Sansar Daily Current Affairs, 09 May 2019
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Char Dham pilgrimage
संदर्भ
हाल ही में केदारनाथ मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए खोल दिए गये. विदित हो कि उत्तराखंड में चलाई जा रही चारधाम परियोना के अंतर्गत यह तीर्थ भी आता है.
चारधाम परियोजना क्या है?
- इस परियोजना के अंतर्गत 900 किलोमीटर का राजमार्ग बनाया जाएगा जो हिंदू तीर्थ – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ – को जोड़ेगा. इस पर अनुमानित खर्च 12,000 करोड़ रु. होगा.
- इस राजमार्ग कोचारधाम महामार्ग कहा जाएगा और इसके निर्माण की परियोजना का नाम चारधाम महामार्ग विकास परियोजना (Char Dham Highway Development Project) होगा.
- इस परियोजना के अन्दर वर्तमान सड़कों की चौड़ाई को 12 मीटर से बढ़ाकर 24 मीटर किया जाएगा. इसके अतिरिक्त कई स्थानों पर सुरंग, बाइपास, पुल, भूमिगत मार्ग एवं जल-निकास बनाए जाएँगे.
चारधाम तीर्थयात्रा परियोजना
- भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक मूर्धन्य परियोजना है उत्तराखंड में स्थित तीर्थस्थानों – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ – को जोड़ने वाला एक चार मार्गों वाला एक्सप्रेस वे का निर्माण करना.
- इस एक्सप्रेस वे की सम्पूर्ण लम्बाई 900 किलोमीटर की होगी. परन्तु कुछ पर्यावरणवादियों ने इस योजना का यह कहते हुए विरोध किया है कि इससे प्रदेश का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ जायेगा. इसके लिए इन पर्यावरणवादियों ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दे रखी है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : ‘Black Lists’ of Indian-origin people
संदर्भ
भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने यह घोषणा की है कि वह भारतीय मूल के लोगों की “काली सूची” को समाप्त कर देगी. विदित हो कि इस सूची में उन भारतीयों का नाम दर्ज है जिनको भारतीय दूतावास वीजा नहीं देते हैं. यह सूची भारत के सभी दूतावासों में संधारित की जाती है.
काली सूची क्या है?
- इस सूची को विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास संधारित करते हैं.
- इस सूची में भारतीय मूल के उन जनों का नाम होता है जिन्होंने भारत में उत्पीड़न का आरोप लगाकर दूसरे देशों में शरण ली है.
- इस सूची में मुख्य रूप से सिख सम्मिलित हैं.
- सूची में वर्णित लोगों को भारतीय दूतावास वीजा नहीं देते हैं.
काली सूची समाप्त करने का निहितार्थ
- भारतीय मूल के शरणार्थी को वीजा और काउंसलर सेवाएँ अब उसी प्रकार से मिल सकेंगी जिस प्रकार से उन देशों के विदेशियों को मिलती हैं जहाँ ये शरणार्थी रह रहे हैं. यदि किसी ऐसे शरणार्थी के पास कम से कम दो वर्ष का सामान्य भारतीय वीजा है तो अब उसे OCI अर्थात् विदेशी भारतीय नागरिकता प्राप्त हो सकेगी.
- सरकार ने राज्य सरकारों तथा विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारियों को यह शक्ति दे दी है कि वे विदेशियों को भारत के सुरक्षित एवं प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने की अनुमति दे सकते हैं.
- अब राज्य सरकारें और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी विदेशियों को गैर पर्यटन उद्देश्य से भी वैसे क्षेत्रों में जाने दे सकते हैं जो पर्यटन के लिए खुले हुए नहीं हैं.
GS Paper 2 Source: Down to Earth
Topic : Basel Convention
संदर्भ
बेसल संधि (COP-14) के पक्षकारों का 14वाँ सम्मेलन स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा शहर में हो रहा है.
बेसल संधि क्या है?
