Sansar Daily Current Affairs, 07 April 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Guru Teg Bahadur
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अप्रैल, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती (प्रकाश पर्व) मनाने के लिए उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार द्वारा 24 अक्टूबर, 2020 को एचएलसी का गठन किया गया था ताकि वह आयोजनों की निगरानी के साथ-साथ श्री गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती की स्मृति से संबंधित नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को स्वीकृति दे सके.
गुरु तेग बहादुर
- सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर का शहादत दिवस आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. इसी दिन 1675 में, गुरु तेग बहादुर ने धर्म, मानव मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था.
- नवें गुरु तेग बहादुर (Guru Teg Bahadur) को औरंगजेब की दुष्ट प्रकृति का सामना करना पड़ा. उसने गुरु तेग बहादुर को बंदी बनाकर उनके सामने प्रस्ताव रखा कि या तो इस्लाम धर्म स्वीकार करो अथवा प्राण देने को तैयार हो जाओ. बाद में उनका सिर दुष्ट औरंगजेब ने काट डाला. उनकी शहादत का समस्त सिख सम्प्रदाय, उनके पुत्र और अगले गुरु गोविन्द सिंह पर गंभीर प्रभाव पड़ा.
- इस्लामिक युग में सिखों के उत्पीड़न ने खालसा की स्थापना को प्रेरित किया जो अंतरात्मा और धर्म की स्वतंत्रता का पंथ है.
- अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा (जिसका अर्थ है ‘शुद्ध‘) पंथ की स्थापना की जो सैनिक-संतों का विशिष्ट समूह था. खालसा प्रतिबद्धता, समर्पण और सामाजिक चेतना के सर्वोच्च सिख गुणों को उजागर करता है.
- आदि ग्रंथ (पहला प्रतिपादन) को सिख धर्म के पाँचवें गुरु ‘गुरु अर्जुन देव’ द्वारा संकलित किया गया था.
इस आदि ग्रंथ में सिख धर्म के दसवें गुरु ‘गुरु गोविंद सिंह’ ने अपना कोई भजन नहीं जोड़ा. हालाँकि उन्होंने नौवें सिख गुरु ‘गुरु तेग बहादुर’ के सभी 115 भजनों को जोड़ा और उनके उत्तराधिकारी के रूप में पाठ की पुष्टि की. - ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ की रचना मुख्य रूप से 6 सिख गुरुओं (गुरु नानक, गुरु अंगद, गुरु अमर दास, गुरु राम दास, गुरु अर्जुन देव एवं गुरु तेग बहादुर) द्वारा की गई थी. पढ़ें : (गुरु नानक की जीवनी)
विस्तार से पढ़ें > Sikh Dharm in Hindi
GS Paper 1 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Important Geophysical phenomena such as earthquakes, Tsunami, Volcanic activity, cyclone etc.
Topic : Heat Waves
संदर्भ
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ‘राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र’ के अनुसार, राजस्थान, विदर्भ और तमिलनाडु के भीतरी भागों में छिटपुट जगहों पर ‘गर्म हवा की लहरें’ अथवा लू अथवा ‘ग्रीष्म लहरें’ (Heat Waves) चलने की की संभावना है.
यह चेतावनी, हाल ही में अधिकांश जगहों पर 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज करने के बाद जारी की गई है.
लू क्या होती है?
यदि मैदानों में किसी स्थल में अधिकतम तापमान कम से कम 40°C हो जाए तो उसे लू की अवस्था कहते हैं. इसी प्रकार यदि समुद्र तटीय स्थलों में अधिकतम तापमान 37°C और पहाड़ी क्षेत्रों में 30°C हो जाए तो कहा जाएगा कि वहाँ लू का प्रकोप है.
भारत में लू की स्थिति
- 2014-17 से भारत में लू चलने का औसत समय 3 से 4 दिन था. ध्यान देने योग्य बात है कि 2016 से भारत में लोगों को लू लगने के लगभग 60 मिलियन मामले सामने आये थे जोकि 2012 की तुलना में 20 मिलियन अधिक है.
- हाल ही में एक प्रतिवेदन आया है जो कहता है कि भारत उन देशों में से एक है जहाँ जलवायु परिवर्तन के चलते सामाजिक और आर्थिक क्षति सर्वाधिक होती है. इस कारण भारत ने 2017 में 75,000 मिलियन श्रम घंटे खोये थे जबकि 2000 में इस प्रकार गँवाए गये श्रम घंटों की संख्या 43,000 मिलियन थी.
- गर्म हवाओं का सबसे अधिक दुष्प्रभाव कृषि प्रक्षेत्र पर होता है क्योंकि औद्योगिक एवं सेवा प्रक्षेत्रों में काम करने वालों की तुलना में किसान तापमान का अधिक सामना करने को विवश होते हैं.
