Sansar Daily Current Affairs, 03 November 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Companies Amendment (Ordinance), 2018
संदर्भ
हाल ही में राष्ट्रपति ने कंपनी अधिनियम संशोधन (अध्यादेश), 2018 पर अपनी सहमति दे दी है. यह अध्यादेश कम्पनी अधिनियम, 2013 के अधीन अपराधों की समीक्षा के लिए लाया गया है.
मुख्य संशोधन
- इसमें 16 प्रकार के कॉर्पोरेट अपराधों का क्षेत्राधिकार विशेष न्यायालयों से हटाकर कम्पनी के अधीन सौंपा गया है. इससे यह अपेक्षा की जा रही है कि विशेष न्यायालयों पर इस समय सुनवाई का जो बोझ है, वह 60% घट जाएगा और वे अधिक गंभीर कॉर्पोरेट अपराधों की विचारणा पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे.
- संशोधन द्वारा छोटी कंपनियों और एक व्यक्ति वाली कंपनियों पर लगाये जाने वाले दंड को सामान्य कंपनियों की तुलना में आधा कर दिया गया है.
- अब कंपनियों के अन्दर एक पारदर्शी एवं तकनीक से युक्त अंदरूनी निर्णय प्रणाली होगी जो ऑनलाइन होगी. इसके द्वारा लिए गये निर्णय वेबसाइट पर प्रकाशित किए जायेंगे.
- संशोधन में राष्ट्रीय कम्पनी कानून पंचाट (National Company Law Tribunal – NCLT) के कार्यभार को हल्का करने का विधान किया गया है. इस उद्देश्य को पाने के लिए अब क्षेत्रीय निदेशक के दंडात्मक क्षेत्राधिकार को बड़ा किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त केन्द्रीय सरकार को यह शक्ति दी जा रही है कि यदि कोई कम्पनी वित्तीय वर्ष में बदलाव चाह रही है तो इस पर वह अपनी स्वीकृति दे सकती है. साथ ही, केन्द्रीय को यह भी शक्ति दी जा रही है कि वह किसी कम्पनी को सार्वजनिक कम्पनी से निजी कम्पनी में परिवर्तन के मामलों में मंजूरी दे सकती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Society for worldwide interbank financial telecommunication
संदर्भ
हाल ही में अमेरिकी कोषागार के प्रमुख Steven Mnuchin ने घोषणा की है कि अमेरिका चाहता है कि विश्व-व्यापी भुगतान नेटवर्क अपनी सेवायें उन इकाइयों को न दे जो ईरान पर लगाये गए प्रतिबंधों से प्रभावित हुए हैं. साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि ऐसा नहीं करने पर SWIFT पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
भूमिका
अमेरिका ईरान के साथ हुए आणविक समझौते के द्वारा पहले उठा लिए गये प्रतिबंधों को नवम्बर पाँच से दुबारा लागू करने जा रहा है. इन प्रतिबंधों से ईरान के ऊर्जा, बैंकिंग तथा जहाजरानी प्रक्षेत्र दुष्प्रभावित होंगे.
SWIFT क्या है?
- SWIFT का पूरा नाम “Society for worldwide interbank financial telecommunication” है अर्थात् “विश्वव्यापी अंतरबैंक वित्तीय दूरसंचार सोसाइटी” है.
- यह एक सहकारी संस्था है जिसमें विश्व के कई देश सदस्य हैं.
- इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में है.
- इसकी स्थापना 1973 में 15 देशों के 239 बैंकों के एक समूह ने की थी.
- इसका उद्देश्य एक सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक सन्देश सेवा (Secured Electronic Messaging Service) विकसित करना तथा सीमा-पार भुगातान की सुविधा के लिए सर्व-सामान्य मानक लागू करना है.
- इसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 26 मिलियन वित्तीय संदेशों का आदान-प्रदान होता है. इसकी सन्देश सेवा का उपयोग करने के लिए ग्राहक को इससे जुड़ना होता है.
कार्य
- SWIFT भुगतान आदेश भेजता है, जिसके आधार पर सम्बंधित प्रतिष्ठान एक-दूसरे के खातों के माध्यम से आगे की कार्रवाई कर सकते हैं.
