Sansar Daily Current Affairs, 08 April 2019
GS Paper 1 Source: PIB
Topic : Battle of Kangla Tongbi
संदर्भ
7 अप्रैल, 2019 को सैन्य आयुध बल (Army Ordnance Corps) ने इम्फाल के निकट स्थित कांगला टोंग्बी युद्ध स्मारक स्थल पर कांगला टोंग्बी युद्ध की प्लैटिनम जुबिली मनाई जिसमें 1944 में 6-7 अप्रैल को हुए द्वितीय विश्व युद्ध की एक लड़ाई में प्राण न्योछावर करने वाले अग्रिम आयुध डिपो के कर्मियों की वीरता को नमन किया गया.
कांगला टोंग्बी युद्ध क्या है?
कांगला टोंग्बी युद्ध को द्वितीय विश्व युद्ध की सबसे भयंकर लड़ाइयों में से एक माना जाता है. यह लड़ाई अग्रिम आयुध डिपो के 221 आयुध कर्मियों के द्वारा जापानी सेना के विरुद्ध 6-7 अप्रैल, 1944 की रात में लड़ी गई थी. यह युद्ध जापानियों को इम्फाल पर आधिपत्य जमाने से रोकने के लिए किया गया था. जापानी सेना की 33वीं टुकड़ी ने भारतीय सेना की 17वीं टुकड़ी पर म्यांमार के टिड्डिम शहर के पास पीछे से आक्रमण कर दिया था और कोहिमा-मणिपुर मुख्य मार्ग पर पहुँच कर वहाँ से कांगला टोंग्बी की ओर बढ़ने लगी थी. परन्तु अग्रिम आयुध डिपो के कर्मियों ने उनका भयंकर विरोध किया जिसके फलस्वरूप जापानी सेना को पीछे लौटना पड़ा.
कांगला टोंग्बी युद्ध स्मारक का माहात्म्य
- यह स्मारक 221 अग्रिम डिपो के आयुध कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा और वीरता का गवाह है. कांगला टोंग्बी युद्ध में इन कर्मियों में से 19 ने अपने प्राण भी गँवा दिए थे.
- इस युद्ध ने यह सिद्ध कर दिया कि आयुध कर्मी न केवल पेशेवर मालवाहक ही होते हैं, अपितु उनमें वीरता कूट-कूट कर भरी होती है. उनकी वीरता कुशल सैनिकों से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होती. अवसर आने पर वे अपना शौर्य प्रकट कर देते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Service Voter
संदर्भ
2019 लोकसभा आम चुनाव अरुणाचल प्रदेश सहित पूरे देश में हो रहे हैं. इस बार भारतीय-तिब्बती सीमा पुलिस के सैनिक सबसे पहले वोट डाल रहे हैं. वे यह वोट अरुणाचल प्रदेश के सैनिक मतदाता (service voter) के रूप में दे रहे हैं.
ज्ञातव्य है कि सेना और परासैन्य बलों के कर्मियों के पास यह विकल्प है कि वे या तो डाक के द्वारा मतदान कर सकते हैं अथवा किसी व्यक्ति को अपने स्थान पर विधिवत् नियुक्त कर उससे वोट दिलवा सकते हैं. ऐसे मतदाता को प्रॉक्सी मतदाता कहते हैं. भारत में मोटे तौर पर 30 लाख सैनिक मतदाता हैं जो सेना और परासैन्य बल में काम करते हैं.
सैनिक मतदाता किसे कहते हैं?
सैनिक मतदाता वह मतदाता है जिसके पास सैनिक योग्यता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के अनुभाग 20 के अंतर्गत उप-अनुभाग (8) में सैनिक मतदाता की योग्यता इस प्रकार बतलाई गई है –
- उसे भारतीय संघ की सेना का सदस्य होना चाहिए.
- वह किसी ऐसे सैन्य बल का सदस्य हो जिसपर सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधान लागू होते हैं.