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने प्रतिवेदित किया है कि 1901 से लेकर 2007 के बीच देश में औसत तापमान में5°C से अधिक वृद्धि हुई थी.
भारत और अन्यत्र लू के खतरे क्यों बढ़ रहे हैं?
- शहरी क्षेत्रों में अधिक से अधिक कंक्रीट फर्श होने और कम वृक्ष होने के कारण तापमान बढ़ जाता है.
- शहरों के तापमान के कारण आस-पास का तापमान 3-4°C अधिक अनुभव होने लगता है.
- विश्व-भर में पिछले 100 वर्षों से तापमान 8°C के औसत से बढ़ता आया है और रात्रिकालीन तापमान भी बढ़ रहा है.
- जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि का शिखर-स्तर और उसके टिके रहने समय लगातार बढ़ रहा है.
- मध्यम-उच्च गर्म हवा के क्षेत्र में पराबैंगनी किरणों का तीव्र होना भी गर्म हवाओं का एक कारण है.
लू का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
- लू होने से शरीर में पानी घट जाता है, शरीर में अकड़न होती है और हीट स्ट्रोक तक हो जाता है.
- लू का सीधा प्रभाव बच्चों और ऐसे बूढों पर होता है जिनको पहले से कुछ बीमारियाँ हैं.
- लू का सामना इन लोगों को अधिक करना पड़ता है – फेरीवाले, कैब चलाने वाले, निर्माण कार्य में लगे मजदूर, पुलिसकर्मी, सड़क के पास गुमटी चलाने वाले आदि. ये सभी लोग समाज के कमजोर तबके के लोग होते हैं जिनको रोजी-रोटी के लिए तेज धूप में भी काम करना पड़ता है.
लू के प्रकोप से लड़ने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
- ऐसे स्थानों का पता लगाया जाये जहाँ गर्मी ज्यादा पड़ती हो और वहां पर मौसम विभाग के आँकड़ों का अनुसरण करते हुए समय पर कार्रवाई करके अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके.
- गर्मी से मजदूरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्तमान श्रम कानून और नियमावलियों की समीक्षा की जाए.
- स्वास्थ्य, पानी और बिजली जैसे प्रक्षेत्रों में नीतिगत हस्तक्षेप और समन्वय किया जाए.
- लोगों को पारम्परिक प्रथाओं को अपनाने के लिए कहा जाए, जैसे – घर के अन्दर रहना और आरामदेह कपड़े पहनना आदि.
- लोगों को ऐसे घर बनाने को कहा जाए जिनमें खिड़कियों के ऊपर छज्जे हों, जमीन के अन्दर पानी जमा करने के लिए जलाशय हों और घर के सामान ऐसे पदार्थों के बने हों जो कुचालक होते हैं.
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Various Security forces and agencies and their mandate.
Topic : Central Bureau of Investigation-CBI
संदर्भ
उच्चतम न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 4 (DPSE Act, 1946) के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के एक नियमित निदेशक की नियुक्ति की माँग की गई है. यह याचिका केंद्र द्वारा अंतरिम / कार्यवाहक CBI निदेशक की नियुक्ति के विरोध में दायर की गई है.
DSPE की धारा 4A में उपबंधित है कि केंद्र सरकार निम्नलिखित सदस्यों वाली समिति की अनुशंसा के आधार पर निदेशक नियुक्त करेगी.
- प्रधान मंत्री (अध्यक्ष);
- लोकसमा में विपक्ष का नेता या जहाँ विपक्ष का ऐसा कोई नेता नहीं है तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता तथा
- भारत का मुख्य न्यायाधीश या उसके द्वारा नामित उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश
पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय से भारत संघ के लिए एक सामान्य निर्देश जारी करने की भी माँग की थी. इसमें यह सुनिश्चित किया जाना था कि केंद्र सरकार CBI निदेशक के पद पर रिक्ति से पूर्व ही CBI निदेशक के चयन की प्रक्रिया को अग्रिम रूप से प्रारंभ और संपन्न करे.
इससे पूर्व, अंजलि भारद्वाज बनाम भारत संघ, (2019) वाद में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों के संबंध में निर्णय दिया था कि एक विशेष पद पर रिक्ति को भरने के लिए प्रक्रिया का प्रारम्भ उस तिथि से 1 से 2 माह पहले प्रारंभ किया जाए जिस तिथि पर पद के रिक्त होने की संभावना है.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation-CBI) भारत की एक प्रमुख अन्वेषण एजेंसी है.
- यह भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन तथा लोक शिकायत मंत्रालय के कार्मिक विभाग [जो प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office-PMO) के अंतर्गत आता है] के अधीक्षण में कार्य करता है.
