Sansar डेली करंट अफेयर्स, 11 May 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 11 May 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian and its neighbourhood. Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : FATF

संदर्भ

पाकिस्तान, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force – FATF) की ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण मामलों से संबंधित नए नियमों को लागू करने के लिए तैयार है.

नए परिवर्तनों के तहत, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (anti-money laundering- AML) मामलों की जांच और अभियोजन का दायित्व पुलिस, प्रांतीय भ्रष्टाचार-रोधी संस्थाओं (anti-corruption establishments- ACE) तथा इसी प्रकार की अन्य एजेंसियों से लेकर विशिष्ट एजेंसियों (specialised agencies) को सौंपा गया है.

आगे की कार्रवाई

इन उपायों के आधार पर, ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’, पाकिस्तान द्वारा निर्धारित किये गए 27 मानदंडो में से बचे हुए तीन मानदंडो के अनुपालन किए जाने के बारे में  निर्णय करेगा. ज्ञातव्य है, कि इन्ही तीन मानदंडो की वजह से पाकिस्तान, इस साल फरवरी में ग्रे सूची से बाहर नहीं निकल सका था.

पृष्ठभूमि

जून 2018 में, पेरिस स्थित ‘वित्तीय कार्रवाई कार्यबल’ (Financial Action Task Force- FATF) द्वारा  पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट’ में रखा गया था, और तब से वह इस सूची बाहर आने के लिए प्रयास कर रहा है.

FATF क्या है?

  • FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 1989 में G7 की पहल पर स्थापित किया गया है.
  • यह एक नीति-निर्माता निकाय है जिसका काम विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी एवं नियामक सुधार लाने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति तैयार करना है.
  • FATF का सचिवालय पेरिस के OECD मुख्यालय भवन में स्थित है.

FATF के उद्देश्य

FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है.

ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?

FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं.

एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें.


GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Issues related to direct and indirect farm subsidies and minimum support prices.

Topic : Mission for Integrated Development of Horticulture

संदर्भ

हाल ही में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 में बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए 2250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. ये आवंटन केंद्र सरकार द्वारा समर्थित एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Mission for Integrated Development of Horticulture– MIDH) कार्यक्रम के अधीन किया गया है.

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) क्या है?

यह भारतीय बागवानी क्षेत्र की समग्र वृद्धि और विकास के लिए एक केंद्र-प्रायोजित योजना है.

  1. इस योजना के तहत सब्ज़ियाँ, जड़ और कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधे, नारियल, काजू आदि को कवर किया गया है.
  2. MIDH के अंतर्गत, राज्य बागवानी मिशनों, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY), केसर मिशन और राष्ट्रीय कृषि मिशन (NMSA) के लिए तकनीकी सहायता और सलाह भी प्रदान की जाती है.
  3. एकीकृत बागवानी विकास मिशनकृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यान्वित किया जा रहा है.
  4. MIDH के तहत, जबकि भारत सरकार (GOI) द्वारा पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में विकासात्मक कार्यक्रमों के लिए कुल परिव्यय का 85% योगदान किया जाता है, तथा राज्य सरकारों 15% परिव्यय का वहन किया जाता है. पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के मामले में, भारत सरकार का योगदान शत-प्रतिशत व्यय वहन करती है.

उप योजनाएँ

  1. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)
  2. पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए बागवानी मिशन (HMNEH)
  3. राष्ट्रीय बाँस मिशन (NBM)
  4. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB)
  5. नारियल विकास बोर्ड (CDB)
  6. केंद्रीय बागवानी संस्थान (CIH)

GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Awareness in space.

Topic : NASA’s OSIRIS-Rex

संदर्भ

11 मई को, नासा का ओसीरिस-रेक्स (OSIRIS-REx) अंतरिक्ष यान, क्षुद्रग्रह बेन्नू (asteroid Bennu) की सतह से वापस पृथ्वी की ओर उड़ान भरेगा. इसे वापसी यात्रा में दो वर्ष का समय लगेगा.

ओसीरिस-रेक्स का पूरा नाम, ओरिजिन, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, सिक्योरिटी-रेगोलिथ एक्सप्लोरर (Origins, Spectral Interpretation, Resource Identification, Security-Regolith Explorer- OSIRIS-Rex) है.

OSIRIS-REx के विभिन्न कार्यक्रम

  • फरवरी-मध्य में बेनु की परिक्रमा करना तथा अपने पाँच वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से उसका साफ़-साफ़ नक्शा तैयार करना जिससे वैज्ञानिकों को पता लग सके कि नमूना कहाँ से लेना ठीक होगा.
  • यह 2023 तक पृथ्वी पर लौट जाएगा.

OSIRIS-REx अभियान क्या है?

  • OSIRIS-REx का full form है – Origins, Spectral Interpretation, Resource Identification, Security-Regolith Explorer.
  • यह NASA के New Frontiers programका तीसरा अभियान है.
  • इसके पहले इस कार्यक्रम के तहत प्लूटो और वृहस्पति की ओर क्रमशः New Horizons और Juno नामक अन्तरिक्षयान छोड़े गये थे.

