Sansar Daily Current Affairs, 06 August 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Bhoomi Rashi and PFMS linkage
सन्दर्भ
भारत सरकार ने हाल ही में भूमि राशि पोर्टल को सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (Public Financial Management System – PFMS) से जोड़ दिया है. ऐसा करने से भूमि अधिग्रहण के लिए क्षतिपूर्ति का भुगतान सुविधाजनक हो जाने की आशा है.
भूमि राशि क्या है?
- भूमि राशि सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा NIC (National Informatics Centre ) के द्वारा निर्मित एक पोर्टल है जिसमें भारत के सभी 6.4 लाख गाँवों से सम्बंधित राजस्व डाटा उपलब्ध रहता है.
- इस पोर्टल के माध्यम से भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित समस्त प्रक्रियाएँ जैसे राज्य सरकार द्वारा प्रारूप अधिसूचना का निर्गमन, उसपर सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री द्वारा अनुमोदन एवं ई-राजपत्र में उसके प्रकाशन का काम ऑनलाइन होता है.
- इस पोर्टल का वर्तमान में अधिसूचनाओं को निर्गत करने में पूर्णतः प्रयोग हो रहा है.
- भूमि राशि पोर्टल (Bhoomi Rashi portal) के कारण भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित अधिसूचनाओं के अनुमोदन और प्रकाशन का काम शीग्रता से हो रहा है.
PFMS क्या है?
सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा भुगतान की प्रक्रिया और उसके अनुश्रवण का कार्य किया जाता है.
- PFMS व्यय विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में होता है.
- इसका कार्यान्वयन भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा किया जाता है.
PFMS का कार्य
- योजना के लिए मुक्त की गई राशि पर नजर रखना.
- दी गई निधि का अनुश्रवन करना.
- किये गये खर्च एवं प्राप्त राशि का कोषागार एवं बैंक के माध्यम से तात्क्षणिक लेखा-जोखा रखना.
- कार्यान्वयन करने वाली एजेंसियों और राज्य सरकारों को मुहैया की गई धन-राशि के उपयोग पर नजर रखना.
- भारत सरकार के MGNREGA कार्यक्रम तथा अन्य अधिसूचित कार्यक्रमों के लिए DBT भुगतान हेतु भी PFMS का उपयोग किया जाता है.
PFMS की महत्ता
PFMS के आ जाने से सार्वजनिक वित्त प्रबंधन अधिक कुशल और किफायती हो गया है क्योंकि उसमें नकद राशि का बेहतर प्रबंधन होता है. साथ ही सार्वजनिक व्यय में पारदर्शिता आई है और संसाधनों की उप्लब्धता एवं उपयोग के विषय में तात्क्षणिक सूचना उपलब्ध होती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Digital Literacy Library
सन्दर्भ
फेसबुक ने हाल ही में डिजिटल साक्षरता पुस्तकालय का आरम्भ किया है जिसका उद्देश्य युवाओं में ऑनलाइन माध्यम से कौशल का संवर्धन करना है.
डिजिटल साक्षरता पुस्तकालय क्या है?
- इस पुस्तकालय का उद्देश्य युवाओं को ऑनलाइन तकनीक को सुरक्षापूर्वक चलाने के लिए आवश्यक कौशल के निर्माण में सहायता पहुँचाना है.
- इस पुस्तकालय में कुछ ऐसे पाठ होते हैं जो युवाओं को ऑनलाइन तकनीक की प्रक्रिया समझने में सहायता करते हैं.
- ये पाठ विभिन्न थीमों में बंटे होते है, जैसे – एकांतता (privacy) एवं प्रतिष्ठा (reputation), पहचान अन्वेषण (identity exploration), सुरक्षा एवं स्वस्ति (safety and well being). ये पाठ विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमियों, नस्लों, भूभागों एवं शैक्षणिक स्तरों से आये हुए युवाओं की आवाज़ प्रतिबिम्बित करते हैं.
- ये पाठ फेसबुक के सुरक्षा केंद्र के अतिरिक्त बर्कमेन क्लिन के डिजिटल साक्षरता संसाधन मंच पर भी उपलब्ध हैं.
महत्त्व
विदित हो कि विश्व में 8 करोड़ 30 लाख युवा ऑनलाइन रहते हैं. इस पुस्तकालय के द्वारा शिक्षकदाता एजेंसियों को युवाओं में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने और डिजिटल तकनीक के सुरक्षित उपयोग के लिए आवश्यक कौशल सृजन में सहायता मिलती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Defence India Startup Challenge
सन्दर्भ
रक्षा मंत्री ने हाल ही में डिफेन्स इंडिया स्टार्टअप चैलेंज नामक योजना का अनावरण किया है.
