Sansar Daily Current Affairs, 07 November 2019
GS Paper 2 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Why govt is encouraging ethanol production?
संदर्भ
केंद्र सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब मिलों को B-हेवी खांड (B-heavy molasses)/गन्ने के रस/चीनी के रस/चीनी से अतिरिक्त एथनोल उत्पादित करने के लिए अलग से पर्यावरणगत अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी.
अब अतिरिक्त एथनोल उत्पादित करने के प्रस्ताव पर एक विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति पर्यावरणगत प्रभाव मूल्यांकन अधिसूचना, 2006 (Environmental Impact Assessment – EIA) के प्रावधानों के अतिरिक्त विचार करेगी.
एथनोल क्या है?
- एथनोल मूलतः 99% से अधिक शुद्धता वाला अल्कोहल ही होता है जिसका प्रयोग पेट्रोल में मिलाने के लिए होता है. एथनोल मुख्य रूप से चीनी मिलों के सह-उत्पाद खांड (molasses) से तैयार होता है.
- एथनोल अथवा एथिल अल्कोहल अनेक उपयोगों वाला एक तरल पदार्थ है. यदि यह 95% शुद्ध होता है तो इसे रेक्टीफाइड स्पिरिट कहते हैं जो शराब बनाने के काम आता है.
- जब यही तरल पदार्थ 99% से अधिक शुद्ध बना दिया जाता है तो इसे पेट्रोल में मिलाया जाता है.
- ये दोनों उत्पाद खांड से बनते हैं जो चीनी बनाते समय एक सह-उत्पाद के रूप में सामने आता है.
- गन्ने में कुल मिलाकर 14% खमीर बनने वाली चीनी (total fermentable sugars – TFS) होती है.
- चीनी बनाते समय अधिकांश TFS रवे के रूप में आ जाता है और उसके बाद जो अंश बचता है वही खांड कहलाता है.
- चीनी मिलें एक टन गन्ने से 115 किलो चीनी और 45 किलो खांड उत्पन्न करती हैं.
- गन्ने के 7.25% अंश से B-हेवी खांड बनती है जिसमें TFS की मात्रा 50% होती है. इस खांड से यदि एथनोल बनाया जाता है तो एक टन गन्ने से 21.75 लीटर एथनोल निकलेगा और 95 किलो चीनी तैयार होगी.
तेल में एथनोल मिलाने के लाभ
आजकल एथनोल के उत्पादन को बहुत प्रोत्साहन मिला हुआ है. सरकार ने भी ऊपर से निर्देश दे दिया है कि पेट्रोल में 10% एथनोल मिलाया जा सकता है. यह सच है कि जितना एथनोल बनेगा चीनी का उत्पादन उतना ही कम हो जाएगा. परन्तु यह भी सच है कि भारत में चीनी का उत्पादन अत्यधिक है और हमें खनिज तेल आयात करना पड़ता है. अतः एथनोल को पेट्रोल में मिश्रित करने का कार्यक्रम मिलों के लिए भी लाभकारी है और देश की आर्थिक स्थिति के लिए भी. विदित हो कि चीन और अमेरिका के बाद ऊर्जा की सबसे अधिक खपत भारत में ही होती है. वस्तुतः यह देश अपनी आवश्यकता का 82.1% कच्चा तेल आयात से प्राप्त करता है तथा 44.4% प्राकृतिक गैस के लिए भी आयात पर निर्भर रहता है.
भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक पेट्रोल में एथनोल का मिश्रण 20% तक कर दिया जाए. परन्तु वर्तमान में प्रत्येक वर्ष 1.55 बिलियन लीटर एथनोल उत्पादित होता है.
2030 के लक्ष्य को पाने के लिए एथनोल का वार्षिक उत्पादन बढ़ाकर 10 बिलियन लीटर करना होगा.
एथनोल मिश्रण से कृषि क्षेत्र को सहारा मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी. साथ ही एथनोल-मिश्रित पेट्रोल पर्यावरण की दृष्टि भी अनुकूल रहेगा.
एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम
- एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों के द्वारा होने वालीएथनॉल की खरीद की प्रक्रिया निर्धारित की है.
- इस योजना के तहत एथनॉल की खरीद अच्छे दामों पर की जायेगी जिससे सम्बंधित मिल गन्ना किसानों के बकायों का भुगतान करने में सक्षम हो जायेंगे.
