Sansar Daily Current Affairs, 10 May 2021
GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Maharana Pratap
संदर्भ
देशभर में 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती मनाई गई.
महाराणा प्रताप
- महान योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान राज्य के मेवाड़ के राजपूत परिवार में हुआ था.
- इनके पिता का नाम राणा उदय सिंह था और माता का नाम जयवंता बाई था. इनके दो पुत्र थे – अमर सिंह और भगवान दास.
- महान योद्धा महाराणा प्रताप जिस घोड़े पर सवारी करते थे, उसका नामचेतक था.
हल्दी घाटी युद्ध
1576 में अकबर की 8000 सैनिकों ने एक साथ युद्ध का शंखनाद किया, जिसका नेतृत्व राजा मान सिंह कर रहे थे. जबकि महाराणा प्रताप को अफगानी राजाओं का समर्थन प्राप्त था.
इस युद्ध में प्रताप का घोड़ा चेतक बुरी तरह घायल हो गया था और 21 जून 1576 को नदी को पार करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई. इस युद्ध के बाद राणा प्रताप जंगल में ही रहने लगे थे और इसी अंतराल में 29 जनवरी, 1597 को 57 वर्ष की उम्र में उन्हें वीर गति प्राप्त हुई. हल्दी घाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की वीरता को देख स्वयं अकबर ने भी उनकी प्रशंसा की थी और उन्हें महान योद्धा बताया था.
GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Rabindranath Tagore
संदर्भ
हाल ही में 7 मई को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती मनाई गई है.
रवीन्द्रनाथ टैगोर
- 7 मई, 1861 को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कलकत्ता में हुआ था.
- भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान डालने वाले युगद्रष्टा रवींद्रनाथ टैगोर एक ही साथ महान साहित्यकार, दार्शनिक, संगीतज्ञ, चित्रकार, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और मानवतावादी भी थे जिनकी रचनाएँ भारत और बांग्लादेश दोनों जगह राष्ट्रगान के रूप में प्रचलित हैं.
- इन्होंने विश्व भारती नामक एक अनोखे शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की थी जो अभी भी चल रहा है.
- 16 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी पहली काव्यरचना “भानुसिंह” के नाम से प्रकाशित कराई थी.
- विश्व धर्म संसद में उन्होंने 1929 से लेकर 1937 तक भाषण दिया था.
- 1905 के बंगाल विभाजन के विरोध में उन्होंने एक गीत लिखा जो बहुत प्रसिद्ध हुआ. वह गीत था – “बांग्लार माटी बांग्लार जल”
सम्मान
- उनकी काव्यरचना गीतांजलि के लिये उन्हे सन् 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला.
- सन् 1915 में उन्हें राजा जॉर्ज पंचम ने नाइटहुड की पदवी से सम्मानित किया जिसे उन्होंने सन् 1919 में जालियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापस कर दिया था.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to health.
Topic : Black fungus
संदर्भ
भारत में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच एक नई और दुर्लभ बीमारी ने भी दस्तक दे दी है, जिसे ब्लैक फंगस (Black fungus) के नाम से जाना जाता है.
यह बीमारी, भारत के कुछ राज्यों में कोविड-19 से संक्रमित रोगियों में तुलनात्मक रूप से अक्सर पाई जा रही है.
ब्लैक फंगस क्या है?
- यह एक दुर्लभ तथा गंभीर कवक संक्रमण (fungal infection) है.
- इसे ‘म्यूकॉरमाइकोसिस’ (Mucormycosis) के नाम से भी जाना जाता है.
- यह बीमारी प्रायः त्वचा पर दिखाई पड़ती है और रोगी के फेफड़ों तथा मस्तिष्क को भी प्रभावित करती है.
- ब्लैक फंगस बीमारी, वातावरण में प्राकृतिक रूप से विद्यमान ‘म्यूकॉरमाइसेट्स’ (mucormycetes) के रूप में जाने वाले फफूंद अर्थात् फंगस के कारण होती है.