- सैनिक मतदाता किसी राज्य के सशस्त्र पुलिस बल का सदस्य हो सकता है जब वह उस राज्य के बाहर तैनात हो.
- सैन्य मतदाता उस व्यक्ति को भी कहेंगे जो भारत सरकार का कर्मी है, परन्तु वर्तमान में भारत के बाहर तैनात है.
किस-किस सैन्य बल का कर्मी सैनिक मतदाता हो सकता है?
- भारतीय स्थल सेना
- भारतीय नौसेना
- भारतीय वायुसेना
- जनरल रिज़र्व इंजिनियर फ़ोर्स (सीमा मार्ग संगठन)
- सीमा सैन्य बल (BSF)
- भारतीय-तिब्बती सीमा पुलिस
- असम राइफल्स
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
- केन्द्रीय आरक्षित पुलिस बल
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल
- सशस्त्र सीमा बल
कुछ मुख्य तथ्य
- कोई सैनिक मतदाता अपनी पत्नी को प्रॉक्सी मतदाता चुन सकता है, परन्तु यदि पत्नी सेना में हो तब उसका पति प्रॉक्सी मतदाता नहीं बन सकता है.
- सैनिक मतदाता किसी एक ही स्थान के लिए पंजीकृत हो सकता है.
- सैनिक मतदाता के पदान डाक मतदान और प्रॉक्सी मतदान दोनों की सुविधा है. यदि वह प्रॉक्सी को चुनता है तो उसे वर्गीकृत सैनिक मतदाता (classified service voter) कहते हैं.
- सैनिक मतदाता जिस व्यक्ति को प्रॉक्सी के लिए चुनता है, उसे पंजीकृत मतदाता होना आवश्यक नहीं है.
- प्रॉक्सी तब तक ही वैध होगी जब तक प्रॉक्सी का विकल्प लेने वाला व्यक्ति सेना में रहेगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : President of World Bank
संदर्भ
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेविड मालपास को विश्व बैंक का अध्यक्ष नियुक्त किया है.
विश्व बैंक के अध्यक्ष के लिए अर्हता
विश्व बैंक के मार्गनिर्देशों के अनुसार उसके अध्यक्ष में निम्नांकित योग्यताएं होनी चाहिएँ –
- कुशल नेतृत्व का इतिहास
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले विशाल संगठनों को चलाने का अनुभव
- सार्वजनिक प्रक्षेत्र का ज्ञान
- विश्व बैंक के विकास अभियान की कार्ययोजनाओं का स्पष्ट ज्ञान और उसे सब के सामने रखने की क्षमता
- बहुपक्षीय सहयोग के प्रति दृढ़-प्रतिबद्धता
- प्रभावी और कूटनीतिक संवाद-प्रेषण की क्षमता
- निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता
- प्रत्याशी को विश्व बैंक के सदस्य देशों में से किसी एक देश का नागरिक होना आवश्यक
- बैंक गवर्नर अथवा कार्यकारी निदेशक अध्यक्ष पद पर नियुक्त नहीं हो सकता है
अध्यक्ष पद के लिए नामित कौन करता है?
विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक अध्यक्ष पद के लिए किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को नामित करते हैं. यदि तीन से अधिक व्यक्ति नामित हो जाते हैं तो एक अनौपचारिक मतगणना के माध्यम से उनमें कुछ प्रत्याशियों की छटनी कर दी जाती है और शेष प्रत्याशियों का साक्षात्कार लिया जाता है. तत्पश्चात् बहुमत के आधार पर एक व्यक्ति को विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुन लिया जाता है.
विश्व बैंक का अध्यक्ष बनने के लिए किसी प्रत्याशी को 25 सदस्यों वाले कार्यकारी बोर्ड से अनुमोदन लेना आवश्यक होता है. विदित हो कि विश्व बैंक बोर्ड की मतदान की शक्ति का 16% अंश अमेरिका के पास होता है, इसलिए अधिकांशतः वही व्यक्ति अध्यक्ष बन पाता है जिसके पीछे अमेरिका का समर्थन हो.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : PMUY
संदर्भ
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के विषय में हाल ही में एक सर्वेक्षण का प्रतिवेदन प्रकाशित हुआ है.
