Sansar डेली करंट अफेयर्स, 10 September 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 10 September 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Swami Vivekananda

संदर्भ 

11 सितंबर, 1893 को, स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित ‘विश्व धर्म संसद्’ (Parliament of the World’s Religions) में अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था जिसमें उनके लिए महासभा में सम्मलित व्यक्ति पूरे दो मिनट तक खड़े होकर तालियाँ बजाते रहे. इस एतिहासिक भाषण के बाद उन्हें ‘भारत का चक्रवाती भिक्षु’ (Cyclonic Monk of India) का उपनाम दिया गया.

इस साल स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक शिकागो संबोधन की 128वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.

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इस आयोजन का महत्त्व

  • शिकागो में दिए गए भाषण में हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति का विस्तार से वर्णन गया था, और इस भाषण के शब्द आज भी गुंजायमान हैं.
  • विश्व धर्म संसद् में अपने प्रसिद्ध भाषण के बाद स्वामी विवेकानंद पश्चिमी विश्व में बहुत लोकप्रिय हो गए.
  • उन्हें भारत में हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और 19वीं शताब्दी के अंत में एक प्रमुख विश्व धर्म का दर्जा दिलाने के लिए एक प्रमुख शक्ति माना जाता है.
  • 1893 में शिकागो में “विश्व धर्म संसद्” में उनके भाषण ने संसार का ध्यान वेदांत के प्राचीन भारतीय दर्शन की ओर भी आकर्षित किया.

विवेकानंद कौन थे?

  • विवेकानंद का मूलनाम नरेन्द्रनाथ दत्त था.
  • उनका जन्म कलकत्ता में जनवरी 12, 1863 को हुआ था.
  • वे राम कृष्ण परमहँस के परमभक्त थे.
  • उन्होंने शिकागो में 1893 में सम्पन्न विश्व धर्म परिषद् में प्रवचन दिया था.
  • संन्यास के बाद उनका नाम सच्चिदानंद रखा गया था परन्तु 1893 में खेतड़ी के महाराजा अजित सिंह के कहने पर उन्होंने अपना नाम विवेकानंद रख लिया.
  • उन्हें पश्चिम को योग और वेदान्त से परिचित कराने का श्रेय दिया जाता है.
  • उन्होंने 1897 में रामकृष्ण मिशन स्थापित किया जिसका उद्देश्य दरिद्रतम और तुच्छतम लोगों तक उदात्त विचार पहुँचाना था.
  • 1899 में बेलूर मठ बनाया और वहीं स्थायी रूप से रहने लगे.
  • उन्होंने राज योगज्ञान योग और कर्म योग आदि पुस्तकें लिखीं.
  • उन्होंने नव वेदान्त की शिक्षा दी जिसमें भारत की आध्यात्मिकता के साथ-साथ पश्चिम के भौतिक प्रगतिवाद का सम्मिश्रण था.
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस उनको आधुनिक भारत का निर्माता बतलाते थे.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज में दलितों एवं महिलाओं की दयनीय स्थिति की निन्दा की और समाज कल्याण के लिये इनका उत्थान आवश्यक बताया. उन्होंने इनके उत्थान के लिये शिक्षा को सबसे महत्त्वपूर्ण साधन माना. उनका मत था कि जिस राष्ट्र में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वह राष्ट्र और समाज कभी महान नहीं बन सकता. शिक्षा के माध्यम से ही स्त्री व दलितों को शक्तिशाली, भयविहीन तथा आत्म-सम्मान के साथ जीने के काबिल बनाया जा सकता है.

स्वामी विवेकानन्द ने दरिद्र (गरीब) में ही नारायण देखा (दरिद्र नारायण) और उसके कल्याण में ही ईश्वर की सेवा माना है. उस ‘दरिद्र नारायण’ की अवधारणा द्वारा उन्होंने मानवतावाद को धार्मिकता से जोड़ दिया. शिकागो में दिये गए अपने ऐतिहासिक भाषण में भी उन्होंने सार्वभौमिक भ्रातृभाव को सभी धर्मों का सार तत्त्व कहा था.