डिफेन्स इंडिया स्टार्टअप चैलेंज क्या है?
- विदित हो कि इस वर्ष अप्रैल में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने iDEX (Innovation for Defence Excellence) योजना घोषित की थी जिसका उद्देश्य रक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश में आविष्कार एवं उद्यमिता के लिए आवश्यक इको-सिस्टम का निर्माण करना था. डिफेन्स इंडिया स्टार्टअप चैलेंज इसी योजना का एक भाग है.
- इस योजना के माध्यम से देश की तीनों सेनाओं की आवश्यकताओं के लिए स्वदेशी, सुरक्षित एवं भविष्योन्मुख समाधान हेतु स्टार्ट-अपों को बढ़ावा दिया जायेगा.
- भारतीय सेनाओं क आज 11 तकनीकों की आवश्यकता है उसकी सूची बना ली गई है. ये तकनीक हैं – ड्रोन, लेज़र अस्त्र, सुरक्षित संचार तंत्र एवं बैंडविड्थ एवं सटीक लक्ष्य भेदन प्रणाली, सेंसर एवं युद्धक टैंकों में बैठे हुए सैनिकों को सुरक्षित एवं जानकारियों से युक्त रखना.
- योजना के अंतर्गत यह व्यवस्था है कि जो स्टार्ट-अप प्रयोग होने योग्य उत्पाद के नमूने लायेंगे उन्हें 1.5-1.5 करोड़ रुपयों की आर्थिक सहायता दी जाएगी और मंत्रालय द्वारा आवश्यक उपकरण जुटाने की प्रक्रिया SPARK योजना (Support for Prototype & Research Kickstart in Defence Scheme) के तहत सरल बनाई जएगी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Asia-Pacific Institute for Broadcasting Development
सन्दर्भ
हाल ही में भारत को Asia-Pacific Institute for Broadcasting Development (AIBD) का अध्यक्ष चुना गया है. इसके लिए श्रीलंका में चुनाव हुए थे जिसमें ईरान को हराकर भारत को पहली बार यह पद प्राप्त हुआ.
AIBD क्या है?
- AIBD की स्थापना 1977 में UNESCO के तत्त्वाधान में हुई थी.
- यह संगठन एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन (regional inter-governmental organisation) है जो एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं आर्थिक-सामाजिक आयोग (UN-ESCAPE) के देशों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विकास में सहायता करता है.
- AIBD का सचिवालय कुआलालम्पुर, मलेशिया में है.
इसके सदस्य कौन हैं?
- इस संगठन के सदस्य दो प्रकार के होते हैं – मताधिकार युक्त एवं मताधिकार विहीन.
- इस संगठन के मताधिकार युक्त सदस्य वे देश हैं जो एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में अवस्थित हैं.
- वर्तमान में इस संस्था से 26 देश (full members) जुड़े हुए हैं. इसके अतिरिक्त 67 सम्बद्ध सदस्य (affiliate members) हैं. (Source: Official Website)
- ये 26 Full members हैं – अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई, चीन, कंबोडिया, फिजी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, कोरिया गणराज्य, लाओस, मलेशिया, मालदीव, माइक्रोनेशिया, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, समोआ, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड, वियतनाम.
- 48 अन्य देशों के प्रतिनिधि, यूरोप, अफ्रीका, अरब देशों एवं उत्तरी अमेरिका के भी 50 सहयोगी इससे जुड़े हुए हैं.
- मतदाधिकारविहीन सदस्य ये हैं – अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP), और संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO), एशिया-प्रशांत प्रसारण संघ (ABU)
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Internet Corporation for Assigned Names and Numbers (ICANN)
सन्दर्भ
हाल ही में प्रदत्त नामों एवं संख्याओं के लिए निर्मित इन्टरनेट निगम (Internet Corporation for Assigned Names and Numbers – ICANN) के नामांकन समिति ने Data XGen Plus के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय दत्त को Country Code Supporting Organisation (ccNSO) की परिषद् का सदस्य चुना है.
ज्ञातव्य है Data XGen Plus ईमेल भाषा सेवाओं के क्षेत्र में विश्व का एक जाना-माना नाम है. अजय दत्त ccNSO में सदस्य चुने जाने वाले पहले भारतीय हैं. ये ccNSO के सदस्य के रूप में एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत सागरीय द्वीपों के मामले देखेंगे.
ccNSCO क्या है?
