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Sansar Daily Current Affairs, 05 September 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : International Women Entrepreneurs Summit
संदर्भ
2018 का अंतर्राष्ट्रीय महिला उद्यमी शिखर सम्मेलन नेपाल के काठमांडू में आयोजित हो रहा है. इसका आयोजन दक्षिण एशियाई महिला विकास मंच (South Asian Women Development Forum) करता है.
इस सम्मलेन की theme है – “सामान्यता का आरम्भ आर्थिक सशक्तिकरण से होता है”/Equality begins with Economic Empowerment.
अंतर्राष्ट्रीय महिला उद्यमी शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है – अग्रणी महिला व्यवसायियों, पेशेवरों, अंतर्राष्ट्रीय सेवा प्रदाताओं, संसाधन संगठनों, विशेषज्ञों, सरकारी प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लाना तथा विमर्श एवं आपसी सहयोग के द्वारा नवाचारी आर्थिक परिवर्तन लाना.
दक्षिण एशियाई महिला विकास मंच (South Asian Women Development Forum – SAWDF)
- SAWDF एक स्वायत्त, अलाभकारी संगठन है जो नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है.
- इस संगठन को 2014 में काठमांडू में आयोजित सार्क के 18वें शिखर सम्मलेन में SAARC परिषद् के मंत्रियों के 36वें सत्र में सार्क द्वारा मान्यता प्राप्त निकाय का दर्जा दिया गया था.
- यह SAARC द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसा पहला निकाय है जो महिला उद्यमियों के विषय में काम करता है.
- यह सार्क क्षेत्र की महिला उद्यमियों के आर्थिक मामलों पर काम करने वाले संगठनों एवं संस्थानों का प्रतिनिधित्व करता है.
- इसमें वे संगठन सदस्य होते हैं जिन्होंने महिला उद्यमिता के विषय में व्यापक कार्य किया है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Poshan Maah
संदर्भ
भारत सरकार पोषण अभियान के अंतर्गत सितम्बर, 2008 के महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मना रही है.
राष्ट्रीय पोषण माह
- पोषण माह मनाने का सबसे प्रधान उद्देश्य पोषण के सन्देश को गाँव-गाँव तक पहुँचाना है.
- यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं नीति आयोग की एक पहल है और इसका समर्थन 18 सम्बंधित मंत्रालय/विभाग/सरकारी संगठन कर रहे हैं.
- इस कार्यक्रम का लक्ष्य तकनीक का प्रयोग करते हुए पोषण के सम्बन्ध में किये जा रहे समस्त प्रयासों को एक सूत्र में बांधना और पोषण के विषय में जागरूकता को जन आन्दोलन के स्तर तक ले जाना है.
- इस कार्यक्रम में इन आठ themes पर ध्यान दिया जा रहा है – प्रसवपूर्व देखभाल, इष्टतम स्तनपान विधि (प्रारंभिक और विशिष्ट), पूरक आहार, रक्ताल्पता (anemia), सार्वजनिक विकास की निगरानी, बालिका शिक्षा, आहार, विवाह की सही उम्र, स्वच्छता, खाद्य में पोषक तत्त्वों की मिलावट.
पोषण अभियान
POSHAN Abhiyaan (National Nutrition Mission) का आरम्भ प्रधानमन्त्री द्वारा राजस्थान के झुंझुनू में 8 मार्च, 2018 में किया गया था.
- इस अभियान का लक्ष्य है छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों के बीच कुंठित विकास, कुपोषण, रक्ताल्पता और साथ ही जन्म के समय शिशु के भार की अल्पता की दर को क्रमशः 2%, 2%, 3 % और 2% प्रतिवर्ष घटाना.
- मिशन का एक लक्ष्य यह भी है कि 0 से 6 साल के बच्चों में शारीरिक विकास में कमी की दर को वर्तमान के 38.4% से घटाकर 2022 तक 25% कर दिया जाए.
- सरकार पोषण अभियान को 2020 तक विभिन्न चरणों में देश के सभी 36 राज्यों/केंद्र शाषित क्षेत्रों तथा 718 जिलों तक ले जाना चाहती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Draft charter of Patients’ Rights
संदर्भ
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने हाल ही में रोगी अधिकार चार्टर (Charter of Patients’ Rights) का प्रारूप निर्गत किया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की योजना है कि इस चार्टर को राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जाए जिससे चिकित्सा संस्थाओं में उचित स्वास्थ्यगत देखभाल की व्यवस्था हो सके.
प्रारूप के मुख्य तथ्य
- चार्टर के प्रारूप में रोगियों के विभिन्न अधिकारों का वर्णन किया गया है.
- प्रारूप में रोगियों के अधिकार से सम्बंधित सभी प्रासंगिक प्रावधानों का भी वर्णन है. इस प्रकार इन प्रावधानों को एक स्थान में लाकर यह चार्टर उन्हें जनसाधारण के संज्ञान में ले आया है.
- आशा की जाती है कि यह दस्तावेज केंद्र और राज्य सरकारों को रोगियों के अधिकार के बारे में आवश्यक ठोस तन्त्र के निर्माण के संदर्भ में एक मार्ग निर्देशक दस्तावेज के रूप में काम देगा.
