Sansar Daily Current Affairs, 05 March 2021
GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : The Freedom Struggle – its various stages and important contributors /contributions from different parts of the country.
Topic : Starship
संदर्भ
3 मार्च को लाला हरदयाल जी की पुण्यतिथि मनाई गई.
लाला हरदयाल
- विदेशों में क्रांतिकारी गतिविधियों में गदर पार्टी विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इसकी स्थापना लाला हरदयाल ने की थी. 1911 ई. में वह कैलिफ़ोर्निया पहुँचे. 1912 ई. में उन्होंने एक परचा निकाला जिसमें हार्डिंग पर हमले को उचित ठहराया गया था. उन्होंने 10 मई, 1913 ई. को भारतीयों की सभा की जिसमें भारत में गदर (क्रांति) कराने के लिए गदर पार्टी की स्थापना की गई.
- एक साप्ताहिक समाचार-पत्र “गदर” निकालने तथा उसे मुफ्त बाँटने का भी निर्णय लिया गया. छापाखाने का नाम “युगांतर आश्रम प्रेस” रखा गया. गदर पत्रिका अंग्रेजी में प्रकाशित होती थी तथा इसका अनुवाद कई भाषाओं (हिंदी, उर्दू, पंजाबी और गुजराती) में होता था. इसके संपादक बा. गोविन्द बिहारीलाल थे. यह समाचार पत्र चीन, जापान, सिंगापुर, जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, बर्मा और अन्य उन देशों में जहाँ-जहाँ भारतीय रहते थे भेजा जाता था. यह पत्र भारतवासियों को जोरदार भाषा में राज्य क्रान्ति करने के लिए ललकारता था. अनेक रुकावटों के होते हुए भी यह पत्र खुले या गुप्त रूप में उन सभी देशों में पहुँच जाता था जहाँ भारतवासी रहते थे.
- शायद आधुनिक पीढ़ी लाला हरदयाल के सम्बन्ध में अधिक नहीं जानती हो क्योंकि अंग्रेजी सरकार उनके तेज को देर तक नहीं सह सकी और उन्हें बहुत जल्दी देश छोड़कर चले जाना पड़ा. जितने दिन वह देश में रहे, उग्र क्रांति के केंद्र बने रहे और विदेश जाकर भी जब तक जिए राष्ट्र की चिंता और सेवा में लगे रहे. उनका पंजाब के नवजीवन के निर्माण में विशेष हाथ था. लाला हरदयाल बहुत ही मेधावी छात्र रहे थे. अंग्रेजी भाषा पर उनका ऐसा प्रभुत्व था कि कई पर्चों में उन्हें पूरे-पूरे अंक प्राप्त हुए थे.
- लाला हरदयाल को विश्वास हो गया था कि अग्रेज लोग हिन्दुओं के चरित्र का नाश कर रे हैं, उनकी शिक्षा सम्बन्धी नीति और तरीके हिंदुत्व को क्षीण करने और उनकी सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय व्यक्तित्व का नाश करके जाति की राजनीतिक दासता को लम्बायमाँ करने वाले हैं.
- लाला हरदयाल की प्रतिभा तो चमत्कारपूर्ण थी ही. थोड़े ही समय में उनकी ख्याति अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फ़ैल गई और कई अमेरिकन विद्वान् उनके भक्त बन गये. वहाँ के कई समाचार पत्रों ने उन्हें “हिन्दू ऋषि”की उपाधि दे दी.
और भी अधिक जानकारी लिए क्लिक करें > गदर पार्टी
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Population and associated issues, poverty and developmental issues, urbanization, their problems and their remedies.
Topic : Ease of Living Index
संदर्भ
हाल ही में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने जीवन सुगमता सूचकांक, 2021 (Ease of Living Index, 2021) निर्गत किया है. साथ ही “नगरपालिका कार्य निष्पादन सूचकांक” भी निर्गत किया गया.
दोनों सूचकांकों में दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों और दस लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए पृथक-पृथक रैंकिंग प्रदान की गई है.
सूचकांक से सम्बंधित मुख्य बिंदु
- जीवन सुगमता सूचकांक में 111 शहरों में से बंगलुरू को रहने के लिए देश का सबसे सुगम शहर चुना गया है.
- इस सूचकांक में पुणे दूसरे और अहमदाबाद तीसरे स्थान पर रहा.
- चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयंबटूर, वडोदरा, इंदौर और ग्रेटर मुंबई भी शीर्ष 10 शहरों में शामिल रहे.
- सूचकांक के अनुसार, “10 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों” की श्रेणी में शिमला शीर्ष पर रहा. इस श्रेणी में भुवनेश्वर दूसरे और सिलवासा तीसरे स्थान पर रहा/ काकीनाडा, सेलम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे और तिरुचिरापलली इस श्रेणी में शीर्ष 10 शहरों में शामिल रहे. कुल 62 शहरों की इस श्रेणी में मुजफ्फरपुर सबसे निचले स्थान पर रहा.
