Sansar डेली करंट अफेयर्स, 09 May 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 09 May 2020


GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.

Topic : What is Stringency Index?

संदर्भ

ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय ने एक कठोरता सूचकांक (Stringency Index) तैयार किया है जिसमें बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के प्रसार के विभिन्न स्तरों पर किस देश ने कितने कठोर कदम उठाये. इस सूचकांक के अनुसार, भारत वह देश था जिसने अन्य देशों की तुलना में बहुत पहले ही कड़े-कड़े उपाय लागू किये.

सूचकांक में विभिन्न देशों में हुई मौतों का ग्राफ (death curve) और उनका कठोरता अंक (stringency score) से सम्बन्ध दर्शाया गया है.

कठोरता सूचकांक (Stringency Index) से संबंधित मुख्य तथ्य

  1. इसमें कठोरता को मापने के लिए 0 से लेकर 100 तक का पैमाना है. इस पैमाने पर जिस देश अंक अधिक होगा, उसके कठोरता का स्तर उतना ही ऊँचा माना जाएगा.
  2. सूचकांक बनाने के लिए ऑक्सफ़ोर्ड कोविड-19 सरकारी प्रतिक्रिया नामक ट्रैकर (Oxford COVID-19 Government Response Tracker) का उपयोग किया गया है. इस ट्रैकर में ऑक्सफ़ोर्ड के वे 100 सामुदायिक सदस्य शामिल थे जिन्होंने सरकारी प्रतिक्रिया के 17 संकेतकों के डाटाबेस को लगातार अद्यतन किया है.
  3. ये संकेतक उन नीतियों के विषय में जानकारी देते हैं जिनका प्रयोग विभिन्न सरकारों ने महामारी को सीमित करने के लिए किया है, जैसे – विद्यालय और कार्यालय बंद करना, सार्वजनिक आयोजन रोकना, सार्वजनिक परिवहन रोक देना, घर में ही लोगों को रहने के लिए आदेश देना आदि.

Death_curves

सूचकांक में भारत के विषय में मंतव्य

  • महामारी के प्रसार के प्रारम्भिक चरण में भारत ने कठोरतम तालेबंदी लागू की. सूचकांक में इसके लिए भारत को मार्च 22 से 100 अंक दिए गये हैं.
  • अप्रैल 20 को भारत ने लाल ज़ोन के बाहर वाले क्षेत्रों में कुछ कार्यस्थलों के लिए अपने प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी.
  • जिन देशों में कोविड-19 का प्रसार भारत के समान या अधिक था, उन देशों की तुलना में भारत ने बहुत आरम्भिक चरण में कठोर तालेबंदी लागू कर दी थी.
  • कोविड-19 से ग्रस्त 18 देशों ने जब अपनी कठोरतम तालेबंदी आरम्भ की तब वहाँ 500 से अधिक मामले हो चुके थे. परन्तु जब भारत ने तालेबंदी शुरू की तो उस समय भारत में ऐसे मामले 320 ही थे.
  • मार्च 22 को भारत में संक्रमण के मामले 100 थे और चार ही मौतें हुई थीं. दूसरी ओर, अधिकांश देशों में इस चरण में अधिक मौतें हो चुकी थीं (स्विटज़रलैंड को छोड़कर जहाँ कोई मौत नहीं हुई थी).

भारत के अतिरिक्त 100 अंकों वाले अन्य देश

होंडुरास, अर्जेंटीना, जॉर्डन, लीबिया, श्रीलंका, सर्बिया और रवांडा.


GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : European Court of Justice (ECJ)

संदर्भ

यूरोपीय न्यायालय के द्वारा यूरोपीय केन्द्रीय बैंक की एक बांड क्रय योजना के संदर्भ में दिए गये निर्णय की वैधानिकता पर जर्मनी के संवैधानिक न्यायालय ने प्रश्न खड़ा कर दिया है.

यूरोपीय केन्द्रीय बैंक के निर्णय को यूरोपीय संघ की न्यायपालिका की पहले से ही स्थापित उत्तरोत्तर व्यवस्था (hierarchy) को चुनौती मानी जा रही है.

जर्मनी के संवैधानिक न्यायालय का कथन है कि यूरोपीय केन्द्रीय बैंक को 3 महीने के अन्दर सरकारी बोंडों के क्रय पर रोक लगा देनी चाहिए. ज्ञातव्य है कि 2018 में यूरोपीय संघ के उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दे दी थी कि सम्बंधित बोंडों का क्रय यूरोपीय संघ के कानूनों के अनुकूल है.