- C heavy खांड़ (गुड़ का एक रूप) से बनने वाले एथनॉल का दाम ऊँचा होने तथा B heavy खांड़ एवं गन्ने के रस से उत्पन्न एथनॉल की खरीद की सुविधा के कारण EBP कार्यक्रम के तहत एथेनॉल की उपलब्धता बहुत बढ़ने की संभावना है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.
Topic : India Justice Report
संदर्भ
पिछले दिनों इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (IJR) प्रकाशित कर दिया गया. इस रिपोर्ट को टाटा ट्रस्ट्स ने इन संस्थाओं के साथ सहयोग करके तैयार किया है – सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज़, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष, टीआईएसएस-प्रयास और विधी सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी.
यह भारत का ऐसा पहला प्रतिवेदन है जिसमें देश के राज्यों को न्याय उपलब्ध कराने के आधार पर क्रमबद्ध किया गया है.
इसके अनुसार, न्याय दिलाने के मामले में महाराष्ट्र शीर्षस्थ स्थान पर है और उसके पश्चात् केरल और तमिलनाडु का स्थान आता है.
प्रतिवेदन के मुख्य तथ्य
- राज्यों में पुलिस, कारागार और न्यायपालिका में रिक्त पदों की बहुत बड़ी समस्या है और रिक्तियों को घटाने के लिए पिछले पाँच वर्षों में केवल आधे राज्यों ने कुछ प्रयास किया है.
- देश भर में 18,200 न्यायाधीश हैं, परन्तु न्यायाधीश के स्वीकृत पदों में से 23% खाली पड़े हैं.
- 2017 तक पुलिस, कारावास और न्यायपलिका में स्त्रियों का प्रतिनिधित्व कमजोर था.
- देश के कारावासों में जितने बंदी रखने की जगह है उससे 14% अधिक बंदी रहते हैं जबकि इनमें रहने वाले 68% बंदी विचाराधीन बंदी हैं जिनपर जाँच अथवा मुकदमा चल रहा है.
- देश की न्यायपालिका के पदों में ढेर सारी रिक्तियाँ हैं.
- देश में ऐसे दो ही राज्य हैं जहाँ SC/ST/OBC आरक्षण 80% का लक्ष्य पूरा हो चुका है. कारावासों में कर्मचारियों की रिक्तियाँ अत्यधिक हैं.
GS Paper 2 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests
Topic : Feni river and it’s significance
संदर्भ
केन्द्रीय मन्त्रिमंडल ने भारत और बांग्लादेश के बीच हस्ताक्षरित समझौते पर अपनी घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान कर दी है. स्मरणीय है कि इस समझौते से भारत को यह अधिकार होगा कि वह फेनी नदी से त्रिपुरा के सबरूम नगर में पेय जलापूर्ति उपलब्ध कराने के लिए 1.82 क्यूबिक फुट प्रति सेकंड जल ले सकेगा.
फेनी नदी
फेनी नदी भारत-बांग्लादेश की सीमा पर है. इसका उद्गम दक्षिणी त्रिपुरा जिले में होता है और तत्पश्चात् यह भारत के सबरूम नगर से होते हुए और बांग्लादेश में बहते हुए अंत में बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है.
विवाद क्या है?
फेनी नदी के पानी के उपयोग को लेकर पहले भारत और पाकिस्तान और फिर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद रहा था. 1958 में यह मामला भारत और पाकिस्तान के बीच नई दिल्ली में सचिव-स्तर की एक बैठक में विचारा गया था. यह विवाद फेनी नदी के पानी के बँटवारे को लेकर था.
अगस्त, 2019 में ढाका में एक बार फिर इसपर विचार हुआ और फेनी नदी के साथ-साथ अन्य छह नदियों – मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमती, धारला और दुधकुमार – के पानी के बँटवारे को लेकर समझौता हुआ.
समझौते से लाभ
इस समझौते से त्रिपुरा के दक्षिणतम भाग में स्थित सबरूम नगर को लाभ पहुँचेगा. यहाँ पेयजल की आपूर्ति अपर्याप्त है. इस क्षेत्र में भूमि जल में भी लोहे की मात्रा अधिक है. अतः समझौता हो जाने से इस नगर के 7,000 निवासियों को पेय जल की आपूर्ति हो सकेगी.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.
