Sansar Daily Current Affairs, 03 September 2021
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Fake News
संदर्भ
पिछले वर्ष तब्लीगी जमात के आयोजन पर कुछ मीडिया चैनलों द्वारा सांप्रदायिक रंग दिए जाने के खिलाफ दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा है कि कुछ निजी मीडिया संस्थानों द्वारा हर मुद्दे को साम्प्रदायिक रंग दे दिया जाता है. इससे देश की छवि धक्का पहुँचता है. इसके अतिरिक्त CJI ने सोशल मीडिया मंचों को असत्य समाचार (fake news) रोकने की उनकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जवाबदेहिता की कमी के लिए फटकार लगाई है.
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से फेक न्यूज के प्रसारण को रोकने के लिए विद्यमान सरकारी तंत्र/व्यवस्था के बारे में पूछा है और कहा है कि यदि ऐसा कोई तंत्र नही है तो वे इसके निर्माण के लिए कार्य करें. जवाब में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार नए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिये दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 लेकर आई है. इनके अंतर्गत सोशल मीडिया मंचों द्वारा शिकायतों के निस्तारण के लिए एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. ये व्यक्ति भारत के निवासी होंगे.
असत्य समाचार किसे कहते हैं?
असत्य समाचार वे समाचार हैं जिन्हें प्रिंट, समाचार मीडिया अथवा इन्टरनेट पर आधारित सोशल मीडिया के माध्यम से जान-बूझकर गलत सूचना देने के लिए तैयार किया जाता है. असत्य समाचार को लिखने और प्रकाशित करने का उद्देश्य लोगों को गुमराह कर आर्थिक अथवा राजनीतिक लाभ उठाना है. ये अधिकतर सनसनीखेज और अतिश्योक्तिपूर्ण होते हैं. इनके शीर्षक जानबूझकर पूर्णतया झूठे बनाए जाते हैं जिससे कि लोगों का ध्यान खींचा जा सके.
असत्य समाचार के खतरे
✓ राजनैतिक : ऐसे समाचार जनमत को भटकाने अथवा उनके ध्रुवीकरण के लिए प्रकाशित होते हैं. कई ऐसे असत्य समाचार प्रकाशित किये जाते हैं जिससे भारत की छवि को विदेश में कलंकित किया जाता है.
✓ धार्मिक : कुछ असत्य समाचारों में किसी विशेष धार्मिक विचारों की सराहणा होती है और किसी विशेष धर्म की निंदा.
✓ आपराधिक : ऐसे समाचारों में अपराध को सनसनीखेज बनाकर लोगों में व्यर्थ का भय उत्पन्न किया जाता है.
✓ आर्थिक ठगी : असत्य समाचारों का प्रयोग लोगों को आर्थिक झाँसा देने के लिए भी किया जाता है.
असत्य समाचारों को कैसे रोका जाए?
- असत्य समाचारों को रोकने के लिए स्वतंत्र विश्वसनीय और कारगर प्रेस नियमों की आवश्यकता है.
- बड़े मीडिया चलाने वालों को चाहिए कि वे सोशल मीडिया का उपयोग करके सच्चाई को सामना लाएँ और असत्य समाचारों की जाँच-पड़ताल कर उनका खंडन करें.
- मीडिया के स्वामित्व को नियंत्रित करना भी आवश्यक है. ऐसा कई बार देखा जाता है कि मीडिया के कई मालिक अत्यंत सशक्त हो जाते हैं और समाचारों के एजेंडा को प्रभावित करने लगते हैं.
- असत्य समाचारों को कानूनी परिभाषा में लाया जाए तथा इसके लिए भारी दंडात्मक प्रावधान लाये जाएँ.
- असत्य समाचारों से उत्पन्न मामलों के विरुद्ध शिकायतों को दूर करने के लिए एक प्रणाली बनाई जाए तथा ऐसी शिकायतों को दूर करने के लिए पंचाट की व्यवस्था हो.
- लोगों में डिजिटल मीडिया का ज्ञान बढ़ाया जाए जिससे वे किसी असत्य समाचार की छानबीन स्वयं कर सकें और अपना मंतव्य दे सकें.
- ऐसे तकनीकी उपाय किये जाएँ जिससे किसी समाचार की विश्वसनीयता को जाँचा जा सके.
Beyond Fake News Project British Broadcasting Corporation (BBC) ने एक नया अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य गलत सूचना देने और असत्य समाचार प्रसारित करने की रोकथाम करना है. GS Paper 2 Source : PIB UPSC Syllabus : Appointment to various Constitutional posts, powers, functions and responsibilities of various Constitutional Bodies. संदर्भ लोकसभा में उपाध्यक्ष (Deputy-speaker) का पद पिछले कई महीनों से खाली है. संबंधित प्रकरण संविधान के अनुच्छेद 93 में लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, दोनों के निर्वाचन का प्रावधान किया गया है. भूमिका एवं कार्य लोकसभा अध्यक्ष के, बीमारी के कारण अवकाश अथवा मृत्यु हो जाने पर या किसी कारण से अनुपस्थित होने पर, उपाध्यक्ष, पीठासीन अध्यक्ष के रूप में कार्यों का निर्वहन करता है. निर्वाचन कार्यकाल एवं पदत्याग लोकसभा अध्यक्ष की भांति, उपाध्यक्ष भी सदन के जीवनपर्यंत पद धारित करता है. हालंकि, वह निम्नलिखित तीन स्थितियों द्वारा अपना पद त्याग सकता है: GS Paper 2 Source : Indian Express UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora- their structure, mandate. Disaster and disaster management. संदर्भ अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता पर काबिज हो जाने से अफ़ग़ानिस्तान की दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में सदस्यता पर प्रश्नचिन्ह लग गये हैं. उल्लेखनीय है कि आगामी सार्क सम्मलेन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होना है तथा सदस्यों को निमंत्रण दने का कार्य मेजबान देश का होता है. तालिबान द्वारा मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन एवं हिंसक गतिविधियों वाले इतिहास को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, इसी के चलते संयुक्त राष्ट्र भी अब अफ़ग़ानिस्तान की सदस्यता पर विचार करन वाला है| हालाँकि भारत सरकार, तालिबान के साथ लगातार वार्ताएँ कर रही है एवं यदि तालिबान अफ़ग़ानिस्तान के शासन में कुछ प्रगतिशील बदलावों के साथ आता है तो भारत, तालिबान के सम्बन्ध में अपनी नीति में कुछ संशोधन कर सकता है. ज्ञातव्य है कि वर्ष 2007 में राष्ट्रपति हामिद करज़ई के नंतृत्व वाले अफ़ग़ानिस्तान को आठवें सदस्य के रूप में शामिल किया गया था. उद्देश्य GS Paper 3 Source : PIB UPSC Syllabus : Economy. संदर्भ अगस्त माह में भारत का व्यापारिक निर्यात 33.14 बिलियन डॉलर के करीब पहुँच गया. यह गत वर्ष की तुलना में 45.17% अधिक और अगस्त 2019 के पूर्व-महामारी स्तर से 27.5% अधिक है. Durand Line :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi August,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
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विवरण
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