Sansar डेली करंट अफेयर्स, 08 October 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 08 October 2020


GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Salient features of world’s physical geography.

Topic : La Lino and El Nino

संदर्भ

हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल ज्यादा सर्दी पड़ने का अनुमान जताया है. इसका कारण ला नीना (La Lino) और अल नीनो (El Nino) की परिस्थितियां हैं.

पृष्ठभूमि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक के मुताबिक, इस वर्ष ला नीना की स्थिति कमजोर है, इसलिए इस वर्ष ज्यादा ठंड की उम्मीद है. विदित हो कि शीत लहर की स्थिति के लिए जिम्मेदार बड़े कारक पर विचार करें तो अल नीनो और ला नीना इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं. जहाँ शीत लहर की स्थिति के लिए ला नीना अनुकूल होता है तो वही अल नीनो की स्थिति इसके लिए सहायक नहीं होती है. आईएमडी के महानिदेशक ने यह भी रेखांकित किया है कि उत्तर भारत के राज्यों में शीतलहर के कारण काफी संख्या में मौतें होती हैं.

ला-नीना क्या है?

ला-नीना (La-Nina) भी मानसून का रुख तय करने वाली सामुद्रिक घटना है. यह घटना सामान्यतः अल-नीनो के बाद होती है. उल्लेखनीय है कि अल-नीनो में समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है जबकि ला-नीना में समुद्री सतह का तापमान बहुत कम हो जाता है.

La Nina का प्रभाव

ला नीना स्पैनिश भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है छोटी बच्ची. चूंकि इसका प्रभाव एल नीनो के विपरीत होता है इसलिए इसे प्रति एल नीनो भी कहा जाता है. La Nina का प्रभाव El Nino के ठीक उल्टा होता है. इसके कारण द.पू. एशिया और ऑस्ट्रेलिया में सामान्य से अधिक वृष्टिपात होता है और द. अमेरिका तथा अमेरिका के खाड़ी तट में सामान्य से अधिक तापमान उत्पन्न होता है.

El Nino क्या है?

El Nino के एक जलवायवीय चक्र है जिसके अंतर्गत प्रशांत महासागर के पशिमी क्षेत्र में हवा का दबाव ऊँचा होता है और पूर्वी प्रशांत सागर में हवा का दबाव कम होता है. एल नीनो के प्रभाव से एशियाई समुद्र तल के तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस का उछाल आ सकता है. साथ ही पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देशों – इक्वेडोर, पेरू और चिली के तटों पर ठंडा पानी उठकर समुद्र तल पर आ जाता है. गहराई से पानी के ऊपर आने के इस प्रक्रिया से एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में सहायता मिलती है.

एल नीनो के लक्षण

एल नीनो होने पर विषुवत रेखा से लगी पछुआ व्यापारिक हवाएं कमजोर पड़ जाती हैं और वायुदाब में परिवर्तन होने के कारण जल पूरब की ओर बहकर दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी तट की ओर जाने लगता है. मध्य और पूर्व प्रशांत क्षेत्र छह महीने से अधिक गर्म होता है जिसके कारण एल नीनो की दशा उत्पन्न हो जाती है. इस अवस्था में जल का तापमान सामान्य की तुलना में 10 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है. पानी के अधिक गर्म होने से वाष्पीकरण बढ़ जाता है और इसके कारण एक ओर जहाँ दक्षिण अमेरिका में सामान्य से अधिक वर्षा होती है तो दूसरी इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में सूखा पड़ जाता है.

El Nino के प्रभाव

  • El Nino वैश्विक मौसम को प्रभावित करता है. इसके कारण पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में Hurricane और ऊष्ण कटिबंधीय आंधियाँ उत्पन्न होती हैं. इसके चलते पेरू, चिली और इक्वेडोर में अभूतपूर्व एवं असामान्य वृष्टिपात होता है.
  • एल नीनो के कारण ठन्डे पानी का ऊपर आना घट जाता है और परिणामस्वरूप समुद्र तल के पोषक तत्त्व ऊपर नहीं आ पाते हैं. इससे समुद्री जीवों और पक्षियों के जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है. मत्स्य उद्योग को भी क्षति पहुँचती है.
  • एल नीनो के कारण द. अफ्रीका, भारत, द.पू. एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागरीय द्वीपों में सूखा पड़ जाता है. अतः खेती को क्षति पहुँचती है.
  • ऑस्ट्रेलिया और द.पू. एशिया पहले से अधिक गर्म हो जाते हैं.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में सूचित किया है कि अल-नीनो के कारण मच्छरों से होने वाले रोग फैलते हैं.

