Sansar Daily Current Affairs, 06 October 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Swachh Survekshan Grameen Awards 2018
संदर्भ
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्षस्थ रैंकिंग वाले राज्यों और जिलों को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण पुरस्कार वितरित किए. इस रैंकिंग का आधार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कराया गया राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 था.
- हरियाणा को सर्वोच्च रैंकिंग प्राप्त हुई.
- महाराष्ट्र के सतारा जिले को सर्वाधिक अच्छे जिले का स्थान मिला.
- उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक नागरिकों की भागीदारी का पुरस्कार दिया गया.
क्षेत्रीय रैंकिंग – शीर्षस्थ राज्य
- उत्तरी क्षेत्र – हरियाणा
- दक्षिणी क्षेत्र – आंध्र प्रदेश
- पूर्वी क्षेत्र – छत्तीसगढ़
- पश्चिमी क्षेत्र – गुजरात
- पूर्वोत्तर क्षेत्र – सिक्किम
- केंद्र-शासित क्षेत्र – दादर और नगर हवेली
क्षेत्रीय रैंकिंग – शीर्षस्थ जिले
- उत्तरी क्षेत्र – रेवाड़ी (हरियाणा)
- दक्षिणी क्षेत्र – पेडपल्ली (तेलंगाना)
- पूर्वी क्षेत्र – सूरजपुर (छत्तीसगढ़)
- पूर्वोत्तर क्षेत्र – तवांग (अरुणाचल प्रदेश)
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण क्या है?
- यह सर्वेक्षण सभी राज्यों और जिलों के लिए लिया गया सर्वेक्षण है जिसमें गुणवत्ता और संख्या दोनों के आधार पर मूल्यांकन होता है.
- सर्वेक्षण 2018 में सार्वजनिक स्थानों, नागरिकों के स्वच्छता के प्रति सोच, उनकी अनुशंसाओं और SBM-G से प्राप्त आँकड़ों का सर्वेक्षण किया गया. इसमें 698 जिलों के 6,000 से अधिक गाँवों का सर्वेक्षण हुआ. सर्वेक्षण के क्रम में 30,000 के लगभग सार्वजनिक स्थानों का मूल्यांकन हुआ, जैसे – विद्यालय, आँगनबाड़ियाँ, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, हाट, बाजार, धार्मिक स्थल आदि.
- उपर्युक्त गतिविधियों के लिए weightage भी निर्धारित किये गए हैं जैसे सार्वजनिक स्थानों के लिए 30%, जनता की राय के लिए 35% और SBM-G के data के लिए 35%.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Atal Innovation Mission
संदर्भ
हाल में भारत और रूस के विद्यार्थियों के बीच में नवाचार के विषय में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के अटल नवाचार मिशन (Atal Innovation Mission – AIM) और रूस के SIRIUS शैक्षणिक फाउंडेशन ने एक स्मृतिपत्र पर हस्ताक्षर किए.
स्मृति-पत्र में वर्णित उद्देश्य
- भारत और रूस के विद्यार्थियों के बीच संस्कृति एवं भाषा की बाधाओं को दूर करना.
- शैक्षणिक, वैज्ञानिक और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करना.
- नवाचार में सहयोग को आगे बढ़ाना.
- ज्ञान से प्रेरित नवोन्मेष का वातावरण सुदृढ़ करते हुए दोनों देशों के युवाओं में प्रतिभा की खोज और विकास करना.
अटल नवाचार मिशन क्या है?
- यह मिशन भारत सरकार की प्रमुख पहल है जिसका प्रयोजन देश में नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है.
- इस मिशन का कार्य देश के अन्दर नवाचार के वातावरण पर दृष्टि रखने के लिए एक बहु-आयामी अवसरंचना का निर्माण करना है जिससे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नवाचार पारिस्थितिकी तन्त्र में क्रान्ति लाई जा सके.
