Sansar Daily Current Affairs, 04 September 2021
GS Paper 1 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Salient features of world’s physical geography.
Topic : Impact of climate change on El Niño-Southern Oscillation
संदर्भ
अनुसंधान क्षेत्र में उभरती हुई एक संस्था के अनुसार, ‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते ‘अल-नीनो’ (El Niño) और ‘ला–नीना’ (La Niña) जैसी मौसमी परिघटनाओं की तीव्रता और बारंबारता में तीव्रता आ सकती है.
हाल ही में, दक्षिण कोरिया के सबसे तेज सुपरकंप्यूटरों में से एक, ‘एलेफ’ (Aleph) सुपर कंप्यूटर का प्रयोग करते हुए इस विषय पर एक अध्ययन किया गया था.
नवीनतम अध्ययन के निष्कर्ष
- वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि, भविष्य में अनुरूपित ‘अल-नीनो दक्षिणी दोलन’ (El Niño Southern Oscillation- ENSO) समुद्र सतहीय तापमान परिवर्तनशीलता में दुर्बलता का कारण बन सकती है.
- जल-वाष्प के वाष्पीकृत होने के कारण भविष्य में होने वाली ‘अल नीनो’ परिघटनाओं के दौरान ऊष्मा का वायुमंडल में तेजी से विसरण हो जाएगा.
- भविष्य में पूर्वी और पश्चिमी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर के मध्य तापांतर में कमी होगी, जिसके परिणामस्वरूप ‘अल-नीनो दक्षिणी दोलन’ (ENSO) चक्र के दौरान ‘तापमान चरमसीमा’ के विकास में बाधा उत्पन्न होगी.
- साथ ही, अनुमानित भविष्य में ‘उष्णकटिबंधीय अस्थिरता तरंगे’ (Tropical Instability Waves) भी दुर्बल हो सकती है, जोकि ‘ला नीना’ परिघटना को भंग करने की वजह बन सकती है.
EL NINO क्या है?
El Nino के एक जलवायवीय चक्र है जिसके अंतर्गत प्रशांत महासागर के पशिमी क्षेत्र में हवा का दबाव ऊँचा होता है और पूर्वी प्रशांत सागर में हवा का दबाव कम होता है. एल नीनो के प्रभाव से एशियाई समुद्र तल के तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस का उछाल आ सकता है. साथ ही पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देशों – इक्वेडोर, पेरू और चिली के तटों पर ठंडा पानी उठकर समुद्र तल पर आ जाता है. गहराई से पानी के ऊपर आने के इस प्रक्रिया से एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में सहायता मिलती है.
एल नीनो के लक्षण
एल नीनो होने पर विषुवत रेखा से लगी पछुआ व्यापारिक हवाएं कमजोर पड़ जाती हैं और वायुदाब में परिवर्तन होने के कारण जल पूरब की ओर बहकर दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी तट की ओर जाने लगता है. मध्य और पूर्व प्रशांत क्षेत्र छह महीने से अधिक गर्म होता है जिसके कारण एल नीनो की दशा उत्पन्न हो जाती है. इस अवस्था में जल का तापमान सामान्य की तुलना में 10 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है. पानी के अधिक गर्म होने से वाष्पीकरण बढ़ जाता है और इसके कारण एक ओर जहाँ दक्षिण अमेरिका में सामान्य से अधिक वर्षा होती है तो दूसरी इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में सूखा पड़ जाता है.
El Nino के प्रभाव
- El Nino वैश्विक मौसम को प्रभावित करता है. इसके कारण पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में Hurricane और ऊष्ण कटिबंधीय आंधियाँ उत्पन्न होती हैं. इसके चलते पेरू, चिली और इक्वेडोर में अभूतपूर्व एवं असामान्य वृष्टिपात होता है.
- एल नीनो के कारण ठन्डे पानी का ऊपर आना घट जाता है और परिणामस्वरूप समुद्र तल के पोषक तत्त्व ऊपर नहीं आ पाते हैं. इससे समुद्री जीवों और पक्षियों के जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है. मत्स्य उद्योग को भी क्षति पहुँचती है.
- एल नीनो के कारण द. अफ्रीका, भारत, द.पू. एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागरीय द्वीपों में सूखा पड़ जाता है. अतः खेती को क्षति पहुँचती है.
- ऑस्ट्रेलिया और द.पू. एशिया पहले से अधिक गर्म हो जाते हैं.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में सूचित किया है कि अल-नीनो के कारण मच्छरों से होने वाले रोग फैलते हैं.
