही में पकड़ लिया जाए और रोगी खूब पानी पिला जाए तो इस रोग को तेजी से बढ़ने से रोका जा सकता है.
- अभी तक इस रोग से लड़ने के लिए कोई कारगर दवा नहीं निकली है.
चिंता का विषय
- गत 2 वर्षों में कांगो में इबोला वायरस से 2275 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
- WHO के अनुसार, कांगो और कई अफ्रीकी देश टेस्ट किट और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में यहां संक्रमण के मामलों में अचानक तेज़ी दर्ज की जा सकती है.
मेरी राय – मेंस के लिए
- भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंध 1994 में दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की समाप्ति के बाद से भारत और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के बीच द्विपक्षीय संबंध तीव्रता से दृढ हुए हैं. दोनों देशों ने तब से रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध विकसित किये हैं. दोनों पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हैं और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल के पूर्ण सदस्य हैं.
- सार्वजनिक स्वास्थ्य की अत्यंत कमजोर स्थिति के कारण अफ्रीका बाह्य सहायता पर निर्भर है. अफ्रीका को इस वैश्विक महामारी में कार्य कर रहे अग्रिम पंक्ति के सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये चिकित्सा सुरक्षा उपकरण और समर्थन की आवश्यकता है. एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ अफ्रीका में लंबे समय से कार्यरत हैं, भारत और चीन ने चिकित्सा सहायता के माध्यम से अफ्रीका में अपनी पहुँच बढ़ाई है.
- भारत और अफ्रीका के बीच अनुक्रियाओं का एक दीर्घ और समृद्ध इतिहास रहा है जिसमें दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर आधारित सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक विनिमय उल्लेखनीय हैं.
- पिछले साल मई महीने में, ‘अफ्रीका-फोकस कार्य दिवस’ के मद्देनज़र, भारतीय विदेश मंत्री ने नाइजीरिया, नाइजर, बुर्किना फासो, युगांडा और माली सहित कुछ अफ्रीकी देशों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की एक श्रृंखला आयोजित की थी.
Global stockpile of Ebola vaccine :- Chapare fever :- GS Paper 2 Source : The Hindu UPSC Syllabus : Government Policies & Interventions. संदर्भ हाल ही में, मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा, फरवरी महीने में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद गुप्त रूप से भारत में प्रवेश करने वाले म्यांमार के सात नागरिकों को, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (United Nations High Commissioner for Refugees – UNHCR) से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए नई दिल्ली की यात्रा करने की अनुमति दी गई है. नॉन-रिफाउलमेंट, अंतर्राष्ट्रीय कानून के अंतर्गत एक सिद्धांत है, जिसके अनुसार अपने देश से उत्पीड़न के कारण भागने वाले व्यक्ति को उसी देश में वापस जाने के लिये विविश नहीं किया जाना चाहिये, GS Paper 3 Source : Indian Express UPSC Syllabus : Related to Space. संदर्भ अल्पकाल के लिए शुक्र ग्रह के निकट से गुजरने के दौरान, नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने एक प्राकृतिक रेडियो सिग्नल का पता लगाया, जिससे, अंतरिक्ष यान के शुक्र ग्रह के ऊपरी वायुमंडल से होकर उड़ान भरने के बारे में ज्ञात हुआ. यह, लगभग 30 वर्षों में शुक्र ग्रह के वातावरण का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण था. निष्कर्ष पृथ्वी की भांति, शुक्र ग्रह के वायुमंडल के ऊपरी भाग में विद्युत आवेशित परत पायी जाती है, जिसे आयनमंडल (Ionosphere) कहा जाता है. आवेशित गैसों, अथवा प्लाज्मा के इस महासागर से प्राकृतिक रूप से रेडियो तरंगों का उत्सर्जन होता रहता है. निहितार्थ इस खोज से इस बात की पुष्टि होती है, कि शुक्र का ऊपरी वायुमंडल भी ‘सौर चक्र’ (Solar Cycle) के दौरान पेचीदा परिवर्तनों से गुजरता है. पृष्ठभूमि समान प्रक्रियाओं से निर्मित हुए, पृथ्वी और शुक्र को जुड़वां ग्रह कहा जाता है. दोनों ग्रहों पर चट्टानी धरातल, समान आकार और संरचना पायी जाती है. लेकिन, उत्पत्ति के समय से ही दोनों ग्रहों के मार्ग भिन्न थे. शुक्र ग्रह पर चुंबकीय क्षेत्र का अभाव है, और इसकी सतह का तापमान, सीसा को पिघलाने के लिए आवश्यक तापमान से अधिक है. GS Paper 3 Source : Indian Express UPSC Syllabus : Disaster management. संदर्भ असम में आए भूकंप ने हिमालयन फ्रंटल श्रस्ट (Himalayan Frontal Thrust) भ्रंश रेखा पर भूकपीय खतरे के प्रति सचेत किया है. हाल ही में, असम में रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. इसके उपरांत 6 पश्चात्वर्ती आघात (आफ्टरशॉक्स) आए थे, जिनकी तीव्रता 3.2 से 4.7 के बीच थी. यह घटना हिमालयन फ्रंटल श्रस्ट के निकट कोपिली फॉल्ट के निकट घटित हुई है. इस घटना को मेन फ्रंटल श्रस्ट (Main Frontal Thrust: MFT) के रूप में भी जाना जाता है. MFT धान भारतीय और यूरेशियन विवर्तनिकी प्लेटों की सीमा से संलग्न एक भूवैज्ञानिक भ्रंश है. भारत और यूरेशिया के मध्य अतिबृहत हिमालय पर्वत शृंखला से संलग्न प्लेटों के टकराव वाला क्षेत्र विश्व के सर्वाधिक भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्रों में से एक है. भ्रंश, चट्टानों के दो खंडों के मध्य विभंजन (दीर्घ दरार) या विभमंजनों का क्षेत्र होता है. भ्रंश परिदृश्य में पर्वत के दोनों खंड एक दूसरे के आमने-सामने समानांतर पर स्थित (मगर अस्थिर अवस्था में) होते हैं. यह अस्थिरता भूकंप के रूप में तेजी से हो सकती है या शनैः शनैः सरकने के रूप में हो सकती है. Pyhthon-5 :- UK first country to green light “self-driving” cars on roads :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi February, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Download इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
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