Sansar Daily Current Affairs, 04 October 2018
GS Paper 1 Source: PIB
Topic : First Regional Conference on ‘Women in Detention and Access to Justice’
संदर्भ
गृह मंत्रालय का पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (Bureau of Police Research and Development – BPR&D) शिमला में हिमाचल प्रदेश के कारागार विभाग के सहयोग से “बंदी महिलाएँ और न्याय तक पहुँच / Women in Detention and Access to Justice” विषय पर पहला क्षेत्रीय सम्मलेन आयोजित कर रहा है.
सम्मलेन के उद्देश्य
- इस सम्मलेन का उद्देश्य सभी श्रेणियों के कारा-कर्मियों को एक ऐसा राष्ट्रीय पहल उपलब्ध कराना है जहाँ वे न केवल अपने समकक्ष कर्मियों वरन् इस विषय में राष्ट्रीय प्रसिद्धि वाले अन्य विशेषज्ञों के साथ कारा संचालन के साथ-साथ उससे जुड़ी प्रशासनिक समस्याओं के सम्बन्ध में अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें.
- सम्मलेन चाहता है की सुधारात्मक प्रशासन के संचालन से जुड़ी सर्वोत्तम प्रथाओं एवं मानकों का पता लगाया जाए जिससे की वस्तुनिष्ठ रीति से कारा सुधार लाने में वर्तमान में देखी जा रही नई चुनौतियों का समाधान हो सके.
- एक ओर ऐसे सम्मेलन से जहाँ देश-भर के सुधारात्मक प्रशासनों के कार्यकलाप से सम्बन्धित अनुसंधान तथा विकासात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा वहीं विभिन्न सुधारात्मक प्रशासनों में व्यावसायिक ढंग से वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने को बढ़ावा मिलेगा.
आँकड़े
- 2015 में भारत के विभिन्न कारागारों में 4,19,623 व्यक्ति थे जिनमें 17,834 (लगभग 4.3%) महिलाएँ थीं. इनमें 11,916 (66.8%) विचाराधीन बंदी थे.
- महिला बंदियों की संख्या में बढ़ोतरी का रुझान देखा जाता रहा है. 2000 में जहाँ महिला बंदियों का प्रतिशत 3.3% था, वहीं 2015 में यह 4.3% हो गया था.
- महिला बंदियों में 50% की आयु 30 से 50 वर्ष है जबकि 18 से 30 वर्ष की महिलाओं का प्रतिशत 31.3% है.
- भारत में सब मिलाकर 1,401 कारागार हैं. पर महिलाओं के लिए अलग कारागारों की संख्या मात्र 18 है जिनमें 2,985 बन्दियाँ रहती हैं. इस प्रकार अधिकांश महिला बंदियाँ साधारण कारागारों के उस हिस्से में रहती हैं जो महिलाओं के लिए बनाई गई हैं.
सुधार की आवश्यकता क्यों?
- महिला बंदियों की दशा पुरुष बंदियों की तुलना में बहुत बुरी है. इसके कई कारण हैं, जैसे – सामाजिक लांछना, परिवार अथवा पति पर उनकी आर्थिक निर्भरता आदि. महिला बंदी की कठिनाइयाँ तब और भी बढ़ जाती हैं जब उसके बच्चे भी हों.
- महिला कारा-कर्मियों की कमी के कारण बंदियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई कारागारों में इस कारण पुरुष कर्मी भी तैनात करने पड़ते हैं जो वांछनीय नहीं है.
- महिलाओं को पौष्टिक और शारीरिक आवश्यकताओं के अनुरूप भोजन नहीं दिया जाता है.
- कारागार से छूटने के बाद महिला को समाज में फिर से घुलने-मिलने में समस्या होती है. कुछ महिलाओं को कारावास से जुड़ी लांछना के कारण परिवार द्वारा छोड़ दिया जाता है अथवा उन्हें परेशान किया जाता है.