एल-निनो और भारतीय मानसून

  • एल-निनो एक संकरी गर्म जलधारा है जो दिसम्बर महीने में पेरू के तट के निकट बहती है. स्पेनिश भाषा में इसे “बालक ईसा (Child Christ)” कहते हैं क्योंकि यह धारा क्रिसमस के आस-पास जन्म लेती है.
  • यह पेरूबियन अथवा हम्बोल्ट ठंडी धारा की अस्थायी प्रतिस्थापक है जो सामान्यतः तट के साथ-साथ बहती है.
  • यह हर तीन से सात साल में एक बार प्रवाहित होती है और विश्व के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बाढ़ और सूखे की वहज बनती है.
  • कभी-कभी यह बहुत गहन हो जाती है और पेरू के तट के जल के तापमान को 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा देती है.
  • प्रशांत महासागर के उष्ण कटिबंधीय जल की यह उष्णता भूमंडलीय स्तर पर वायु दाब तथा हिन्द महासागर की मानसून सहित पवनों को प्रभावित करती है.
  • एल निनो के अध्ययन से यह पता चलता है कि जब दक्षिणी प्रशांत महासागर में तापमान बढ़ता है तब भारत में कम वर्षा होती है.
  • भारतीय मानसून पर एल-नीनो का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है और इसका प्रयोग मानसून की लम्बी अवधि के पूर्वानुमान के लिए किया जाता है.
  • मौसम वैज्ञानिकों का विचार है कि भारत में 1987 का भीषण सूखा एल-निनो के कारण ही पड़ा था.
  • 1990-1991 में एल-निनो का प्रचंड रूप देखने को मिला था. इसके कारण देश के अधिकांश भागों में मानसून के आगमन में 5 से 12 दिनों की देरी हो गई थी.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय स्तर पर मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिये ज़िम्मेदार प्रमुख एजेंसी है. इसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी और यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Science- MoES) के अंतर्गत कार्य करता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes.

Topic : DEENDAYAL ANTYODAYA YOJANA

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 तक, पांच वर्ष की अवधि के लिए केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू- कश्‍मीर और लद्दाख को 520 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की मंजूरी दी और केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में इस विस्‍तारित अवधि के दौरान आवंटन को गरीबी अनुपात से जोड़े बिना मांग जनित आधार पर दीनदयाल अंत्‍योदय योजना- राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAYNRLM) का वित्त पोषण सुनिश्चित करने की भी स्वीकृति दी.

इससे इन केन्‍द्र शासित प्रदेशों की जरूरत के आधार पर इस मिशन के तहत पर्याप्‍त धन सुनिश्चित होगा और यह एक समयबद्ध तरीके से केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में सभी केन्‍द्र प्रायोजित लाभार्थी-उन्‍मुख योजनाओं को सार्वभौमिक बनाने के भारत सरकार के उद्देश्‍य के भी अनुरूप है. यह ग्रामीण परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और महिलाओं के सशक्तिकरण तथा केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में बदली हुई परिस्थितियों के लिए इस मिशन की क्षमता की ओर संकेत करने वाले आकलन के परिणामों पर आधारित है.

पृष्ठभूमि

दीनदयाल अंत्‍योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) को पूर्ववर्ती राज्‍य जम्मू-कश्मीर में ‘उम्‍मीद’ (Umeed) कार्यक्रम के रूप में लागू किया गया था. इस मिशन के अंतर्गत वित्त का आवंटन राज्यों के बीच पारस्परिक गरीबी के अनुपात में किया जाता है, जिसके कारण जम्मू-कश्मीर को इस मिशन के तहत कुल राशि का 1 प्रतिशत से भी कम हिस्सा मिल पाता था.