- हालाँकि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के अंतर्गत अपराधों के अन्वेषण के मामले में इसका अधीक्षण केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission) के पास है.
- यह भारत की नोडल पुलिस एजेंसी भी है जो इंटरपोल की ओर से इसके सदस्य देशों में अन्वेषण संबंधी समन्वय करती है.
- इसकी अपराध सिद्धि दर (Conviction Rate) 65 से 70% तक है, अतः इसकी तुलना विश्व की सर्वश्रेष्ठ अन्वेषण एजेंसियों से की जा सकती है.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वर्ष 1941 में ब्रिटिश भारत के युद्ध विभाग (Department of War) में एक विशेष पुलिस स्थापना (Special Police Establishment- SPE) का गठन किया गया था ताकि युद्ध से संबंधित खरीद मामलों में रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच की जा सके.
- दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (Delhi Special Police Establishment- DSPE Act), 1946 को लागू करके भारत सरकार के विभिन्न विभागों/संभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों के अन्वेषण हेतु एक एजेंसी के रूप में इसकी औपचारिक शुरुआत की गई.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.
Topic : World Economic Outlook Report
संदर्भ
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में वर्ष 2022 के लिए वैश्विक विकास दर 6% रहने का अनुमान लगाया गया है.
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2021-22 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5% रह सकती है जबकि वर्ष 2023 के लिए विकास दर 6.9% रहने का अनुमान लगाया गया है.
- वैश्विक आर्थिक विकास दर वर्ष 2021 में 6% एवं वर्ष 2022 में 4% रहने का अनुमान लगाया गया है.
- रिपोर्ट के अनुसार, चीन 2020 में प्री-कोविड जीडीपी में लौट आया है. हालांकि, कई अन्य के वर्ष 2023 तक इस स्तर तक लौटने की आशा नहीं है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
- आईएमएफ एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का कार्य करती है.
- यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने तथा आर्थिक विकास को सुगम बनाने में भी सहायता प्रदान करती है.
- आईएमएफ का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. संयुक्त राज्य अमेरिका में है. आईएमएफ की विशेष मुद्रा विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights – SDR in Hindi) कहलाती है.
- आईएमएफ का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी को कम करना, रोज़गार के नए अवसरों का सृजन करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाना है.
SDR क्या है?
- SDR को IMF द्वारा 1969 में अपने सदस्य देशों के लिये अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति के रूप में बनाया गया था.
- SDR न तो एक मुद्रा है और न ही IMF पर इसका दावा किया जा सकता है.
- शुरुआत में SDR को 0.888671 ग्राम सोने के समतुल्य परिभाषित किया गया था, जो उस समय एक डॉलर के बराबर था, परंतु ब्रेटन वुड्स प्रणाली (Bretton Woods System) के पतन के बाद SDR को मुद्राओं की एक टोकरी के रूप में फिर से परिभाषित किया गया था.
- इस टोकरी में पाँच देशों की मुद्राएँ सम्मिलित हैं- अमेरिकी डॉलर (Dollar), यूरोप का यूरो (Euro), चीन की मुद्रा रॅन्मिन्बी (Renminbi), जापानी येन (Yen), ब्रिटेन का पाउंड (Pound).
Prelims Vishesh
Government brings in “pre-pack” resolution scheme for MSME :-
- सरकार ने एक दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता अध्यादेश 2021 को प्रख्यापित किया है. यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए 1 करोड़ रुपये तक की चूक (डिफॉल्ट) के लिए प्री-पैक समाधानों को दिवाला निवारण तंत्र के रूप में उपयोग करने की अनुमति देगा.
- प्री-पैक एक सार्वजनिक बोली प्रक्रिया की बजाय सुरक्षित लेनदारों और निवेशकों के मध्य एक समझौते के माध्यम से संकटग्रस्त कंपनी के ऋण के समाधान के लिए एक समझौता है.
- प्रावधानों के अंतर्गत, लेनदारों को राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) के समक्ष अनुमोदन के लिए एक MSME हेतु प्री-पैक समाधान योजना की सुविधा प्राप्त करने की अनुमति प्रदान की जाएगी, क्योंकि यह कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत एक खुली बोली प्रणाली के ठीक उलट है.
Ecercise La Perouse :-
- फ्रांसीसी नौसेना, रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी, जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के जहाजों तथा विमानों के साथ समुद्र में एक बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास में भारत भी सम्मिलित हुआ.
- इस अभ्यास में भारतीय नौसेना द्वारा भाग लेना मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के साथ साझा मूल्यों को प्रदर्शित करता है.
- साथ ही, समुद्र की स्वतंत्रता तथा एक खुले, समावेशी हिंद-प्रशांत व एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उसकी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है.
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