- म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस, फंगल संक्रमण से पैदा होने वाली जटिलता है. लोग वातावरण में विद्यमान फंगस के बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस की चपेट में आते हैं. शरीर पर किसी तरह की चोट, जलने, कटने आदि के जरिए यह त्वचा में प्रवेश करता है और त्वचा में विकसित हो सकता है. इसके अलावा जब लोग कोरोना से उभर रहे होते है या इस बीमारी से जूझ रहे होते हैं, तब इसका पता चलता है. इसके अलावा जिनको मधुमेह है उनको भी इसका ख़तरा होता है.
लक्षण
- ऐसे व्यक्तियों द्वारा सांस लेने के दौरान कवक जीवाणु (fungal spores), इनके श्वास छिद्रों या साइनस तथा फेफड़ों में पहुँच कर उन्हें प्रभावित करते हैं.
- संक्रमण की चेतावनी के संकेत के तौर पर, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, खूनी उल्टी और बदलती हुई मानसिक स्थिति तथा आंखों तथा नाक के आसपास लालिमा और दर्द की शिकायत होती है.
उपचार
- कवकरोधी अर्थात् एंटीफंगल (antifungal) थेरेपी के द्वारा इलाज किया जाता है.
- संक्रमण की गंभीर स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.
- इस बीमारी के उपचार के लिए, मधुमेह को नियंत्रित करना, स्टेरॉयड के उपयोग को कम करना और इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग (immunomodulating) दवाओं को बंद करना अत्यंत आवश्यक होता है.
रोकथाम
यदि आप धूल भरे निर्माण स्थलों का दौरा कर रहे हैं तो मास्क का उपयोग करें. बागवानी करते समय जूते, लंबी पतलून, लंबी बाजू की शर्ट और दस्ताने पहनें. अच्छी तरह से नहाएं (स्क्रब बाथ) और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation related issues.
Topic : Environment Green panel allows Great Nicobar
संदर्भ
हाल ही में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के ग्रेट निकोबार द्वीप के लिये नीति आयोग की विकासात्मक परियोजना हेतु पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (Environment Impact Assessment – EIA) की स्वीकृति दी गई है.
प्रमुख बिन्दु
- हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) की पर्यावरण मूल्यांकन समिति (Environment Appraisal Committee- EAC) ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के ग्रेट निकोबार द्वीप हेतु नीति आयोग की विकासात्मक परियोजना के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) की स्वीकृति दे दी है.
- हालांकि पूर्व में पर्यावरण मूल्यांकन समिति (EAC) ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में नीति आयोग की विकासात्मक परियोजना के संबंध में चिंता व्यक्त की थी. लेकिन समिति ने अब इस परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) की स्वीकृति दी है.
परियोजना के बारे में
- इस प्रस्ताव में एक अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, एक ग्रीनफील्ड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक बिजली संयंत्र और 166 वर्ग किलोमीटर में फैला एक टाउनशिप कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल है. यह निर्माण मुख्य रूप से प्राचीन तटीय प्रणाली और उष्णकटिबंधीय वनों की भूमि पर किया जाएगा.
- इस पर होने वाला अनुमानित व्यय 75,000 करोड़ रुपए है.
परियोजना से संबंधित मुद्दे
- भूकंपीय और सूनामी खतरों, मीठे पानी की आवश्यकता और विशालकाय लेदरबैक कछुओं पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित विवरण का अभाव.
- वनोन्मूलन से संबंधित विवरण का अभाव- इस परियोजना में 130 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लाखों की संख्या में पेड़ों को काटा जा सकता है. इस क्षेत्र में भारत के कुछ बेहतरीन उष्णकटिबंधीय वन विद्यमान हैं.
- इसके अतिरिक्त इसमें कई अन्य मुद्दे जैसे गैलाथिया खाड़ी, बंदरगाह निर्माण का स्थान और नीति आयोग के प्रस्ताव के केंद्र बिंदु आदि भी शामिल हैं.
