Sansar Daily Current Affairs, 06 June 2020
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests
Topic : Global Vaccine Summit
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) की ओर से आयोजित आभासी (virtual) ग्लोबल वैक्सीन शिखर सम्मेलन में भाग लिया. इस सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों और व्यापारिक नेताओं ने शिरकत की.
मुख्य तथ्य
- यह शिखर सम्मेलन GAVI, वैक्सीन एलायंस के लिए कम से कम 4 बिलियन अमरीकी डालर की निधि जुटाने के लिए आयोजित किया जा रहा है.
- ब्रिटेन वर्तमान में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है.
- देश ने COVID-19 वैक्सीन खोज का समर्थन करने के लिए एक वैक्सीन टास्क फोर्स का गठन किया है.
- ग्लोबल वैक्सीन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन गावी (GAVI) को 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर राशि की मदद करने की घोषणा की है.
GAVI: वैक्सीन एलायंस
- GAVI का पूरा नाम है – Global Alliance for Vaccines and Immunisation.
- GAVI गठबंधन 2000 में यूनिसेफ, WHO, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, विश्व बैंक, अनुसंधान एजेंसियों, वैक्सीन निर्माताओं और कई अन्य निजी क्षेत्र के भागीदारों की भागीदारी के तहत स्थापित किया गया था.
- GAVI, गरीब देशों में टीकाकरण की पहुँच बढ़ाकर, बच्चों के जीवन बचाने तथा लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के मिशन का संचालन करता है.
- इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को दृढ़ता प्रदान करना है एवं देशों को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के निकट लाना है.
मेरी राय – मेंस के लिए
भारत की ओर से गावी को सहायता न केवल वित्तीय है, बल्कि भारत की ओर से भारी मांग होने से सभी के लिए टीकों की वैश्विक कीमत भी घट गई है. कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं एवं टीकों का उत्पादन करने की अपनी सिद्ध क्षमता, तेजी से बढ़ रहे टीकाकरण में अपने गहन घरेलू अनुभव और अपनी व्यापक वैज्ञानिक अनुसंधान प्रतिभा के साथ भारत पूरी दुनिया के साथ एकजुट होकर खड़ा है. भारत में न केवल वैश्विक स्तर पर किए जा रहे स्वास्थ्य संबंधी प्रयासों में महत्त्वपूर्ण योगदान करने की क्षमता है, बल्कि साझा करने और परवाह करने की भावना के साथ ऐसा करने की प्रबल इच्छाशक्ति भी है. भारत के टीकाकरण कार्यक्रम को विश्व में सफलतम अभियानों में से एक माना जाता है. भारत ने कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं एवं टीकों का उत्पादन करने की अपनी क्षमता सिद्ध की है.
प्रीलिम्स बूस्टर
इन्द्रधनुष मिशन : सरकार द्वारा शुरू किए गए शुरुआती कार्यक्रमों में से एक इन्द्रधनुष था, जिसका उद्देश्य दुर्गम इलाकों सहित पूरे देश के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करना था.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.
Topic : Mutual Logistics Support Agreement (MLSA)
संदर्भ
कोरोना संकट के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच महत्त्वपूर्ण रक्षा समझौते हुए हैं. दोनों देशों एक दूसरे के सैन्य अड्डों तक आपसी पहुँच सुगम बनाने के लिए पारस्परिक लॉजिस्टिक सहयोग समझौता (Mutual Logistics Support Agreement –MLSA) किया है.
- दोनों देशों ने साइबर और साइबर युक्त प्रौद्योगिकी तथा खनिज एवं खनन, सैन्य प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक शिक्षा तथा जल संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता किया.
- दोनों पक्षों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे, हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा चुनौतियों, विश्व व्यापार संगठन में सुधार तथा कोरोना वायरस संकट से निपटने के रास्तों सहित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
- दोनों देशों ने आतंकवाद को क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा माना और इस बुराई के हर रूप कड़ी निंदा करते हुए जोर दिया कि किसी भी आधार पर आतंकी गतिविधि को उचित नहीं ठहराया जा सकता.
पारस्परिक लॉजिस्टिक सहयोग समझौता (Mutual Logistics Support Agreement)
- यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के सैन्य सामग्रियों के उपयोग की अनुमति देगा, जिसके अंतर्गत दोंनों देशों के सैनिक आपस में भोजन, पानी और पेट्रोलियम जैसी सुविधाओं का आदान-प्रदान कर सकेंगे.