यूरोपीय न्यायालय

  • यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस (European Court of Justice- ECJ)कानूनी मामलों के लिये वर्ष 1952 में स्थापित यूरोपीय संघ का सर्वोच्च न्यायालय है.
  • यूरोपीय संघीय न्यायालय, कोर्ट ऑफ जस्टिस एंड जनरल कोर्ट (Court of Justice and General Court)का संयुक्त रूप है तथा इसका मुख्यालय लक्ज़मबर्ग में है.
  • रोम संधि के अनुच्छेद 164के अनुसार, यूरोपीय संघ के न्यायालय को वहाँ के कानून की व्याख्या करने और सभी सदस्य देशों की समान भागीदारी सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है.
  • इस न्यायालय में सभी सदस्य देशों (27) का एक-एक न्यायाधीश होता है, परन्तु सुनवाई का काम तीन, पांच या पन्द्रह न्यायाधीशों का पैनल करता है.
  • इस न्यायालय का अध्यक्ष सभी न्यायाधीशों में से उन्हीं न्यायाधीशों द्वारा चुना जाता है.
  • अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है जिसे आगे बढ़ाया भी जाता है.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB)

संदर्भ

पिछले दिनों एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (AIIB) ने भारत की पहल पर कोविड-19 आकस्मिक प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य तंत्र संनद्धता परियोजना (Covid-19 Emergency Response And Health Systems Preparedness Project) के लिए 500 मिलियन डॉलर की मंजूरी दे दी.

परियोजना के मुख्य तथ्य

  • इस परियोजना का कार्यान्वयन ये संस्थाएँ करेंगी – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission – NHM), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (National Centre for Disease Control – NCDC) एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (Indian Council of Medical Research – ICMR).
  • यह परियोजना देश के सभी राज्यों/संघीय क्षेत्रों के लिए है. इससे जिन लोगों को लाभ पहुँचाया जाएगा, वे होंगे – संक्रमित लोग, वे लोग जिन्हें संक्रमण का खतरा है, चिकित्सकीय एवं आकस्मिक सेवा प्रदान करने वाले, चिकित्सा एवं परीक्षण की सुविधाएँ उपलब्ध कराने वाले लोग आदि.
  • इस परियोजना के अंतर्गत रोग पता लगाने की क्षमता बढ़ाई जायेगी तथा दवाएँ और ऑक्सीजन देने की प्रणालियाँ सुदृढ़ की जायेंगी जिससे कि कोविड-19 के प्रसार को यथासम्भव धीमा किया जाए.

एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक क्या है?

  1. AIIB का full-form है –Asian Infrastructure Investment Bank
  2. AIIB बैंक एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जिसका मुख्यालय बीजिंगचीन में है.
  3. इसकी स्थापना 2014 में हुई थी और इसके कार्यकलाप 2016 में प्रारम्भ हुए थे.
  4. अब इसमें विश्व-भर के 102 देशइसके सदस्य हो गये हैं. (AIIB के ऑफिसियल वेबसाइट में – Click here, विकीपीडिया में गलत इनफार्मेशन है)
  5. इस बैंक को एशियाई क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के उद्देश्य से बनाया गया है.
  6. यह बैंक चीन की सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
  7. हाल ही में भारत, चीन की अगुवाई वाली एशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक का सबसे बड़ा लाभार्थी के रूप में उभरा है.
  8. इस बैंक की पूँजी 100 बिलियन डॉलर है. यह राशि एशियाई विकास बैंक की पूँजी के दो-तिहाई तथा विश्व बैंक की पूँजी के आधे के बराबर है.

GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Major crops cropping patterns in various parts of the country, different types of irrigation and irrigation systems storage.

Topic : Locust attacks

संदर्भ

साधारणत: भारतीय उपमहाद्वीप टिड्डियों का आगमन जुलाई-अक्टूबर में होता है, परन्तु इस बार राजस्थान में अभी से ही टिड्डी देखे गये हैं. कोविड-19 से जूझते हुए भारत के लिए यह अतिरिक्त संकट है क्योंकि टिड्डी फसलें नष्ट कर देती हैं और इस प्रकार देश के विकास को क्षति पहुँचा देती हैं.

टिड्डी क्या होते हैं?