- बच्चों की कस्टडी की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण कालान्तर में महिलाओं का उनसे सम्पर्क टूट जाता है.
- महिलाओं के यौन उत्पीड़न, उनके प्रति हिंसा अथवा दुर्व्यवहार के मामलों के समाधान के लिए शिकायत-निवारण का एक सुदृढ़ तन्त्र स्थापुत करने की भी आवश्यकता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Rashtriya Vayoshri Yojana Camp
संदर्भ
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय वयोश्री योजना (Rashtriya Vayoshri Yojana – RVY) के अन्दर गरीबी-रेखा के नीचे की श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों को ऐसे उपकरण आदि बाँटे जाते हैं जिनसे वे अपना जीवन अच्छी तरह बिता सकें. हाल ही में दिल्ली में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्त्वाधान में कार्यशील सार्वजनिक लोक उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India – ALIMCO) ने एक निःशुल्क शिविर आयोजित किया.
राष्ट्रीय वयोश्री योजना क्या है?
- राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अन्दर गरीबी-रेखा के नीचे उन वयोवृद्धों को सहायक उपकरण दिए जाते हैं जो बुढ़ापे से जुड़ी असमर्थताओं के कारण सामान्य जीवन बिताने में कष्ट अनुभव करते हैं, जैसे – कम दिखाई देना, सुनने में कष्ट होना, दाँत झड़ना और चलने-फिरने में कठिनाई होना आदि.
- यह एक केन्द्रीय योजना है जिसके लिए केंद्र ही शत-प्रतिशत राशि मुहैया करता है. इसमें होने वाला खर्च “वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष / Senior Citizens’ Welfare Fund“ से किया जाता है.
- इस योजना के अन्दर सहायक उपकरण वितरित किये जाते हैं.
- यदि किसी वयोवृद्ध को कोई शारीरिक कष्ट एक साथ हैं तो भी उन्हें प्रत्येक विकलांगता के लिए अलग-अलग उपकरण निःशुल्क दिए जाते हैं.
- इस योजना का लाभ किन्हें मिलेगा इसका निर्धारण राज्य/केंद्र-शासित प्रदेश अलग-अलग जिलों में जिला उपायुक्त/ समाहर्ता की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से करते हैं.
- यह यथासंभव चेष्टा की जाति है की लाभार्थियों में से 30% महिलाएँ हों.
पृष्ठभूमि
2011 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 10.38 करोड़ है. इनमें 70% से अधिक गाँवों में रहते हैं. 5.2% वयोवृद्ध को बुढ़ापे से जुड़ी कोई-न-कोई असमर्थता होती है. अनुमान लगाया गया है की 2026 तक वयोवृद्धों के संख्या बढ़कर 173 मिलियन हो जायेगी.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Global Skills Park (GSP)
संदर्भ
मध्य प्रदेश में वैश्विक कौशल पार्क (Global Skills Park – GSP) की स्थापना के लिए भारत सरकार और एशिया विकास बैंक (Asian Development Bank – ADB) ने 150 मिलियन डॉलर के एक ऋण के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.
GSP क्या है?
- वैश्विक कौशल पार्क भारत का ऐसा पहला पार्क होगा जो एक से अधिक कौशलों से जुड़ा होगा. इससे राज्य में तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाई जायेगी तथा एक अधिक कुशल कार्यबल का सृजन होगा.
- इस पार्क में तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ आकर उन्नत प्रशिक्षण देंगे जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के प्रशिक्षण, प्रशिक्षण से जुड़ी अवसरंचना, उद्योगों के सहयोग एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने आदि से जुड़ी विश्व की सर्वोत्तम प्रथाओं-चलनों से हमें अवगत हो सकेंगे.
- GSP के परिसर में उन्नत प्रशिक्षण संस्थान होंगे, जैसे – व्यावसायिक कौशल अर्जन केंद्र, उन्नत कृषि प्रशिक्षण केंद्र, उद्यमिता, प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण से सम्बंधित अनुसंधान पर केन्द्रित कई सेवाओं से सम्बद्ध सुविधाएँ.
