Sansar Daily Current Affairs, 04 August 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Anganwadi Centres (AWCs)
सन्दर्भ
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने हाल ही में यह आँकड़ा प्रकाशित किया है कि देश भर में 1.6.2018 को कुल 13.63 लाख आँगनबाड़ी केंद्र (ग्रामीण एवं शहरी) कार्य कर रहे हैं. यह भी सूचना दी गई है कि शहरी क्षेत्रों में 1.36 लाख आँगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं.
दी गई जानकारी के अनुसार 24.3% आँगनबाड़ी केंद्र किराए के भवनों में चल रहे हैं.
आँगनबाड़ी केंद्र क्या हैं?
आँगनबाड़ी भारत में संचालित एक देखभाल केंद्र हैं जिसमें माताओं और बच्चों का ध्यान रखा जाता है. इनकी स्थापना भारत सरकार द्वारा 1975 में चालू किये गये समेकित बाल विकास सेवा कार्यक्रम के तहत बाल कुपोषण की रोकथाम करने के लिए की गई थी.
ये केंद्र 6 प्रकार की सेवाएँ प्रदान करते हैं –
- पूरक पोषाहार (supplementary nutrition)
- रेफेरल सेवा (referral services)
- टीकाकरण (immunisation)
- स्वास्थ्य जाँच (health check-up)
- स्कूल-पूर्व अनौपचारिक शिक्षा (pre-school non-formal education)
- स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा (health and nutrition education)
उपर्युक्त सेवाएँ महिलाओं और बच्चों को दी जाती हैं.
आँगनबाड़ी केन्द्रों की समस्याएँ
- 1/3 आँगनबाड़ी केन्द्रों में न तो शौचालय हैं और न ही पेय जल की सुविधा है.
- जहाँ तक पेय जल का प्रश्न है महाराष्ट्र में 53.47% केन्द्रों में पेय जल की सुविधा है जबकि मणिपुर में केवल 21% केन्द्रों में यह सुविधा है.
- शौचालय के मामले में सबसे आगे ओडिशा है जहाँ 52.64% आँगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय हैं. सबसे का शौचालय मणिपुर (27.05%) में है.
समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) क्या है?
- यह केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है जो महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित होती हैं.
- ICDS का उद्देश्य बच्चों को पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य देखभाल और स्कूल-पूर्व शिक्षा दी जाती है.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के अतिरिक्त महिलाओं को भी सभी आधारभूत सेवाएँ प्रदान की जाती हैं.
- समय के साथ यह योजना शहरी झुग्गी-झोपड़ियों में भी चालू कर दी गई है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : SBM- Gramin
सन्दर्भ
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वच्छ भारत अभियान – ग्रामीण (SBM-G) के अंतर्गत सफाई पर पहले से अधिक बल दिए जाने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर संभावित प्रभाव के विषय में एक प्रगति-प्रतिवेदन जारी किया है.
प्रतिवेदन के मुख्य तत्त्व
- यह अनुमान है कि स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) सफल होने पर 2014-2019 के बीच की अवधि में अतिसार (diarrhea) एवं प्रोटीन की कमी से होने वाली 3 लाख से अधिक मौतें टाली जा सकेंगी.
- अगस्त 2, 2018 तक 89.07% गाँवों में स्वच्छता कार्यक्रम लागू किया जा चुका है.
- SBM-G के अंतर्गत अब तक 19 राज्य तथा केन्द्र-शाषित क्षेत्र खुले शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं और 7.9 करोड़ शौचालय निर्मित हो चुके हैं.
- कुल मिलकर 421 जिले खुले शौच से मुक्त (Open Defecation Free – ODF) हो चुके हैं.
- जहाँ तक गाँवों का प्रश्न है देश के 4.9 लाख गाँव खुले शौच मुक्त घोषित हो चुके हैं.
- WHO के रिपोर्ट के अनुसार SBM-G शुरू होने से पहले स्वच्छता की दशा अच्छी नहीं होने के कारण हर वर्ष 1 करोड़ 99 लाख अतिसार के मामले होते थे.
- इस योजना का लक्ष्य 2019 तक शत प्रतिशत गाँवों को इस कार्यक्रम के अन्दर लाना है.
