Sansar Daily Current Affairs, 07 August 2021
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Abanindranath Tagore
संदर्भ
हाल ही में अवनींद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती मनाई गई.
अवनींद्रनाथ टैगोर (7 अगस्त 1871 – 5 दिसंबर 1951)
- रवीन्द्रनाथ टैगोर के भतीजे, अवनींद्रनाथ टैगोर, भारत के सबसे प्रमुख चित्रकार में से एक थे.
- अवनींद्रनाथ टैगोर ने भारतीय कला में स्वदेशी मूल्यों को डालने के लिए ‘बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट’ की स्थापना में प्रभावशाली भूमिका निभाई. इससे आधुनिक भारतीय चित्रकारी को एक नवीन स्वरूप मिला.
- अवनींद्रनाथ टैगोर ने पश्चिम की भौतिकतावादी कला को छोड़ कर भारतीय परंपरागत कलाओं को अपनाते हुए राजपूत और मुग़ल चित्रकारी में आधुनिकता को समाहित किया और चित्रकला की आधुनिक भारतीय शैली की नींव रखी.
- औपनिवेशिक काल में भारतीय चित्रकला के ऊपर पाश्चात्य प्रभाव अधिक दृष्टिगोचर होने लगा था, जिसके प्रतिक्रियास्वरूप अवनींद्रनाथ टैगोर सहित अन्य कलाकारों ने मुगल चित्रकला के तत्वों को आत्मसात किया, इसी कला को बंगाल/कलकत्ता शैली के नाम से जाना जाता है.
- बंगाल/कलकत्ता शैली ने भारत के प्राचीन मिथकों एवं जनश्रुतियों के विभिन्न चित्रात्मक तत्त्वों को मिश्रित करके एक नवीन भारतीय शैली को जन्म दिया, जो पूर्वी दुनिया के आध्यात्मिक रंग में रंगी हुई थी.
- बंगाल/कलकत्ता शैली में अजंता, मुगल, जापानी वाश तकनीक, यूरोपीय प्रकृतिवाद आदि का सम्मिश्रण था. बंगाल/कलकत्ता शैली, स्वदेशी आंदोलन के समय काफी प्रचलित हो गयी थी क्योंकि इसमें राष्ट्रवाद के तत्व सम्मिलित थे.
- अवनींद्रनाथ टैगोर की गणेश जननी, भारत माता, बुद्ध की विजय, भारत माता, शाहजहाँ, मेरी माँ, परीलोक चित्रण, यात्रा का अंत आदि प्रसिद्ध पेंटिंग हैं.
- अवनींद्रनाथ टैगोर के सबसे प्रसिद्ध शिष्यों में से एक ‘जैमिनी रॉय’ भी थे (यह भारतीय कला के सबसे उल्लेखनीय आधुनिकतावादी भारतीय चित्रकार थे).
- अवनींद्रनाथ टैगोर एक अग्रणी चित्रकार के साथ एक कुशल लेखक भी माना जाता है. वे ‘अबन ठाकुर’ के नाम से प्रसिद्ध थे.
- उनकी अधिकांश साहित्यिक रचनाएँ बच्चों के लिए थीं. उनकी कुछ प्रसिद्ध साहित्यिक रचनाएँ हैं- बूड़ो अंगला (Budo Angla), खिरेर पुतुल (Khirer Putul),राजकाहिनी (Rajkahini) आदि.
- अरेबियन नाइट्स शृंखला उनकी उल्लेखनीय कृतियों में से एक थी.
- विलियम रोथेंस्टीन (William Rothenstein) ने रवींद्रनाथ टैगोर को ‘गीतांजलि’ को अंग्रेजी में प्रकाशित करने में सहयोग किया.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Agristack
संदर्भ
केंद्र सरकार एग्रीस्टैक (Agristack) के लिए एक रूपरेखा तैयार करने हेतु “इंडिया डिजिटल इको सिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर (IDEA)” को अंतिम रूप प्रदान कर रही है.
कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर (IDEA) पर एक संकल्पना पत्र पूर्व में ही निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए निर्गत किया जा चुका है :-
- एक राष्ट्रीय डिजिटल कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना.
- भारतीय कृषि क्षेत्र को दक्षता और उत्पादकता के उच्चतर स्तरों तक ले जाना.
- किसानों के कल्याण और आय में सुधार करना.
इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर (IDEA) को अंतिम रूप देने से एग्रीस्टैक के लिए संरचना विकसित करने में सहयोग मिलेगा. यह संरचना किसानों और कृषि क्षेत्र पर केंद्रित प्रौद्योगिकियों एवं डिजिटल डेटाबेस का एक संग्रह होगी.