- परिसर में निर्माण, सेवा एवं उन्नत कृषिगत रोजगार पर केन्द्रित कई प्रशिक्षण सुविधाएँ होंगी जिनसे 20,000 प्रशिक्षणार्थी एवं प्रशिक्षक लाभान्वित होंगे.
महत्त्व
इस परियोजना का लाभ यह होगा की मध्य प्रदेश में तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण के कार्यक्रमों की गुणवत्ता और प्रासंगिता के वृद्धि होगी. इन प्रशिक्षणों का स्तर अंतर्राष्ट्रीय होने से प्रशिक्षणार्थी रोजगार के लिए उन्नत कौशल अर्जित कर सकेंगे और मध्य प्रदेश के उदीयमान प्रक्षेत्रों में रोजगार की आवश्यकताओं को पूरा करने में भी समर्थ हो सकेंगे.
इस परियोजना से राज्य में स्थित 10 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को आधुनिक बनाने में सहायता मिलेगी तथा इनकी प्रशिक्षण विषयक अवसंरचनाओं एवं उत्क्रमित कौशल पाठ्यक्रमों को उद्योग एवं बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप संवर्धित किया जाएगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : International Court of Justice
संदर्भ
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice – ICJ) ने अमेरिका को आदेश दिया है की वह ईरान पर लगाये गए उन प्रतिबंधों को वापस ले ले जिनके द्वारा मानव कल्याण से सम्बंधित आयातों एवं नागरिक विमानन की सुरक्षा से जुड़े उत्पादों एवं सेवाप्न पर रोक लगा दी गई है. ज्ञातव्य है की अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा किया गया आदेश कानूनी रूप से बाध्यकारी होता है.
पृष्ठभूमि
अमेरिका के राष्ट्रपति ने ईरान के साथ अमेरिका और विश्व की अनाशक्तियों के साथ हुए आणविक समझौते से बाहर निकलने की तथा कठोर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की घोषणा की थी. ईरान ने इसका विरोध करते हुए जुलाई, 2018 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में वाद दायर किया था.
प्रतिबंध क्यों हटाए गए?
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है की अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान में नागरिक विमानन की सुरक्षा संकट में आ सकती है. साथ ही भोज्य पदार्थ, औषधि एवं चिकित्सकीय उपकरण जैसी मानवीय आवश्यकताओं के लिए अपेक्षित वस्तुओं की बिक्री को सीमित कर देने से ईरान देश के लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन पर गंभीर हानिकारक परिणाम होंगे.
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) का मुख्यालय हॉलैंड शहर के द हेग में स्थित है. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में वैधानिक विवादों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना की गई है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय परामर्श माना जाता है एवं इसके द्वारा दिए गये निर्णय को बाध्यकारी रूप से लागू करने की शक्ति सुरक्षा परिषद् के पास है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा राज्यों के बीच उप्तन्न विवादों को सुलझाया जाता है, जैसे – सीमा विवाद, जल विवाद आदि. इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न एजेंसियाँ अंतर्राष्ट्रीय विवाद के मुद्दों पर इससे परामर्श ले सकती हैं.
न्यायालय की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है. किसी एक राज्य के एक से अधिक नागरिक एक साथ न्यायाधीश नहीं हो सकते. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं जिनका कार्यकाल 9 वर्षों का होता है. ये 15 न्यायाधीश निम्नलिखित क्षेत्रों से चुने जाते हैं –
- अफ्रीका से तीन.
- लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई देशों से दो.
- एशिया से तीन.
- पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों में से पाँच.