एल-निनो और भारतीय मानसून
- एल-निनो एक संकरी गर्म जलधारा है जो दिसम्बर महीने में पेरू के तट के निकट बहती है. स्पेनिश भाषा में इसे “बालक ईसा (Child Christ)” कहते हैं क्योंकि यह धारा क्रिसमस के आस-पास जन्म लेती है.
- यह पेरूबियन अथवा हम्बोल्ट ठंडी धारा की अस्थायी प्रतिस्थापक है जो सामान्यतः तट के साथ-साथ बहती है.
- यह हर तीन से सात साल में एक बार प्रवाहित होती है और विश्व के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बाढ़ और सूखे की वहज बनती है.
- कभी-कभी यह बहुत गहन हो जाती है और पेरू के तट के जल के तापमान को 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा देती है.
- प्रशांत महासागर के उष्ण कटिबंधीय जल की यह उष्णता भूमंडलीय स्तर पर वायु दाब तथा हिन्द महासागर की मानसून सहित पवनों को प्रभावित करती है.
- एल निनो के अध्ययन से यह पता चलता है कि जब दक्षिणी प्रशांत महासागर में तापमान बढ़ता है तब भारत में कम वर्षा होती है.
- भारतीय मानसून पर एल-नीनो का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है और इसका प्रयोग मानसून की लम्बी अवधि के पूर्वानुमान के लिए किया जाता है.
- मौसम वैज्ञानिकों का विचार है कि भारत में 1987 का भीषण सूखा एल-निनो के कारण ही पड़ा था.
- 1990-1991 में एल-निनो का प्रचंड रूप देखने को मिला था. इसके कारण देश के अधिकांश भागों में मानसून के आगमन में 5 से 12 दिनों की देरी हो गई थी.
ला-नीना क्या है?
ला-नीना (La-Nina) भी मानसून का रुख तय करने वाली सामुद्रिक घटना है. यह घटना सामान्यतः अल-नीनो के बाद होती है. उल्लेखनीय है कि अल-नीनो में समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है जबकि ला-नीना में समुद्री सतह का तापमान बहुत कम हो जाता है.
La Nina का प्रभाव
ला नीना स्पैनिश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है छोटी बच्ची. चूंकि इसका प्रभाव एल नीनो के विपरीत होता है इसलिए इसे प्रति एल नीनो भी कहा जाता है. La Nina का प्रभाव El Nino के ठीक उल्टा होता है. इसके कारण द.पू. एशिया और ऑस्ट्रेलिया में सामान्य से अधिक वृष्टिपात होता है और द.अमेरिका तथा अमेरिका के खाड़ी तट में सामान्य से अधिक तापमान उत्पन्न होता है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora- their structure, mandate.
Topic : Special Drawing Rights (SDR)
संदर्भ
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को 12.57 बिलियन डॉलर के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights – SDR) का आवंटन किया है.
महत्त्व
- इससे भंडार की दीर्घकालिक वैश्विक आवश्यकता की पूर्ति की जा सकेगी.
- साथ ही, विश्वास का निर्माण होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन एवं स्थिरता में वृद्धि संभव हो सकेगी.
- यह आवंटन कोविड-19 संकट के प्रभाव से निपटने में सहायता करेगा.
विशेष आहरण अधिकार (SDR)
- SDR को IMF द्वारा1969 में अपने सदस्य देशों के लिये अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति के रूप में बनाया गया था.
- आरंभ में SDR को 0.888671 ग्राम स्वर्ण के बराबर परिभाषित किया गया था, जो उस समय एक डॉलर के समतुल्य था, मगर ब्रेटन वुड्स प्रणाली (Bretton Woods System) के पतन के बाद SDR को मुद्राओं की एक बास्केट के रूप में फिर से परिभाषित किया गया था.
- इस बास्केट में पाँच देशों की मुद्राएँ शामिल हैं- अमेरिकी डॉलर (Dollar), यूरोप का यूरो (Euro), चीन की मुद्रा रॅन्मिन्बी (Renminbi), जापानी येन (Yen), ब्रिटेन का पाउंड (Pound).
पढ़ें – SDR in Hindi
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : New Development Bank – NDP
संदर्भ
ब्रिक्स (BRICS) देशों के समूह द्वारा स्थापित नवीन विकास बैंक (New Development Bank – NDP) ने 2 सितम्बर, 2021 को संयुक्त अरब अमीरात, उरुग्वे और बांग्लादेश को नए सदस्यों के रूप में जोड़ा है.