- SWIFT केवल संदेशों का हस्तांतरण करता है न कि धनराशि का.
- स्विफ्ट एक बैंक से दूसरे बैंक तक सन्देश ले जाता है. इस प्रकार यह एक सुरक्षित वित्तीय सन्देश वाहक है.
- स्विफ्ट के द्वारा भेजा गया सन्देश सुरक्षित होता है क्योंकि इसके माध्यम से एक बैंक यदि दूसरे बैंक को संदेश देता है तो इस आदान-प्रदान की जानकारी किसी तीसरे बैंक को नहीं हो पाती है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Turga Pumped Storage
संदर्भ
हाल ही में भारत और जापान ने जापानी सरकार विकास सहायता ऋण (Japanese Official Development Assistance loan) के अंतर्गत एक ऋण-समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. इस ऋण से 1817 करोड़ रु. की सहायता से तुर्गा पम्प जल भंडार का निर्माण किया जाएगा.
तुर्गा पम्प जल-भंडार परियोजना क्या है?
- तुर्गा पम्प जल-भंडार परियोजना (Turga Pumped Storage Project) पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित अयोध्या पहाड़ियों में बहने वाले तुर्गा नाले पर कार्यान्वित की जायेगी.
- इस परियोजना में वर्षा के पानी का उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाएगा.
- इसके लिए तुर्गा नाला के आर-पार ऊपर एक बाँध बनेगा और साथ ही पानी ले जाने की प्रणाली तैयार की जायेगी जिससे इस बाँध और नीचे के एक दूसरे बाँध के बीच बिजली-घर बनाया जाएगा जो धरातल के नीचे होगा.
- तुर्गा नाम स्वर्णरेखा नदी का एक सहायक जलप्रवाह है जिसकी जलछाजन क्षेत्र 4.37 वर्ग किलोमीटर का है.
- इस परियोजना के लागू होने से न केवल बिजली की आपूर्ति सुदृढ़ होगी अपितु इससे पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास के साथ-साथ लोगों के जीवन-स्तर में सुधार आएगा.
महत्त्व
विदित हो कि भारत और जापान 1958 से आपस में द्वि-पक्षीय विकास सहयोग करते रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों से इस सहयोग में लगातार प्रगति हुई है. यह परियोजना भारत और जापान के बीच रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी को और भी सुदृढ़ करेगी.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Support Initiatives for MSME Sector
संदर्भ
हाल ही में प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (Micro, Small and Medium Enterprises – MSME) प्रक्षेत्र के लिए 12 बड़े निर्णय लिए हैं जिससे इस प्रक्षेत्र का देश-भर में विस्तार एवं वृद्धि संभव हो सके.
12 नए निर्णय कौन से हैं?
- MSME के लिए ऋण की सुविधा को सरल बनाने के लिए 59 मिनट ऋण नामक एक पोर्टल बनाया गया है. इसके माध्यम से मात्र 59 मिनटों में एक करोड़ रु. के ऋण की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी जायेगी.
- GST में पंजीकृत सभी MSME को नए अथवा बढ़ोतरी से जुड़े ऋण पर 2% ब्याज की आर्थिक सहायता दी जायेगी. जो निर्यातक जहाज के प्रस्थान के पहले और बाद में ऋण लेते हैं उनके लिए ब्याज की छूट 3% से बढ़ाकर 5% कर दी जायेगी.
- 500 करोड़ रु. से अधिक टर्न ओवर वाली कंपनियों को अनिवार्य रूप से Trade Receivables e-Discounting System (TReDS) नामक पोर्टल से जुड़ना होगा. इस पोर्टल पर आने से व्यवसाइयों को बैंक से ऋण की सुविधा उनके आगामी प्राप्तियों के आधार पर मिलगी. इससे नकद चक्र से सम्बंधित उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा.
- MSME कंपनियों से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अपने सम्पूर्ण क्रय का 20% लेने का वर्तमान में नियम है. परन्तु अब इस क्रय सीमा को बढ़ाकर 25% कर दिया गया है.
- इस 25% अनिवार्य क्रय में 3% महिला व्यवसाइयों के लिए आरक्षित होगा.