इसके अंतर्गत एक ही तकनीकी मंच पर एकीकृत फार्मर्स स्टैक (किसान का आधार से संबंधित डेटा), फार्म स्टैक (प्रत्येक खेत पर भू-स्थानिक जानकारी) और क्रॉप स्टैक (खेतों से संबंधित फसल डेटा) आदि को समाविष्ट किया जा सकता है.
एग्रीस्टैक के लाभ
- सही समय पर सही जानकारी तक पहुँच और नवोन्मेषी सेवाओं के माध्यम से किसानों को उच्च आय एवं बेहतर लाभप्रदता प्राप्त करने में समर्थ बनाया जा सकेगा.
- भूमि, जल, बीज, उर्वरक, कीटनाशक और कृषि मशीनीकरण सहित संसाधनों के उपयोग से सम्बंधित दक्षता में बढ़ोतरी होगी.
- कृषि-केंद्रित अभिनव समाधान (फसल बीमा उत्पाद, वित्तीय सहायता आदि) के निर्माण में सहायता प्राप्त होगी.
यद्यपि, एग्रीस्टैक से संबद्ध चिंताएं भी विद्यमान हैं जैसे- डेटा सुरक्षा, डिजिटल पहुंच और साक्षरता की कमी, निकास संबंधी त्रुटियाँ आदि.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : MP Local Area Development Scheme – MPLAD
संदर्भ
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLAD) के तहत वर्तमान में संचालित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मार्च में जारी कोष का 50% बिना उपयोग किये ही, व्यपगत (Lapse) हो गया.
पृष्ठभूमि
मार्च 2021 में कुछ सांसदों एवं स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस द्वारा सरकार से सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) की अटकी पड़ी परियोजनाओं के लिए कोष जारी करने की माँग की गई है.
16 मार्च को वित्त मंत्रालय द्वारा 2200 करोड़ की राशि निर्गत की गई, जिसे 22 मार्च को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को हस्तांतरित किया गया. 31 मार्च तक 8 दिनों के भीतर केवल 1,100 करोड़ आवंटित किये जा सके तथा शेष राशि लैप्स हो गई. विदित हो कि अप्रैल 2020 में कोविड 19 महामारी के कारण पहले ही सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के तहत स्वीकृत की जा चुकी राशि को 2 वर्षों के लिए निलंबित कर दिया गया था.
MPLAD योजना क्या है?
- यह योजना 1993 के दिसम्बर में आरम्भ की गई थी. इसका उद्देश्य सांसदों की ओर से विकासात्मक कार्यों के लिए अनुशंसा प्राप्त कर टिकाऊ सामुदायिक संपदा का सृजन एवं स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर बुनियादी सुविधाएँ (सामुदायिक संरचना निर्माण सहित) प्रदान करना था.
- इस योजना के अंतर्गत इन कार्यों के लिए राशि खर्च की जा सकती है – पेयजल, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, सड़क आदि. यह राशि सांसद अपने ही चुनाव क्षेत्र के लिए खर्च कर सकता है.
- MPLAD के लिए निर्गत राशि सीधे जिला अधिकारियों को अनुदान के रूप में निर्गत की जाती है. यह राशि वित्त वर्ष के साथ समाप्त (non-lapsablee) नहीं होती है, अपितु बाद के वर्षों में भी इसका उपयोग हो सकता है.
- इस योजना में सांसदों की भूमिका एक अनुशंसक की होती है. वे अपने संसदीय क्षेत्र के लिए ही कार्य करा सकते हैं, परन्तु राज्य सभा के सांसद को यह अधिकार है कि वे अपने पूरे राज्य में कहीं भी काम करने के लिए अनुशंसा कर सकते हैं. सांसद अपनी पसंद के कार्यों की अनुशंसा जिला अधिकारियों को करते हैं और जिला अधिकारी राज्य सरकार द्वारा विहित प्रक्रिया के अनुसार उन कार्यों का क्रियान्वयन करते हैं. जिला अधिकारी ही यह देखते हैं कि प्रस्तावित कार्य करने योग्य हैं या नहीं और वे ही कार्यान्वयन करने वाली एजेंसियों का चयन करते हैं. कौन काम पहले होगा, उसका निर्धारण भी यही करते हैं. हो रहे काम का निरीक्षण और जमीनी स्तर पर उसके क्रियान्वयन की निगरानी भी उन्हीं का काम है.