Topic : Moody’s ratings
संदर्भ
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी – मूडीज इन्वेस्टर सर्विस – ने भारत सरकार की रेटिंग को “स्थिर” से घटाकर “नकारात्मक” कर दिया है.
रेटिंग घटाने का आधार
- मूडीज का कहना है कि भारत में राजकोषीय घाटा मार्च, 2020 तक GDP का 3.7% रहेगा जबकि भारत सरकार ने इसके लिए 3.3% का लक्ष्य रखा था.
- मूडीज के अनुसार ऐसा इसलिए हो रहा है कि वृद्धि की दर धीमी है और अचानक निगम कर में कटौती करने से राजस्व में कमी आ जायेगी.
- गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में नकद की कमी के कारण इस वर्ष भारत का वृद्धि अनुमान कम रहेगा और इसका दुष्प्रभाव खुदरा व्यवसाय, वाहन निर्माण, मकानों की बिक्री और भारी उद्योगों पर पड़ेगा.
- मूडीज का कहना है कि आर्थिक कमजोरी का कुशलता से समाधान करने में सरकार कारगर रही है जिसके कारण ऋण भार अत्यंत बढ़ गया है.
- भारत की अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून के बीच 5% बढ़ी. यह दर 2013 के बाद सबसे कमजोर दर है. ऐसा उपभोक्ता की माँग घटने और वैश्विक व्यापारिक अड़चनों के कारण सरकार के खर्च में कमी आने से हुआ.
मूडीज की क्रेडिट रेटिंग की श्रेणियाँ
AAA : ऋण की गुणवत्ता जब सबसे ऊँची होती है तो AAA श्रेणी दी जाती है.
AA+/AA/AA– : ऋण की बहुत ऊँची गुणवत्ता.
A+/A/A– : ऋण की ऊँची गुणवत्ता
BBB+/BBB/BBB– : ऋण की अच्छी गुणवत्ता
BB+/BB/BB– : यह श्रेणी तब दी जाती है जब ऋण की डिफ़ॉल्ट का जोखिम अधिक होता है.
B+/B/B- : यह श्रेणी बताती है कि ऋण के डिफ़ॉल्ट का ठोस खतरा है.
CCC+/CCC/CCC- : यह श्रेणी तब दी जाती है जब ऋण के डिफ़ॉल्ट की प्रबल संभावना होती है.
CC : यह श्रेणी बतलाती है कि डिफ़ॉल्ट होने ही होने हैं.
C : यह श्रेणी तब दी जाती है जब डिफ़ॉल्ट हो चुका होता है अथवा डिफ़ॉल्ट जैसी प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी होती है.
DDD/RD/SD/DD/D : यह श्रेणी तब दी जाती है जब ऋण की वसूली के लिए दिवालियापन का आवेदन पड़ जाता है और व्यवसाय को समेटने या बंद करने की प्रक्रिया चल निकलती है.
क्रेडिंग रेटिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह जरुर पढ़ें > Credit Rating in Hindi
Prelims Vishesh
Shaala Darpan portal :-
- पिछले दिनों भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने “शाला दर्पण” नामक एक ऐप का अनावरण किया है जिसके अन्दर सभी सरकारी पाठशालाओं और शिक्षा कार्यालयों के विषय में ऑनलाइन सूचना रखी जायेगी जिसमें लगातार नवीकरण का काम होता रहेगा.
Tiger TRIUMP :-
भारत और अमेरिका की जल-थल-वायु सेनाओं का एक अभ्यास आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और काकीनाडा में आयोजित है जिसे टाइगर TRIUMP नाम दिया गया है.
Cyclone bulbul :–
- उत्तरी हिन्द महासागर में एक चक्रवात उठा है जिसे पाकिस्तान द्वारा बुलबुल नाम दिया गया है.
- ज्ञातव्य है कि इस बार बुलबुल मिलाकर ऐसे छह अन्य चक्रवात इस क्षेत्र में हो चुके हैं, जिनके नाम हैं – पाबुक (दक्षिण चीन सागर-अंडमान सागर), फेनी (बंगाल की खाड़ी), वायु (अरब सागर), हिक्का (अरब सागर), क्यार (अरब सागर) और महा (अरब सागर).
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