SBM-ग्रामीण क्या है?
स्वच्छ भारत अभियान – ग्रामीण (SBM-G) 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था. यह स्वच्छता के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है.
उद्देश्य : इस अभियान का उद्देश्य है महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती अर्थात् 2 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ एवं खुले शौच से मुक्त भारत का निर्माण किया जाए.
महत्त्व: इस योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण भारत में ठोस एवं तरल कचरा निपटारे तथा गाँवों को खुले शौच से मुक्त बनाने से स्वच्छता का स्तर ऊँचा होगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Vidya Lakshmi Portal
सन्दर्भ
डिजिटल गतिविधि का क्रियान्वयन करते हुए कर्नाटक बैंक ने भारत सरकार के विद्या लक्ष्मी पोर्टल से अपनी शिक्षा ऋण योजना को जोड़ दिया है.
विद्या लक्ष्मी पोर्टल क्या है?
विद्या लक्ष्मी पोर्टल अपनी तरह का एक ऐसा पहला पोर्टल है जो शिक्षा ऋण चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है.
- इस पोर्टल का निर्माण आर्थिक कार्य विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्चतर शिक्षा विभाग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) तथा भारतीय बैंक संघ (IBA) के मार्गदर्शन के अनुसार किया गया है.
- इस पोर्टल का निर्माण NSDL ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किया गया है और यही संस्था इसका संधारण भी करती है.
- इस पोर्टल के सहारे छात्र शिक्षा ऋण के लिए कभी-भी और कहीं-भी बैंक में आवेदन दे सकते हैं और दिए गये आवेदन पर होने वाले कार्य की प्रगति को देख सकते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National Sports University Bill, 2018
संदर्भ
लोक सभा ने हाल ही में राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2018 पारित किया है जिसका उद्देश्य खेलकूद शिक्षा, अनुसंधान एवं कोचिंग के लिए देश का पहला राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित करना है. यह विश्वविद्यालय मणिपुर के इम्फाल में बनेगा.
विधेयक के मुख्य तत्त्व
लक्ष्य : इस विश्वविद्यालय के मुख्य लक्ष्य होंगे –
- शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विज्ञान से सम्बंधित अनुसंधान, विकास एवं ज्ञान-प्रसार
- शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना
- विभिन्न स्तरों पर क्षमताओं, कौशल एवं दक्षता का सृजन
- प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाना
विश्वविद्यालय से सम्बंधित संस्थाएँ : विधेयक में कई संस्थाओं की परिकल्पना है, जैसे – न्यायालय, कार्यकारिणी परिषद्, अकादमिक एवं गतिविधि परिषद्, खेलकूद अध्ययन बोर्ड इत्यादि.
केन्द्र सरकार की भूमिका : केंद्र सरकार समय-समय पर विश्वविद्यालय की कार्यों की समीक्षा और निरीक्षण करेगी. निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर कार्यकारिणी परिषद् आवश्यक कार्रवाई करेगी. केंद्र सरकार को यह अधिकार होगा कि यदि विश्वविद्यालय कोई ऐसा काम करता है जो अधिनियम के अनुरूप न हो तो वह उसे निरस्त कर सकती है.
वित्त : विश्वविद्यालय को केंद्र सरकार और राज्य सरकार से वित्त प्राप्त होगा. साथ ही यह छात्रों से शुल्क एवं किसी अन्य स्रोत से अनुदान अथवा उपहार लेगा.
महत्त्व : मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के परिणामस्वरूप देश के युवाओं और विशेषकर उत्तर पूर्वी राज्यों के युवाओं को बीपीईडी, एमपीईडी, डिप्लोमा /सर्टिफिकेट कोर्स जैसे कोचिंग, फिजियोथेरेपी, फिटनेस, स्पोर्ट्स प्रभृति पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने अवसर मिलेगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Strategic Investment Fund under NIIF
सन्दर्भ
राष्ट्रीय निवेश एवं आधारभूत संरचना निधि (National Investment and Infrastructure Fund- NIIF) के अंतर्गत तीन निधियाँ स्थापित हुई हैं और उन्हें SEBI में पंजीकृत किया गया है.