प्रतिवेदन के मुख्य निष्कर्ष
- बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों की 85% उज्ज्वला लाभार्थी महिलाएँ अभी भी मिट्टी के चूल्हों पर खाना बना रही हैं.
- घर के अन्दर चूल्हे से निकलने वाले धुएँ से वायु प्रदूषण होता है जिससे शिशुओं की मृत्यु हो सकती है अथवा उनके विकास को क्षति पहुँच सकती है. इसके अतिरिक्त इस धुएँ से बड़ों को हृदय और फेफड़ा रोग हो सकता है, विशेषकर महिलाओं को जो खाना पकाती हैं.
- लगभग 70% परिवार ईंधन पर कुछ भी खर्च नहीं करते, इसलिए LPG सिलिंडर सब्सिडी के बाद भी उन्हें महँगा दिखता है.
- स्त्रियाँ जलावन के लिए उपले बनाती हैं और पुरुष लकड़ी काट कर लाते हैं.
- सर्वेक्षण में पाया गया है कि जलावन ढोने का काम स्त्रियाँ करती हैं जिसके लिए उन्हें पैसा नहीं मिलता.
- घर में आर्थिक निर्णय पुरुष ही लेते हैं, इसलिए LPG के उपयोग की ओर बढ़ना कठिन होता है.
उज्ज्वला योजना
- पीएमयूवाई की शुरूआत एक मई 2016 को की गयी. इसके तहत मार्च 2019 तक गरीब परिवार की पांच करोड़ महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य था। बाद में लक्ष्य को बढ़ाकर 2021 तक 8 करोड़ कर दिया गया और अब सभी घर को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है.
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारम्भ डॉ. बी.आर.अम्बेडकर की जयंती परतेलंगाना राज्य में किया गया.
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों तक एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) कनेक्शन पहुँचाना है.
- इस योजना के अंतर्गत सामाजिक-आर्थिक-जाति-जनगणना (SECC) के माध्यम से पहचान किये गए गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की वयस्क महिला सदस्य को केंद्र सरकार द्वारा प्रति कनेक्शन 1600 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है.
- यह योजना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही है.
PMUY के फायदे
- शुद्ध ईंधन के प्रयोग से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार
- अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के प्रयोग न करने से वातावरण में कम प्रदूषण
- खाने पर धुएं के असर से मृत्यु में कमी
- छोटे बच्चों में स्वास्थ्य समस्या से छुटकारा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ठोस इंधन के प्रयोग से भारत में 13% मृत्यु होती है और लगभग 40% फेफड़ों की बीमारी की जड़ में यही है. 30% मोतियाबिंद और 20% स्केमिक हृदय रोग, फेफड़ा कैंसर और फेफड़ा संक्रमण ठोस इंधन के चलते होता है.
Prelims Vishesh
Neelakurinji :-
- नीलकुरुंजी (Strobilanthus kunthianus) पश्चिमी घाटों के शोला जंगलों में पाया जाने वाला एक पौधा है जो 12 वर्ष में केवल एक बार फूल देता है. कुछ कुरुंजी फल 7-7 वर्ष पर खिलते हैं और फिर झड़ जाते हैं. उनसे निकलने वाले बीज फिर अंकुरित हो जाते हैं और इस प्रकार जन्म-मृत्यु का चक्र चलता रहता है.
- तमिलनाडु के पलियान प्रजाति के लोग इन फूलों के आधार पर उम्र की गणना करते हैं.
- ये फूल नीले-बैंगनी रंग के होते हैं और नीलगिरी पहाड़ियों का नाम इसी पौधे पर पड़ा है.
- तमिलनाडु सरकार नीलकुरुंजी पौधों की सुरक्षा के लिए एक नई योजना बनाई है.
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