नवीन विकास बैंक (NEW DEVELOPMENT BANK)
- इस बैंक की स्थापना 2014 में ब्रिक्स के सदस्य देशों रूस, ब्राजील, भारत, दक्षिण अफ्रीका और चीन द्वारा की गई थी.
- यह बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाता है.
- यह वैश्विक विकास को बढ़ाने के लिए, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों के प्रयासों को पूरा करने के लिए काम करता है.
- इसका उद्देश्य ब्रिक्स एवं अन्य उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे एवं सतत विकास परियोजनाओं के लिये व्यापक संसाधन जुटाना है.
- नवीन विकास बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पहली वार्षिक बैठक वर्ष 2016 में चीन के शंघाई शहर में आयोजित की गई थी.
- यह सार्वजनिक और निजी दोनों परियोजनाओं का समर्थन करता है. इस बैंक की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी 100 बिलियन अमरीकी डालर थी.
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) ने अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि निहित है. इस बैंक ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक के साथ रणनीतिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
2018 में NDB ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सक्रिय और फलदायी सहयोग के लिए एक शक्तिशाली आधार स्थापित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त किया.
NDP में मतदान
विश्व बैंक के विपरीत, जो पूंजी शेयर के आधार पर मत प्रदान करता है, नव विकास बैंक में प्रत्येक भागीदार देश को एक मत सौंपा गया है एवं किसी भी देश के पास वीटो शक्ति नहीं है.
NDP की भूमिकाएँ और कार्य
बैंक वैश्विक प्रगति एवं विकास के लिए बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के मौजूदा प्रयासों के एक अनुपूरक के रूप में ब्रिक्स एवं अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और धारणीय विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाएगी.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Renaming of Rajiv Gandhi Orang National Park in Assam
संदर्भ
असम सरकार ने हाल ही में ओरांग के राजीव गाँधी राष्ट्रीय उद्यान का नाम बदलकर ओरांग राष्ट्रीय उद्यान कर दिया है. ज्ञातव्य है कि पिछले महीने राजीव गाँधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया गया था. इसके अतिरिक्त कर्नाटक के नागरहोल नेशनल पार्क, जिसे राजीव गांधी नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है, का नाम बदलकर जनरल करियप्पा नेशनल पार्क रखने की मांग भी की जा रही है.
ओरांग राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
- यह राष्ट्रीय उद्यान असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है.
- इसे वर्ष 1985 में वन्यजीव अभयारण्य एवं वर्ष 1999 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था.
- इसे मिनी काजीरंगा के रूप में जाना जाता है. यहाँ एक सींग वाले गैंडे (राइनो) की अच्छी-खासी जनसंख्या मिलती है.
राइनो के बारे में
एशिया में तीन प्रकार के गैंडे पाए जाते हैं जिनमें सबसे बड़ा वृहद् एक सिंग वाला गैंडा होता है. सच पूछा जाए तो अफ्रीकी श्वेत गैंडों के साथ यह संयुक्त रूप से सभी प्रजातियों के गैंडों में विशालतम होता है. IUCN लाल सूची में इसको संकटापन्न (vulnerable) सूची में रखा गया है. जावा और सुमात्रा के गैंडों को अतिसंकटग्रस्त सूची (critically endangered) में डाला गया है.
Prelims Vishesh
GST Appellate Tribunal :-
- हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है, कि सरकार के पास ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (Goods and Services Tax – GST) अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है.
- इसमें एक अध्यक्ष के अतिरिक्त एक तकनीकी सदस्य (केंद्र) और एक तकनीकी सदस्य (राज्य) होंगे.
- जीएसटी अधिनियम की धारा 109 के तहत, ‘ट्रिब्यूनल’ के गठन को अनिवार्य किया गया है.
- यह बेंच GST कानूनों से सम्बंधित द्वितीय अपील का मंच होता है.
- केंद्र और राज्यों के बीच GST से सम्बन्धित विवाद के निपटारे के लिए यह बेंच सर्वोपरि मंच है.
- अपीलीय अधिकारियों द्वारा प्रथम अपील में दिए गये आदेशों के विरुद्ध इस बेंच के समक्ष अपील की जा सकेगी.
- GST अपीलीय पंचाट पूरे भारतवर्ष के लिए एक सर्वोपरि मंच है जहाँ अपीलों की अंतिम सुनवाई होगी. इस प्रकार GST के अन्दर उठने वाले विवादों के निपटारे में तथा GST के कार्यान्वयन में समरूपता आएगी.
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