Sansar Daily Current Affairs, 07 May 2020
GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Gurudev Rabindranath Tagore
संदर्भ
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की 159वीं जयंती मनाने के लिए राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी एक आभासी पर्यटन का आयोजन करने जा रही है जिसका शीर्षक होगा – “गुरुदेव – उनकी दृश्य शब्दावली के माध्यम से उनकी यात्रा”.
रवीन्द्रनाथ टैगोर
- 7 मई, 1861 को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कलकत्ता में हुआ था.
- भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान डालने वाले युगद्रष्टा रवींद्रनाथ टैगोर एक ही साथ महान साहित्यकार, दार्शनिक, संगीतज्ञ, चित्रकार, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और मानवतावादी भी थे जिनकी रचनाएँ भारत और बांग्लादेश दोनों जगह राष्ट्रगान के रूप में प्रचलित हैं.
- इन्होंने विश्व भारती नामक एक अनोखे शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की थी जो अभी भी चल रहा है.
- 16 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी पहली काव्यरचना “भानुसिंह” के नाम से प्रकाशित कराई थी.
- विश्व धर्म संसद में उन्होंने 1929 से लेकर 1937 तक भाषण दिया था.
- 1905 के बंगाल विभाजन के विरोध में उन्होंने एक गीत लिखा जो बहुत प्रसिद्ध हुआ. वह गीत था – “बांग्लार माटी बांग्लार जल”
सम्मान
- उनकी काव्यरचना गीतांजलि के लिये उन्हे सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला.
- सन् 1915 में उन्हें राजा जॉर्ज पंचम ने नाइटहुड की पदवी से सम्मानित किया जिसे उन्होंने सन् 1919 में जालियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापस कर दिया था.
GS Paper 2 Source : Livemint
UPSC Syllabus : Separation of powers between various organs dispute redressal mechanisms and institutions.
Topic : Co-Op banks come under Sarfaesi Act: Supreme Court
संदर्भ
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि सहकारी बैंक भी बैंकिंग कंपनी की परिभाषा के आते हैं, अतः संसद को यह अधिकार है कि वह उनसे ऋण वसूली के लिए सरफेसी अधिनियम के अधीन प्रक्रिया का प्रावधान कर सकती है.
पृष्ठभूमि
सहकारी बैंक बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 के अंतर्गत बैंक (वित्तीय संस्थान) कहला सकते हैं या नहीं, यह प्रश्न अलग-अलग उच्च न्यायालयों के द्वारा विचारित हुआ था. साथ ही, उनके समक्ष यह भी विचारणीय था कि सहकारी बैंक राज्य के कानून से बनते हैं, अतः क्या संसद को यह शक्ति है कि वह सहकारी बैंकों की वित्तीय सम्पदा को विनियमित कर सके?
इन दोनों बिन्दुओं पर उच्च न्यायालयों में जो न्याय निर्णय पारित हुए उनमें विरोधाभास था. इसलिए मामला सर्वोच्च न्यायालय आया.
सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा?
- न्यायालय ने कहा कि सरफेसी अधिनियम की धारा-2(1)(सी) में परिभाषित “बैंक” शब्द के तहत सहकारी बैंक भी आता है. इसलिए अधिनियम की धारा-13 के तहत वसूली प्रक्रिया सहकारी बैंकों पर भी लागू होती है.
- राज्य विशिष्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत सहकारी बैंक और बहु-राज्य स्तरीय सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत बहु-राज्य स्तरीय सहकारी समितियां, जिनका सम्बन्ध बैंकिंग से हैं, वो सातवीं अनुसूची की लिस्ट-1 की प्रविष्टि-45 से संबंधित कानून द्वारा संचालित होती हैं.
- संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह भी माना है कि बैंकिंग गतिविधियों में शामिल सहकारी बैंक भी बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा-5 (सी) और 56 (ए) के अंतर्गत आते हैं.
- सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के प्रावधानों का अनुपालन किए बगैर किसी भी गतिविधि को अंजाम नहीं दे सकते.
सरफेसी अधिनियम, 2002 (Sarfaesi Act, 2002)
- सरफेसी अधिनियम (Sarfaesi Act) का पूरा नाम है – Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act.
- Sarfaesi Act, 2002 वित्तीय संस्थानों को अलग-अलग प्रकार से संपत्ति की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायता करता है.
- सरल शब्दों में कहा जाए तो इस अधिनियम को अलग-अलग प्रक्रियाओं और तंत्रों के जरिये गैर-निष्पादनकारी संपत्ति (NPA) या खराब संपत्ति की समस्या को हल करने के लिये तैयार किया गया है. (NPA in Hindi <पढ़ें)
- इस अधिनियम के प्रावधान विभिन्न संस्थानों को अपनी खराब संपत्ति की समस्या के प्रबंधन के लिए निर्देश और शक्तियाँ प्रदान करते हैं.