लाभ

  • इससे इन केंद्रशासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) की आवश्यकता के आधार पर इस मिशन के अंतर्गत पर्याप्‍त धन सुनिश्चित किया जा सकेगा यह विशेष पैकेज समयबद्ध प्रकार से केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को सार्वभौमिक बनाने के भारत सरकार के उद्देश्‍य के भी अनुरूप है.
  • अब विशेष पैकेज के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की लगभग दो-तिहाई ग्रामीण महिलाओं को कवर किया जाएगा और आगामी पाँच वर्ष तक 520 करोड़ रुपए के इस विशेष पैकेज का लाभ तकरीबन 10.58 लाख महिलाओं को मिल सकेगा.
  • जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करते हुए भारत सरकार ने तर्क दिया था कि इस निर्णय के माध्यम से भारत के अन्य क्षेत्रों में लागू किये गए कानून और कल्याण योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में भी लागू किया जा सकेगा, जिससे इस क्षेत्र का विकास भी सुनिश्चित होगा. इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के आम लोगों के जीवन एवं उनकी आजीविका में सुधार होगा तथा यह सुनिश्चित होगा कि आम लोग आतंकवादी समूहों में शामिल न हों.

दीन दयाल अन्त्योदय योजना

  • दीन दयाल अंत्योदय योजना – जून 2011 में ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD), भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय आजीविका मिशन (NRLM) द्वारा शुरू की गई थी.
  • यह मिशन गाँव के गरीब लोगों को आर्थिक रूप से उन्नत होने के लिए एक मंच प्रदान करता है जिससे ग्रामीण व्यक्ति स्वयं सहायता समूह बनाकर विभिन्न प्रकार की आजीविकाएँ चलाते हुए अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं.
  • इस योजना का उद्देश्य यह भी रहा है कि ऐसे समूह बैंकों से भी जुड़े.
  • इस मिशन के तहत प्रत्येक जिले में हर वर्ष सरस मेला (SARAS MELA) का आयोजन किया जाता है.
  • इस मेले में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है. यहाँ उनकी बिक्री होती है.
  • आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना भी दीन दयाल अन्त्योदय योजना – NRLM के तहत आती है. इसमें राज्य सरकारें अपने पिछड़े क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को सार्वजनिक यातायात के सञ्चालन का अवसर प्रदान करती है.
  • इससे यह होगा कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में आपसी संपर्क बढ़ेगा और SHGs की आय में वृद्धि होगी.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Government Policies & Interventions.

Topic : Leave Travel Concession

संदर्भ

अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस साल अपने कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (Leave Travel ConcessionLTC) के एवज में नकद वाउचर देने की घोषणा की है.

कोविड-19 महामारी की वजह से कर्मचारियों के लिए इस साल यात्रा करना मुश्किल है. ऐसे में सरकार ने उन्हें नकद वाउचर देने का फैसला किया है.

नकद वाउचर का प्रयोग कहाँ हो सकता है?

  • इन वाउचर का प्रयोग सिर्फ ऐसे गैर-खाद्य सामान खरीदने के लिए किया जा सकता है जिनपर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है.
  • कर्मचारी उन वाउचर का इस्तेमाल ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए कर सकते हैं जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है.

लीव ट्रैवल कंसेशन क्या है?

  • जब एक सरकारी कर्मचारी एलटीसी लेता है तब उसे छुट्टी के अलावा इधर-उधर की यात्रा करने के लिए टिकटों के शुल्क का भुगतान किया जाता है.
  • प्रत्येक चार साल में सरकार अपने कर्मचारियों को उनकी पसंद के किसी गंतव्य की यात्रा के लिए एलटीसी देती है.
  • इसके अतिरिक्त एक एलटीसी उन्हें उनके गृह राज्य की यात्रा के लिए दिया जाता है.

