Sansar डेली करंट अफेयर्स, 11 November 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 11 November 2019


Top 100 CA Batch Important Info
करंट अफेयर्स के लिए आयोजित होने वाली टेस्ट सीरीज 15 नवम्बर को आयोजित होने जा रही है. टेस्ट देने की अंतिम तारीख 29 नवम्बर होगी. छात्र 15 नवम्बर से 29 नवम्बर तक किसी भी तिथि में सुविधानुसार परीक्षा दे सकते हैं. स्मरण रहे कि यह परीक्षा मात्र Top 100 छात्रों के चयन करने के उद्देश्य से ली जा रही है. जो छात्र सफल होंगे उनका चयन आगामी आयोजित होने वाली करंट अफेयर्स 12 टेस्ट सीरीज बैच के लिए किया जाएगा. 12 टेस्ट सीरीज की परीक्षा-सारणी वेबसाइट पर 30 नवम्बर को सफल छात्रों के नाम के साथ डाल दी जायेगी.


GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important Geophysical phenomena such as earthquakes, Tsunami, Volcanic activity, cyclone etc., geographical features and their location- changes in critical geographical features (including water-bodies and ice-caps) and in flora and fauna and the effects of such changes.

Topic : How lightning strikes?

संदर्भ

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार इस वर्ष अप्रैल 1 से लेकर जुलाई 31 के बीच देश में 9 लाख वज्रपात हुई. सबसे अधिक बिजलियाँ ओडिशा में गिरीं और सबसे कम जम्मू और कश्मीर में गिरीं.

ऐसा पहली बार हुआ है कि IMD ने इस प्रकार के आँकड़े प्रकाशित किये हैं. इन आँकड़ों का संग्रह जलवायु प्रतिरोध निरीक्षण प्रणाली प्रोत्साहन परिषद् (Climate Resilient Observing Systems Promotion Council – CROSPC) ने किया है.

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मुख्य सूचनाएँ

  • वज्रपात से होने वाली मृत्यु सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में हुई.
  • सबसे अधिक तीव्रता वाले वज्रपात छोटानागपुर पठार के पूर्वी सिंहभूम जिले (झारखण्ड) घटित हुए.
  • सबसे अधिक वज्रपात वाला जिला पूर्वी सिंहभूम ही रहा.
  • प्रत्येक महीने वज्रपात वाले दिनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.
  • मानसून के आगमन के कारण जुलाई में, विशेषकर इसके उत्तरार्द्ध में, वज्रपात वाले दिनों की संख्या सर्वाधिक रही.

वज्रपात की भविष्यवाणी

  • जब वज्रपात में बिजली पृथ्वी की ओर दौड़ती है और किसी पर गिरती है तो उसके 30-40 मिनट पहले उसकी भविष्यवाणी की जा सकती है.
  • यह भविष्यवाणी मेघों में चमकती हुई बिजली के अध्ययन और अनुश्रवण के आधार पर संभव है.
  • वज्रपात के विषय में समय पर सूचना उपलब्ध हो जाने से अनेकों प्राण बचाए जा सकते हैं.

वज्रपात क्या है?

  • वज्रपात वस्तुतः वायुमंडल में होने वाला एक अत्यंत तीव्र और भारी विद्युत प्रवाह है जिसमें कुछ धरातल की ओर गमन कर जाता है.
  • बिजली का यह प्रवाह 10-12 किलोमीटर लम्बे उन बादलों में होता है जो विशाल आकार के होते हैं और उनमें बहुत अधिक आर्द्रता भरी होती है.

बिजली कैसे गिरती है?