टिड्डी छोटे श्रृंगों वाले ग्रासहोपर होते हैं जो उत्पाती भीड़ बनाकर लम्बी दूरी तक (1 दिन में 50 किलोमीटर तक) चले जाते हैं और इसी बीच उनकी संख्या तेजी से बढ़ती जाती है.

भारत में चार प्रकार के टिड्डे पाए जाते हैं –

  1. मरुभूमि टिड्डा (Schistocerca gregaria)
  2. प्रव्राजक टिड्डा (Locusta migratoria)
  3. बम्बई टिड्डा (Nomadacris succincta)
  4. पेड़ वाला टिड्डा (Anacridium)

टिड्डे कैसे क्षति पहुंचाते हैं?

ये हजारों के झुण्ड में आते हैं और पत्ते, फूल, फल, बीज, छाल और फुनगियाँ सभी खा जाते हैं और ये इतनी संख्या में पेड़ों पर बैठते हैं कि उनके भार से ही पेड़ नष्ट हो जाते हैं.

भारत और विश्व-भर में सबसे विध्वंसकारी कीट मरुभूमि टिड्डा होता है. इसका एक वर्ग किलोमीटर तक फैला छोटा झुण्ड एक दिन में उतना ही अनाज खा जाता है जितना 35,000 लोग खाते हैं.

टिड्डी नियंत्रण के उपाय

टिड्डियों को नष्ट करने के लिए मुख्य रूप से वाहनों के माध्यम से ओर्गेनोफोस्फेट (organophosphate) रसायन का छिड़काव किया जाता है. यह छिड़काव हाथ से चलने वाले स्प्रेयर से भी किया जाता है और कभी-कभी हेलीकॉप्टर से भी.

कभी-कभी कुछ ऐसे जीव और परजीवी भी हैं जो इन टिड्डियों को खाते हैं और वे उनका खात्मा नहीं कर पाते हैं क्योंकि टिड्डी दल एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेजी से चले जाते हैं. यहाँ तक कि कुछ लोग और चिड़ियाँ भी टिड्डी खाते हैं पर टिड्डी दल के विशाल आकार को देखते हुए ऐसा करने से कोई विशेष लाभ नहीं होता है.

For more info, click > टिड्डी का आक्रमण


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : World Migratory Bird Day (WMBD)

संदर्भ

प्रवासी पक्षियों द्वारा झेले जा रहे खतरों, उनके पर्यावरण से सम्बंधित महत्त्व तथा उनके संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्कता के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए इस वर्ष भी 9 मई, 2020 को विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया गया. इस वर्ष आयोजन की थीम थी – “पक्षी हमारे संसार को जोड़ते हैं” / “Birds Connect Our World”.

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस क्या है?

  • विदित हो कि पहला विश्व प्रवासी पक्षी दिवस 2006 में मनाया गया था.
  • इसका आयोजन करने वाली संस्थाएँ हैं – प्रवासी प्रजाति संधि (Convention on Migratory Species – CMS), अफ्रीकी-यूरेशियाई जलपक्षी समझौता (African-Eurasian Waterbird Agreement – AEWA) तथा उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका पर्यावरण संगठन (Environment for the Americas – EFTA).
  • 26 अक्टूबर, 2017 को मनीला में आयोजित प्रवासी प्रजाति संरक्षण सम्मलेन (Convention on Migratory Species – CMS) के समय विश्व प्रवासी पक्षी दिवस के आयोजकों ने यह निर्णय किया था कि इन पक्षियों के संरक्षण को सुदृढ़ करने के लिए संसार के दो सबसे बड़े पक्षी-विषयक अभियानों को मिलाकर एक कर दिया जाए. ये अभियान हैं – अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी पक्षी दिवस और विश्व प्रवासी पक्षी दिवस.
  • 2018 से नए संयुक्त अभियान को एक ही नाम दे दिया गया और वह है विश्व प्रवासी पक्षी दिवस.
  • यह भी निर्णय हुआ कि यह दिवस वर्ष में दो बार मई के दूसरे शनिवार और अक्टूबर में आयोजित होगा.

प्रवासी प्रजाति संरक्षण सम्मलेन क्या है?