- इस संधि को 22 मार्च 1989 को हस्ताक्षर के लिए रखा गया था.
- इस पर कुल मिलाकर 187 देशों ने हस्ताक्षर किये हैं.
- हैती और अमेरिका ने संधि पर हस्ताक्षर कर दिए हैं परन्तु स्वीकृत नहीं किया है.
- यह संधि 5 मई, 1992 से लागू है.
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य खतरनाक कचरे को एक देश से दूसरे देश ले जाने की गतिविधियों को घटाना है. इसमें इसपर विशेष बल दिया गया है कि विकसित देशों से अल्प-विकसित देशों तक ये खतरनाक कचरे नहीं पहुँचे.
- जिन कचरों को यह संधि रोकती है उनमें रेडियोधर्मी कचरे को शामिल नहीं किया गया है.
- संधि का उद्देश्य उत्पादित कचरे की मात्रा और विषाक्तता को कम से कम करना है जिससे कि उनका प्रबंधन पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित हो.
- बेसल संधि खतरनाक कचरे के सुचारू प्रबंधन के लिए अल्पविकसित देशों को सहायता देने का प्रावधान भी करती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Trans fatty acids (TFA)
संदर्भ
2023 तक औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को समाप्त करने के लक्ष्य को पाने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अंतर्राष्ट्रीय खाद्य एवं पेय गठबंधन (International Food and Beverage Alliance – IFBA) से हाथ मिलाया है.
विदित हो कि ऐसे ट्रांस फैट को समाप्त करना लोगों के जीवन बचाने और अधिक स्वस्थ खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने का सबसे सरल और कारगर उपाय है.
ट्रांस-फैटी एसिड क्या हैं?
- ट्रांस फैटी एसिड (TFAs) या ट्रांस वसा सबसे हानिकारक प्रकार के वसा होते हैं जो हमारे शरीर पर किसी भी अन्य आहार से अधिक प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं.
- यह वसा मानव निर्मित वसा है. इसका कुछ ही भाग प्रकृति में निर्मित होता है.
- कृत्रिम TFAs तेल में हाइड्रोजन प्रविष्ट कराकर उत्पन्न किया जाता है.
- इस प्रक्रिया में तेल का स्वरूप शुद्ध घी या मक्खन जैसा हो जाता है.
- जहाँ तक प्राकृतिक TFAs का प्रश्न है यह माँस और पशु उत्पादों में सूक्ष्म मात्रा में मिलता है.
- हमारे भोजन में कृत्रिम ट्रांस-फैट के सबसे बड़े स्रोत हाइड्रोजनेटेड वनस्पति तेल/मार्गरीन हैं.
ट्रांस फैट के स्वास्थ्य खतरे
विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, ट्रांस फैट के रूप में ऊर्जा ग्रहण करने में 2% की वृद्धि हृदय रोग की संभावना में 23% की वृद्धि करती है. विदित हो कि प्रत्येक वर्ष 60,000 लोग ट्रांस फैट से उत्पन्न हृदय रोगों से कालकवलित हो जाते हैं. WHO द्वारा एक अन्य अनुमान के अनुसार :-
- इसके उपभोग से कम-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या LDL (जिसे “ख़राब” कोलेस्ट्रोल भी कहा जाता है) के स्तर में वृद्धि होती है. इसके फलस्वरूप हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही यह उच्च-घनत्व वाले लिपोप्रोटीन या HDL (जिसे “अच्छा” कोलेस्ट्रोल भी कहते हैं) के स्तर को कम करता है.
- इन्हें Type-2 मधुमेह का मुख्य कारण माना जाता है, जो इन्सुलिन प्रतिरोध से जुड़ा हुआ होता है.