- सरकार ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (Debt Recovery Tribunals- DRTs) को पुनर्जीवित करने और नए दिवालियापन कानून (Bankruptcy Law) के अंतर्गत परिसंपत्ति पुनर्निर्माण की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये ‘एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों’ (Asset Reconstruction Companies-ARCs) को सशक्त बनाने हेतु अगस्त 2016 में सरफेसी अधिनियम में संशोधन भी किया है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.
Topic : Currency Change in Iran
संदर्भ
ईरान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अपनी मुद्रा का नाम और मूल्य बदलने का फैसला लिया है. अभी तक ईरान की मुद्रा रियाल थी, जिसे अब बदलकर तोमान कर दिया गया है और सभी प्रकार के नोटों से 4 शून्य हटा दिए जायेंगे. अब 10,000 रियाल के बराबर एक तोमान होगा.
पृष्ठभूमि
- ईरान में करेंसी से 4 शून्य हटाने को लेकर 2008 से ही चर्चा चल रही थी. लेकिन 2018 के बाद यह मांग तेजी से बढ़ गई थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुई न्यूक्लियर डील से बाहर निकलने का फैसला लिया था.
- इसके बाद अमेरिका ने ईरान पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लाद दिए थे. इसके चलते ईरानी मुद्रा में 60 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी.
- ईरानी मुद्रा में कमजोरी और बढ़ी महंगाई के चलते देश में 2017 के अंत में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे.
- ईरान में महंगाई अभी भले ही रिकॉर्ड स्तर पर चल रही हो लेकिन 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से देश में महंगाई हमेशा मुश्किल का सबब रही है. एक आंकड़े के मुताबिक बीते चालीस सालों में सिर्फ चार बार ऐसा हुआ है जब देश में महंगाई का स्तर दहाई के आंकड़े से कम रहा है.
- 1980 के दशक में इराक के साथ चले लंबे युद्ध के बाद से ही ईरान की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी. बीते दस सालों में आर्थिक स्थिति बद से बदतर हालात में पहुंच गई है.
- हाल में वैश्विक महामारी के चलते भी ईरान की मुद्रा पर भारी दबाव बना है.
ईरान में मुद्रा का इतिहास
- रियाल 1932 से ईरान की औपचारिक मुद्रा रहा है. इससे पहले देश में कजर राजवंश के शासन (1785-1925) के दौरान नेशनल करेंसी तोमन ही थी. इसके बाद पहलवी राजवंश (1925-1979) के शुरुआती सालों में भी तोमन ही करेंसी बनी रही.
- दिलचस्प ये है कि रियाल और तोमन दोनों ही फारसी शब्द नहीं हैं. रियाल शब्द का उद्गम स्पैनिश-पुर्तगाली से माना जाता है तो वहीं तोमन तुर्क-मंगोल से निकला हुआ माना जाता है. तुर्क-मंगोली से निकले शब्द तोमन का अर्थ होता है दस हजार.
GS Paper 3 Source : Times of India
UPSC Syllabus : Awareness in IT.
Topic : ICUBE report
संदर्भ
यूनाइटेड किंगडम में स्थित कैंटर (Kantar) नामक प्रसिद्ध डाटा एवं परामर्श कम्पनी ने भारत में डिजिटल पद्धति के अपनाने और उसके प्रयोग के विषय में एक प्रतिवेदन प्रकाशित किया है जिसका नाम ICUBE- 2019 है. इस प्रतिवेदन में भारत की बदलती डिजिटल प्रणाली का आकलन किया गया है और साथ ही इन्टरनेट पर लोगों की गतिविधियों आदि का भी अध्ययन किया गया है.
मुख्य निष्कर्ष
- भारत में इन्टरनेट पर प्रतिमाह सक्रिय रहने वाले लोगों की संख्या 574 मिलियन है जो पिछले वर्ष की तुलना 24% अधिक है. कुल मिलाकर जनसंख्या के 41% तक इन्टरनेट की पहुँच हो गई है.
- प्रतिवेदन के अनुसार, 2020 में इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या में 11% की वृद्धि होगी जिस कारण हर महीने इन्टरनेट प्रयोगकर्ताओं की संख्या बढ़कर 639 मिलियन हो जायेगी.
- इन्टरनेट तक जाने के लिए सभी मासिक रूप से सक्रिय प्रयोगकर्ता जिन उपकरणों का प्रयोग करते हैं उसमें एक मोबाइल फोन है.
- भारत के 84% इन्टरनेट प्रयोग करने वाले मनोरंजन के लिए इन्टरनेट चलाते हैं.