चुनौतियाँ
MPLAD योजना के क्रियान्वयन में जो बड़ी समस्या आती है वह यह है कि मंत्रालय तक जिला स्तर से आवश्यक दस्तावेज समय पर नहीं पहुँचते हैं, जैसे – अंकेक्षण प्रमाण पत्र (Audit Certificate), उपयोग प्रमाण पत्र (Utilization Certificate), अनंतिम उपयोग प्रमाण पत्र (Provisional Utilization Certificate), मासिक प्रगति प्रतिवेदन (Monthly Progress Report), बैंक विवरण एवं ऑनलाइन मासिक प्रगति प्रतिवेदन (Bank Statement and Online Monthly Progress Report) आदि.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Pollution and conservation related issues.
Topic : Commission For Air Quality Management: CAQM
संदर्भ
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए लाया गया वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) विधेयक, 2021 लोकसभा से पारित हो गया है.
पृष्ठभूमि
ज्ञातव्य है कि अक्टूबर 2020 में अध्यादेश द्वारा गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को अध्यादेश की समाप्ति पर भंग कर दिया गया था. अध्यादेश को छह सप्ताह के भीतर संसद में पेश किया जाना था. लेकिन इसे निर्धारित समय के भीतर पेश नहीं किया गया था जिसके कारण अध्यादेश व्यपगत हो गया. इसके बाद किसानों के विरोध के कारण अप्रैल 2021 में संशोधनों के साथ दूसरा अध्यादेश प्रस्तुत किया. इसमें पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से निकाल दिया गया था. ज्ञातव्य है कि इससे पहले पिछले वर्ष CAQM के गठन के लिए इसकी पूर्ववर्ती संस्था EPCA को भंग कर दिया गया था.
CAQM के बारे में
- इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (air quality index) में उल्लिखित समस्याओं का समाधान और पहचान, अनुसंधान व बेहतर समन्वय के लिए राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश के तहत स्थापित किया गया था.
- इसने पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण {Environment Pollution (Prevention and Control) Authority- EPCA} को प्रतिस्थापित किया है.
- 18 सदस्यीय इस आयोग की अध्यक्षता केंद्र द्वारा नियुक्त अध्यक्ष द्वारा की जाती है. इस आयोग का मुख्यालय दिल्ली में स्थापित किया जाएगा.
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण क्या है?
राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्राधिकृत एक संस्था है, जिसका नाम पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (Environment Pollution Control Authority – EPCA) है. यह प्राधिकरण प्रदूषण के विभिन्न स्तरों के लिए एक क्रमिक प्रतिक्रिया कार्ययोजना (Graded Response Action Plan – GRAP) पर काम करता है.
Prelims Vishesh
Ravi Kumar Dahiya :-
- रवि दहिया ने ओलिंपिक खेलों में रजत पदक जीता भारतीय पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक खेलों में 57 किलो श्रेणी में फ्रीस्टाइल कुश्ती का रजत पदक जीता है. फाइनल मुकाबले में वे रशियन ओलिंपिक समिति (ROC) के पहलवान और विश्व चैंपियन ज़ावुर उगुएव से 4-7 से हार गये.
- वे सुशील कुमार के बाद ओलिंपिक खेलों में पहलवानी में रजत पदक जीतने वाले दूसरे पहलवान बन गये हैं. इसी के साथ भारत के टोक्यो ओलिंपिक खेलों में कुल 5 पदक हो गए हैं, लेकिन भारत पदकों की संख्या के मामले में अभी 65वें स्थान पर है.
Sabki Yojana Sabka Vikas
- सबकी योजना सबका विकास (वर्ष 2018) ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDP) को व्यापक और सहभागी बनाने के लिए एक “जन योजना अभियान” (People’s Plan Campaign) है.
- इसमें जमीनी स्तर के लोगों को ग्राम सभाओं की योजना निर्मित करने हेतु सहभागी बनाया जाता है. साथ ही, उन्हें पंचायतों द्वारा किए गए विगत वर्ष के कार्यों का संपूर्ण लेखांकन करने में भी शामिल किया जाता है.
- यह ग्राम पंचायतों को आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजना तैयार करने में मदद करता है (अनुच्छेद 243g के तहत अनिवार्य).
- यह अभियान संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के तहत सूचीबद्ध 29 विषयों पर अभिसरण के माध्यम से प्रमुख योजनाओं / कार्यक्रमों के प्रभावी और कुशल कार्यान्वयन में सहायता करता है.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi
July,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Download