- “10 लाख से अधिक की आबादी” वाले देश के 111 शहरों में बंगलौर प्रथम स्थान, पुणे दूसरे स्थान पर रहा, अहमदाबाद तीसरे स्थान पर है.
- “10 लाख से अधिक की आबादी” की इस श्रेणी में जीवन सुगमता सूचकांक में शामिल 49 शहरों में दिल्ली 13वें और श्रीनगर सबसे निचले स्थान पर रहा. “10 लाख से अधिक की आबादी” की श्रेणी में जीवन सुगमता सूचकांक में गाजियाबाद 30वें, प्रयागराज 32वें, पटना 33वें, मेरठ 36वें और फरीदाबाद 40वें पायदान पर रहे.
चार व्यापक मापदंड
- संस्थागत (प्रशासन)
- सामाजिक (पहचान, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा)
- आर्थिक (अर्थव्यवस्था, रोजगार)
- भौतिक कारक (अपशिष्ट जल और अपशिष्ट ठोस वस्तुओं का प्रबन्धन, प्रदूषण, आवास, समावेशिता, भूमि का मिश्रित उपयोग, बिजली, जल की आपूर्ति, परिवहन, सार्वजनिक खुले क्षेत्र)
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora- their structure, mandate.
Topic : European Union
संदर्भ
हाल ही में भारत और यूरोपीय संघ ने मिलकर बहुपक्षीय व्यवस्था को और दृढ बनाने पर सहमति जताई है.
दोनों ही पक्षों ने यह माना है कि “आज अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहुपक्षीयवाद की अधिक आवश्यकता है.” ज्ञातव्य है कि यूरोपीय संघ के साथ दृढ़ संबंध बनाने से भारत को विनिर्माण में सहायता के साथ-साथ निर्यात में भी मदद मिल सकती है.
यूरोपीय संघ
- यूरोपियन यूनियन यूरोपीय देशों का राजनैतिक व आर्थिक संगठन है. इसका विकास विभिन्न स्तरों पर हुआ है अर्थात यूरोपीय संघ की स्थापना किसी एक समझौते या संधि द्वारा नहीं बल्कि विभिन्न संधिओं तथा उनमे संशोधन के बाद हुई है. इसके विकास में “पेरिस की संधि (1951)”,”रोम की संधि (1957)”, “मास्त्रिच की संधि (1993)” तथा “लिस्बन की संधि (2009)” का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
- वर्तमान में ब्रिटेन के यूनियन से बाहर हो जाने के बाद इसके केवल 27 सदस्य रह जायंगे. यूरोपियन यूनियन ने यूरोपीय देशों के राजनितिक व आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिससे यह संगठन विश्व की लगभग 22% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है. यूरोपियन यूनियन की अपनी संसद,आयोग, मंत्रिपरिषद, परिषद्, न्यायालय तथा केंद्रीय बैंक है जिन्हें यूनियन के प्रमुख अंग भी कहा जाता है .
- यूरोपीय संघ की सांझी मुद्रा (Currency) यूरो (Euro) है जिसे यूनियन के केवल 19 सदस्य देशों द्वारा ही अपनाया गया है. शेनजेन संधि (1985) के द्वारा यूनियन ने अपने सदस्य देशों के नागरिकों को बिना पासपोर्ट के यूरोप के किसी भी देश में भ्रमण करने का अधिकार दिया. हालाँकि यह अधिकार कुछ सदस्यों को देर से भी दिया गया जैसे रोमानिया और बुल्गारिया जो यूनियन के सदस्य 2007 में बने किन्तु 2014 तक उन्हें यह अधिकार प्राप्त नहीं था परन्तु नार्वे, स्वीडन तथा आइस्लैण्ड को यूनियन का सदस्य न होते हुए भी यह अधिकार प्राप्त है. यूनियन में भिन्न-भिन्न संधिओं तथा संधिओं में संशोधन द्वारा विभिन्न बदलाव किये गए हैं जिसमें से मास्त्रिच की संधि प्रमुख है जिसके द्वारा यूरोपीय समुदाय (European Society) का नाम बदलकर यूरोपियन यूनियन (European Union) कर दिया गया. इसकीराजधानी ब्रिसेल्स में है.
और भी अधिक जानकारी लिए क्लिक करें > यूरोपीय यूनियन
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार
- आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम और बजट 2021-22 में आपूर्ति शृंखलाओं को मजबूत करने एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए निर्यात पर बल दिया गया है. आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए भारत को यूरोपीय संघ (EU) जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ निवेश शुल्क और आयात शुल्क की चरण-वार कटौती के माध्यम से, आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देना होगा.