  • यह सम्मेलनसंयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तत्त्वाधान में सम्पन्न होता है. इसे बॉन संधि (Bonn Convention) कहते हैं. यह संधि एक ऐसा वैश्विक मंच प्रदान करता है जहाँ प्रवासी पशुओं के संरक्षण और सतत उपयोग एवं उनके निवास स्थलों के विषय में विचार-विमर्श होता है. इस संधि के माध्यम से उन देशों को एक मंच पर लाया जाता है जहाँ से होकर ये पशु प्रवास करते हैं.
  • बॉन संधि के अंतर्गत अनुसूची I में उन प्रवासी प्रजातियों की सूची दी गई है जिनपर विलुप्ति का खतरा है. अनुसूची II में उन प्रवासी प्रजातियों की सूची है जिनको अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के द्वारा बेहतर स्थिति में लाया जा सकता है.

प्रवासी प्रजातियाँ क्या है?

प्रवासी प्रजातियाँ वे पशु हैं जो वर्ष में कभी भी एक निवास-स्थल से दूसरे निवासी स्थल को चले जाते हैं. इस प्रवास का कारण मुख्यतः भोजन, धूप, तापमान, जलवायु आदि होते हैं. दो निवास स्थलों के बीच की दूरी कभी-कभी हजारों किलोमीटर से अधिक की हो जाती है.


Prelims Vishesh

Bishnu Sendra Parva :-

  • झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आदिवासी प्रत्येक वर्ष एक आखेट उत्सव मनाते हैं जिसमें वन्य पशुओं की हत्या की जाती है.
  • परन्तु इस वर्ष ऐसा पहली बार हुआ कि कोविड-19 के कारण हुई सम्पूर्ण तालेबंदी के कारण एक भी पशु भी नहीं मारा गया.

Arktika-M satellite :-

  • आर्कटिक क्षेत्र की जलवायु और पर्यावरण पर निगरानी रखने के लिए इस वर्ष के अंत-अंत तक रूस अपना पहला आर्कटिका-M उपग्रह छोड़ने वाला है.
  • आशा की जाती है कि यह उपग्रह ध्रुवीय क्षेत्र के विषय में आंकड़े जुटाकर मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाएगा और इससे वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के बारे में बेहतर समझ पैदा कर सकते हैं.

Surakshit Dada-Dadi & Nana-Nani Abhiyan :-

  • पीरामल फाउंडेशन के साहचर्य में नीति आयोग ने एक अभियान छेड़ा है जिसका नाम सुरक्षित दादा-दादी एवं नाना-नानी अभियान है.
  • इस अभियान के अंतर्गत कोविड-19 महामारी को देखते हुए देश के 25 आकांक्षा जिलों के 2.9 मिलियन से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य के विषय में जानकारी ली जायेगी और यह पता लगाया जाएगा कि उनकी जाँच हो रही है और उनको आवश्यक सेवायें मिल रही हैं अथवा नहीं.

GARUD portal :-

  • नगर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने गरुड़ नामक एक पोर्टल तैयार किया है जो कोविड-19 से जुड़े ड्रोन संचालन के लिए राज्य के प्रतिष्ठानों को छूट दिलाने में सहायता करेगा.
  • गरुड़ का पूरा नाम है – Government Authorisation for Relief Using Drones.

 Operation Samudra Setu :-

  • कोविड-19 महामारी के कारण विदेशों में अटके भारतीय नागरिकों को देश में लाने के लिए भारतीय नौसेना ने समुद्र सेतु नामक एक अभियान चलाया है.
  • इसके अंतर्गत नौसेना के जहाज जलाश्व और मगर मालदीव की ओर चल पड़े हैं जहाँ से 1,000 भारतीयों को वापस लाया जाएगा.

Pulitzer Prize 2020 :-

  • जम्मू-कश्मीर के फोटोग्राफर यासीन दर, मुख्तार खान और चन्नी आनंद को 2020 का फीचर छायांकन का पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है.
  • ज्ञातव्य है कि 1917 से चला आ रहा है यह पुरस्कार जोसेफ पुलित्जर नामक समाचारपत्र प्रकाशक के नाम पर है.
  • यह पुरस्कार कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा 21 श्रेणियों के लिए प्रतिवर्ष नकद राशि और प्रशस्ति पत्र के रूप में प्रदान किया जाता है. लोक सेवा श्रेणी के विजेता को एक स्वर्ण पदक दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार पत्रिकाओं, समाचार पत्रिकाओं, ऑनलाइन पत्रकारिता, संगीत रचना और साहित्य के लिए दिया जाता है.

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