स्वामी विवेकानन्द सदैव मनुष्य को कर्मशील बने रहने के लिये प्रेरित करते थे. उनका मत था कि प्रत्येक मनुष्य को अपना कर्म पूरी शक्ति तथा एकाग्रता के साथ करना चाहिये. उनका एक प्रसिद्ध कथन है- ‘प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो, सभी मरेंगे साधु या असाधु, धनी या दरिद्र, चिरकाल तक किसी का शरीर नहीं रहेगा. अतएव उठो, जागो और तब तक रूको नहीं जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए’.

इस प्रकार, यह विश्वासपूर्वक कहा जा सकता है कि यद्यपि स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के व्याख्याता एवं एक आध्यात्मिक गुरु थे परंतु उनके चिंतन में दलितों, महिलाओं व गरीबों के उत्थान तथा ‘कर्म की प्रधानता’ का विचार विशेष रूप से उपस्थित था.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.

Topic : ATL Space Challenge 2021

संदर्भ 

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ मिलकर देश के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए अटल टिंकरिंग लैबोरेटरीज़ (ATLs) स्पेस चैलेंज 2021 का आनावरण किया है.

प्रमुख बिंदु

  • इस चैलेंज को देश के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों, मेंटट और शिक्षकों के लिए तैयार किया गया है, जो न केवल एटीएल लैब वाले विद्यालयों के साथ, बल्कि गैर एटीएल विद्यालयों से भी जुड़े हैं.
  • इसमें यह सुनिश्चित किया जाना है कि कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों को एक खुला प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए, जहाँ वे नवाचार कर सकें और खुद डिजिटल युग की अंतरिक्ष तकनीक से जुड़ी समस्याओं के समाधान में सक्षम हो सकें.
  • एटीएल स्पेस चैलेंज 2021 को वर्ल्ड स्पेस वीक 2021 के साथ श्रेणीबद्ध किया गया है, जो अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के योगदान को मनाने के क्रम में वैश्विक स्तर पर हर साल 4 से 10 अक्टूबर के दौरान मनाया जाता है.
  • इसके अतिरिक्त, विद्यार्थी (एटीएल और गैर एटीएल स्कूलों के) तीन सदस्यों की एक टीम के रूप में एक समाधान या एक नवाचार के लिए अपनी प्रविष्टियां जमा कर सकती हैं.

अटल नवाचार मिशन क्या है?

  • यह मिशन भारत सरकार की प्रमुख पहल है जिसका प्रयोजन देश में नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है.
  • इस मिशन का कार्य देश के अन्दर नवाचार के वातावरण पर दृष्टि रखने के लिए एक बहु-आयामी अवसरंचना का निर्माण करना है जिससे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नवाचार पारिस्थितिकी तन्त्र में क्रान्ति लाई जा सके.

अटल नवाचार मिशन के दो प्रमुख कार्य

स्वरोजगार और प्रतिभा के उपयोग के द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा देना. इसके लिए नवाचार करने वाले को सफल उद्यमी बनाने के निमित्त सहायता और मन्त्रणा दोनों दी जायेगी.

प्रभाव

  • इस मिशन ने कई बड़े-बड़े और प्रगतिशील पहलें शुरू की हैं, जैसे – अटल टिकरिंग लैब (ATL) और अटल इनक्यूबेशन सेंटर (AIC).
  • अटल नवाचार मिशन की तकनीकी सहायता से भारत सरकार के कई मंत्रालयों और विभागों ने नवाचार से सम्बद्ध गतिविधियाँ आरम्भ की हैं.
  • अटल टिकरिंग लैब कार्यक्रम के अंतर्गत 2020 तक 10,000 से अधिक विद्यालय ऐसी प्रयोगशालाएँ स्थापित करने जा रहे हैं.
  • देश-भर में 100 से अधिक अटल इनक्यूबेशन सेंटर भी बन रहे हैं जिनके माध्यम से पहले पाँच वर्षों में कम से कम 50-60 स्टार्ट-अपों को सहारा दिया जाएगा.
  • अपने आविष्कारों को उत्पाद में बदलने के लिए 100 से अधिक नवाचारियों को इस मिशन के अंतर्गत कुछ न कुछ सहयोग मिलने की सम्भावना है.
  • प्रत्येक चौथे वर्ष एक-एक इनक्यूबेटर तकनीकी नवाचार पर आधारित 50-60 स्टार्ट-अपों को सम्पोषित करेगा.
  • नवाचार पर आधारित नए-नए स्टार्ट-अप खुलने से रोजगार में व्यापक वृद्धि होने की संभावना है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

