Sansar डेली करंट अफेयर्स, 08 February 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 08 February 2021


GS Paper 1 Source : The Hindu

UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : Odisha Temple Architecture

संदर्भ

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ओडिशा के दो प्रमुख मंदिरों 11 वीं शताब्दी के भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर और 12 वीं शताब्दी के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के आस-पास ओडिशा सरकार की विकास गतिविधियों को विनियमित करने के लिए कदम उठाया है.

पृष्ठभूमि

ओडिशा के मुख्यमंत्री, श्री नवीन पटनायक ने राज्य भर में मंदिरों के पुनर्विकास के लिए महत्त्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी. इस योजना के अंतर्गत जगन्नाथ मंदिर से जुड़े परिसर और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचों के विकास के लिए 3,500 करोड़ और लिंगराज मंदिर के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 700 करोड़ के निवेश की परिकल्पना की गई थी. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने विरासत क्षेत्र के नियमों के अनुरूप न होने के कारण श्री जगन्नाथ मंदिर के पुनर्निर्माण को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव किया है.

ओडिशा का स्थापत्य

  • ओडिशा राज्य तीन महान मंदिरों के लिए जाना जाता है. इन मंदिरों को स्वर्णिम त्रिभुज कहा जाता है. इस त्रिभुज के अन्दर आने वाले दो अन्य मंदिर हैं – पुरी का जगन्नाथ मंदिर और भुबनेश्वर का लिंगराज मंदिर.
  • ओडिशा वास्तुकला की अपनी पहचान में देउल (गर्भगृह के ऊपर उठता हुआ विमान तल), जगमोहन (गर्भगृह के बगल का विशाल हॉल), नटमंडप (जगमोहन के बगल में नृत्य के लिये हॉल), भोगमंडप, परकोटा तथा ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल शामिल है.
  • भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर, पुरी का जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर इस शैली के श्रेष्ठ उदाहरण हैं.
  • सूर्य मंदिर (कोणार्क) का निर्माण गंग वंश के शासक नरसिंह देव प्रथम ने किया था.
  • कोणार्क के सूर्य मंदिर को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में भी शामिल किया गया है.
  • कोणार्क के ब्लैक पैगोडा (सूर्य मंदिर) के अतिरिक्त उत्तराखंड के अल्मोड़ा में कटारमल सूर्य मंदिर है.
  • लिंगराज मंदिर ओडिशा मंदिर स्थापत्य की संपूर्ण विशेषताओं का सर्वोत्तम उदाहरण है.

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GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Statutory, regulatory and various quasi-judicial bodies.

Topic : FSSAI caps transfats in foods

संदर्भ

हाल ही में, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI)  द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेधाज्ञा एवं रोक) विनियम में संशोधन करते हुए तेल और वसा में ट्रांस फैटी एसिड (TFA) की मात्रा वर्ष 2021 के लिए 3% और 1 जनवरी 2022 से 2% तक निर्धारित की गई है.

वर्तमान में, खाद्य पदार्थों में TFA का अनुमेय स्तर 5% है. नये नियम रिफायंड एवं वनस्पति तेलों एवं अन्य बेकरी उत्पादों पर लागू होंगे. उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खाद्य पदार्थों में से ट्रांस फैटी एसिड के उन्मूलन की समय सीमा वर्ष 2023 निर्धारित की है, इस प्रकार भारत  WHO की समय सीमा से एक वर्ष पूर्व ही TFAs के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा.

ट्रांस-फैट क्या है?

  • ट्रांस फाइट या ट्रांस फैटी एसिड (TFAs) सबसे हानिकारक प्रकार के वसा होते हैं जो हमारे शरीर पर किसी भी अन्य आहार से अधिक प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.
  • यह वसा मानव निर्मित वसा है. इसका कुछ ही भाग प्रकृति में निर्मित होता है.
  • कृत्रिम TFAs तेल में हाइड्रोजन प्रविष्ट कराकर उत्पन्न किया जाता है.
  • इस प्रक्रिया में तेल का स्वरूप शुद्ध घी या मक्खन जैसा हो जाता है.
  • जहाँ तक प्राकृतिक TFAs का प्रश्न है यह माँस और पशु उत्पादों में सूक्ष्म मात्रा में मिलता है.
  • हमारे भोजन में कृत्रिम ट्रांस-फैट के सबसे बड़े स्रोत हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल/मार्गरीन हैं.