- गैलाथिया की खाड़ी, दुनिया के सबसे बड़े समुद्री कछुए ‘एंजीमेटिक जिआंट टर्टल’ का ‘नेस्टिंग’ स्थल है, यह दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री कछुआ है जो तीन दशकों में किये गए सर्वेक्षणों के माध्यम से खोजा गया है.
- पिछले कुछ वर्षों में पारिस्थितिक सर्वेक्षणों ने ऐसी कई नई प्रजातियों की सूचना दी है, जो केवल गैलाथिया क्षेत्र तक सीमित हैं.
- इनमें गंभीर रूप से लुप्तप्राय निकोबार छछूँदर (Nicobar Shrew), ग्रेट निकोबार क्रेक, निकोबार मेंढक, निकोबार कैट स्नेक (Nicobar Cat Snake), एक नया स्किंक (Lipinia Sp), एक नई छिपकली (Dibamus Sp) और लाइकोडोन एसपी (Lycodon Sp) का एक साँप शामिल है.
- बंदरगाह हेतु साइट का चयन मुख्य रूप से तकनीकी और वित्तीय मानदंडों के आधार पर किया गया है, इसमें पर्यावरणीय पहलुओं की अनदेखी की गई.
अंडमान और ग्रेट निकोबार द्वीप
- ये द्वीपसमूह भारत के पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं और भारत की दक्षिण-पूर्वी सीमा बनाते हैं.
- इसके अलावा ये द्वीपसमूह अंडमान सागर से घिरे हैं और मलेशिया, म्याँमार, थाईलैंड, सिंगापुर तथा इंडोनेशिया जैसे कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से निकटता रखते हैं.
- अंडमान और निकोबार को टेन डिग्री चैनल ( Ten Degree Channel) द्वारा अलग किया जाता है जो लगभग 150 किमी. तक विस्तृत है.
ग्रेट निकोबार द्वीप
- यह भारत का दक्षिणतम द्वीप है.
- अंडमान के ग्रेट निकोबार द्वीप का क्षेत्रफल लगभग 1044 वर्ग किमी है.
- 2011 की जनगणना के अनुसार, यहाँ की जनसंख्या करीब 8,069 है.
- यह द्वीप भारत की सबसे आदिम जनजाति शोम्पेंस (Shompens) का निवास स्थान है.
- इस द्वीप में ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व (Great Nicobar Biosphere Reserve-GNBR) भी अवस्थित है जिसे यूनेस्को द्वारा बायोस्फीयर रिज़र्व्स के विश्व नेटवर्क के रूप में घोषित किया गया है.
- इस बायोस्फीयर रिज़र्व में गैलाथिया नेशनल पार्क (Galathea National Park) और कैम्पबेल बे नेशनल पार्क (Campbell Bay National Park) शामिल हैं.
- यह द्वीप उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वनों, पर्वत श्रृंखलाओ और तटीय मैदानों से पारिस्थितिक तंत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण करता है.
- इस द्वीप पर विशाल केकड़ों, केकड़े खाने वाले मकाक ( Crab-Eating Macaques), दुर्लभ मेगापोड (Megapode) के साथ-साथ लेदरबैक कछुए (Leatherback Turtles) भी पाए जाते हैं.
- भारत में चार जैव विविधता वाले आकर्षण केंद्रों में से एक सुंडालैंड है जिसमें निकोबार द्वीपसमूह भी शामिल है.
EIA क्या है?
- EIA एक औपचारिक प्रक्रिया है जिसका प्रयोग किसी विकास परियोजना के पर्यावरणीय परिणामों की भविष्यवाणी करने में किया जाता है. इस आकलन का वैधानिक आधार पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम, 1986 है जिसमें EIA की कार्य-पद्धति और प्रक्रिया के विषय विभिन्न प्रावधान किये गये हैं.
