Sansar Daily Current Affairs, 05 January 2021
GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Subhash Chandra Bose
संदर्भ
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में तिरंगे को फहराया था.
पृष्ठभूमि
जापान द्वारा आजाद हिंद सरकार सौंपे जाने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस वर्ष 1943 में पोर्ट ब्लेयर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहुंचे. जापान द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया गया था.
नेताजी सुभाष चंद्र
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनका निधन 18 अगस्त 1945 को हो गया था. जब उनका निधन हुआ तब वे सिर्फ 48 साल के थे.
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश को ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा‘ का नारा दिया था. जो युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था.
- सुभाष चंद्र बोस भारत के एक महान स्वतंत्रता सैनानी के रूप में पहचाने जाते हैं. उनके द्वारा दिया गया ‘जय हिन्द जय भारत’ का नारा, भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया हैं.
- वे इंडियन सिविल सर्विस (ICS) की तैयारी हेतु इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय चले गये. अंग्रेजों के शासन में भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत ही मुश्किल था. उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया था.
- वे सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा को छोड़कर देश को आजाद कराने की मुहिम का हिस्सा बन गये थे. उनको अपने जीवन में 11 बार जेल जाना पड़ा था. वे सबसे पहले 16 जुलाई 1921 को जेल गये थे.
- आजाद हिंद फौज में लगभग 85000 सैनिक शामिल थे. इसमें एक महिला यूनिट भी थी जिसकी कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन थी.
- आजाद हिंद फौज के लोगों 1944 को 19 मार्च के दिन पहली बार झंडा फहराया था. आजाद हिंद फौज ने बर्मा की सीमा पर अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी.
- नेताजी के कुल 13 भाई-बहन थे जिनमें 5 भाई और 8 बहनें थीं. सुभाष चंद्र बोस अपने माता-पिता के 9वीं संतान और 5वें बेटे थे.
- नेताजी ने साल 1937 में अपनी सेक्रटरी और ऑस्ट्रिया की रहने वाली एमिली शेंकल से शादी की थी. दोनों की अनीता नाम की बेटी हुई जो अभी सपरिवार जर्मनी में रहती हैं.
- नेताजी कांग्रेस के गरम दल के युवा नेता थे. वे साल 1938 और साल 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने. उन्होंने साल 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
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Subhash Chandra Bose Aapda Prabandhan Puraskar :-
- सरकार ने सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की घोषणा 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर की.
- सभी भारतीय नागरिक और संगठन जिन्होंने आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दिया है, वे सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के योग्य हैं.
- वर्ष 2019 के लिए गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठवीं बटालियन को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुभाष चन्द्र बोस आपदा पुरस्कार हेतु चयनित किया गया.
- पुरस्कार के अंतर्गत 51 लाख रुपये की नगद धनराशि तथा एक प्रमाण-पत्र प्रदान की गई.
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Major crops cropping patterns in various parts of the country,
Topic : Blast Disease in Paddy Crop
संदर्भ
धानकी फसल में ब्लास्ट रोग लगने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. इन दिनों बरसात का दौर थमने के साथ ही तापमान नमी में बढ़ोतरी हो रही है. किसानों को अधिक नाइट्रोजन का उपयोग न करने की सलाह दी गई है.
धान की फसल का ब्लास्ट रोग क्या है?
- धान की फसल का ब्लास्ट रोग “मैग्नापोर्थ ओरिजा (Magnaporthe oryzae)” नामक फंगस के कारण होता है. यह धान के पौधे के जमीन से ऊपर के सभी को हिस्सों को प्रभावित कर सकता है.
- यह रोग आमतौर पर उन क्षेत्रों में धान की फसल को प्रभावित करता है जहां मिट्टी में नमी कम होती है, लगातार और लंबे समय तक बौछारदार बारिश होती है और दिन में तापमान कम रहता है.
- दिन-रात के तापमान के अधिक अंतर के कारण पत्तियों पर ओस की बुँदे जम जाती हैं और इसप्रकार अपेक्षाकृत ठंडा तापमान इस रोग के विकास का कारण बनता है.
- ब्लास्ट रोग धान की फसल के लिए सबसे विनाशकारी रोगों में से एक है. ब्लास्ट संक्रमण, रोपण या टिलरिंग स्टेज (जब पौधा शाखाये बनाता है) में ही पौधे को कमजोर कर देता है. इससे पौधे के विकास के बाद के चरणों में पौधे का अनाज भराव क्षेत्र हो जाता है और उपज बहुत कम हो जाती है.