मेरी राय – मेंस के लिए

LTC कैश वाउचर योजना का लाभ यह है कि भले ही कर्मचारी यात्रा में छूट नहीं पा सकेंगे मगर उन्हें राशन या सामान खरीदने के लिए कैश वाउचर मिल पायेगा.

सरकार  की LTC कॉर्पोरेट सेक्टर की लीव ट्रैवल अलाउंस (LCA) से काफी अलग है. यदि हम कॉर्पोरेट सेक्टर की बात करें तो वहाँ LCA का दावा करने वाला व्यक्ति तब तक पात्र नहीं है जब तक वह वास्तव में यात्रा नहीं करता है; अगर वह यात्रा करने में विफल रहता है तो उसके वेतन से राशि काट ली जाती है और वह अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हो सकता है.

भविष्य में सरकारी कर्मचारियों को बताना चाहिए कि वह जो दावा प्रस्तुत कर रहे हैं उसके तहत वह और उसके परिवार के सदस्य वास्तव में यात्रा के लिए घोषित जगह की ओर रवाना हुये हैं. यह भी बताना चाहिए कि उनका नजदीकी हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन या बस टर्मिनल तक इस वाहन से पहुंचे और घोषित जगह तक जाने के लिए शेष यात्रा के दौरान उन्होंने निजी या अपने स्तर पर प्रबंध (व्यक्तिगत वाहन या निजी टैक्सी) किए गये वाहन का इस्तेमाल किया. गलत सूचना देने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.

कुछ कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर प्राइवेट ट्रैवल एजेंट के साथ साठगांठ करके मुफ्त बोर्डिंग, आवास, परिवहन या नकदी वापसी जैसे अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक विमान का किराया सौंपे जाने के कुछ मामले सामने आने के बाद केन्द्र सरकार एलटीसी के दुरूपयोग की जांच के लिए एक सख्त प्रणाली अपनाई जानी चाहिए.


GS Paper 4 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Ethics.

Topic : Saviour Sibling

संदर्भ

भारत की पहली सेवियर सिबलिंग काव्‍या सोलंकी एक साल की हो गई हैं. काव्‍या वह बच्‍ची है जिसे अपने बड़े भाई अभिजीत की जान बचाने के लिए IVF  (In Vitro Fertilization ) के जरिए बनाया गया था.

सेवियर सिबलिंग कौन है?

सेवियर सिबलिंग उस बच्चे को कहते हैं, जो जानलेवा बीमारी से जूझ रहे अपने भाई या बहन को जीवन-रक्षक ऊतक डोनेट करने के सक्षम हो.

IVF

IVF निषेचन की एक कृत्रिम प्रक्रिया है जिसमें किसी मादा के अंडाशय से अंडे निकालकर उसका संपर्क द्रव माध्यम में शुक्राणुओं से कराया जाता है. इस प्रकार का निषेचन शरीर के बाहर किसी अन्य पात्र में कराया जाता है. इसके बाद निषेचित अंडे को मादा के गर्भाशय में प्रवेश कराया जाता है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

दुनिया की पहली सेवियर सिबलिंग 2000 में अमेरिका में पैदा हुई थी.

IVF के संबंध में अन्य देशों के कानून

  • अधिकांश देशों में IVF के विनियमन के लिये कानून बनाए गए हैं इन कानूनों के तहत IVF के लिये अधिकतम आयु सीमा 40 से 50 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है. उदाहरण के लिये अमेरिका में IVF के लिये अधिकतम आयु सीमा 50 और डिंब दान (Ovam Donation) के लिये 45 वर्ष है, वहीँ ऑस्ट्रेलिया में रजोनिवृत्ति की आयु (52 वर्ष) के बाद IVF प्रतिबंधित है.
  • यूनाइटेड किंगडम में महिलाओं के लिये ये राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के तहत मुफ्त बीमा प्राप्त करने की सुविधा 42 वर्ष की आयु सीमा तक उपलब्ध है, जबकि कनाडा में इसके लिये निर्धारित आयु सीमा 43 वर्ष है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