ट्रांस फैट के स्वास्थ्य खतरे

विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, ट्रांस फैट के रूप में ऊर्जा ग्रहण करने में 2% की वृद्धि हृदय रोग की संभावना में 23% की वृद्धि करती है. WHO द्वारा एक अन्य अनुमान के अनुसार:-

  • इसके उपभोग से कम-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या LDL (जिसे “ख़राब” कोलेस्ट्रोल भी कहा जाता है) के स्तर में वृद्धि होती है. इसके फलस्वरूप हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही यह उच्च-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या HDL (जिसे “अच्छा” कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं) के स्तर को कम करता है.
  • इन्हें Type-2 मधुमेह का मुख्य कारण माना जाता है, जो इन्सुलिन प्रतिरोध से जुड़ा हुआ होता है.

इस टॉपिक से UPSC

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

मई 2018 में WHO ने वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये एक व्यापक योजना REPLACE की शुरुआत की थी.

  • RE- (Review):औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा के आहार स्रोतों और आवश्यक नीति परिवर्तन हेतु परिदृश्य की समीक्षा.
  • P- (Promote):स्वस्थ वसा और तेलों के माध्यम से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट के प्रतिस्थापन को बढ़ावा देना.
  • L- (Legislate):औद्योगिक तौर पर उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये कानून या विनियामक कार्यवाही को लागू करना.
  • A- (Assess):खाद्य आपूर्ति में ट्रांस फैट सामग्री तथा लोगों द्वारा ट्रांस फैट के उपभोग का आकलन और निगरानी करना.
  • C- (Create):नीति निर्माताओं, उत्पादकों, आपूर्तिकर्त्ताओं और जनता के बीच ट्रांस फैट के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना.
  • E- (Enforce):नीतियों और विनियमों के अनुपालन को लागू करना.

GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Issues related to direct and indirect farm subsidies and minimum support prices; Public Distribution System objectives, functioning, limitations, revamping; issues of buffer stocks and food security; Technology missions; economics of animal-rearing.

Topic : Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

संदर्भ

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana – PMFBY) के तहत दावों का समय से निपटारा करने के लिए देश 100 से अधिक जिलों में ड्रोन उड़ाने की अनुमति मिल गई है. कृषि विभाग के प्रस्ताव को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation– DGCA) ने स्वीकृति दे दी है.

यह देश में रिमोट सेंसिंग तकनीक आधारित यह पहला सबसे बड़ा प्रायोगिक अध्ययन है, जिसमें फसल की पैदावार का आकलन किया जाएगा.

प्रधान मन्त्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

अप्रैल 2016 में भारत सरकार ने पुरानी बीमा योजनाओं, जैसे – राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को वापस लेते हुए एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आरम्भ किया था.

  • इस बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम देना होता है.
  • वार्षिक नकदी और बाग़वानी फसलों के लिए प्रीमियम की दर 5% होती है.
  • जिन किसानों ने बैंकों से ऋण लिया है उनके लिए यह योजना अनिवार्य है और जिन्होंने नहीं लिया है, उनके लिए यह वैकल्पिक है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सुरक्षा

इस योजना में फसल के निम्नलिखित चरण और फसल क्षति के लिए जिम्मेदार जोखिमों से सुरक्षा प्रदान की गयी है-

  • बुवाई/रोपण में रोक संबंधित जोखिम: बीमित क्षेत्र में कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के चलते बुवाई/ रोपण में उत्पन्न रोक.
  • खड़ी फसल (बुवाई से कटाई तक के लिए): सूखा, अकाल, बाढ़, सैलाब, कीट एवं रोग, भूस्खलन, प्राकृतिक आग और बिजली, तूफान, ओले, चक्रवात, आंधी, टेम्पेस्ट, तूफान और बवंडर जैसे जोखिमों के कारण उपज के नुकसान को कवर करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा दी जाती है.
  • कटाई के उपरांत क्षति: फसल कटाई के बाद चक्रवात और चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश के विशिष्ट खतरों से उत्पन्न हालत के लिए कटाई से अधिकतम दो सप्ताह की अवधि के लिए कवरेज उपलब्ध है.
  • स्थानीयकृत आपदायें: अधिसूचित क्षेत्र में मूसलधार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसे स्थानीय जोखिम की घटना से प्रभावित पृथक खेतों को उत्पन्न हानि/क्षति.

