Sansar Daily Current Affairs, 06 September 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Supreme Court bats for minor rape survivors
संदर्भ
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में कई ऐसे दिशानिर्देश निर्गत किये हैं जो बलात्कार अथवा यौनाचार से पीड़ित नाबालिग बच्चों के हित में है.
मार्गनिर्देश
- सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि बलात्कार अथवा यौनाचार से पीड़ित बच्चियों को उतनी ही क्षतिपूर्ति मिलेगी जितनी राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority – NALSA) की क्षतिपूर्ति योजना के तहत महिलाओं को मिलती है.
- क्षतिपूर्ति देने का काम वे विशेष न्यायाधीश करेंगे जो POCSO अधिनियम के तहत नियुक्त होते हैं. POCSO का full form है – “Protection of Children from Sexual Offences “.
NALSA क्षतिपूर्ति योजना (NALSA compensation scheme)
- NALSA क्षतिपूर्ति योजना के अंतर्गत देश के किसी भी भाग में मृत्यु को प्राप्त और सामूहिक दुष्कर्म से पीड़ित महिला को समान रूप से न्यूनतम पाँच लाख और अधिकतम 10 लाख रु. दिए जाते हैं. बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में पीडिता को न्यूनतम 4 लाख रु. और अधिकतम 7 लाख रु. मिलते हैं.
- यदि पीड़िता का यौनाचार के कारण भ्रूणपात हो जाता है अथवा प्रजनन क्षमता की हानि होती है तो NASLA योजना उसे 2 से 3 लाख रु. की क्षतिपूर्ति देती है.
- यदि किसी स्त्री पर तेज़ाब फेका जाता है और उसके चेहरे पर विकृति आ जाती है तो कम से कम 7 लाख रु. और अधिकतम 8 लाख रु. दिए जाते हैं. तेज़ाब फेकने से यदि 50% से अधिक शारीरिक क्षति होती है तो न्यूनतम 5 लाख रु. और अधिकतम 8 लाख रु. दिए जाते हैं.
NALSA के बारे में
- विधि सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 (Legal Services Authorities Act, 1987) के अंतर्गत NALSA की स्थापना समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क विधि सेवा प्रदान करने के लिए की गई थी.
- NALSA विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने के लिए लोक अदालत का आयोजन करती है.
- NALSA द्वारा निःशुल्क विधि सेवा के अंतर्गत लाभार्थियों को वकील रखने के लिए आर्थिक सहायता और परामर्श दिया जाता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Swadesh Darshan Scheme
संदर्भ
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत केरल में 80.37 करोड़ रु. की एक परियोजना को स्वीकृति दी है. इसका नाम है – ग्रामीण सर्किट विकास : मलनाड, मालाबार, क्रूज पर्यटन परियोजना.
इस परियोजना में केरल के कन्नूर जिले की नदियों – वलपट्टनम और कुप्पम – के आस-पास क्रूज चलाये जायेंगे.
भूमिका
ज्ञातव्य है कि केरल में 44 नदियाँ हैं और 7 बैकवाटर क्षेत्र (किसी नदी की मुख्य धारा से पृथक् हुआ जलीय क्षेत्र) हैं जिनके माध्यम से राज्य में प्राचीन काल से यातायात होता रहा है. इन नदियों और क्षेत्रों की कुल लम्बाई 1900 km है. इस प्रकार केरल क्रूज यात्रा के लिए एक आदर्श राज्य है.
स्वदेश दर्शन योजना के बारे में
- जनवरी, 2015 में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘स्वदेश दर्शन’ योजना शुरू की गई थी.
- यह योजना 100% केंद्रीय रूप से वित्त पोषित है.
- प्रत्येक योजना के लिए दिया गया वित्त अलग-अलग राज्य में अलग होगा जो कार्यक्रम प्रबंधन परामर्शी (Programme Management Consultant – PMC) द्वारा तैयार किये गये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदनों (DPR) के आधार पर निर्धारित किया जायेगा.
- एक राष्ट्रीय संचालन समिति (National Steering Committee – NSC) गठित की जाएगी. जिसके अध्यक्ष पर्यटन मंत्री होंगे. यह समिति इस मिशन के लक्ष्यों और योजना के स्वरूप का निर्धारण करेगी.
- कार्यक्रम प्रबन्धन परामर्शी की नियुक्ति मिशन निदेशालय (Mission Directorate) द्वारा की जायेगी.