- दोनों देशों के बीच नौ समझौते हुए जिसमें सबसे महत्त्वपूर्ण समझौता MLSA है, जिसके अंतर्गत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य अड्डे का प्रयोग कर सकेंगे.
- यह समझौता चीन के सैन्य विस्तार और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए दोनों देशों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होगा.
भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंध
- भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों की सीमा हिंद महासागर से लगती है और नेविगेशन और व्यापार की स्वतंत्रता के रखरखाव में दोनों के साझा हित हैं.
- ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका से भली-भाँति परिचित है.
- भारत और ऑस्ट्रेलिया विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग करते हैं. ऑस्ट्रेलिया विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है.
- भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों राष्ट्रमंडल, IOR-ARC, ASEAN, क्षेत्रीय मंच, पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन और जलवायु और स्वच्छविकास पर एशिया-प्रशांत साझेदारी के सदस्य हैं. 2008 में, ऑस्ट्रेलिया सार्क में पर्यवेक्षक राष्ट्र बना.
- रक्षा क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया की एक साझा चिंता चीन को लेकर है. जहाँ ऑस्ट्रेलिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की उपस्थिति से चिंतित है, तो वहीं भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से चिंतित है.
- वर्ष 2019 के प्रारंभ में ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय नौसेनाओं ने दो सप्ताह तक चलने वाले द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास AUSINDEX में भाग लिया था.
- इस द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का आयोजन भारतीय नौसेना तथा रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (Royal Australian Navy-RAN) के बीच आपसी सहयोग एवं पारस्परिकता को बढ़ाने के लिये तथा कर्मचारियों को आपस में अपने पेशेवर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करने के लिये किया गया था.
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस प्रकार की पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता का आयोजन वर्ष 2017 में हुआ था. इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने अपने रणनीतिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की.
- वर्ष 2016-18 तक दोंनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त सैन्याभ्यास ‘ऑस्ट्रा-हिंद’ (AUSTRA-HIND) संचालित किया था.
- यह महत्त्वपूर्ण है कि वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलियाई विदेश नीति के श्वेत-पत्र में भारत को अमेरिका, जापान, इंडोनेशिया, चीन के साथ अग्रिम पंक्ति के अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के रूप में पहचाना गया.
- चीन को प्रतिसंतुलित करने के लिये ‘क्वाड’ (QUAD) की संकल्पना वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे द्वारा की गई थी.
मेरी राय – मेंस के लिए
चीन के आक्रामक व्यवहार और विस्तारवाद नीति से वर्तमान में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों देश परेशान हैं. ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच अभी कारोबारी तनाव चरम पर है. वहीं भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की स्थिति तनावपूर्ण है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दृढ संबंध इस क्षेत्र में अधिक स्थायित्व लाएंगे और दोनों देशों की तरफ से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए विशेष घोषणा पत्र लाना बताता है कि इशारा किस ओर है.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य कई समानताएं हैँ, जो घनिष्ठ सहयोग और बहुमुखी बातचीत के लिए एक आधार प्रदान करती हैं. दोनों मजबूत, जीवंत, धर्मनिरपेक्ष और बहुसांस्कृतिक लोकतंत्र हैं. दोनों में स्वतंत्र प्रेस और एक स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली है तथा अंग्रेजी भाषाएक महत्त्वपूर्ण कड़ी है. क्रिकेट लोकप्रिय स्तर पर जागरूकता का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है.
भारत-ऑस्ट्रेलिया परमाणु समझौता
भारत-ऑस्ट्रेलिया के मध्य सितंबर 2014 में असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हुए. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने “भारत-ऑस्ट्रेलिया असैन्य परमाणु समझौते” की प्रक्रियाओं की पूर्णता की घोषणा की. ऑस्ट्रेलिया में विश्व के लगभग 40% यूरेनियम भण्डार हैं और यह प्रतिवर्ष लगभग 7000 टन येलो केक का निर्यात करता है.
व्यापार
दोनों देशों के मध्य अनुमानत: 15 अरब डॉलर का व्यवसाय होता है. व्यापार के विस्तार के लिए दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने ‘व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते’ (CEPA) को अंजाम दिया था. ऑस्ट्रेलिया डेयरी उत्पाद, ताजे फल, फार्मास्यूटिकल्स और वाइन में टैरिफ में कमी के लिए जोर दे रहा है. व्यापार भारत ऑटोमोबाइल पार्ट्स, कपड़ा और ताजा फल पर कोई शुल्क नहीं चाहता है. भारत ने सेवा क्षेत्र में अधिक से अधिक पहुँच की मांग की है.