- इस प्रकार रोगियों के अधिकारों को पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी और साथ ही इन अधिकारों की पूर्ति के लिए आवश्यक तन्त्र विकसित किया जा सकेगा और इन अधिकारों को कानून के द्वारा लागू किये जाने का मार्ग प्रशस्त होगा.
चार्टर का यह प्रारूप रोगियों के अधिकारों के साथ-साथ उनके उत्तरदायित्वों का भी विधान करता है –
- रोगी को चिकित्सक को सभी अपेक्षित जानकारी देनी होगी और कोई भी प्रासंगिक तथ्य छिपाना नहीं होगा जिससे कि चिकित्सक सही निदान और उपचार कर सके.
- रोगियों के ये उत्तरदायित्व भी होंगे – चिकित्सक से मिलने के समय के बारे में विहित निर्देशों का पालन करना, अस्पताल के कर्मचारियों और अन्य रोगियों के साथ सहयोग करना, दूसरे रोगियों को परेशान नहीं करना और अस्पताल में स्वच्छता बनाये रखना.
- रोगियों का यह कर्तव्य है कि वे चिकित्सक और अस्पताल के कर्मचारियों की गरिमा का सम्मान करें और चाहे कोई भी शिकायत क्यों न हो, देख-भाल करने वालों के साथ किसी रूप में हिंसा का बर्ताव नहीं करें.
- प्रारूप में यह प्रस्ताव है कि उपचार के विकल्पों के सम्बन्ध में अपनी पसंद की जिम्मेवारी रोगी स्वयं लें.
चार्टर का महत्त्व
यदि मानवाधिकार आयोग के द्वारा प्रस्तुत चार्टर के प्रावधान लागू हो जाएँ तो रोगियों को न केवल आपातकालीन चिकित्सकीय देखभाल का अधिकार ही मिलेगा, अपितु उन्हें यह छूट भी मिल जायेगी कि वे अपने रोग के बारे में किसी दूसरे चिकित्सक का परमार्श लें और वैकल्पिक उपचार भी करा सकें.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : International Aviation Summit
संदर्भ
नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय विमानन शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है. इसका आयोजन संयुक्त रूप से भारतीय वायुपत्तन प्राधिकरण, नागरिक विमानन मंत्रालय तथा अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (International Air Transport Association – IATA) द्वारा किया जा रहा है.
पृष्ठभूमि
ज्ञातव्य है कि IATA के अनुसार अगले 15-20 वर्षों में भारत में यात्रीगण 50 करोड़ हवाई यात्राएँ करेंगे. IATA के अनुसार आने वाले दस वर्षों में भारत हवाई उड़ानों के मामले में जर्मनी, जापान, स्पेन और ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा और इसका विमान यात्रा बाजार विश्व का तीसरा बड़ा बाजार हो जाएगा.
भारत सरकार का मानना है कि अगले 15-20 वर्षों में देश में विमान यात्रियों की संख्या 100 करोड़ तक जा सकती है और वह इसी के अनुसार अपनी तैयारी कर रही है.
हवाई यात्रा की वृद्धि की चुनौतियाँ
- एक ओर जहाँ विमानन के क्षेत्र में भारत में आधारभूत संरचना और वित्त को लेकर समस्याएँ हैं तो दूसरी ओर एयरलाइन कंपनियाँ बाजार की माँग को देखते हुए धड़ाधड़ विमान खरीद रही हैं.
- घरेलू हवाई उड़ानों की माँग में उछाल देखने में आया है, इसलिए देश की एयरलाइनें आने वाले आठ वर्षों में 1,000 विमान खरीदने का आदेश दे चुकी है. परन्तु इन एयरलाइनों की वित्तीय स्थिति जनवरी, 2018 के बाद ह्रास की ओर जा रही है.
- इकॉनमी और बिज़नस क्लास की टिकटों पर GST दर क्रमशः 5% और 12% है. परन्तु कुछ लोगों विचार है कि अंतर्राष्ट्रीय हवाई टिकटों पर GST लगाना अंतर्राष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है.
IATA क्या है?
- IATA पूरे विश्व के एयरलाइन का एक ट्रेड संघ है.
- इन एयरलइनों की संख्या है 280 है जो विश्व के कुल एयरलाइनों का 83% है.
- यह 1945 ई. में स्थापित हुआ था और इसने 1919 ई. में स्थापित International Air Traffic Association की जगह ली थी.
- IATA वायुयान सेवाओं की गतिविधियों में सहायता पहुँचाता है तथा वायुसेवा उद्योग की नीति बनाने में मदद करता है.
- साथ ही यह विमानन के लिए अत्यावश्यक प्रशीक्षण और परामर्श की सुविधा प्रदान करता है.
- इस संघ का मुख्यालाय कनाडा के क्यूबक राज्य में स्थित मोंट्रियल नगर में है परन्तु इसका कार्यकारी कार्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Technology Initiatives for Coffee Stakeholders
संदर्भ
भारत सरकार ने कॉफी उत्पादन से जुड़े हुए लोगों (stakeholders) के लिए दो नई पहलें आरम्भ की हैं. ये हैं –
- Coffee Connect – India coffee field force app
- Coffee Krishi Tharanga – digital mobile extension services for coffee stakeholders.