- पर्यटन मंत्रालय ने देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के उद्देश्य से ‘स्वदेश दर्शन’ योजना शुरू की थी.
- इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे स्थानीय समुदाय हेतु रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
- योजना के अंतर्गत 13 विषयगत सर्किट के विकास हेतु पहचान की गई है, ये सर्किट हैं :- पूर्वोत्तर भारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, आदिवासी सर्किट, पारिस्थितिकी सर्किट, वन्यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट और विरासत सर्किट.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Asia-Europe Meeting (ASEM)
संदर्भ
वैश्विक वार्धक्य एवं वृद्ध व्यक्ति मानवाधिकार (Global Ageing and Human Rights of Older Persons) विषय पर दक्षिणी कोरिया की राजधानी Seoul में ASEM का तीसरा सम्मेलन होने जा रहा है.
सम्मेलन के उद्देश्य
सम्मेलन के उद्देश्य हैं –
- वृद्ध व्यक्तियों के मानवाधिकार की सर्वदेशीय महत्ता की पुष्टि करना.
- वृद्धों के प्रति भेदभाव के सम्बन्ध में प्राप्त सूचनाओं का आदान-प्रदान करना.
- एशिया और यूरोप में वृद्धों की देखभाल के अनुकरणीय मामलों को साझा करना.
- ASEM वैश्विक वार्धक्य केंद्र के संचालन एवं कार्यकलाप पर विमर्श करना.
ASEM के बारे में
- एशिया-यूरोप सम्मेलन (ASEM) आपसी संवाद एवं सहयोग की एक अनौपचारिक प्रक्रिया है जिसमें यूरोपीय संघ के 28 देश, 2 अन्य यूरोपियन देश, 21 एशियाई देश तथा ASEAN सचिवालय सम्मिलित होते हैं.
- ASEM जिन विषयों पर सम्वाद करता है वे राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विषय होते हैं और सम्वाद का उद्देश्य यूरोपीय और एशियाई क्षेत्रों के बीच के सम्बन्धों को परस्पर सम्मान और समान भागीदारी की भावना से युक्त होकर सुदृढ़ करना है.
- इसकी स्थापना इसके पहले सम्मेलन में 1 मार्च, 1996 को हुई थी जो बैंकोक, थाईलैंड में हुआ था.
- ASEM सम्मेलन दो वर्ष में एक बार होता है.
- इसमें जो भाग लेते हैं, वे हैं – देशों और सरकारों के प्रमुख, यूरोपियन परिषद् का अध्यक्ष, यूरोपीय आयोग का अध्यक्ष और ASEAN का महासचिव.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : National Mission on GeM
संदर्भ
सरकारी ई-बाजार (Government eMarketplace – GeM) के बारे में जागरूकता और इसके उपयोग में तीव्रता बढ़ाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय सरकारी बाजार अभियान का अनावरण किया है.
अभियान के मुख्य तत्त्व
- इस अभियान के अंदर सभी केंद्र सरकार के विभाग, राज्य तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आयेंगे.
- इस मिशन के माध्यम से GeM के बारे में जागरूकता उत्पन्न की जायेगी तथा साथ ही क्रेताओं और विक्रेताओं को प्रशीक्षण दिया जायेगा. इन्हें GeM के अंदर पंजीकृत करते हुए GeM के माध्यम से क्रय में वृद्धि की जायेगी.
- यह एक सर्वसमावेशी अभियान है जिसमें सभी प्रकार के विक्रेताओं और सेवा-प्रदाताओं को सशक्त किया जाएगा, जैसे – MSMEs, स्टार्ट-अप, स्वदेशी निर्माता, महिला उद्यमी, स्वयं सहायता समूह (SHGs).
- इस अभियान के माध्यम से सरकारी खरीद में पारदर्शिता आएगी तथा भ्रष्टाचार मुक्त प्रसाशन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा.
- इस अभियान का एक उद्देश्य नकद रहित, सम्पर्क रहित और कागज़ रहित लेन-देन को बढ़ावा देना है जिससे कि डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को पाया जा सके.
GeM क्या है?
GeM भारत सरकार द्वारा सृजित एक ऑनलाइन बाजार है जिसके माध्यम से सरकार वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करती है.