- भारत की यूरोपीय संघ और पश्चिमी यूरोप में 39.9 बिलियन डॉलर की अप्रयुक्त निर्यात क्षमता (अप्रयुक्त निर्यात क्षमता का अर्थ -जब निर्यातक जागरूकता की कमी या कठिनाई के चलते उपभोक्ता की वरीयताओं या आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य नहीं कर पाता) है.
- निर्यात क्षमता वाले शीर्ष उत्पादों में परिधान, रत्न और आभूषण, रसायन, मशीनरी, ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और प्लास्टिक आते हैं. भारत इन उत्पादों में से कई के लिए यूरोपीय संघ के सामान्यीकृत प्रणाली वरीयता (सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली के अंतर्गत विकसित देश विकासशील देशों को बाज़ार में कुछ शर्तों के साथ न्यूनतम शुल्क या शुल्क मुक्त प्रवेश देते हैं) से लाभान्वित होता है. वास्तव में, भारत यूरोपीय संघ के जीएसपी (Generalised Scheme of Preferences – GSP) के प्रमुख लाभार्थियों में से एक है. GSP के तहत भारत ने वर्ष 2019 में लगभग 19.4 बिलियन डॉलर निर्यात किया है. भारत का लगभग 37% व्यापारिक निर्यात यूरोपीय संघ को किया जाता है.
- हालाँकि, ऐसे कई उत्पाद हैं जहाँ भारत की यूरोपीय संघ में निर्यात क्षमता है, लेकिन ये “ग्रेजुएटेड”( Graduated) हैं या यूरोपीय संघ के जीएसपी के अंतर्गत “ग्रेजुएशन” (Graduation) के कगार पर हैं. ग्रेजुएशन का अर्थ है कि जीएसपी लाभार्थी देश अपने विशिष्ट उत्पादों के विशेष समूहों का निर्यात नहीं कर पाता है, जबकि उस देश से उत्पादों के अन्य समूहों के आयात को प्राथमिकता दी जाती है.
- भारत के उत्पाद जैसे कपड़ा, अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन, रत्न और आभूषण, लोहा, इस्पात और उनसे निर्मित वस्तुएँ, बेस मेटल्स और मोटर वाहन जैसे उत्पाद पूर्व से ही जीएसपी लाभों के दायरे से बाहर हैं.
- वर्ष 2019 में परिधान में, यूरोपीय संघ के लिए भारत का निर्यात 7 बिलियन डॉलर था. इस बीच भारत को बांग्लादेश जैसे परिधान निर्यात देश से कड़ी प्रतियोगिता का सामना करना पड़ रहा है, बांग्लादेश भी यूरोपीय संघ से जीएसपी टैरिफ का लाभ ले रहा है. एक अन्य प्रतियोगी देश वियतनाम ने 2019 में यूरोपीय संघ के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) संपन्न किया.
- आज की तिथि में यूरोपीय संघ के साथ भारत को अपने निवेश संबंधों को मजबूत बनाने की आवश्यकता है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Issues relating to intellectual property rights.
Topic : India presses for waiver of TRIPS proposal at WTO
संदर्भ
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में ट्रिप्स प्रस्ताव पर छूट की मांग की है.
पृष्ठभूमि
अक्टूबर 2020 में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और उपचार के लिए ट्रिप्स: बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (Trade Related Aspects of Intellectual Property Rights: TRIPS) पर समझौते के कुछ प्रावधानों से एक अस्थायी छूट को प्रस्तावित किया था. हालाँकि यूरोपीय संघ व अमेरिका, जापान आदि विकसित देश इसका काफी समय से विरोध कर रहे हैं.
छूट की आवश्यकता
- सभी देशों के लिए समयबद्ध रूप से कोविड-19 उत्पादों के लिए उचित, न्यायसंगत और वहनीय पहुँच सुनिश्चित करना अनिवार्य प्रतीत होता है.
- एक अध्ययन के अनुसार, यदि वैश्विक समुदाय विकासशील अर्थव्यवस्था की कोविड-19 टीकों तक पहुँच सुनिश्चित करने में विफल रहता है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को 9.2 ट्रिलियन डॉलर की क्षति हो सकती है. छूट का यह प्रस्ताव उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में सुधार को इंगित करता है.
TRIPS Agreement
- ट्रिप्स समझौता वर्ष 1995 में लागू हुआ था.
- यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अप्रकटित सूचना या व्यापार गोपनीयता के संरक्षण जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPRs) पर एक बहुपक्षीय समझौता है.
- यह विकासशील और अल्पविकसित देशों को उनकी लोक नीतियों व सामाजिक आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए ट्रिप्स संगत मानदंडों का उपयोग करने की अनुमति देने हेतु कुछ “नम्यता” का समावेश करता है.