प्रीलिम्स बूस्टर
विज़न इंडिया 2035
- ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने विज़न इंडिया 2035 का अनावरण किया है. यह विज़न डॉक्यूमेंट दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को आकार देगा.
- इसमें फूड पार्टनरशिप, खनन कारोबार का विस्तार और हवाई संपर्क को बेहतर बनाना सम्मिलित है.
- यह विज़न डॉक्यूमेंट भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक भविष्य का रोडमैप प्रस्तुत करता है. ऑस्ट्रेलिया यह मानता है कि भारत दुनिया की सबसे तीव्रता से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो अगले 20 वर्षों में ऑस्ट्रेलियाई कारोबार के लिये किसी भी अन्य एकल बाज़ार की तुलना में अधिक अवसर प्रदान करेगा.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Environment related issues.
Topic : World Environment Day
संदर्भ
हर वर्ष की भाँति इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया गया.
विश्व पर्यावरण दिवस
- हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
- 1972 में सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाया था. इस दौरान स्वीडन में हुए एक आयोजन में करीब 115 देशों ने हिस्सा लिया था. जिसके बाद भारत समेत अन्य देशों में इसे मनाने की परंपरा शुरू हुई.
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा घोषित थीम पर ध्यान केंद्रित करते हुए यह दिवस मनाता है और कई कार्यक्रम आयोजित करता है.
- इस वर्ष की थीम ‘जैव विविधता – प्रकृति के लिए समय’ है.
इस दिवस का महत्त्व
- पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्त्वपूर्ण है जिसमें सम्पूर्ण विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का मार्ग निकालता है.
- लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है.
- इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है.
मेरी राय – मेंस के लिए
पर्यावरण के लिहाज से देखें तो कोरोना के कहर से परेशान दुनिया को लॉकडाउन के कारण से थोड़ी राहत मिली है. जैसे ही कारखाने, मोटर गाड़ियां चलना बंद हुई, लोग निकलने बंद हुए, प्रकृति ने थोड़ी राहत की सांस ली. लेकिन, एक बार फिर देशभर में लॉकडाउन खुल रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या पर्यावरण फिर से दूषित हो जाएगा?
भारत में दुनिया का केवल 2.5 प्रतिशत भूखंड होने, उस पर मानव आबादी का 16 प्रतिशत होने के साथ-साथ मवेशियों की जनसंख्या और केवल 4 प्रतिशत ताजा जल स्रोत होने जैसे अनेक अवरोधों के बावजूद, दुनिया की 8 प्रतिशत जैव विविधता विद्यमान है. हमारे पास जो विशाल जैव विविधता है, वह प्रकृति के साथ तालमेल बैठाने वाले भारतीय लोकाचारों का परिणाम है.
भारत संभवतः एकमात्र ऐसा देश है जहां पेड़ों की पूजा की जाती है, जहां जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों की पूजा कीजाती है और यह पर्यावरण के लिए भारतीय समाज का सम्मान है. हमारे पास युगों से गांव के जंगल की बहुत ही महत्त्वपूर्ण परंपरा हुआ करती थी, अब शहरी वन संबंधी इस नई योजना से इस खाई को भरा जा सकेगा क्योंकि शहरी क्षेत्रों में उद्यान तो हैं लेकिन जंगल बहुत ही कम हैं; शहरी वन बनाने की इस गतिविधि के साथ हम अतिरिक्त कार्बन सिंक भी तैयार करेंगे.
नदी के घाटों पर मिट्टी के क्षरण, गाद और पानी के कम प्रवाह की समस्याओं को दूर करने के लिए सभी को सामूहिक रूप से काम करना होगा. क्या अब समय नहीं आ गया है कि हममें इतनी विनम्रता हो कि हम प्रकृति के साथ अपने संबंधों के बारे में नए सिरे से सोचे और उन्हें पुनर्परिभाषित करें. शायद अब समय आ गया है कि मानवता प्रकृति के लिए एक नया सामाजिक अनुबंध करे.
प्रीलिम्स बूस्टर
mHariyali :– MHariyali मोबाइल एप्लिकेशन को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वृक्षारोपण हेतु सार्वजनिक जुड़ाव को प्रोत्साहित करने के लिए लॉन्च किया गया था.