GeM की उपलब्धि
ई-बाजार ने 2018 में 2 वर्ष पूरे कर लिए. अगस्त 26, 2018 को इसके माध्यम से जो खरीद हुई उसका मूल्य 10,800 करोड़ रु. है और खरीदी गई सामग्रियों की संख्या 6.96 लाख रु. है. इस मंच से 1.35 लाख विक्रेता अपने 4.43 लाख उत्पाद बेचते हैं और लगभग 26,500 संगठन इन्हें खरीदते हैं.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Integrated Development of Wildlife Habitats
संदर्भ
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने (The Cabinet Committee on Economic Affairs) CSS-IDWH को 12वीं योजना की अवधि (2017-18 से 2019-20) के आगे चालू रखने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है.
CSS-IDWH का full form है – Centrally Sponsored Umbrella Scheme of Integrated Development of Wildlife Habitats (केंद्र सम्पोषित समेकित वन्यजीवन निवासस्थल विकास योजना)
समेकित वन्यजीवन निवासस्थल विकास योजना क्या है?
- इस योजना में कई केंद्र पोषित योजनाएँ सम्मिलित हैं, जैसे – प्रोजेक्ट टाइगर, वन्यजीवन निवासस्थल विकास और प्रोजेक्ट एलीफैंट.
- इस योजना का कार्यान्वयन सम्बन्धित राज्य अपने-अपने बाघ अभ्यारण्यों, सुरक्षित क्षेत्रों तथा हाथी अभ्यारण्यों में करेंगे.
- इस योजना के अंतर्गत कर्मचारियों की संख्या और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाई जायेगी तथा वन्यजीवन पर शोध और मूल्यांकन का काम किया जाएगा. इसके अतिरिक्त अवैध शिकार के मामलों पर नियन्त्रण रखा जाएगा एवं जंगली पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल की जाएगी. इस योजना के द्वारा मानव और पशुओं के बीच के संघर्ष का समाधान किया जाएगा और पर्यावरण पर्यटन (eco-tourism) को बढ़ावा दिया जाएगा.
- सुरक्षित क्षेत्रों से लोगों को हटाकर दूसरे क्षेत्रों में ले जाने के काम के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता भी दी जायेगी.
महत्त्व और लाभ
- इस योजना से 18 व्याघ्र क्षेत्रों और 23 गज क्षेत्रों में वन्यजीवन के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
- इस योजना के तहत समुदायों को सुरक्षित क्षेत्रों से बाहर बसाया जाएगा. इससे मानव और पशुओं के बीच टकराव की समस्या दूर हो जायेगी.
- समेकित वन्यजीवन निवासस्थल विकास योजना के कारण लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनका आर्थिक विकास होगा. सुरक्षित अभ्यारण्यों के आस-पास रहने वाले लोगों को guide, driver और होटल कर्मचारी के रूप में रोजगार मिल सकता है.
- वन्य क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन से सरकार को धन की प्राप्ति होगी जिसका उपयोग वन्यजीवन के संरक्षण के लिए आवश्यक सामग्रियों और सुविधाओं की व्यवस्था की जा सकेगी.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : New Ganga clean-up law
संदर्भ
गंगा नदी को साफ़ करने के उद्देश्य से जल संसाधन, नदी विकास एवं कायाकल्प मंत्रालय ने विधेयक का एक प्रारूप तैयार किया है जिसमें कई कठोर उपायों का प्रावधान किया गया है.
विधेयक के मुख्य तत्त्व
- इसमें गंगा सुरक्षा दल (Ganga Protection Corps) बनाने का प्रस्ताव है जिसके सदस्यों को अधिकार होगा कि वे नदी को गंदा करने वालों को गिरफ्तार कर सकते हैं और उसे तीन वर्ष तक का कारावास तथा पाँच लाख रू. तक का जुर्माना दिलाने के लिए मुकदमा चला सकते हैं.
- गंगा सुरक्षा दल के कर्मचारी गृह मंत्रालय द्वारा भेजे जायेंगे और उन्हें राष्ट्रीय गंगा कायाकल्प प्राधिकरण (National Ganga Rejuvenation Authority) के द्वारा तैनात किया जाएगा.
- विधेयक में इन कामों को प्रदूषण करने वाला काम माना जाएगा. नदी की धरा को अवरुद्ध करने वाला निर्माण कार्य, औद्योगिक अथवा व्यावसायिक खपत के लिए गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों से सटी भूमि से भूजल निकालना, इन नदियों में व्यवसाय के लिए मछली मारना, नाली के पानी को नदी में बहाना.
- गंगा नदी में गंदा पानी डालने के लिए पाँच वर्ष तक के कारागार अथवा प्रतिदिन 50,000 रु. के जुर्माने अथवा दोनों का दंड दिया जा सकता है.
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