TFAs की अनुमान्य सीमा
विश्व स्वास्थ्य की यह अनुशंसा है कि एक व्यक्ति जितनी ऊर्जा लेता है उसमें से मात्र 1% ही ट्रांसफैट होना चाहिए. इस संगठन का आह्वान है कि 2023 तक पूरे विश्व से TFAs हो जाना चाहिए. जहाँ तक FSSAI का प्रश्न है, उसने भोजन में TFAs की सीमा 2% तक रखी है और इसके पूर्ण उन्मूलन के लिए 2022 का वर्ष निर्धारित किया है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Double Asteroid Redirection Test (DART)
संदर्भ
नासा का DART अंतरिक्षयान 2022 में डीडीमोस युगल क्षुद्रग्रह से टकरा सकता है. विदित हो कि इस अन्तरिक्षयाँ का उद्देश्य क्षुद्रग्रह से तेजी से टकराकर उसकी दिशा को बदल देना है.
DART योजना क्या है?
- अमेरिका का नासा डीडीमून तक पहुँचने वाले एक अन्तरिक्षयान की योजना बना रहा है.
- यह योजना अमेरिका की DART (Double Asteroid Redirection Test) योजना के तहत चलायी जायेगी.
- यहाँ यह ज्ञातव्य है कि DART योजना एक ऐसी योजना है जिसमें एक लघु अन्तरिक्षयान के माध्यम से एक ऐसी मिसाइल छोड़ी जायेगी जो अन्तरिक्ष में जाकर पृथ्वी के निकट आते हुए क्षुद्रग्रह को उसके परिक्रमा पथ से छिटका देगी जिससे कि वह पृथ्वी से टकरा न सके और उसे क्षति न पहुँचा सके.
- अमेरिका की इस योजना के अंतर्गत 2022 में एक DART डीडीमून तक जाएगा और इसके परिक्रमा पथ को बदल डालेगा. इसके लिए DART जान-बूझकर डीडीमून पर 6 किमी/सेकंड की गति से जा टकराएगा. उस समय डार्ट पर एक कैमरा और स्वायत्त-चालन सॉफ्टवेर लगा होगा.
- इस टकराव के बाद हेरा 2026 में उस क्षुद्रग्रह की खोज करने पहुंचेगा और देखेगा कि अमेरिका के डार्ट के टकराव का वहाँ क्या प्रभाव पड़ा है और वह क्षुद्रग्रह अपने परिक्रमा पथ से कितना दूर जा छिटका है.
डीडीमून ही क्यों चुना गया?
डीडीमून को इसलिए चुना गया क्योंकि वह अत्यंत छोटा है और पृथ्वी से अत्यंत निकट भी है. वह डीडीमोस के चारों ओर 12 घंटे में परिक्रमा कर लेता है, इसलिए इसको पथभ्रष्ट करना सरल और नापने योग्य होगा.
डीडीमोस क्या है?
डीडीमोस क्षुद्रग्रहों का एक जोड़ा है जिसमें बड़े छुद्रग्रह का व्यास 780 मीटर है और परिक्रमा का समय 2.26 घंटा है. विदित हो कि डिडीमोस के चारों ओर डीडीमून (Didymoon) नामक चाँद परिक्रमा लगाता है जिसे डीडीमोस B भी कहा है. इसका आकार मिस्र के गीज़ा पिरामिड के लगभग बराबर है और जिसका व्यास मात्र 160 मीटर है.
Prelims Vishesh
Grizzled Giant Squirrel :-
- पश्चिमी घाट में गिंजी के निकट स्थित पक्कमलई सुरक्षित वन में पहली बार शोधकर्ताओं ने भूरी विशाल गिलहरी (Grizzled Giant Squirrel) के घोसले देखे हैं.
- यह गिलहरी सामान्यतः पश्चिमी घाट में केरल के चिन्नार वन्यजीवन आश्रयणी से लेकर तमिलनाडु के अन्नमलई व्याघ्र रिज़र्व और पलानी पहाड़ियों तक पाई जाती है.
- IUCN की लाल सूची में यह गिलहरी लगभग संकटग्रस्त (near threatened) श्रेणी में अंकित है.
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