अटल नवाचार मिशन के दो प्रमुख कार्य
स्वरोजगार और प्रतिभा के उपयोग के द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा देना. इसके लिए नवाचार करने वाले को सफल उद्यमी बनाने के निमित्त सहायता और मन्त्रणा दोनों दी जायेगी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Digi Yatra
संदर्भ
हाल ही में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर यात्रियों के प्रवेश आदि को बायो-मैट्रिक आधारित डिजिटल प्रक्रिया में रूपांतरित करने के लिए अपनी नीति पोषित कर दी है. इस प्रक्रिया को डिजी यात्रा (Digi Yatra) का नाम दिया गया है. इस प्रक्रिया में टिकेट की बुकिंग, हवाई अड्डे में प्रवेश, बोर्डिंग पास और सुरक्षा चेक-इन को डिजिटल कर दिया जाएगा.
Digi Yatra
- इस पहल का उद्देश्य हवाई यात्रा को कागज़-रहित और बाधा-रहित बनाना है. इसकी सुविधा बेंगलुरु और हैदराबाद में फरवरी, 2019 के अंत तक चालू हो जायेगी. अप्रैल 2019 तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India – AAI) इसे कलकत्ता, वाराणसी, पुणे और विजयवाड़ा हवाई अड्डों पर भी लागू कर देगा.
- पहचान पत्र लेकर पहली बार यात्रा करने पर उसका सत्यापन प्रस्थान हवाई अड्डे पर किया जाएगा. सत्यापन सफल होने पर चेहरे की पहचान के लिए बायोमैट्रिक डाटा को डिजीयात्रा आई.डी. में भंडारित कर लिया जाएगा
- डिजीयात्रा आई.डी. में यात्री का नाम, ई-मेल आई.डी., मोबाइल नंबर और अन्य पहचान-पत्र के विवरण भंडारित रहेंगे. यात्री को यह डिजी आई.डी. की भविष्य में प्रयोग के लिए दे दी जायेगी. इसका प्रयोग वह टिकेट कराने के समय भी कर सकेगा.
महत्त्व
डिजी यात्रा से यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए टिकेट कटाने तक हवाई अड्डों पर प्रवेश, जाँच आदि के समय अत्यंत सुविधा होगी. हवाई अड्डों के संचालन से जुड़े कर्मियों को भी टर्मिनल के अन्दर यात्रियों की तात्क्षणिक जानकारी मिलेगी जो उन्हें अड्डे के संचालन को बेहतर ढंग से नियोजित करने में सहायता पहुँचाएगी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act (CAATSA)
संदर्भ
हाल ही में भारत ने रूस से पाँच S-400 ट्रायम्फ / ‘Triumf’ मिसाइल प्रणालियों के करी के विषय में एक समझौता किया है. यह भारत की ओर से रक्षा के क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े सौदों में से एक होगा. परन्तु अमेरिका ने चेतावनी दी है की इस सौदे की प्रतिक्रिया में वह CAATSA लागू कर सकता है.
CAATSA क्या है?
- CAATSA का पूरा रूप है – Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act अर्थात् प्रतिबंधों के माध्यम से अमेरिका के शत्रुओं से निबटने से सम्बंधित अधिनियम.
- यह अमेरिका का एक संघीय अधिनियम है जिसके द्वारा ईरान उत्तरी कोरिया और रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. इस अधिनियम में यह प्रावधान भी है की रूस के साथ रक्षा और गुप्त सूचना प्रक्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण लेनदेन करने वाले देशों पर भी प्रतिबंध लागू किये जा सकते हैं.
- परन्तु भारत के साथ अमेरिका की रक्षा भागीदारी को देखते हुए अमेरिका ने भारत के विरुद्ध CAATSA लगाने नहीं जा रहा है, ऐसा रूस के साथ हुए सौदे पर उसकी नरम प्रतिक्रिया से ज्ञात हो रहा है.
S-400 क्या है?
- यह एक हवाई प्रतिरक्षा प्रणाली है जो आकाश में शत्रु के विमान को धरती पर से ही भेद सकती है.
- यह रूस की सर्वाधिक उन्नत प्रणाली है जो 380 km. दूर स्थित बमवर्षकों, जेटों, मिसाइलों और ड्रोनों को भी नष्ट कर सकती है.
- यह प्रणाली रूस में 2007 से काम कर रही है.
- इस प्रणाली का निर्माण Almaz-Antey ने किया है.