- पूर्वी यूरोप से दो.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Udyam Abhilasha
संदर्भ
उद्यम अभिलाषा नामक अभियान का हाल ही में महात्मा गाँधी की जयंती के अवसर पर भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India – SIDBI) द्वारा देश के 28 राज्यों में नीति आयोग द्वारा चुने गए 115 आकांक्षी जिलों में आनावरण किया गया. यह कार्यक्रम एवं राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम है जो उद्यमिता के विषय में जागरूकता बढ़ाने से सम्बन्धित है.
यह अभियान क्या है?
- इस अभियान के माध्यम से आकांक्षा जिलों के इच्छुक युवाओं को उद्यमिता का प्रशिक्षण देने के लिए 800 से अधिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. ऐसे प्रशिक्षण से इन जिलों के युवाओं को अपने प्रिय उद्यम में जाने का प्रोत्साहन मिलेगा.
- इस अभियान के लिए SIDBI की भागीदारी CSC e-Governance Service India Ltd नामक संस्था करेगी. यह संस्था इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विशेष उद्देश्य के लिए निर्मित वाहन (Special Purpose Vehicle) के रूप में स्थापित की गई है.
अभियान के उद्देश्य
- आकांक्षा जिलों के ग्रामीण युवाओं को अपना उद्यम स्वयं खड़ा करने के लिए प्रेरित करना.
- देश भर में डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षण देना.
- CSC VLE के लिए व्यवसाय के अवसर उपलब्ध कराना.
- महिला उद्यमियों को आगे लाना.
- अभियान के प्रतिभागियों को अपना उद्यम चलाने के लिए बैंक से ऋण लेने हेतु सक्षम बनाना.
SIDBI
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) संसद के एक अधिनियम द्वारा 2 अप्रैल, 1990 को स्थापित किया गया था. यह बैंक सूक्ष्म, मघु और मध्यम उद्यमों (Micro, Small and Medium Enterprise – MSME) के लिए वित्त जुटाने वाला प्रधान बैंक है. साथ ही समान प्रकार की गतिविधियों में संलग्न अन्य संस्थाओं के कार्यकलाप का समन्वयन भी करता है.
SIDBI के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें > SIDBI
Prelims Vishesh
World’s first Hyperloop passenger capsule unveiled :-
- स्पेन की कंपनी “Hyperloop Transportation Technologies Inc.” ने अपने पहले सवारी कैप्सूल का अनावरण किया किया है.
- यह कैप्सूल 105 फीट लम्बा है और इसका भार 5 टन है. इस कैप्सूल का नाम Quintero One रखा गया है.
- यह हाइपरलूप परिवहन एक ऐसा परिवहन है जिसमें एक शहर से दूसरे शहर में निर्वात के सहारे किसी कैप्सूल को विमान की गति से छोड़ा जाता है.
- विदित हो कि पिछले साल आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में भारत का पहला हाइपरलूप मार्ग विकसित करने के लिए कैलिफ़ोर्निया स्थित हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजीज के साथ समझौता किया था. यह हाइपरलूप मार्ग अमरावती और विजयवाड़ा को आपस में जोड़ेगा. इसकी रफ़्तार करीब 1200 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है.
Mobile Asteroid Surface Scout (MACOT) :-
- फ़्रांस और जर्मनी ने संयुक्त रूप से Ryugu नामक क्षुद्रग्रह में भेजने के लिए MASCOT नामक रोबोट का निर्माण किया है.
- दस किलो भार का यह यान बक्से की आकृति वाला यान होगा जो इस क्षुद्रग्रह से उसकी कई प्रकार की जानकारियाँ लाएगा.
Indian Railway Stations Development Corporation Limited (IRSDC) :-
केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने रेलवे स्टेशनॉन को सुधारने के लिए और उन्हें विकसित करने का कार्य भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (Indian Railway Stations Development Corporation – IRSDC) को सौंपा है.
National Institute of Mental Health Rehabilitation in Sehore District :-
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश के सेहोर जिले (Sehore District) में एक मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (National Institute of Mental Health Rehabilitation – NIMHR) की स्थापना की स्वीकृति दे दी है.
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