ब्लास्ट रोग का नियंत्रण
रसायनिक खाद का किसान संतुलित प्रयोग करना चाहिए. पत्ती की अवस्था पर लक्षण दिखाई देते ही ब्लास्ट झोंका के लिए एजासीस्ट्रोविन 25 एससी 500 मिली अथवा आइसोप्रोयोलेन 40 ईसी 750 मिली प्रति हैक्टेयर डालना आवश्यक है. जीवाणु झुलसा रोग लगने पर स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 25 ग्राम प्लस कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 500 ग्राम या कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 500 ग्राम घोलकर प्रति हैक्टेयर में छिड़काव करें. इससे धान में लगने वाले ब्लॉस्ट रोग का सफाया हो जाएगा.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Issues related to Health.
Topic : Anaemia
संदर्भ
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) 2019-20 के अनुसार, भारतीय महिलाएं और बच्चों में अत्याधिक रक्ताल्पता / एनीमिया (Anaemia) पायी गयी है.
क्या है एनीमिया (ANEMIA) रोग?
- एनीमिया(anemia) रोग में शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्य से कम या हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है.सभी व्यक्तियों में इसका स्तर भिन्न-भिन्न हो सकता है.
- सामान्य तौर पर यह स्तर निम्न प्रकार से होता है.एनीमिया/रक्ताल्पता के तीन प्रमुख कारण हैं: खून की कमी, लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में कमी और लाल रक्त कोशिकाओं के विनाश की उच्च दर.
देश में उच्च ‘रक्ताल्पता’ के कारण
- भारत में आम तौर पर दो प्रकार की ‘रक्ताल्पता’ पायी जाती है, ‘आयरन की कमी’ से होने वाली तथा ‘विटामिन B12 की कमी’ के कारण होने वाली रक्ताल्पता.
- महिलाओं में, ‘आयरन की कमी’ से होने वाली रक्ताल्पता, पुरुषों की अपेक्षा अधिक होती है, इसका कारण मासिक धर्म के दौरान रक्त में आयरन की कमी तथा गर्भावस्था के दौरान भ्रूण वृद्धि के लिए आयरन की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है.
- आहार में चावल और गेहूं पर अधिक निर्भरता के कारण मोटे अनाजों की मात्रा में कमी, हरी और पत्तेदार सब्जियों का अपर्याप्त सेवन और कम पोषक तत्वों वाले पैकेज्ड और संसाधित खाद्य पदार्थों की अधिकता भारत में एनीमिया के उच्च स्तर के पीछे संभावित कारण हो सकते हैं.
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राष्ट्रीय पोषण माह
- पोषण माह मनाने का सबसे प्रधान उद्देश्य पोषण के सन्देश को गाँव-गाँव तक पहुँचाना है.
- यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं नीति आयोग की एक पहल है और इसका समर्थन 18 सम्बंधित मंत्रालय/विभाग/सरकारी संगठन कर रहे हैं.
- इस कार्यक्रम का लक्ष्य तकनीक का प्रयोग करते हुए पोषण के सम्बन्ध में किये जा रहे समस्त प्रयासों को एक सूत्र में बांधना और पोषण के विषय में जागरूकता को जन आन्दोलन के स्तर तक ले जाना है.
- इस कार्यक्रम में इन आठथीमपर ध्यान दिया जा रहा है – प्रसवपूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान विधि (प्रारंभिक और विशिष्ट), पूरक आहार, रक्ताल्पता (anemia), सार्वजनिक विकास की निगरानी, बालिका शिक्षा, आहार, विवाह की सही उम्र, स्वच्छता, खाद्य में पोषक तत्त्वों की मिलावट.
पोषण अभियान
POSHAN Abhiyaan (National Nutrition Mission) का आरम्भ प्रधानमन्त्री द्वारा राजस्थान के झुंझुनू में 8 मार्च, 2018 में किया गया था.
- इस अभियान का लक्ष्य है छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों के बीच कुंठित विकास, कुपोषण, रक्ताल्पता और साथ ही जन्म के समय शिशु के भार की अल्पता की दर को क्रमशः 2%, 2%, 3 % और 2% प्रतिवर्ष घटाना.
- मिशन का एक लक्ष्य यह भी है कि 0 से 6 साल के बच्चों में शारीरिक विकास में कमी की दर को वर्तमान के 4% से घटाकर 2022 तक 25% कर दिया जाए.
- सरकार पोषण अभियान को 2020 तक विभिन्न चरणों में देश के सभी 36 राज्यों/केंद्र शाषित क्षेत्रों तथा 718 जिलों तक ले जाना चाहती है.
GS Paper 3 Source : PIB
UPSC Syllabus : Infrastructure
Topic : Light House Projects: LHP
संदर्भ
प्रधानमंत्री ने लाइट हाउस परियोजनाओं (Light House Projects: LHP) की आधारशिला रखी. ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (GHTC-India) के अंतर्गत छह राज्यों में छह स्थानों पर LHP का निर्माण किया जाएगा. ये छह राज्य हैं – इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), राँची (झारखंड), अगरतला (त्रिपुरा) एवं लखनऊ (उत्तर प्रदेश).
