Sansar Daily Current Affairs, 08 May 2021
GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Gopal Krishna Gokhale
संदर्भ
9 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है.
गोपाल कृष्ण गोखले
- गोपाल कृष्ण गोखले (9 मई 1866 – फरवरी 19, 1915) भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे.
- महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले को वित्तीय मामलों की गजब की समझ थी और उस पर अधिकारपूर्वक वह बहस करने की क्षमता रहते थे. इसलिए उन्हें भारत का ‘ग्लेडस्टोन’ कहा जाता है.
- गोपाल कृष्ण गोखले जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी नेता थे.
- उनका कहना था कि “वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है.
- यहाँ तक कि महात्मा गाँधी स्वयं उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे. महात्मा गांधी ने गोपाल कृष्ण गोखले पर गुजराती भाषा में एक पुस्तक ‘धर्मात्मा गोखले’ लिख डाली थी.
- कांग्रेस के शैशव काल में उसकी नीतियों को संचालित करने का भार मुख्यतः दादा भाई नौरोजी, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता और ए.ओ. ह्यूम पर ही था.
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका
- गोखले वर्ष 1889 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और एक प्रमुख समाज सुधारक महादेव गोविंद रानाडे के प्रभाव में आए.
- वर्ष 1905 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बनारस अधिवेशन के लिये गोखले को अध्यक्ष पद के लिये चुना गया था यह वह समय था जब लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक के नेतृत्व में ‘नरमपंथियों’ और ‘अतिवादियों’ के समूह के मध्य मतभेद पैदा हो गए और वर्ष 1907 में कांग्रेस सूरत अधिवेशन में दोनों गुट पृथक हो गए.
- वर्ष 1899-1902 के दौरान वह बॉम्बे विधान परिषद के सदस्य थे और वर्ष 1902-1915 तक ‘इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल’ में कार्य किया.
- गोखले ने वर्ष 1909 के ‘मार्ले-मिंटो सुधार’ को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई.
शिक्षा एवं समाज सुधारक के रूप में उनकी भूमिका
- चरित्र निर्माण की आवश्यकता से पूर्णत: सहमत होकर उन्होंने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की ताकि नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके.
- वह महादेव गोविंद रानाडे द्वारा प्रारम्भ की गई ‘सार्वजनिक सभा पत्रिका’ से भी जुड़े थे.
- साल 1908 में गोखले ने ‘रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स’ की स्थापना की.
- उनके द्वारा अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द हितवाद’ प्रारम्भ किया गया.
- गोखले की विचारधारा शिक्षा के विस्तार, भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के लिये प्रतिक्रियावादी या क्रांतिकारी तरीकों के इस्तेमाल को खारिज़ करने, सामाजिक सशक्तीकरण पर आधारित थी.
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GS Paper 3 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Disaster management.
Topic : Uranium and its uses
संदर्भ
हाल ही में, महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (Anti-Terrorism Squad- ATS) ने लगभग 21 करोड़ रुपये कीमत के 7 किलोग्राम प्राकृतिक यूरेनियम के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
इन दोनों व्यक्तियों को बिना लाइसेंस के यूरेनियम रखने के आरोप में, परमाणु ऊर्जा अधिनियम 1962 के तहत गिरफ्तारी कर लिया गया है.
यूरेनियम क्या है?
- यूरेनियम एक्टिनाइड शृंखला का एक चाँदी-सफेद तत्व है, जो लगभग लीड की तुलना में 20% घना है और यह पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाला एकमात्र विखंडन तत्व है. यह कई खनिजों में होता है और मुख्य रूप से रेडियोसोटोप यूरेनियम – 235 के विखंडन द्वारा परमाणु ऊर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है.
- यूरेनियम का रासायनिक प्रतीक U है और इसकी परमाणु संख्या (इसके नाभिक में प्रोटॉन की संख्या) 92 है.
- इसका औसत परमाणु द्रव्यमान (प्रोटॉन प्लस न्यूट्रॉन) 238 है, और आमतौर पर इसे यूरेनियम -238 लिखा जाता है.