  • बिजली वाले बादल धरातल से 1-2 किलोमीटर की दूरी के भीतर होते हैं जबकि उनका शीर्ष भाग 12-13 किलोमीटर दूरी पर रहता है.
  • इन बादलों के शीर्ष पर तापमान -35 से लेकर -45 डिग्री सेल्सियस होता है.
  • इन बादलों में जैसे-जैसे जलवाष्प ऊपर जाता है, गिरते हुए तापमान के कारण वह संघनित होने लगता है. इस प्रक्रिया में ताप उत्पन्न होता है जो जलकणों को और ऊपर की ओर धकेलने लगता है.
  • जब जलवाष्प शून्य डिग्री सेल्सियस तापमान पर पहुँच जाता है तो उसकी बूँदें छोटे-छोटे बर्फीले रवों में बदल जाती हैं. जब वे ऊपर जाती हैं तो उनका आयतन बढ़ते-बढ़ते इतना अधिक हो जाता है कि ये बूँदें पृथ्वी पर गिरने लगती हैं.
  • इस प्रक्रिया में एक समय ऐसी दशा हो जाती है कि छोटे-छोटे हिम के बर्फीले रवे ऊपर जा रहे होते हैं और बड़े-बड़े रवे नीचे की ओर आते रहते हैं.
  • इस आवाजाही में बड़े और छोटे रवे टकराने लगते हैं जिससे इलेक्ट्रान छूटने लगते हैं. इन इलेक्ट्रानों के कारण रवों का टकराव बढ़ जाता है और पहले से अधिक इलेक्ट्रान उत्पन्न होने लगते हैं.
  • अंततः बादल की शीर्ष परत में धनात्मक आवेश आ जाता है जबकि बीच वाली परत में ऋणात्मक आवेश उत्पन्न हो जाता है.
  • बादल की दो परतों के बीच विद्युतीय क्षमता में जो अंतर होता है वह 1 बिलियन से लेकर 10 बिलियन वाल्ट तक की शक्ति रखता है. बहुत थोड़े समय में ही एक लाख से लेकर दस लाख एम्पीयर की विद्युत धारा इन दोनों परतों के बीच प्रवहमान होने लगती हैं.
  • इस विद्युत धारा के फलस्वरूप भयंकर ताप उत्पन्न होता है जिसके कारण बादल की दोनों परतों के बीच का वायु-स्तम्भ गरम हो जाता है. इस गर्मी से यह वायु-स्तम्भ लाल रंग हो जाता है. जब यह वायु-स्तम्भ फैलता है तो बादल के अंदर भयंकर गड़गड़ाहट होती है जिसे बिजली कड़कना (thunder) कहते हैं.

बिजली बादल से पृथ्वी तक कैसे पहुँचती है?

पृथ्वी विद्युत की एक अच्छी संचालक होती है. इसका आवेश न्यूट्रल होता है. परन्तु बादल की बिचली परत की तुलना में पृथ्वी का आवेश धनात्मक हो जाता है. फलतः इस बिजली का लगभग 15-20% अंश धरती की ओर दौड़ जाता है. इसी को वज्रपात (lightning) कहते हैं.

बादल की बिजली अधिकतर पेड़, मीनार या भवन जैसी ऊँची वस्तुओं पर गिरती है. जब यह बिजली धरती से 80 से 100 मीटर ऊपर होती है तो उस समय यह मुड़कर ऊँची वस्तुओं पर जा गिरती है. ऐसा इसलिए होता है कि वायु बिजली की कुचालक होती है और इससे होकर बहने वाले इलेक्ट्रान बेहतर सुचालक की खोज करने लगते हैं और धनात्मक आवेश वाली पृथ्वी तक पहुँचने के लिए छोटा सा छोटा मार्ग अपनाने लगते हैं.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Study moots lowering the age of consent

संदर्भ

19 वर्ष से कम के बच्चों को सामाजिक लांछना, माता-पिता की फटकार और दंडात्मक कार्रवाई से बचाने के लिए पिछले दिनों हुए एक नए अध्ययन में यह सुझाव दिया गया है कि किशोरों द्वारा स्वयं विवाह करने की घटना को बलपूर्वक बाल विवाह से अलग समझने की आवश्यकता है.

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

  • इस अध्ययन में यह प्रस्ताव दिया गया है कि सहमति देने की आयु को विवाह के लिए निर्धारित आयु से कम रखा जाना चाहिए जिससे कि आपसी सहमति से विवाह करने वाले किशोरों को कानून के दुरूपयोग के साथ-साथ अभिभावकों के दबाव से मुक्त रखा जाए तथा बेटियों के ऊपर जाति के नियंत्रण को ढीला किया जाए.
  • विवाह के लिए लड़का और लड़की दोनों की एक ही आयु घोषित की जाए.
  • अध्ययन में बताया गया है कि आवाजाही, विवाह पूर्व सम्बन्ध और यौनाचार के मामलों में लड़कियों पर बंदिशे हैं, परन्तु इन मामलों में लड़कों को अधिक स्वतंत्रता मिली हुई है.
  • POCSO ने सहमति की उम्र को 16 से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दिया है. इस आधार पर POCSO का बहुतायत से दुरूपयोग देखा जाता है. इसलिए सामाजिक कार्यकर्ता इसका विरोध करते रहे हैं.

कानून क्या कहता है?