- ICANN के अधीनस्थ ccNSCO एक नीति निर्माण संकाय है जो country code top-level domains (ccTLD) से सम्बंधित वैश्विक समस्याओं को देखता है.
- ccNSCO में विश्व-भर के सभी ccTLD (country code top-level domains) के ऑपरेटर इसके सदस्य होते हैं.
ICANN क्या है?
- ICANN एक अलाभकारी संगठन है जिसे 1998 में डोमेन नामों (domain names) के प्रशासन को देखने के लिए स्थापित किया गया था.
- ICANN cyberetic ढाँचे के सुचारू एवं सुरक्षित कामकाज को सुनश्चित करता है.
ICANN का कार्य
आज domain names, host names, IP address एवं websites की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ICANN इस नेटवर्क पर नजर रखता है और यह सुनश्चित करता है कि सभी कंप्यूटर परिभाषित अनूठे pathways एवं identifier के जरिये एक-दूसरे तक पहुँच सकें. इसके लिए ICANN निम्नलिखित चार काम करता है –
- डोमेन नामों (domain names) के लिए एक रजिस्टरार के रूप में अनुमोदन करना.
- रूट सिस्टम में Top Level Domains (TLDs) को जोड़ने के विषय में निर्णय लेना.
- सार्वभौम सम्पर्क को बनाए रखने के लिए तकनीकी मानदंडों का समन्वय करना.
- प्रतिस्पर्धी डोमेन नामों के लिए Uniform Domain Name Dispute Resolution Policy (UDRP) का सृजन करना.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : IMPRINT-2
सन्दर्भ
उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इंप्रिंट-2 (IMPRINT-2) के अंतर्गत 122 नई शोध परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. इन परियोनाओं में ऊर्जा, उन्नत सामग्री, सूचना, रक्षा/ सुरक्षा, स्वास्थ्य और संचार प्रौद्योगिकी सम्मिलित है. इन परियोजनाओं में कुल लागत लगभग 112 करोड़ रुपये आएगी. केंद्र सरकार द्वारा 2,145 प्रस्तावों में से इंप्रिंट-2 के अंतर्गत वित्त पोषण हेतु 122 सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावों को चुना गया था, जो उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी को अधिक उन्नत स्तर पर ले जाने की क्षमता रखते हैं.
वे कौन-से शोध प्रस्ताव हैं?
चुने गये नए शोध परियोजना प्रस्तावों में 35 (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी); 18 (उन्नत सामग्री), 17 (स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी), 12 (ऊर्जा सुरक्षा); 11 (सुरक्षा और रक्षा); 9 (सतत आवास); 7 (जल संसाधन और नदी प्रणाली); 5 (पर्यावरण और जलवायु); 4 (विनिर्माण); और 4 (नैनो प्रौद्योगिकी) शामिल हैं.
इंप्रिंट (IMPRINT) योजना क्या है?
- इंप्रिंट (IMPacting Research, INnovation and Technology) इंडिया योजना का अनावरण भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध एवं अनुसंधान कार्यों की योजना तैयार करने और इसे जनता से जोड़ने के लिए किया गया है.
- ‘इम्प्रिंट इंडिया’ IIT और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की एक संयुक्त पहल है जिसके द्वारा दस प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों (नीचे लिस्ट दिया गया है) में अनुभव की जाने वाली प्रमुख अभियान्त्रिक एवं प्रौद्योगिकी समस्याओं से निपटा जायेगा और उसके लिए अनुसंधान का रोडमैप विकसित किया जाएगा.
- इस पहल के उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- समाज में नवाचार के लिए आवश्यक क्षेत्रों की पहचान करना
- इन क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए उचित कोष की आपूर्ति सुनिश्चित करना
- इन अनुसंधानों के परिणामों का शहरी और ग्रामीण क्षेत्र पर प्रभाव का आकलन करना
इंप्रिंट (IMPRINT) के 10 कार्य क्षेत्र
- स्वास्थ्य की देखभाल – IIT खड़गपुर
- रक्षा – IIT मद्रास
- विनिर्माण – IIT मद्रास
- बंगलौर ऊर्जा सुरक्षा – IIT बॉम्बे
- कम्प्यूटर साइंस और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी – IIT खड़गपुर
- नैनो प्रौद्योगिकी हार्डवेयर- IIT बॉम्बे
- अग्रिम सामग्री – IIT कानपुर
- जल संसाधन और नदी प्रणालियाँ – IIT कानपुर
- सतत शहरी डिजाइन – IIT रुड़की
- पर्यावरण विज्ञान और जलवायु परिवर्तन – आईआईएससी
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