- ट्रिप्स समझौते और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर दोहा घोषणा, 2001 इस तथ्य की पुष्टि करती है कि ट्रिप्स समझौता, सदस्यों को लोक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उपाय करने से प्रतिबंधित नहीं करता है.
विश्व व्यापार के लिए डबल्यूटीओ के सिद्धान्त क्या हैं?
- विश्व व्यापार के लिए डब्ल्यूटीओ के वर्तमान नियमों को निम्नलिखित समझौतों के तहत संहिताबद्ध किया गया है:
- वस्तुओं के अंतराष्ट्रीय व्यापार और शुल्क पर सामान्य समझौता (General Agreement on Tariffs and Trade-GATT)
- सेवाओं के व्यापार पर सामान्य समझौता (General Agreement on Trade in Services-GATS)
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौता (Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights-TRIPS)
- ज्ञातव्य है किGATT की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की गई थी, जबकि GATS और TRIPS दोनों 1995 में लागू किए गए था.
- इन समझौतों का उद्देश्य वैश्विक बाजार अर्थव्यवस्था में मुक्त व्यापार के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है.
डबल्यूटीओ के नियमों के कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं:
- आयात-विरोधी शुल्कों को समाप्त करना
- सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को आसान करना
- संरक्षणवाद को बढ़ावा देने वाले घरेलू कानूनों और करों को हतोत्साहित करना
- कोटा और सब्सिडी कम करना
डबल्यूटीओ के नियम सामान्य सिद्धांतों पर आधारित हैं, इनमें गैर-भेदभाव, मुक्त व्यापार, पूर्वानुमान और आर्थिक संवृद्दि और विकास को बढ़ावा देना शामिल है.
GS Paper 3 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : Starship
संदर्भ
हाल ही में प्रसिद्ध उद्योगपति और उद्यमी एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने रैप्टर इंजन से चलने वाले एक स्टेनलेस स्टील से बने एक प्रोटोटाइप SN-10 यान का परीक्षण किया था, यह यान उड़ान के बाद वापस प्लेटफ़ॉर्म पर सही तरीके से लैंड भी कर गया, लेकिन लैंडिंग के बाद इसमें विस्फोट हो गया. कंपनी इस विस्फोट के कारणों की जाँच कर रही है. ज्ञातव्य है कि इस स्टारशिप यान के जरिये स्पेस एक्स मंगल ग्रह पर मानव मिशन भेजने की योजना बना रही है.
स्टारशिप प्रक्षेपण यान के बारे में
- इसे मंगल का जहाज (Mars Ship) भी कहा गया है.
- इस प्रक्षेपण यान का विकास 2012 से किया जा रहा है, इस यान में कम से कम 6 रैप्टर इंजन लगे होंगे, अधिक कार्गों और मानव ले जाने के लिए तथा गुरुत्वाकर्षण को बैलेंस करने के लिए 31 रैप्टर इंजनों का उपयोग भी करना पड़ सकता है (रैप्टर इंजन में द्रव मीथेन और द्रव ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है.
- SpaceX के अनुसार स्टारशिप अब तक सबसे ताकतवर प्रक्षेपण यान होगा जो 100 टन कार्गो भार को पृथ्वी की कक्षा में ले जाने में सक्षम होगा. यह पुन: उपयोग में लाया जा सकेगा. यह क्षमता कितनी ज्यादा है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत का GSLV मार्क-3 निम्न भू-कक्षा में केवल 10 टन तक भार ले जा सकता है.
Prelims Vishesh
St. George Orthodox Church at Cheppad, Kerala :-
- यह माना जाता है कि इस चर्च का निर्माण 950 ई. में किया गया था, किंतु कुछ विशेषज्ञों ने इसके निर्माण का वर्ष 1050 ई. घोषित किया था.
- इस चर्च में पुनर्जागरण काल-पूर्व की अवधि से संबंधित भित्ति चित्रों की एक समृद्ध विरासत है तथा यह केरल भित्ति कला और फारसी कला का मिश्रण है.
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इसे केंद्र द्वारा संरक्षित राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक (Centrally Protected Monument of National Importance) घोषित करेगी.
Arktika-M :-
- यह आर्कटिक क्षेत्र की जलवायु और पर्यावरण पर निगरानी रखने के लिए रूस का प्रथम आर्कटिक निगरानी उपग्रह है.
- विगत तीन दशकों में आर्कटिक, वैश्विक औसत की तुलना में तीव्रता से दोगुने से अधिक गर्म रहा है.
- इससे यहाँ मौजूद विशाल तेल और गैस भंडार के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे, जिनकी संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, कनाडा आदि देश तलाश में हैं.
- आशा की जाती है कि यह उपग्रह ध्रुवीय क्षेत्र के विषय में आंकड़े जुटाकर मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाएगा और इससे वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के बारे में बेहतर समझ पैदा कर सकते हैं.
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