GS Paper 3 Source : PIB
UPSC Syllabus : Environment and Biodiversity.
Topic : Nagar van scheme
संदर्भ
इस वर्ष पाँच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नगर वन नामक एक योजना का सूत्रपात किया है.
नगर वन योजना क्या है?
- नगर वन योजना शहरों में जंगल लगाने पर बल देती है.
- इस योजना के अंतर्गत अगले पाँच वर्षों तक पूरे देश में 200 के लगभग शहरी जंगल विकसित किये जायेंगे.
- इस योजना से राज्यों को शहरी पारिस्थितिकी का प्रबंधन करने का अवसर मिलेगा.
नगर वानिकी की आवश्यकता क्यों?
पारम्परिक रूप से जैव-विवधता के संरक्षण के लिए दूरस्थ जंगली क्षेत्रों पर ही ध्यान दिया जाता है. किन्तु बढ़ते हुए नगरीकरण को देखते हुए आज आवश्यकता है कि शहरी क्षेत्रों में भी जैव विवधता का संरक्षण किया जाए. इसलिए शहरों में वन लगाने का विचार आया है.
जैव विविधता का संरक्षण आवश्यक क्यों?
वैसे तो भारत जैव विविधता के मामले में समृद्ध है. यहाँ पशुओं और पौधों की अनेक प्रजातियाँ मिलती हैं. विश्व के 35 जैव विविधता के गढ़ों में से 4 गढ़ भारत में ही हैं, परन्तु जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है और वन काटे जा रहे हैं तथा साथ ही शहरों का विस्तार और औद्योगिकीकरण में वृद्धि हो रही है, वैसे-वैसे जंगलों का नाश हो रहा है जिस कारण जैव विवधिता को क्षति पहुँच रही है. कहना न होगा कि पृथ्वी में रहने वाले सभी प्रकार के जीवों के बचने के लिए जैव विविधता अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण होती है.
मेरी राय – मेंस के लिए
भारत पशुओं और पौधों की कई प्रजातियों से समृद्ध जैव विविधता से संपन्न है और जैव-विविधता से युक्त 35 वैश्विक हॉटस्पॉट्स में से 4 का मेजबान है, जिनमें अनेक स्थानिक प्रजातियाँ मौजूद है. हालांकि, बढ़ती जनसंख्या, वनों की कटाई, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव डाल दिया है, जिससे जैव विविधता की हानि हो रही है. जैव विविधता इस ग्रह पर सभी जीवन रूपों के अस्तित्व के लिए महत्त्वपूर्ण है और विभिन्न पारिस्थितिकीय सेवाएं प्रदान करने की कुंजी है. पारंपरिक रूप से जैव विविधता संरक्षण को दूरस्थ वन क्षेत्रों तक ही सीमित माना जाता रहा है, परन्तु बढ़ते शहरीकरण के साथ शहरी क्षेत्रों में भी जैव विविधता को सुरक्षित रखने और बचाने के लिए आवश्यकता उत्पन्न हो गई है. शहरी वन इस अंतर को मिटाने का सबसे अच्छा तरीका है. इसलिए, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उचित रूप से शहरी परिदृश्य में जैव विविधता के प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए नगर वन को डब्ल्यूईडी समारोह 2020 के थीम के रूप में अपनाया है.
प्रीलिम्स बूस्टर
CMS क्या है? – CMS संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम UNEP के अंतर्गत सम्पन्न एक पर्यावरण संधि है जिसका उद्देश्य परिव्रजन (migratory) करने वाली प्रजातियों को सुरक्षा प्रदान करना है. इसे बोन संधि (Bonn Convention) भी कहते हैं.
GS Paper 3 Source : Times of India
UPSC Syllabus : Science and Technology.
Topic : LiDAR- Light Detection and Ranging
संदर्भ
आजकल पुरातत्त्ववेत्ता अपने शोध के लिए LiDAR डाटा का प्रयोग कर रहे हैं. इस डाटा से वे लेजर प्रकाश का प्रयोग कर के उत्तम रेजोल्यूशन वाले मानचित्र तैयार करते हैं.
LiDAR क्या है?
- LiDAR का पूरा नाम है – Light Detection and Ranging.