- अब भारत सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अनिवार्य रूप से GeM अर्थात् Government e-Marketplace से जुड़ना होगा. यही नहीं उन्हें अपने सभी वेंडरों को GeM में पंजीकृत भी कराना होगा.
- देश-भर में 20 हब और सौ टूल रूम स्थापित किये जायेंगे.
- फार्मा से सम्बंधित MSME कंपनियों के संकुल बनाए जाएँगे जिसके लिए 70% लागत का वहन भारत सरकार करेगी.
- आठ प्रकार के श्रमिक कानून तथा 10 संघीय विनियमों से सम्बंधित प्रतिवेदन हब वर्ष में एक बार जमा करने होंगे.
- इन कार्यालयों की जाँच के लिए कौन निरीक्षक जाएगा, इसका निर्णय अब एक कंप्यूटरीकृत आवंटन से तय होगा.
- वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण कानूनों से सम्बंधित अनुमति अब एक साथ ही दी जायेगी.
- एक ऐसा अध्यादेश लाया गया है (जो आज का पहला DCA news है) जिसके अनुसार अब कम्पनी अधिनियम के छोटे-छोटे उल्लंघनों के लिए व्यवसायी को न्यायालय नहीं जाना होगा और इनका निस्तारण सरल प्रक्रियाओं के माध्यम से कर दिया जाएगा.
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) विश्व की अधिकांश अर्थव्यस्थाओं का मेरुदंड होते हैं और विकासशील देशों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
- अंतर्राष्ट्रीय लघु व्यवसाय परिषद् (International Council for Small Business – ICSB) के द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों के अनुसार इस प्रकार के उद्योग सभी उद्योगों का 90% होते हैं. साथ ही इनसे सम्पूर्ण रोजगार का 60-70% रोजगार होता है और GDP का 50% आता है.
- MSME में काम करने वाले लोग अधिकतर वंचित क्षेत्रों से आते हैं, जैसे – स्त्रियाँ, गरीब घरों के युवा और अन्य लोग. कई बार तो ऐसा देखा जाता है कि छोटे उद्योग गाँवों में आजीविका के एकमात्र स्रोत होते हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : NASA’s Orion spacecraft
संदर्भ
आगामी वर्षों में चंद्रमा और उसके पार अन्तरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए निर्मित NASA के नए ओरियन (Orion) अंतरिक्षयान के लिए यूरोप के एयर-बस ने एक पॉवर हाउस अर्थात् बिजली घर दिया है. इस “पॉवर हाउस” का नाम European Service Module है. यह मोड्यूल (ESM) अंतिरक्षयान को ऊपर ले जाने और बिजली तथा तापीय नियन्त्रण की सुविधा देने के काम आएगा. साथ ही यह ओरियन के अन्तरिक्ष यात्रियों तक उपभोग्य वस्तुएँ भी पहुँचाएगा. ऐसा पहली बार हो रहा है कि NASA एक अमेरिकी अन्तरिक्षयान के लिए किसी यूरोप में बनी प्रणाली को इतने महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए प्रयोग करेगा.
Orion क्या है?
- NASA के अन्तरिक्षयान को इसलिए बनाया गया है कि मानव को उतनी दूर तक पहुँचाया जाए जहाँ तक वह आज तक नहीं गया है.
- Orion एक अन्वेषी यान के रूप में कार्य करेगा. यह अन्तरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में ले जाएगा और इसमें यह सुविधा होगी कि आपातकाल में यात्री इससे बाहर सुरक्षित निकल आएँ. पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने के समय यह अन्तरिक्ष यान सुरक्षित रहेगा.
- ओरियन NASA के नए भारी रॉकेट- Space Launch System के द्वारा अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा.
- यह रॉकेट विश्व का सबसे शक्तिशाली रॉकेट होगा.
Prelims Vishesh
Dharma Guardian 2018 :-
- मिज़ोरम में भारत और जापान अपना पहला संयुक्त सैन्य-अभ्यास कर रहे हैं.
- इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दो देशों के सेनाओं के बीच आपसी समझ और सम्मान बढ़ाना है तथा साथ ही विश्वव्यापी आतंकवाद को पता लगाने की सुविधा प्रदान करेगा.
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