  • वर्तमान में कानून कहता है कि लड़कों और लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु क्रमशः 21 और 18 होनी चाहिए.
  • भारतीय वयस्कता अधिनियम, 1875 के अनुसार कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष की उम्र में वयस्क हो जाता है.
  • हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 के अनुभाग 5(iii) के अनुसार, वधु के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और दुल्हे के लिए 21 वर्ष होनी चाहिए. इससे कम आयु में होने वाला विवाह बाल विवाह कहलायेगा, परन्तु यह अवैध नहीं है और इसे तभी रद्द किया जा सकता है जब बच्चों के अभिभावक इसके लिए अनुरोध करें.
  • मुसलमानों के लिए जवान होने पर होने वाला विवाह वैध होता है.
  • विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 दोनों के अनुसार लड़का-लड़की के लिए विवाह हेतु सहमति देने की न्यूनतम आयु क्रमशः 18 और 21 है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.

Topic : Ayodhya verdict

संदर्भ

पिछले दिनों राम जन्मभूमि के विषय में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई और चार अन्य न्यायाधीशों – एस.ए. बोबड़े, डी.वाई. चंद्रचूड़, अशोक भूषण एवं एस.ए. नजीर – की बेंच ने एक सर्वसहमत आदेश पारित किया.

मामला क्या है?

विवाद के मूल में यह है कि हिन्दुओं की धारणा रही है कि बाबर के समय अयोध्या की रामजन्मभूमि मंदिर को तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी गई. इसलिए हिन्दू चाहते थे कि मस्जिद के स्थान पर मंदिर बनाने के लिए यह जगह उनको वापस मिलनी चाहिए. स्मरणीय है कि इसके लिए 80-90 के दशकों में एक बड़ा आन्दोलन चला था जिसकी पराकाष्ठा 6 दिसम्बर, 1992 को मस्जिद को ढहाने में हुई थी.

दूसरी ओर,  मुसलमानों का कहना था कि 1528 में बनी हुई मस्जिद के खाली जगह पर बिना किसी मंदिर को तोड़े खड़ी की गई थी और इसका स्वामित्व मुसलमानों को ही मिलना चाहिए.

निर्णय क्या हुआ?

  1. बाबरी मस्जिद जिस जमीन पर खड़ी थी उसका 2.77 एकड़ हिन्दुओं को मिलेगा.
  2. इस 2.77 एकड़ जमीन का संरक्षकत्व केंद्र सरकार के पास रहेगा.
  3. मुसलमानों को इसके बदले 5 एकड़ जमीन केंद्र सरकार या तो उसके द्वारा अधिगृहित 67 एकड़ की अधिकृत भूमि से अथवा किसी दूसरे प्रमुख स्थल से देगी. यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत दिया गया.
  4. केंद्र सरकार 3 महीने में एक न्यास बनाएगी जो मंदिर बनाने का काम करेगा.
  5. निर्णय में निर्मोही अखाड़े को रामलला का सेवायत अथवा भक्त नहीं माना गया, परन्तु यह कहा गया कि उसे नए न्यास में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.

अनुच्छेद 142 क्या है?

सर्वोच्च न्यायालय ने मुसलमानों को 5 एकड़ जमीन देते समय संविधान के अनुच्छेद 142 में प्राप्त अपनी शक्ति का प्रयोग किया. इस अनुच्छेद के तहत सुप्रीम कोर्ट को किसी मामले में न्याय करने और फैसले को पूरा करने के लिए ऐसे आदेश देने की शक्ति मिली हुई है.

उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 142(1) कहता है –

  • भारतीय सविधान में अनुच्छेद 142(1) देश के शीर्ष न्यायालय को विशेष अधिकार देता है कि किसी भी लंबित मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकारक्षेत्र में ऐेसे आदेश दे सकता है, जो पूरे देश में इस तरह लागू होगा जैसे संसद द्वारा पारित किसी कानून के अंतर्गत होता है. कोर्ट का आदेश लागू रहेगा जब तक कि इसके निमित्त राष्ट्रपति द्वारा दिए गए आदेश के तहत कोई प्रावधान नहीं बन जाता.
  • इस विशेषाधिकार का प्रयोग सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार एक ऐसे दीवानी विवाद में किया था जो दो निजी पक्षकारों की किसी अचल सम्पत्ति के बारे में था. कालांतर में इस अनुच्छेद का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार और पर्यावरण संरक्षण के मामलों में किया.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.

Topic : HS code

संदर्भ

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने खादी के लिए एक अलग हार्मोनाइज्ड सिस्टम कोड (HS Code) आवंटित किया है.

विदित हो कि खादी हाथ से बुने हुए कपड़े को कहते हैं जो महात्मा गाँधी द्वारा स्वतंत्रता के संघर्ष के समय लोकप्रिय कर दिया गया था.

HS कोड देने का उद्देश्य

आशा की जाती है कि यह कोड दिए जाने से आगामी वर्षों में खादी के निर्यात में वृद्धि होगी. पहले खादी को अलग से कोई कोड नहीं मिला हुआ था.