कॉफी कनेक्ट
- यह एक मोबाइल एप है जिससे खेत में काम करने वाले व्यक्तियों का काम आसान होगा और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी. इस app के माध्यम से अग्रलिखित कार्य होंगे – JIO tagging के साथ कॉफी उत्पादकों और बागानों का डिजिटीकरण तथा कॉफी रोपण के विवरणों का संग्रहण.
- इस app के माध्यम से एक्सटेंशन अधिकारियों और कर्मचारियों की गतिविधियों में तथा सब्सिडी के भुगतान में पारदर्शिता आएगी. साथ ही नवीनतम तात्क्षणिक प्रतिवेदन बनाने में मदद मिलेगी.,
कॉफी कृषि तरंग
कॉफी कृषि तरंग परियोजना को बनाने का उद्देश्य ग्राहकानुकूल सूचना एवं सेवा प्रदान करना है जिससे कि उत्पादकता (productivity), लाभकारकता (profitability) और पर्यावरणगत सततता (environmental sustainability) में वृद्धि हो. इस प्रायोगिक परियोजना के लिए NABARD ने आंशिक आर्थिक सहायता दी है.
कॉफी कृषि तरंग एक मोबाइल सेवा योजना है जो ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार कॉफी की खेती के संदर्भ में आवश्यक सुझाव देगी और डिजिटलाइजेशन और वर्तमान मोबाइल पहुँच का प्रयोग करते हुए उन्नत तकनीक को दूर-दूर तक उपलब्ध कराएगी.
भारत में कॉफी की खेती
भारत में लगभग 3.66 लाख किसान 4.54 लाख हेक्टर में कॉफी की खेती करते हैं. इनमें 98% छोटे किसान हैं. कॉफी की खेती परम्परागत रूप से मात्र कर्नाटक (54%), केरल (19%) और तमिलनाडु (8%) में होती है.
- भारत में कॉफी की खेती मानसून की वर्षा पर निर्भर है. इसलिए इसे “Indian monsooned coffee” भी कहते हैं.
- भारत में कॉफी की दो प्रसिद्ध प्रजातियाँ हैं – अरेबिका और रोबस्टा. अरेबिका प्रजाति 17वीं शताब्दी में कर्नाटक की बाबा बुदन गिरी पहाड़ियों में सबसे पहले उगाई गई थी और पहले यह Kent तथा S.795 ब्रांड के नाम से बेची जाती थी.
भारतीय कॉफी बोर्ड (Coffee Board of India)
भारतीय कॉफी बोर्ड भारत में कॉफी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा निर्मित एक संगठन है जो वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंदर आता है.
- इसका गठन 1942 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के तहत हुआ था.
- इस बोर्ड के लिए निर्धारित कार्य हैं – भारत और विदेश में कॉफी की बिक्री और खपत को बढ़ावा देना, कॉफी से सम्बन्धित अनुसन्धान करना, छोटे-छोटे कॉफी उत्पादकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, कॉफी श्रमिकों के हितों की सुरक्षा करना और बिक्री से बची रह गई कॉफी के अतिरिक्त भंडार का प्रबन्धन करना.
Prelims Vishesh
Plan to save Himalayan springs :-
- नीति आयोग ने विशेषज्ञों के एक दल का गठन किया है जो हिमालय से सटे राज्यों में उपलब्ध जल स्रोतों को बचाने और उनको फिर से जीवित करने के विषय में सुझाव देगा.
- ज्ञातव्य है कि मेघालय में सबसे अधिक जल स्रोत हैं. यहाँ के 3,810 गाँव ऐसे हैं जहाँ ऐसे स्रोत पाए जाते हैं.
- जहाँ तक जल स्रोतों वाले गाँवों के घनत्व का प्रश्न है, इस मामले में सिक्किम (94%) सबसे आगे है.
- हिमालय के पश्चिमी भाग में जम्मू-कश्मीर राज्य में सबसे अधिक (3,313) जलस्रोतों वाले गाँव हैं जिनका घनत्व 50.6% है.
‘IOWave18’ :-
- हिन्द महासागर में हिन्द महासागर लहर अभ्यास, 2018 (Indian Ocean Wave Exercise 2018 – IOWave18) होने जा रहा है जिसमें भारत और 23 अन्य देश सम्मिलित होंगे.
- इस अभ्यास में सुनामी के लिए mock drill आयोजित हो रही है. इस drill का आयोजन UNESCO का अंतर सरकारी महासागर समुद्र विज्ञान आयोग (Intergovernmental Oceanographic Commission – IOC) कर रहा है.
KAZIND 2018 :-
- KAZIND 2018 एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है जिसमें भारत और कज़ाख़िस्तान की सेनाएँ सम्मिलित हैं.
- इस वर्ष यह अभ्यास कजाकिस्तान के Otar क्षेत्र में होगा.
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