अभियान के वैज्ञानिक लक्ष्य

  • यह अन्तरिक्ष यान Bennu की कक्षा में तीन वर्ष रहेगा और उस क्षुद्रग्रह की थाह लेने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयोग करेगा.
  • OSIRIS-REx Bennu उल्कापिंड का नक्शा तैयार करेगा और वह जगह चुनेगा जहाँ से वह नमूने जमा करेगा.
  • यह अन्तरिक्ष यान उस उल्कापिंड की सतह पर फैले regolith नामक मिट्टी जैसे पदार्थ का नमूना लेगा.
  • रेगोलिथ का नमूना लेने के लिए यह अन्तरिक्षयान मात्र 5 सेकंड के लिए उल्कापिंड की सतह पर आएगा और नाइट्रोजन गैस का विस्फोट करके regolith में हलचल पैदा करेगा जिससे कि वह उसको चूसकर अपने अन्दर संगृहीत कर सके.
  • इसके लिए अन्तरिक्षयान में इतना nitrogen जमा कर दिया गया है जिससे तीन बार विस्फोट किया जा सके.
  • NASA को आशा है कि वह 60 से लेकर 2000 ग्राम रेगोलिथ धरती पर लाया सकेगा.

Bennu ही क्यों?

OSIRIS-REx मिशन के लिए Bennu को 5 लाख ज्ञात क्षुद्रग्रहों में से चुना गया था जिसके मुख्य कारण ये हैं –

  • Bennu की कक्षा पृथ्वी की कक्षा के समान है. ज्ञातव्य है कि पृथ्वी से अपेक्षाकृत निकट 7,000 क्षुद्रग्रहों में से 200 ही ऐसे क्षुद्रग्रह पृथ्वी के समान हैं और उनमें Bennu एक है.
  • छोटे-छोटे क्षुद्र का व्यास 200 meter से कम का है जिसके कारण ये बड़े क्षुद्र ग्रहों की तुलना में अधिक तेजी से घूमते हैं. परिणामतः इसका regolith पदार्थ अन्तरिक्ष में बिखर सकता है. किन्तु दूसरी ओर Bennu का व्यास 500 meter का है, इसलिए यह इतना धीरे घूमता है कि इसकी रेगोलिथ उसके भूमि-तल पर टिका रह जाता है.
  • Bennu की बनावट: – Bennu एक प्राथमिक क्षुद्रग्रह है अर्थात् 4 बिलियन वर्ष पहले सौरमंडल के बनने के समय से इसमें कोई ख़ास परिवर्तन नहीं आया है. इसमें कार्बन भी बहुत है जिसका अभिप्राय यह हुआ है कि इसमें ऐसे जैव-अणु (organic molecules) भी हो सकते हैं.
  • Bennu के बारे में एक और रोचक तथ्य यह है कि यह पृथ्वी के लिए खतरनाक है. प्रत्येक छठे वर्ष Bennu की कक्षा उसको पृथ्वी के 2 लाख मील के अन्दर ले आती है. इसका अर्थ यह हुआ है कि 22वीं शताब्दी के अंतिम भाग में बहुत करके यह हो सकता है कि यह क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से टकरा जाए.

GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization, of resources, growth, development and employment.

Topic : Foreign Contribution (Regulation) Act- FCRA

संदर्भ

हाल ही में एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा, नई दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में एक निर्दिष्ट FCRA खाता खोलने हेतु निर्धारित की गई 31 मार्च की समयसीमा में छूट की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की है.

संबंधित प्रकरण

वर्ष 2020 में अधिनियमित विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (Foreign Contribution (Regulation) Act- FCRA) के तहत पंजीकृत गैर सरकारी संगठन (NGO) के लिए दिल्ली में बैंक खाता खोलना अनिवार्य किया गया था.

  1. लेकिन, इससे कई संगठनों का काम बाधित हुआ है, क्योंकि इस शर्त के कारण ये सगठन विदेशी वित्तीय सहायता प्राप्त करने में असमर्थ हो गए.
  2. कई गैर सरकारी संगठन, इन नए नियमों से प्रभावित हुए हैं, जिससे महामारी के दौरान इनके द्वारा किए जाने वाले राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है.

विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के बारे में

  • विदेशी योगदान के इस्तेमाल को नियमित करने के लिए भारत सरकार ने विदेशी योगदान की स्वीकृति और विनियमन के उद्देश्य से वर्ष 1976 में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) लागू किया. वर्ष 2010 में इस अधिनियम संशोधन करते हुए कई नए प्रावधान भी जोड़े गये.
  • विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत राजनीतिक प्रकृति का कोई भी संगठन, ऑडियो, ऑडियो विजुअल न्यूज या करंट अफेयर्स कार्यक्रम के निर्माण और प्रसारण में लगे किसी भी संगठन को विदेशी योगदान स्वीकार करने के लिये प्रतिबंधित किया गया है.
  • विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 को लोगों या एसोसिएशन या कंपनियों द्वारा विदेशी योगदान के इस्तेमाल को नियमित करने के लिए लागू किया गया था. राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुँचाने वाली किसी भी गतिविधि के लिए विदेशी योगदान को लेने या इसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.

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Places in news :-

इजराइल : उत्तरी इजरायल में हजारों अति-रूढ़िवादी यहूदियों की भागीदारी वाले धार्मिक उत्सव (लाग बाओमर) में भगदड़ से दर्जनों लोगों की मृत्यु हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

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अल्बानिया : हाल ही में, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (५४1८) ने अल्बानिया में संयुक्त सैन्य अभ्यास आरंभ किया है, जिसे डिफेंडर-यूरोप 21 नाम दिया गया है.

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किर्मिस्तान और ताजिकिस्तान : किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच सीमा पर संघर्ष विराम हो गया है. हाल ही में इन दो पूर्व सोवियत मध्य एशियाई पड़ोसियों के बीच जल की आपूर्ति को लेकर तीव्र संघर्ष हुआ था.

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