उद्देश्य

  • अप्रत्याशित कारणों से फसल की क्षति के शिकार किसानों को आर्थिक सहारा देना.
  • किसानों की आय को बनाए रखना जिससे कि वे खेती करना नहीं छोड़ें.
  • किसानों को अभिनव एवं आधुनिक कृषि प्रचलन अपनाने के लिए उत्साहित करना.
  • कृषि प्रक्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना जिससे खाद्य सुरक्षा, फसलों की विविधता, उत्पादन में वृद्धि और कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिले और उत्पादन के जोखिमों से किसान सुरक्षित हो सके.

GS Paper 3 Source : The Hindu

UPSC Syllabus : Infrastructure. 

Topic : Mega Investment Textiles Parks: MITRA

संदर्भ

हाल ही में सरकार ने मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल्स पार्क (Mega Investment Textiles Parks: MITRA) योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है.

मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल्स पार्क

  • इस योजना के अंतर्गत, विश्व स्तरीय अवसंरचना के साथ 7 टेक्सटाइल पार्क और आगामी 3 वर्षों में प्लग-एंड-प्ले (आसान उपयोग आधारित) सुविधाओं की स्थापना की जाएगी.
  • पार्कों में निर्बाध जल और विद्युत आपूर्ति, साझा उपयोगिताओं (कॉमन यूटिलिटी) तथा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की स्थापना को लक्षित किया गया है.
  • यह योजना वस्त्र उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने, व्यापक निवेशों को आकर्षित करने, रोजगार सृजित करने और निर्यात को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगी.
  • भारत के वस्त्र उद्योग ने वित्त वर्ष 2015 में औद्योगिक उत्पादन में 13% का योगदान दिया था. इसने सकल घरेलू उत्पाद में 2.3% का योगदान दिया है और वित्त वर्ष-2020 में 45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया था. वित्त वर्ष 2015 में भारत की निर्यात आय में इस क्षेत्रक का योगदान 12% था.

वस्त्र उद्योग के समक्ष चुनौतियाँ

असंगठित बुनाई क्षेत्र, अनुसंधान और नवाचार पर अल्प ध्यान, अपर्याप्त प्रौद्योगिकी उन्‍नयन, निम्न उत्पादकता और स्वचालन स्तर, बांग्लादेश, वियतनाम आदि देशों से प्रतिस्पर्धा इत्यादि.

वस्त्र क्षेत्र के लिए की गई अन्य पहलें

  • स्वचालित मार्ग के तहत क्षेत्रक में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति प्रदान की गई है.
  • विशिष्ट वस्त्र उत्पादों के निर्माण और निर्यात के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना आरंभ की गई है.
  • भारत को तकनीकी वस्त्रों में एक वैश्विक अभिकर्ता के रूप में स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन आरंभ किया गया है.
  • संशोधित प्रौद्योगिकी उन्‍नयन निधि योजना (Amended Technology Upgradation Funds Scheme) संचालित की जा रही है.
  • अत्याधुनिक विश्व स्तरीय अवसंरचनात्मक सुविधाएं प्रदान करने के लिए एकीकृत वस्त्र पार्क योजना (Scheme for Integrated Textile Parks) आरंभ की गई है.

GS Paper 3 Source : Indian Express

UPSC Syllabus : Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.

Topic : Currency Swap

संदर्भ

श्रीलंकाई केन्द्रीय बैंक ने भारत के साथ 400 मिलियन डॉलर के मुद्रा विनिमय (currency swap) मामले को सुलझा लिया है.