AIM की छह प्रमुख पहल:

  • अटल टिंकरिंग लैब्स (Atal Tinkering Labs): भारत के विद्यालयों में समस्याओं को सुलझाने की मानसिकता (Problem-solving Mindset) को विकसित करना.
  • अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स (Atal Incubation Centers): विश्व स्तर के स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना और इनक्यूबेटर मॉडल में एक नया आयाम जोड़ना.
  • अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज़ (Atal New India Challenges): विभिन्न क्षेत्रों/मंत्रालयों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये उत्पाद नवाचारों को बढ़ावा देना.
  • मेंटर इंडिया कैंपेन (Mentor India Campaign): मिशन की सभी पहलों का समर्थन करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र, कॉरपोरेट्स और संस्थानों के सहयोग से एक नेशनल मेंटर नेटवर्क (National Mentor Network) विकसित करना.
  • अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र (Atal Community Innovation Center): टियर-2 और टियर-3 शहरों समेत देश के दूरस्थ क्षेत्रों में समुदाय केंद्रित नवाचार और विचारों को प्रोत्साहित करने के लिये.
  • उन्नत मरम्मत और औद्योगिक कौशल संवर्द्धन (Advanced Repair & Industrial Skill Enhencement- ARISE): सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (Micro, Small and Medium Enterprises- MSME) में नवाचार तथा अनुसंधान को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये.

GS Paper 3 Source : Down to Earth

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UPSC Syllabus : Environment and Biodiversity.

Topic : Raptor attention

संदर्भ 

IUCN एवं बर्डलाइफ इंटरनेशनल के हालिया शोध के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 557 शिकारी पक्षी (raptors) प्रजातियों में से लगभग 30% के विलुप्त होने का खतरा है.

शिकारी पक्षियों के बारे में

  • ये शिकारी पक्षी खाद्य शृंखला के शीर्ष पर स्थित होते हैं, जो मांसाहारी होते हैं तथा स्तनधारियों, सरीसूर्पों, उभयचरों, कीटों के साथ-साथ अन्य पक्षियों को शिकार करते हैं.
  • शिकारी पक्षियों के उदाहरण: उल्लू, गिद्ध, बाज, फाल्कन, चील, काइट्स, ब्यूटियो, एक्सीपिटर्स, हैरियर और ओस्प्रे.
  • शिकारी पक्षियों के पास मुड़ी हुई चोंच, नुकीले पंजे वाले मज़बूत पैर एवं तीव्र दृष्टि होती हैं.
  • इंडोनेशिया में सबसे अधिक रैप्टर प्रजातियां पाई जाती हैं. इसके बाद कोलंबिया, इक्वाडोर और पेरू का स्थान है.
  • ये जलवायु परिवर्तन आदि के प्रति संवेदनशील होते हैं, अत: ये संकेतक (indicator) प्रजाति भी हैं.

शिकारी पक्षियों के लिए अस्तित्व का संकट

  • पिछले कुछ दशकों में गिद्धों की संख्या में 95% तक की भारी गिरावट दर्ज की गई है, सर्वाधिक गिरावट दर्ज करने वाले देशों में भारत भी शामिल है.
  • पशुचिकित्मा में प्रयोग की जाने वाली दवा डिक्लोफिनेक, गिद्धो की किडनी को नुकसान पहुँचाती है, पशुओं को खाते समय यह दवा गिद्धों में पहुँच जाती है.