- EIA भारत की पर्यावरणीय निर्णय लेने की प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण घटक है जिसमें उन्हें प्रस्तावित परियोजनाओं के संभावित प्रभावों का विस्तृत अध्ययन माना जाता है.
- EIA किसी प्रस्तावित विकास योजना में संभावित पर्यावरणीय समस्या का पूर्व आकलन करता है और योजना के निर्माण व प्रारूप निर्माण के चरण में उससे निपटने के उपाय करता है.
- यह योजना निर्माताओं के लिये एक उपकरण के रूप में उपलब्ध है, ताकि विकासात्मक गतिविधियों और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बीच समन्वय स्थापित हो सके.
- इन प्रतिवेदनों के आधार पर पर्यावरण मंत्रालय या अन्य प्रासंगिक नियामक निकाय किसी परियोजना को स्वीकृति दे सकते हैं अथवा नहीं.
- वैसे भारत में EIA इसका व्यावहारिक आरंभ 1978-79 में नदी-घाटी परियोजनाओं के प्रभाव आकलन से हुआ और कालांतर में इसके दायरे में उद्योग, ताप विद्युत परियोजनाएँ आदि को भी शामिल किया गया.
- भारत में EIA प्रक्रिया अनुवीक्षण, बेसलाइन डेटा संग्रहण, प्रभाव आकलन, शमन योजना EIA रिपोर्ट, लोक सुनवाई आदि चरणों में संपन्न होती है.
- एक बार आकलन पूरा हो जाने के पश्चात् EIA अपना रिपोर्ट सभी हितधारकों को भेज देता है. ये हितधारक हैं – निर्माणकर्ता, निवेशक, नियामक, योजना निर्माता, राजनीतिज्ञ, प्रभावित समुदाय आदि-आदि.
- इस रिपोर्ट में दिए गये निष्कर्ष के आधार पर सरकार यह तय करती है कि कोई योजना पर्यावरणीय अनुमति देने योग्य है अथवा नहीं.
- निर्माणकर्ता और निवेशक भी इस रिपोर्ट को देखकर परियोजना को इस प्रकार नया रूप दे सकते हैं जिससे होने वाली क्षति कम की जा सके और लाभ को अधिकतम बढ़ाया जा सके.
EIA के लाभ
- स्वस्थ स्थानीय पर्यावरण विकास में सहायक.
- पर्यावरण मानकों का पालन.
- पर्यावरण की हानि या आपदाओं में कम जोखिम.
- जैव विविधता का रख-रखाव.
- सूचित निर्णयन के कारण संसाधनों के उपयोग में कमी.
- समुदायों की भागीदारी में वृद्धि तथा सतत् विकास की सुनिश्चितता.
EIA के उद्देश्य
- गहरे समुद्र खनिजों के साथ जुड़ी पर्यावरण स्थितियों का मूल्यांकन करना.
- वितलीय क्षेत्रों में तलछट पारिस्थितिक तंत्र और जैव भूगोल का मूल्यांकन करना.
- इन क्षेत्रों में भू-जैव रासायनिक प्रक्रियाओं के बीच परस्पर क्रिया को समझना.
- गहरे समुद्र खनिज संसाधनों के खनन के लिए पर्यावरण डेटा को विकसित करना.
- प्रथम पीढ़ी खनन (एफजीएम) स्थल के लिए ईएमपी तैयार करना.
Prelims Vishesh
National Technology Day :-
- 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया.
- यह दिवस 1999 से लगातार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
- इस बार इसकी थीम है – विज्ञान लोगों के लिए और लोग विज्ञान के लिए.
- इस आयोजन के लिए 11 मई इसलिए चुना गया था कि इसी तिथि को 1998 में भारत ने तीन अणु बमों का राजस्थान के पोखरण में विस्फोट किया था.
- इसके अतिरिक्त उसी दिन बंगलौर में भारत के पहले स्वदेशी वायुयान (हंस3) का परीक्षण तथा त्रिशूल नामक छोटी दूरी के मारक मिसाइल का भी परीक्षण हुआ था.
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