- एक तत्व की पहचान उसके परमाणु क्रमांक से होती है, जो कभी नहीं बदलता है. कुछ तत्वों का परमाणु द्रव्यमान, अपने न्यूट्रॉन की संख्या में भिन्नता के कारण स्थिर नहीं हो सकता है.
- ऐसी विशेषताओं को रखने वाले परमाणुओं को आइसोटोप कहा जाता है. प्राकृतिक यूरेनियम के प्रमुख समस्थानिक यूरेनियम -238 (99.3%) और यूरेनियम -235, दोनों में से सबसे अधिक सक्रिय 0.7% हैं.
यूरेनियम कहाँ पाया जाता है
- यूरेनियम पृथ्वी के क्रस्ट के कई क्षेत्रों में पाया जाता है. यूरेनियम टिन की तुलना में अधिक आम है, चांदी की तुलना में लगभग 40 गुना अधिक और सोने की तुलना में 500 गुना अधिक आम है. यह अधिकांश चट्टानों और तलछट, समुद्री जल, जलभृत और गर्म झरनों में पाया जाता है. आम तौर पर किसी दिए गए क्षेत्र में यूरेनियम की मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन जहां कुछ भूवैज्ञानिक स्थितियां मौजूद होती हैं, वहां यूरेनियम अधिक केंद्रित हो सकता है और आर्थिक रूप से पुनः प्राप्त हो सकता है.
- भारत में, यूरेनियम के निक्षेप धारवाड़ की चट्टानों में पाए जाते है. यूरेनियम, झारखंड की सिंहभूमि तांबा पट्टी (Singbhum Copper belt), राजस्थान के उदयपुर, अलवर और झुंझुनू जिले, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले, महाराष्ट्र के भंडारा और हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पाया जाता है.
- हाल ही में, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में शेषाचलम वनों और श्रीशैलम के मध्य (आंध्र प्रदेश के दक्षिणी छोर से तेलंगाना के दक्षिणी किनारे तक), पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम के भंडारों की खोज हुई है.
यूरेनियम के उपयोग
- डेप्लेटेड यूरेनियम (Depleted Uranium) का उपयोग टैंक के कवच (Armor) बनाने में किया जाता है.
- यूरेनियम का उपयोग परमाणु बम बनाने में किया जाता है.
- यूरेनियम का उपयोग मिसाइल, छोटे गोले और गोलियाँ बनाने में भी किया जा सकता है.
- यूरेनियम-235 का उपयोग परमाणु सयंत्रो में ईंधन के रूप में किया जाता है, परमाणु संयंत्रों में यूरेनियम के द्वारा पानी गर्म करके भाप बनाई जाती है, फिर उस भाप का उपयोग करके बिजली बनाई जाती है.
- यूरेनियम के आइसोटोप यूरेनियम-238 का उपयोग आग्नेय चट्टानों की आयु जाँचने और अन्य रेडियोमेट्रिक डेटिंग के लिए किया जाता है.
- प्राचीन समय में यूरेनियम यौगिकों का उपयोग रंगीन कांच बनाने में किया जाता था.
आतंकवाद निरोधक दस्ता (ANTI-TERRORIST SQUADS-ATS)
- आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस-ATS) एक प्रकार के विशेष पुलिस बल है, जिसका गठन राज्य सरकारों द्वारा आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए किया जाता है.
- इसका उद्देश्य संबंधित राज्यों के किसी भी हिस्से में संचालित हो रहे राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों जैसे आतंकवादी समूहों, माफिया और अन्य संगठित अपराध सिंडिकेटों की गतिविधियों (नकली नोटों के रैकेट, मादक पदार्थों की तस्करी आदि) के विषय में जानकारी एकत्र करना और उनकी गतिविधियों को समाप्त करना है.
- यह संगठन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रॉ (RAW) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करता है.
- एटीएस अन्य राज्यों की समकक्ष एजेंसियों के साथ भी संपर्क बनाए रखता है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation, environmental pollution and degradation, environmental impact assessment.