सरकार उठाये गये कदम

  • सरकार द्वारा डिक्लोफिनेक” को वर्ष 2006 में प्रतिबंधित किया गया था.
  • भारत SAVE (Saving Asia’s Vultures from Extinction) संघ का भी हिस्सा है,
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय वर्ष 2006 से गिद्धों के लिये एक संरक्षण परियोजना चला रहा है. अब इस परियोजना को वर्ष 2025 तक बढ़ाकर न केवल उनकी संख्या में गिरावट को रोकना है बल्कि भारत में गिद्धों की संख्या को सक्रिय रूप से बढ़ाना है.
  • केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने हाल ही में देश में गिद्धों के संरक्षण के लिये एक “गिद्ध कार्य योजना 2020-25” (Vultures Action Plan 2020-25) प्रारम्भ की है.
  • नई कार्य योजना में पशु चिकित्सा में प्रयुक्त NSAIDs (Nonsteroidal Anti-inflammatory Drugs) की बिक्री का विनियमन करना है. इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि पशुधन का इलाज केवल योग्य पशु चिकित्सकों द्वारा ही किया जाए.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Challenges to internal security through communication networks, role of media and social networking sites in internal security challenges.

Topic : NATGRID

संदर्भ 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) को जल्द ही लांच किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) परियोजना 31 दिसंबर 2020 से क्रियान्वित हो जाएगी. लेकिन अभी भी इसकी अंतिम तुल्यकालन (synchronisation) एवं टेस्टिंग की जा रही है.

NATGRID क्या है?

  • यह एक आतंकविरोधी कार्यक्रम है जो मुंबई में 26 नवम्बर, 2008 को हुए आतंकवादी आक्रमण के उपरान्त तैयार किया गया था.
  • संदिग्ध आतंकियों पर नजर रखने और आतंकी आक्रमणों को रोकने के लिए NATGRID बिग डाटा और एनेलिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए विभिन्न गुप्त सूचना और प्रवर्तन एजेंसियों से प्राप्त डाटा की विशाल मात्रा का अध्ययन और विश्लेषण करता है.
  • NATGRID डाटा उपलब्ध कराने वाले संगठनों और उपयोगकर्ताओं के बीच विभिन्न चरणों में सम्पर्क स्थापित करेगा.
  • NATGRID एक वैधानिक ढाँचा भी बना रहा है जिसका उपयोग विधि प्रवर्तन एजेंसियाँ करेंगी.

NATGRID का महत्त्व

  • NATGRID का महत्त्व ऐसे समझा जा सकता है कि यदि यह नहीं होता तो पुलिस को सूचना उगाहने के लिए कठोर और दमनात्मक कार्रवाई का ही भरोसा रह जाता.
  • जब कभी कोई आतंकी घटना होती है तो पुलिस लोगों की पकड़-धकड़ करने लगती है. इनमें से कई निर्दोष होते हैं. यदि कोई ऐसी प्रणाली हो जिसमें संधान और पहचान की व्यवस्था हो तो मानव अधिकार के उल्लंघन के ऐसे मामले कम बनेंगे.
  • NATGRID गुप्त सूचना ब्यूरो को संदिग्ध इतिहास वाले व्यक्तियों पर नजर रखने में सहायता पहुँचाता है.

Prelims Vishesh

LCA-Mk2 :-

  • डीआरडीओ की वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) के सहयोग में दूसरी पीढ़ी के लड़ाकू प्रोटोटाइप, हल्के युद्धक वायुयान (Light Combat Aircraft – LCA) मार्क 2, अर्थात् LCA-Mk2 पर कार्य जारी है.
  • इसे पहली उड़ान के लिए वर्ष 2023 तक तैयार हो जाने की संभवना है.
  • Mk2 की लम्बाई 1,350 मिमी है और यह कनार्ड विशेषता से युक्त है, इसके अलावा यह 6,500 किलोग्राम का पेलोड ले जाने में सक्षम है.

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