बच्चे पैदा करने का सामाजिक दबाव, बुढ़ापे में बिना सहारे के जीने का डर और इकलौते बच्चे का खो जाना आदि अक्सर दंपतियों को इसके लिये प्रोत्साहित करता है. बहुत से दंपति ऐसे हैं जो अपने जीवन की कमाई को सुरक्षित करने आदि के लिये ये वारिस चाहते हैं. कुछ डॉक्टरों का तर्क है कि प्रसव एक व्यक्तिगत निर्णय है और प्रत्येक व्यक्ति को परामर्श के बाद उस विकल्प को अपनाने का अधिकार है. इन-विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (In Vitro Fertilization-IVF) सहित सहायक प्रजनन तकनीक ने बाँझपन के शिकार तमाम लोगों में नई उम्‍मीदें जगा दी हैं, लेकिन इससे जुड़े कई कानूनी, नैतिक और सामाजिक मुद्दे भी सामने आए हैं.

कुछ लोगों का कहना है कि यह प्रक्रिया नैतिक है या नहीं है. 2004 में जर्नल ऑफ मेडिसिनल एथिक्‍स में कहा कहा था कि लोगों मन डर जताया है कि सेवियर सिबलिंग्‍स को केवल ‘कुछ हासिल करने का तरीका’ समझा जाएगा. इसके अलावा इनसे ‘डिजाइनर बेबीज’ का चलने बढ़ने का भी डर है. ऐसे बच्‍चे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार हो सकते हैं.


Prelims Vishesh

What is an Adjuvant? :-

  • भारत बायो-टेक ने कंसांस (अमेरिका) की कम्पनी ViroVax से एक लाइसेंस के लिए समझौता किया है जिसके अनुसार वह कोवैक्सीन नाम अपने COVID-19 टीके में अल-हाइड्रोक्सीक्विम-II नामक एडजुवेंट का प्रयोग कर सकता है.
  • ज्ञातव्य है कि एडजुवेंट एक ऐसा पदार्थ है जो किसी वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है.
  • इसके प्रयोग से प्रतिरोधकता की अवधि लम्बी हो सकती है और अधिक एंटीबॉडी उत्पन्न हो सकते हैं तथा फलतः खुराक को कम से कम किया जा सकता है.

Daring Cities Conference 2020 :-

  • ICLEI तथा जर्मनी का बॉन नगर संयुक्त रूप से “Daring Cities 2020” नामक एक आभासी सम्मेलन करने जा रहे हैं जिसमें दिल्ली के अन्दर सततता एवं जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर किए गये उपायों की चर्चा होगी.
  • इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया गया है.

What is high security registration plate (HSRP)? :-

  • मोटर वाहनों में लगे हुए नम्बर प्लेट को बदलकर HSRP प्लेट लगाए जा रहे हैं.
  • एल्मुनियम के बने इस प्लेट पर ऊपर के बाएँ कोने में अशोक चक्र का एक नीला होलोग्राम होगा और बाएँ कोने में 10 अंकों का एक स्थायी पहचान संख्या पिन लेजर से अंकित किया जाएगा.
  • इसके अंकों और अक्षरों पर एक फिल्म चिपकाई जाएगी जिसमें INDIA लिखा होगा.
  • एक बार लग जाने के बाद वाहन से इलेक्ट्रॉनिक रीति से जुड़ जाएगा. इसमें ऐसे ताले लगे होंगे जिनको हटाना कठिन होगा.

What is Purchasing Manager’s Index (PMI)? :-

  • PMI विनिर्माण एवं सेवा प्रक्षेत्रों से सम्बंधित व्यावसायिक गतिविधियों का एक संकेतक सूचकांक है जिसका पूरा नाम Purchasing Manager’s Index है.
  • इसका सूचकांक का निर्माण सर्वेक्षण पर आधारित होता है.
  • इसमें 0 से लेकर 100 तक की संख्या होती है.
  • इसमें 50 से अधिक का अभिप्राय होता है पिछले महीने की तुलना में विस्तार.
  • यदि 50 से कम संख्या होती है तो इसका तात्पर्य होता है कि इसमें संकुचन आया है.
  • यदि 50 का अंक है तो इसका अर्थ होगा तो इसका अर्थ होगा कि कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.

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