Topic : Global Methane Assessment: Benefits and Costs of Mitigating Methane Emission
संदर्भ
हाल ही में वैश्विक मीथेन आकलन: मीथेन उत्सर्जन कम करने के लाभ और लागत (Global Methane Assessment: Benefits and Costs of Mitigating Methane Emission) नामक एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि विश्व को जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से बचने के लिये अपने मीथेन उत्सर्जन में अत्यधिक कटौती करने की आवश्यकता है.
इस रिपोर्ट को जलवायु और स्वच्छ वायु संघ (Climate and Clean Air Coalition) तथा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme- UNEP द्वारा जारी किया गया था.
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- 1980 के दशक में रिकॉर्ड रखने की प्रक्रिया परंपरा शुरू होंने के बाद से, वर्तमान में मानव-जनित मीथेन उत्सर्जन, किसी अन्य समय-काल की तुलना में काफी तीव्र गति से बढ़ रहा है.
- हालांकि, नॉवेल कोरोनवायरस वायरस (COVID-19) महामारी के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर गिरा है. फिर भी, पिछले साल वातावरण में मीथेन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई.
- मीथेन के एक अत्यंत शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस होने की वजह से यह चिंता का विषय है. मीथेन, पूर्व-औद्योगिक काल से वातावरण में लगभग 30 प्रतिशत उष्मन के लिए जिम्मेदार है.
मीथेन
- मीथेन गैस पृथ्वी के वायुमंडल में कम मात्रा में पाई जाती है. यह सबसे सरल हाइड्रोकार्बन है, जिसमें एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु (CH4) शामिल होते हैं. मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse Gas) है. यह एक ज्वलनशील गैस है जिसे पूरे विश्व में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है.
- इसका निर्माण कार्बनिक पदार्थ के टूटने या क्षय से होता है. इसे आर्द्रभूमियों, मवेशियों, धान के खेत जैसे प्राकृतिक और कृत्रिम माध्यमों द्वारा वातावरण में उत्सर्जित किया जाता है.
मीथेन के प्रभाव
- मीथेन कार्बन की तुलना में 84 गुना अधिक शक्तिशाली गैस है और यह वायुमंडल में लंबे समय तक नहीं रहती है. इसके उत्सर्जन को अन्य ग्रीनहाउस गैसों की तुलना में कम करके ग्लोबल वार्मिंग को अधिक कम किया जा सकता है.
- यह जमीनी स्तर के ओज़ोन (Ozone) को खतरनाक वायु प्रदूषक बनाने के लिये उत्तरदायी है.
मानव जनित मीथेन उत्सर्जन के स्रोत
मानव-निर्मित मीथेन का अधिकांश उत्सर्जन तीन क्षेत्रों से होता है: जीवाश्म ईंधन, अपशिष्ट और कृषि.
- जीवाश्म ईंधन क्षेत्र में, तेल और गैस निष्कर्षण, प्रसंस्करण और वितरण, 23 प्रतिशत मीथेन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है. कोयला खनन में 12 प्रतिशत मीथेन उत्सर्जन होता है.
- अपशिष्ट क्षेत्र में, अपशिष्ट भरावक्षेत्र और अपशिष्ट जल से लगभग 20 प्रतिशत मीथेन उत्सर्जन होता है.
- कृषि क्षेत्र में, मवेशियों के गोबर और आंत्रिक किण्वन से लगभग 32 प्रतिशत तथा धान की खेती से 8 प्रतिशत मीथेन उत्सर्जन होता है.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Cyber security related issues.
Topic : NCRB
संदर्भ
हालिया दिनों में, भारत के विभिन्न स्थानों पर अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं घटित हुई हैं. राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB) के अनुसार, वर्ष 2019 में वाणिज्यिक भवनों में लगने वाली आग के कारण 330 लोगों की मृत्यु हुई है. इसमें विद्युतीय फॉल्ट को अग्नि के प्रमुख कारण के रूप में उद्धृत किया गया है. साथ ही, यह माना गया है कि राज्य सरकारें सुरक्षा कानून बनाने, निरीक्षण करने और सार्वजनिक भवनों को आधुनिक तकनीक से युक्त करने में भी शिथिल रही हैं.