पृष्ठभूमि

भारत-श्रीलंका ने जुलाई 2020 में 400 मिलियन डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. श्रीलंका के लिए यह  महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से कोविड 19 के परिणामस्वरूप उत्पन्न आर्थिक संकट के पश्चात्‌ अल्पकालिक अंतर्राष्ट्रीय तरलता संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी. यह व्यवस्था फरवरी 2021 तक उपलब्ध थी. भारत के अतिरिक्त, श्रीलंका, चीन के साथ भी 1.5 बिलियन डॉलर का मुद्रा विनिमय समझौता करने जा रहा है.

मुद्रा विनिमय (Currency Swap) क्या है?

  • यह समझौता दो देशों के मध्य, एक देश की मुद्रा के बदले दूसरे देश की मुद्रा प्राप्त करने हेतु किया जाता है. इसका उद्देश्य विदेशी मुद्रा बाज़ार और विनिमय दर में स्थिरता तथा अन्य जोखिमों से बचना होता है.
  • एक करेंसी स्वैप सुविधा, एक देश को बाजार से सीधे उधार लेने की तुलना में बेहतर ब्याज दरों पर विदेशी मुद्रा ऋण प्राप्त करने में मदद करती है, इसके तहत भुगतान समझौते के समय पर तय विनिमय दर पर किया है. यह विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के कारण जोखिम को समाप्त करता है.

Prelims Vishesh

Monpa handmade paper :-

  • यह अरुणाचल प्रदेश की 1000 साल प्राचीन विरासत कला है.
  • मोनपा हस्तनिर्मित कागज निर्माण कला का प्रारम्भ 1000 वर्ष पूर्व हुआ था.
  • शनैः शनैः यह कला अरुणाचल प्रदेश के तवांग में स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन गई.
  • उत्कृष्ट बनावट वाला यह हस्तनिर्मित कागज, तवांग की स्थानीय जनजातियों के जीवंत संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जिसे स्थानीय भाषा में मोन शुगु कहा जाता है.
  • मोनपा हस्तनिर्मित कागज, शुगु शेंग नामक स्थानीय पेड़ की छाल से बनाया जाता है, जिसका अपना औषधीय मूल्य भी है.

Stardust 1.0 :-

  • यह एक प्रक्षेपण यान है, जो अंतरिक्ष में क्यूबसैट्स (cubesats) नामक छोटे उपग्रहों को प्रेक्षपित करने के लिए उपयुक्त है.
  • हाल ही में, इसे अमेरिका स्थित स्टार्टअप, ब्लूशिफ्ट एयरोस्पेस द्वारा लॉन्च किया गया था.
  • यह जैव ईंघन (biofuel) द्वारा संचालित प्रथम वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण बन गया है.
  • इसके अतिरिक्त, इसमें पारंपरिक रूप से प्रयोग किए जाने वाले रॉकेट ईंधन के विपरीत जैव ईंघन का प्रयोग होने के कारण यह पर्यावरण के अनुकूल भी है.
  • जैव ईंधन को बायोमास से प्राप्त किया जाता है. इसे प्रत्यक्ष रूप से तरल ईंधन में परिवर्तित किया जा सकता है और परिवहन ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

Pattachitra paintings :-

  • इसकी उत्पत्ति 12वीं शताब्दी के प्रारम्भ में हुई थी.
  • चित्रकला की यह पट्टचित्र शैली ओडिशा की सबसे प्राचीन कला शैलियों में से एक है.
  • पट्टचित्र, एक चित्र होता है जिसे वस्त्र के एक टुकड़े पर चित्रित किया जाता है.
  • यह चित्रकला रंगों के समृद्ध अनुप्रयोग, रचनात्मक रूपांकनों और डिजाइनों तथा अपने चित्रण के अधिकांश रूपों में सरल विषयों, विशेषतः पौराणिक कथाओं के चित्रण द्वारा प्रकट होती है.
  • यह कला शैली श्री जगन्नाथ संप्रदाय और पुरी में स्थित मंदिर परंपराओं के साथ नजदीकी से संबंधित है.

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