- LiDAR दूर से पृथ्वी पर स्थित विभिन्न वस्तुओं की दूरी को नापने की एक प्रणाली है जिसमें प्रकाश का प्रयोग पल्स वाले लेजर के रूप में किया जाता है.
- वायु में स्थापित प्रणाली से प्राप्त डाटा के साथ काम करते हुए प्रकाश के ये पल्स पृथ्वी के आकार और उसकी सतह की विशेषताओं के बारे में सटीक त्रि-आयामी सूचना को जन्म देते हैं.
यह कैसे काम करता है?
- LiDAR उपकरण में एक लेजर, एक स्कैनर और एक विशेष GPS रिसीवर होता है.
- लम्बे-चौड़े क्षेत्रों के ऊपर लिडार डाटा प्राप्त करने के लिए अधिकतर हवाई जहाज़ों और हेलिकॉप्टरों का प्रयोग होता है.
- लिडार का सिद्धांत सरल है. यह पृथ्वी की सतह पर स्थित किसी वस्तु पर लेजर प्रकाश फेंकता है और प्रकाश के लौटने के समय का आकलन करता है और इस प्रकार उस वस्तु की दूरी का पता लगा लेता है क्योंकि प्रकाश की गति 186,000 मील प्रति सेकंड होती है. इसलिए किसी वस्तु की सटीक दूरी का पता अविश्वसनीय रूप से तेजी से हो जाता है.
LiDAR के साथ समस्याएँ
- लिडार कुहासे, बरसात, हिमपात और धूली भरे मौसम में ठीक से काम नहीं कर सकता है.
- इसके जरिये शीशे की दीवार या दरवाजे का पता लगाना थोड़ा कठिन होता है. इसलिए स्मार्ट फ़ोन और अपने-आप से चलने वाली कारों के निर्माता LiDAR का प्रयोग तो अवश्य करते हैं परन्तु साथ ही कुछ कैमरे और सेंसर का भी उपयोग करते हैं.
Prelims Vishesh
What Is Antifa? :-
- ANTIFA एक संगठन है जिसका पूरा नाम anti-fascists है.
- इसमें समाजवादी, अराजकतावादी, साम्यवादी अथवा पूँजीवाद विरोधी लोग होते हैं.
- यह संगठन यूरोप के कई देशों के साथ-साथ अमेरिका में भी 1980 के दशक से है.
- प्रदर्शन करते समय ANTIFA के सदस्य काला कपड़ा पहनते हैं और मुँह पर मुखौटा लगाते हैं.
Tiananmen square massacre :-
- 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि होंग-कोंग Tiananmen square जनसंहार में कोई कार्यक्रम नहीं करेगा.
- उल्लेखनीय है कि जून 4, 1989 को बीजिंग के Tiananmen चौराहे पर जमा लोकतंत्रवादी प्रदर्शनकारियों पर चीनी सेना ने आक्रमण कर दिया था और इस प्रकार हजारों प्रदर्शनकारी मारे गये थे.
SPIC MACAY :-
- SPIC MACAY का पूरा नाम है – Society for the Promotion of Indian Classical Music And Culture Amongst Youth.
- यह एक स्वैच्छिक युवा आन्दोलन है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्यों, लोक संगीत, योग, ध्यान, हस्तशिल्प आदि भारतीय संस्कृति के स्तम्भों को प्रोत्साहन देता है.
- इसकी स्थापना डॉ. किरण सेठ ने 1977 में IIT दिल्ली में की थी.
- आज इस संगठन की शाखाएँ विश्व-भर में 300 शहरों में खुली हुई हैं.
CHAMPIONS :-
- प्रधानमंत्री ने CHAMPIONS नामक एक तकनीकी मंच का अनावरण किया है.
- CHAMPIONS का पूरा नाम है – Creation and Harmonious Application of Modern Processes for Increasing the Output and National Strength.
- इस मंच का उद्देश्य MSME से सम्बंधित शिकायतों का निवारण करने के साथ-साथ उनमें से उत्कृष्ट काम करने वाले उद्यमियों को आगे बढ़कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय CHAMPION बनने का अवसर प्रदान करना है.
Ultra Swachh :-
- DRDO ने संक्रमण हटाने की एक प्रणाली तैयार की है जिससे PPE (Personal Protective Equipment), इलेक्ट्रॉनिक सामानों, कपड़ों आदि को संक्रमण मुक्त किया जा सकता है.
- इसमें ओजोनेटेड स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए उन्नत ऑक्सीडेटिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है.
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