- पाठशाला जाने वाले 15 वर्ष या उससे कम आयु वाले 38% बच्चे ही इन्टरनेट पर होते हैं. वे इन कारणों से इन्टरनेट का प्रयोग करते हैं – सूचना प्राप्त करना, शिक्षा, सोशल मीडिया, खेल और मनोरंजन आदि.
- भारत की डिजिटल क्रांति प्रतिदिन आगे बढ़ रही है जिसमें गांवों का भी अंशदान है. 2019 में इन्टरनेट का प्रयोग करने वाले मासिक रूप से सक्रिय लोगों में 45% की वृद्धि देखी गई. अनुमान है कि आज के दिन भारत के गांवों में 264 मिलियन इन्टरनेट का प्रयोग करते हैं. यह संख्या 2020 में बढ़कर 304 मिलियन होने की सम्भावना है.
GS Paper 3 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Disaster and disaster management.
Topic : Vizag gas leak: What is styrene gas?
संदर्भ
आंध्र प्रदेश के वाइजैग की एक केमिकल यूनिट में स्टाइरीन जैसी जहरीली गैस के रिसाव से कई लोगों की मौत हो गई. यह गैस एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के प्लांट से लीक हुई और 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल गई. जिस संयंत्र से स्टाइरीन गैस निकली वह संयंत्र दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पनी LG का है. यह विशाखापत्तनम (वाइजैग) से 15 किलोमीटर दूर गोपालपट्टनम के निकट आर.वी. पुरम में स्थित.
स्टाइरीन गैस क्या है?
- स्टाइरीन (Styrene) एक कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र C6H5CH=CH2 है.
- इसे एथिनाइलबेंजीन (ethenylbenzene) या विनाइलबेंजीन (vinylbenzene) और फेनिलैथेन (phenylethene) भी कहते हैं.
- यह रंगहीन तैलीय द्रव है और यह बेंजीन से व्युत्पन्न किया जाता है.
- स्टाइरीन आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है जिसकी गन्ध मीठी होती है, किन्तु उच्च सान्द्रता होने पर इसकी गन्ध उतनी अच्छी नहीं लगती.
- यह ज्वलनशील होती है.
- यह वाहनों से निकलने वाले धुएँ, सिगरेट के धुएँ और यहाँ तक कि फल और तरकारियों में भी पाई जाती है.
- विनिर्माण क्षेत्र में इसका प्रयोग polystyrene प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और लेटेक्स बनाने में होता है.
कितना खतरनाक?
- बहुत कम वक्त के लिए भी अगर मनुष्य इनके संपर्क में आए तो मनुष्य को साँसों की समस्या हो जाती है, रैशेज पड़ जाते हैं, आंखों में जलन होती है और आंतों पर भी असर पड़ता है.
- अगर लंबे वक्त तक इन गैसों के बीच व्यक्ति रहे तो केन्द्रीय स्नायु प्रणाली खराब होने लगती है. इससे सिरदर्द, कमजोरी, डिप्रेशन, सुनने की क्षमता खत्म होना तक हो सकता है. कुछ मामलों में कैंसर और अवसाद भी हो सकता है.
Prelims Vishesh
Ecovsens :-
- हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पशु जैव-प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Animal Biotechnology – NIAB) ने एक ऐसा उपकरण बनाया है जो लार के नमूने से कोविड-19 का 30 सेकंड में पता लगा सकता है.
- इसके लिए 20 माइक्रोमीटर लार की आवश्यकता होती है.
Atulya :-
पुणे स्थित उन्नत प्रौद्योगिकी रक्षा संस्थान (Defence Institute of Advanced Technology – DIAT) ने अतुल्य नामक एक सस्ता माइक्रोवेव स्ट्रीलाइजर बनाया है जो कोरोना विषाणु को नष्ट कर सकता है.
World Press Freedom Day 2020 :-
- प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी मई 3 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस अर्थात् विश्व प्रेस दिवस मनाया गया.
- इस बार की थीम थी – “निर्भीक अथवा निष्पक्ष पत्रकारिता”/ Journalism without Fear or Favour.
- मई 3 को ही विंडहोक घोषणा (Windhoek Declaration) की वर्षगाँठ मनाई जाती है. ज्ञातव्य है कि यह घोषणा प्रेस की स्वतंत्रता के सिद्धांतों का निरूपरण करता है. इसे अफ़्रीकी समाचार पत्रकारों तैयार किया था.
World Press Freedom Conference 2020 :-
- 1993 से प्रत्येक वर्ष प्रेस स्वतंत्रता पर एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित होता रहा है.
- इस बार यह आयोजन नीदरलैंड्स द्वारा आयोजित हो रहा है, परन्तु इस बार COVID-19 के कारण इसकी तिथि आगे बढ़ाकर के अक्टूबर 18-20 कर दी गई है.
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