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत GHTC-India एक चुनौती प्रक्रिया के माध्यम से वैश्विक स्तर पर उपलब्ध अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों को प्राप्त करने के उद्देश्य पर केंद्रित है.
पृष्ठभूमि
लोगों के स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए और अर्थव्यवस्था के सुचारु संचालन हेतु किफायती आवास मौलिक आवश्यकता है. इससे पूर्व, सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत एक उप-योजना के रूप में शहरी प्रवासियों और निर्धनों के लिए किफायती किराये के आवासीय परिसरों (Affordable Rental Housing Complexes – ARHCs) के विकास को स्वीकृति प्रदान की थी.
लाइट हाउस परियोजना
- लाइट हाउस परियोजना (LHP) आदर्श आवास परियोजनाएं (model housing projects) हैं. इनके अंतर्गत क्षेत्र की भू-जलवायु और आपदापूर्ण स्थितियों को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक प्रौद्योगिकी से निर्मित आवास शामिल हैं.
- ये परियोजनाएं पारंपरिक इंट और मोर्टार निर्मित निर्माण (construction) की तुलना में बारह माह के अंदर एक त्वरित गति से निवास योग्य आवासों का निर्माण तथा वितरण करेंगी.
- ये आवास अधिक किफायती, संधारणीय, उच्च गुणवत्ता और स्थायित्व युक्त होंगे.
परियोजना की विशेषताएँ
- स्थानीय जलवायु और पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए धारणीय आवासों का निर्माण किया जाएगा.
- 14–मंजिला टॉवर बनाया जाएगा, जिसमें कुल 1,040 फ्लैट बनाए जाएंगे.
- निर्मित मकान पूर्णतया भूकंप-रोधी होंगे, क्योंकि वे पूर्व-निर्मित सामग्री, एकाश्मिक कंक्रीट निर्माण, प्रीकास्ट कंक्रीट निर्माण प्रणाली आदि के उपयोग के कारण धारणीय और पर्यावरण के अनुकूल होंगे.
GHTC-इंडिया के तीन घटक
- ग्रांड एक्सपो एवं सम्मेलन का आयोजन करना.
- दुनिया भर से प्रमाणित प्रदर्शन योग्य प्रौद्योगिकियों की पहचान करना.
- उष्मायन और त्वरित सहायता के लिये किफायती, स्थायी आवास की स्थापना के जरिये संभावित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
आशा- इंडिया : आशा इंडिया का उद्देश्य भारत के नवोन्मेषकों की जीवंतता और गतिशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें एक उपयुक्त मंच प्रदान करते हुए आवास निर्माण क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है.
यह इन्क्यूबेशन और एक्सेलेरेशन के माध्यम से भारत में विकसित होने वाली संभावित भावी प्रौद्योगिकी का समर्थन करता है.
Prelims Vishesh
Treasury Bill :-
- ट्रेज़री बिल रिज़र्व बैंक द्वारा सरकार की ओर से जारी अल्पकालिक प्रतिभूतियाँ हैं जो सरकार की अल्पकालिक तरलता की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं.
- 91 दिन वाला Treasury Bill हर बुधवार को नीलाम किया जाता है और 182 दिन एवं 364 दिन वाला Treasury Bill एक सप्ताह छोड़कर बुधवार को नीलाम किया जाता है.
- कोषागार विपत्र को दाम कम करके निर्गत किया जाता है और इसका निपटारा विपत्र पर अंकित दाम पर होता है.
- उदाहरण के लिए यदि 91 दिन वाले T-Bill का दाम 100 रू. (फेस वैल्यू) है तो उसे 98.20 रू. में जारी किया जाता है…यानी, 1.80 रू. की छूट पर…..पर इसे 100 रू. के फेस वैल्यू पर ही रिडीम किया जाएगा.
National database of sex offenders: NDSO :-
- NDSO में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, बाल लैंगिक शोषण और छेड़-छाड़ के आरोपों में दोषी पाए गये व्यक्तियों की संख्या एक मिलियन से भी ज्यादा हो गई है.
- यौन दुष्कर्मियों से सम्बंधित राष्ट्रीय डाटाबेस (NDSO) पोर्टलजनसामान्य के लिए नहीं है अपितु कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए है.
- इसे राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा तैयार किया जाता है. इसे वर्ष 2018 में गृह मंत्रालय द्वारा अनावृत किया गया था.
- इसमें यौन दुराचारियों के बारे में एक केन्द्रीय डाटाबेस उपलब्ध होता है.
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