वे निधियाँ हैं – राष्ट्रीय निवेश एवं आधारभूत संरचना निधि (मुख्य निधि), NIIF निधियों की निधि – I तथा राष्ट्रीय निवेश एवं आधारभूत संरचना निधि II (रणनीतिक निधि) —– National Investment and Infrastructure Fund (or Master Fund), NIIF Fund of Funds – I, National Investment and Infrastructure Fund II (‘Strategic Fund’)—–
रणनीतिक निधि (Strategic Fund) का उद्देश्य
- रणनीतिक निधि अर्थात् राष्ट्रीय निवेश एवं आधारभूत संरचना निधि II का उद्देश्य शेयर और शेयर से जुड़े हुए दस्तावेजों में निवेश करना है.
- यह अधिकतर मुख्य आधारभूत संरचना क्षेत्र में ग्रीन फील्ड और ब्राउन फील्ड के निवेश पर ध्यान देगी.
NIIF क्या है?
NIIF की स्थापना 2015 में आधारभूत संरचना क्षेत्र की व्यावसायिक रूप से लाभदायक ग्रीनफील्ड, ब्राउनफील्ड एवं अवरुद्ध परियोजनाओं में निवेश करने के लिए की गई थी. यह ऊर्जा, परिवहन, आवास, जल, कचरा निपटान तथा अन्य आधारभूत संरचना से सम्बंधित क्षेत्रों में निवेश करता है.
इस निधि में 40,000 हजार करोड़ रूपये की पूँजी होगी जिसमें 49% धन सरकार निवेश करेगी और शेष धन तृतीय-पक्ष (third-party) निवेशकों, जैसे – सॉवरेन संपदा कोष (sovereign wealth funds), बीमा तथा पेंशन कोष, दान इत्यादि से उगाहा जायेगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Kadaknath chicken meat from Jhabua gets GI tag
सन्दर्भ
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सुप्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा माँस को हाल ही में भौगोलिक संकेत टैग (Geographical Indication – GI) tag मिला है. यह टैग लगभग पाँच वर्षों के लिए अर्थात् 7 फरवरी, 2022 तक के लिए मान्य होगा.
कड़कनाथ मुर्गा
- कड़कनाथ मुर्गा अपने स्वादिष्ट काले मांस (‘kali-masi’) के लिए जाना जाता है. लोग मानते हैं कि यह मांस बल प्रदान करने वाला और औषधीय गुणों से भरा हुआ होता है.
- इस मुर्गे का पंख काला होता है और मांस भी काला ही होता है. यह दावा किया जाता है कि इसके मांस में अन्य मुर्गों की तुलना में कोलेस्ट्रोल कम होता है.
- कड़कनाथ मुख्य रूप से झाबुआ और धार जिलों में पाया जाता है. इसे भील एवं भिलाल जनजाति समुदाय पालते हैं.
- काला-मासी के नाम से प्रसिद्ध कड़कनाथ के मांस का उपयोग कई रोगों के उपचार और बल बढ़ाने के लिए किया जाता है.
GI Tag
- GI का full-form है – Geographical Indicator
- भौगोलिक संकेतक के रूप में GI tag किसी उत्पाद को दिया जाने वाला एक विशेष टैग है.
- नाम से स्पष्ट है कि यह टैग केवल उन उत्पादों को दिया जाता है जो किसी विशेष भगौलिक क्षेत्र में उत्पादित किये गए हों.
- यदि आपको कुछ उदाहरण दूँ तो शायद आप इसे और अच्छे से समझोगे….जैसे – बनारसी साड़ी, कांचीपुरम की साड़ी, मालदा आम, मुजफ्फरपुर की लीची, बीकानेरी भुजिया, कोल्हापुरी चप्पल, अलीगढ़ का ताला आदि.
- इस tag के कारण उत्पादों को कानूनी संरक्षण मिल जाता है.
- यह टैग ग्राहकों को उस उत्पाद की प्रामाणिकता के विषय में आश्वस्त करता है.
- डब्ल्यूटीओ समझौते के अनुच्छेद 22 (1) के तहत GI को परिभाषित किया गया है.
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