भारत को S-400 क्यों चाहिए?
पड़ोस से भारत को सदैव खतरा रहता है. पाकिस्तान और चीन दोनों से हमें कभी भी सामना करना पड़ सकता है. पाकिस्तान के पास 20 लड़ाकू स्कवॉड्रन (fighter squadrons) हैं जिनके पास उत्क्रमित F-16 के साथ-साथ चीन से लिए गये कई J-17 विमान भी हैं. चीन के पास भी स्वयं 1,700 फाईटर हैं जिनमें 800 4-Gen फाइटर हैं. इसलिए S-400 का सौदा भारत के लिए आवश्यक हो गया था.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : UN Conference on Disarmament
संदर्भ
जेनेवा में होने वाले संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण सम्मेलन के लिए पंकज शर्मा को भारत का दूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया है.
निरस्त्रीकरण सम्मेलन क्या है?
- यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र संघ का एक बहुपक्षीय मंच है जिसमें शस्त्र-नियंत्रण एवं निरस्त्रीकरण पर वार्ता होती है. यह सम्मेलन जेनेवा में वर्ष में तीन बार आयोजित होता है.
- इस सम्मेलन की स्थापना सबसे पहले 1979 में निरस्त्रीकरण समिति के रूप में हुई थी. 1984 में इसका नाम निरस्त्रीकरण सम्मेलन कर दिया गया.
- इस सम्मेलन के पहले भी निरस्त्रीकरण को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कई निकाय बनाए थे. ये निकाय और उनका कालखंड इस प्रकार था – दश-देशीय निरस्त्रीकरण समिति (1960), अष्टादश-देशीय निरस्त्रीकरण समिति (1962-1968) तथा निरस्त्रीकरण समिति (1969-1978).
- वर्तमान निरस्त्रीकरण सम्मेलन में 65 औपचारिक सदस्य देश हैं जो विश्व के सभी कोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसमें परमाणु अस्त्र की क्षमता वाले सभी देश शामिल हैं. सम्मलेन के सफल संचालन के लिए इन सदस्यों को कई अनौपचारिक समूहों में विभाजित किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र संघ से सम्बन्ध
औपचारिकत: देखा जाए तो निरस्त्रीकरण सम्मलेन संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र होता है. परन्तु दोनों के सूत्र कई स्तरों पर जुड़े हुए भी हैं. उदाहरण के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के जेनेवा-स्थित कार्यालय में भी निरस्त्रीकरण सम्मेलन का आयोजन होता है. साथ ही, संयुक्त राष्ट्र महासभा चाहे तो सम्मेलन की कार्यसूची में विचार के लिए किसी विषय की अनुशंसा एक संकल्प पारित करके कर सकती है. यह भी ध्यान देने योग्य बात है की निरस्त्रीकरण सम्मलेन अपने कार्यकलाप के विषय में वार्षिक प्रतिवेदन संयुक्त राष्ट्र महासभा को ही उपस्थापित करता है.
Prelims Vishesh
India International Science Festival (IISF-2018) :-
- हाल ही में लखनऊ में इंडिया इंटरनेशनल का विज्ञान उत्सव (IISF-2018) आरम्भ हुआ है.
- IISF भारत का वह सबसे बड़ा मंच है जिसमें देश के छात्र, शोधकर्ता, कलाकार एवं सामान्य जनता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति पर विचार-विमर्श करते हैं.
Methanol Cooking Fuel Program of India :-
- नामरूप-स्थित असम पेट्रोकेमिकल लिमिटेड (APL) ने देश का पहला ऐसा सिलिंडर बनाया है जिसमें भरे हुए मेथनोल से चूल्हे जलाए जा सकते हैं.
- ये सिलेन्डर 1.2 kg क्षमता के होंगे और इनका मूल्य 32 रु. होगा.
GI Tag for Alphonso from Konkan :-
महाराष्ट्र के रत्नागिरि, सिंधु दुर्ग, पालघर, ठाणे और रायगढ़ जिलों में उपजने वाले अलफांसों अर्थात् हापुस आम को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indicator – GI) के लिए पंजीकृत किया गया है.
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