Sansar Daily Current Affairs, 07 November 2018
GS Paper 1 Source: Times of India
Topic : Gujarat government wants to rename Ahmedabad as Karnavati
संदर्भ
गुजरात सरकार अहमदाबाद का नाम बदलकर उसे कर्णावती करने की योजना बना रही है.
ऐतिहासिक भूमिका
यदि इतिहास को देखा जाए तो वर्तमान अहमदाबाद के आस-पास के क्षेत्र में 11वीं शताब्दी से ही लोग रह रहे हैं. पहले इसका नाम अशावल हुआ करता था. यह नगर साबरमती नदी के तट पर स्थित था. अशावल का राज्य भील राजाओं के अधीन था. कालान्तर में चालुक्य वंश के राजा कर्ण, जिनका राज्य अन्हिलवाड़ा (पाटन) में था, ने अशावल पर आक्रमण किया और उसे जीत लिया. विजय के उपरान्त राजा कर्ण ने इस नगर का नाम कर्णावती रख दिया.
बाद में 1411 ई. में सुलतान अहमद शाह ने कर्णावती के निकट एक नए नगर की स्थापना की और उसका नाम उस क्षेत्र में प्रसिद्ध अहमद नाम के 4 संतों पर अहमदाबाद रख दिया.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National Tiger Conservation Authority (NTCA)
संदर्भ
राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority – NTCA) ने महाराष्ट्र राज्य के वन विभाग से बाघिन अवनी (T1) के मारे जाने के विषय में प्रतिवेदन की माँग की है.
भूमिका
ज्ञातव्य है कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने असगर अली नामक एक गैर-सरकारी शिकारी को बाघिन अवनी को मारने की अनुमति दी थी. इस अनुमति को प्राप्त कर शिकारी ने वन विभाग के कर्मचारियों के दल के साथ उस बाघिन को नवम्बर 2, 2018 को यवतमाल में हत्या कर दी. महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की कई लोगों ने जम कर आलोचना की. इस बाघिन ने कुल मिलाकर 13 मनुष्यों को मार डाला था.
NTCA क्या है?
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन गठित एक वैधानिक निकाय है जिसका गठन वन्य जीव (सुरक्षा) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत किया गया है. इस निकाय के गठन का उद्देश्य बाघों को अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों और कार्यों के अनुसार संरक्षण प्रदान करना है. इसके लिए निकाय समय-समय पर परामर्श तथा आदर्श-मार्गदर्शन निर्गत करता है. ये परामर्श और मार्गदर्शन बाघों की परिस्थिति, संरक्षण के कार्यान्वयन की स्थिति और विशेष रूप से गठित समितियों की अनुशंसाओं पर आधारित होते हैं.
NTCA के कार्य
- व्याघ्र अभयारण्यों के सञ्चालन में आदर्श मानकों के पालन को सुनिश्चित करना.
- अभयारण्य प्रणाली पर विशेष ध्यान देते हुए बाघों के संरक्षण की योजना तैयार करना.
- संसद के समक्ष वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा-प्रतिवेदन उपस्थापित करना.
- राज्य-स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संचालन समिति तथा व्याघ्र संरक्षण फाउंडेशन का गठन करना.
- बाघों के नए अभ्यारण्य घोषित करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान करना.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : First India-Nepal passenger train on broad gauge to make first run in December
संदर्भ
इस वर्ष दिसम्बर से भारत और नेपाल के बीच ब्रॉड गेज की पहली सवारी ट्रेन चलने लगेगी.
मुख्य तथ्य
- यह ट्रेन बिहार के जयनगर से दक्षिणी-पूर्वी नेपाल के जनकपुर में स्थित धनुषा जिले के कुर्था नामक स्थान तक जायेगी. जयनगर से कुर्था की दूरी 34 किलोमीटर है.
- इस ट्रेन से सीमा पार करने वाले भारतीय अथवा नेपाली व्यक्ति को वीजा की आवश्यकता नहीं होगी.
महत्त्व
यह सर्वविदित है कि चीन नेपाल में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए अनेकशः प्रयत्न करता रहता है. हाल ही में उसने काठमांडू तक रेल-लाइन बिछाने का विचार रखा है. चीन की इस पहल का प्रतिकार करने के लिए ही भारत ने जयनगर-कुर्था ट्रेन की योजना का कार्यान्वयन किया है. इसके लिए भारत ने यह प्रस्ताव उस समय रखा था जब हाल ही में नेपाल के प्रधानमन्त्री के.पी. शर्मा ओली भारत आये थे. सम्भावना है कि भारत बिहार और नेपाल के बीच कुछ अन्य स्थानों पर भी रेल लाइन बिछाने और ट्रेन चलाने का काम करने जा रहा है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Chabahar port
संदर्भ
अमेरिका ने ईरान के चाबहार बंदरगाह में भारत द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य तथा साथ ही उस बंदरगाह को अफगानिस्तान से रेलवे मार्ग से जोड़ने के काम को लगाये गए अपने प्रतिबंधों से छूट देने की घोषणा की है.
इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि ट्रम्प प्रशासन ओमान की खाड़ी में स्थित सामरिक महत्त्व की इस बन्दरगाह के निर्माण में भारत की भूमिका को मान्यता देता है. विदित हो कि चाबहार योजना के कार्यान्वयन और वहाँ से अफगानिस्तान तक रेल-लाइन बिछने से अमेरिका को युद्ध से आक्रांत अफगानिस्तान में रसद पहुँचाने में आसानी होगी.
भूमिका
अमेरिका ने ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबन्ध लगाये हैं क्योंकि उसका मानना है कि ईरान परमाणविक प्रतिबंधों का पालन नहीं कर रहा है. ये प्रतिबन्ध नवम्बर 5, 2018 से लागू हो गए हैं. ये कड़े प्रतिबन्ध ईरान के बैंकिंग और ऊर्जा प्रक्षेत्रों पर भी लागू हैं. अमेरिका ने सभी देशों को यह चेतावनी दी है कि वे ईरान से तेल मँगाना बंद कर दें और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनपर दंड लगाये जाएँगे.
चाबहार बंदरगाह
- भारत ने ही चाबहार बंदरगाह बनाया है.
- इसका उद्देश्य है कि चारों तरफ जमीन से घिरे अफगानिस्तान को फारस की खाड़ी (Persian Gulf) तक पहुँचने के लिए एक ऐसा यातायात गलियारा मिले जो पाकिस्तान होकर नहीं गुजरे क्योंकि पाकिस्तान से इसकी अक्सर ठनी रहती है.
- आशा है कि इस गलियारे के चालू हो जाने से अरबों रुपयों का व्यापार हो सकता है.
- ईरान का चाबहार बंदरगाह ओमान की खाड़ी पर स्थित उस देश का एकमात्र बन्दरगाह है.
- चाबहार के बंदरगाह से भारत को मध्य एशिया में व्यापार करने में सुविधा तो होगी ही, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण गलियारे (International North-South Transport Corridor) तक उसकी पहुँच भी हो जाएगी.
- चाबहार बंदरगाह चालू होने के बाद भारत में लौह अयस्क, चीनी और चावल के आयात में महत्त्वपूर्ण वृद्धि होगी.
- इसके अतिरिक्त खनिज तेल के आयात की लागत भी बहुत कुछ घट जायेगी.
- ज्ञातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण गलियारा ईरान से लेकर रूस तक जाता है और इसमें यह एक भूमि मार्ग है जिसमें समुद्र, रेल, सड़क यातायात का सहारा लिया जायेगा.
- विदित हो कि चीन ने खाड़ी तक अपनी पहुँच बनाने के लिए पाकिस्तान को ग्वादर नामक बंदरगाह बनाने में मदद की है जिससे उसका क्षेत्र में दबदबा हो जाए.
- चाबहार बंदरगाह भारत को चीन के इस दबदबे का प्रतिकार करने में सक्षम बनाएगा.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Border Area Development Programme (BADP)
संदर्भ
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने हाल ही में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (BADP) के अंतर्गत असम, नागालैंड, सिक्किम, गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड के लिए 113 करोड़ रु. की धनराशि निर्गत की है.
भूमिका
2018-19 की अवधि में गृह मंत्रालय अब तक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित राज्यों को 637.98 करोड़ रुपये का आवंटन दे चुका है. विदित हो कि 2017-18 में 1,100 करोड़ रु. दिए गये थे.
BADP के अंदर आने वाले राज्य
अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल.
प्रमुख उद्देश्य
- BADP का प्रमुख उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की विकास से सम्बंधित आवश्यकताओं और उनको पूरा करना और उनके कल्याण के लिए काम करना है.
- इस योजना का उद्देश्य सीमा क्षेत्रों में भारत सरकार और राज्य सरकार के द्वारा चलाई गई सभी योजनाओं का लाभ पहुँचाना और उसके लिए आवश्यक निर्माण कार्य करना है.
BADP के लिए राशि की व्यवस्था
- BADP के लिए 100% राशि विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में भारत सरकार द्वारा दी जाती है. यह राशि व्ययगत (non-lapsable) नहीं होती.
- BADP द्वारा संचालित योजनाएँ हैं – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाना, पाठशालाओं का निर्माण करना, पेयजल की आपूर्ति करना, सामुदायिक केन्द्रों की स्थापना, सम्पर्क बढ़ाना, जल-निकास की व्यवस्था करना आदि-आदि.
- जो अन्य योजनाएँ BADP के अन्दर आती हैं, वे हैं – स्वच्छता अभियान, कौशल विकास कार्यक्रम, खेलकूद की गतिविधियों को प्रोत्साहन, ग्रामीण और सीमावर्ती पर्यटन को बढ़ावा, धरोहल स्थलों की सुरक्षा, दूरस्थ और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हैलीपेडों का निर्माण.
BADP Scheme के बारे में डिटेल में पढ़ें >> BADP Scheme
Prelims Vishesh
China-Pakistan bus service launched :-
- चीन के काशगर से पाकिस्तान के लाहौर तक चलने वाली एक निजी बस-सेवा का हाल ही में चीन ने अनावरण किया है.
- भारत की ओर से इस योजना का कड़ा विरोध प्रकट किया गया है क्योंकि यह बस जिस मार्ग से जायेगी उसमें पाक-अधिकृत कश्मीर का वह हिस्सा भी है जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है.
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