अग्नि सुरक्षा से निपटने के लिए तंत्र
- अग्निशमन सेवा राज्य सूची का विषय है और इसे अनुच्छेद 245-W के तहत संविधान की बारहवीं अनुसूची में नगरपालिका के एक कार्य के रूप में शामिल किया गया है.
- भारत की राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC) का भाग 4 उन डिजाइनों और सामग्री के लिए विनिर्देशों और दिशा-निर्देशों से संबंधित है, जो विनाशकारी आग के खतरे को कम करते हैं.
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority: NDMA) ने अस्पतालों सहित सार्वजनिक भवनों में अग्नि सुरक्षा की आवश्यकताओं को निर्धारित किया है.
- गत वर्ष, उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों को कोविड-19 के लिए नामित अस्पतालों का अग्नि सुरक्षा ऑडिट (fire safety audits) करने के निर्देश दिए थे.
- राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अपने संबंधित स्थानीय भवन उपनियमों को अद्यतित करने तथा मॉडल मेंटेनेंस ऑफ् फायर एंड एमर्जेन्सी सर्विसेज बिल, 2019 के साथ संरेखित करने के लिए निर्देशित किया गया है.
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो
- राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो भारत सरकार, गृह मंत्रालय के साथ संलग्न एक कार्यालय है.
- नई दिल्ली स्थित इसब्यूरो का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्त करना है.
- वर्तमान में इसब्यूरो के महानिदेशक रामपाल पवार हैं.
Prelims Vishesh
Scheme of Financial Assistance to States for Capital Expenditure :-
- इस योजना के तहत, राज्य सरकारों को 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
- व्यय विभाग ने वित्त वर्ष 2021-22 हेतु “राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए वित्तीय सहायता की योजना” पर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
- राज्यों को प्रदान की गई निधि का उपयोग नई और संचालित पूंजीगत परियोजनाओं के लिए किया जाएगा. इन निधियों का उपयोग परिचालनरत पूंजीगत परियोजनाओं में लंबित बिलों के निपटान के लिए भी किया जा सकता है.
- पूंजीगत व्यय से रोजगार सृजित होते हैं तथा अर्थव्यवस्था की भावी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च आर्थिक संवृद्धि दर प्राप्त होती है.
Alternative Investment Fund :-
- श्रम मंत्रालय ने सूचित किया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अवसंरचना के विकास को समर्थन प्रदान करने के लिए वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) में 5 प्रतिशत तक निवेश कर सकता है.
- वैकल्पिक निवेश कोषों (AIF) निवेश के साधन हैं, लेकिन इसके माध्यम से शेयर बाजार, बॉन्ड्स, डेट जैसे पारंपरिक निवेश साधनों में निवेश नहीं किया जाता है.
- इसका निवेश वैसे साधनों में किया जाता है, जिसकी कोई निश्चित परिभाषा नहीं है.
- वैकल्पिक निवेश कोषों में शामिल साधन हैं- कमोडिटीज, प्राइवेट इक्विटी, हेज फंड्स, वेंचर कैपिटल, सोशल वेंचर्स फंड, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स, वेंचर कैपिटल फंड्स (VCF), एसएमई फंड्स,प्राइवेट इक्विटी फंड्स के अलावा, पेंटिंग्स, दूसरे आर्ट्स, शराब, पुराने सिक्के और डाक टिकट.
- इससे मिले रिटर्न पर नियम के अनुसार, कैपिटल गेन्स टैक्स लागू होता है.
- अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स के जरिये काफी अमीर निवेशकों (हाई नेटवर्थ इन्वेस्टर्स-एचएनआई) से उनके फायदे को ध्यान में रखकर रकम जुटाई जाती है. यह रकम निश्चित निवेश नीति के तहत जुटाई जाती है. इसमें भारतीय और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों को निवेश करने की अनुमति मिली हुई है.
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