HS कोड क्या है?

  • HS कोड एक छह अंकों वाला पहचान कोड है. इसमें पहले दो अंक HS अध्याय, अगले दो अंक HS शीर्षक और अंतिम दो अंक HS उप-शीर्षक बताते हैं.
  • इस कोड का निर्माण विश्व सीमा-पार शुल्क संगठन (World Customs Organization – WCO) ने किया है.
  • इस कोड को सामग्रियों के लिए एक सार्वदेशिक आर्थिक भाषा (universal economic language) भी कहा जाता है.
  • इस प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में 5,000 वस्तु-समूह आते हैं.

HS कोड का प्रयोग सीमा-पार शुल्क अधिकारियों, सांख्यिकी एजेंसियों और सरकार के अन्य नियामक निकायों के द्वारा सामग्रियों के आयात-निर्यात पर निम्नलिखित माध्यमों से नियंत्रण करने में किया जाता है –

  1. सीमा-पार शुल्क टैरिफ
  2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आँकड़ों का संग्रह
  3. उत्पत्ति के नियम
  4. आंतरिक करों का संग्रह
  5. व्यापार वार्ता (जैसे – टैरिफ रियायतों से सम्बंधित विश्व व्यापार संगठन की अनुसूचियों)
  6. परिवहन शुल्क और आंकड़े
  7. नियंत्रित माल की निगरानी (जैसे – अपशिष्ट, नशीले पदार्थ, रासायनिक हथियार, ओजोन परत घटाने वाले पदार्थ, संकटग्रस्त प्रजातियाँ, वन्यजीव व्यापार)
  8. सीमा-पार शुल्क नियंत्रण और प्रक्रियाओं के क्षेत्र, जिसमें जोखिम मूल्यांकन, सूचना प्रौद्योगिकी और अनुपालन शामिल हैं.

माहात्म्य

सीमा शुल्क, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार आँकड़ों का संग्रह, व्यापार नीतियाँ बनाने और सामग्रियों के अनुश्रवण के लिए 200 से अधिक देश इस प्रणाली का प्रयोग करते हैं.

इससे सीमा-पार शुल्कों और व्यापार प्रक्रियाओं को समरस बनाने और फलस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की लागत घटाने में सहायता मिलती है.


GS Paper 3 Source: Indian Express

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UPSC Syllabus : Various Security forces and agencies and their mandate.

Topic : SPG, NSG and other security forces — How India protects its VIPs

संदर्भ

सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को मुहैया हो रही SPG सुरक्षा को सरकार वापस लेने पर विचार कर रही. परन्तु उनको केन्द्रीय सुरक्षा पुलिस बल (CRPF) के कमांडो का Zपल्स सुरक्षा आवरण मिलता रहेगा.

SPG का इतिहास

  • 1985 के मार्च में गृह मंत्रालय के द्वारा गठित एक समिति के सुझाव पर कैबिनेट सचिवालय के अधीन एक विशेष इकाई का सृजन हुआ. इस इकाई को शुरुआत में विशेष सुरक्षा इकाई कहा जाता था, पर अगले महीने इसका नाम बदलकर विशेष सुरक्षा समूह कर दिया गया.
  • कालांतर में संसद ने विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम पारित किया जो जून, 1988 में अधिसूचित हुआ. अधिसूचना में इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री की सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए एक सशस्त्र बल का गठन करना बताया गया.
  • अधिसूचना में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए SPG के द्वारा किये जाने वाले कार्य को इस प्रकार परिभाषित किया गया – सड़क, रेल, विमान, जलयान, पैदल अथवा किसी अन्य परिवहन के साधन से यात्रा करते समय प्रधानमंत्री को निकट से सुरक्षा देना और साथ ही वे जहाँ रुकें, ठहरें, किसी कार्यक्रम में भाग लें तथा घर पर सुरक्षा देना.
  • इस प्रकार SPG मूलतः कार्यरत प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए बना था. आगे चलकर इसका विस्तार करके इसे भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके निकटस्थ परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा से भी जोड़ दिया गया. इसके लिए आवश्यक संशोधन राजीव गाँधी की हत्या (मई, 1991) के उपरान्त किया गया था.

सुरक्षा की विभिन्न श्रेणियाँ

SPG के अतिरिक्त देश के विशिष्ट व्यक्तियों (VIP) को अन्य सुरक्षा बलों के द्वारा सुरक्षा दी जाती है. दी गई सुरक्षा का स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि सम्बंधित व्यक्ति को कितना खतरा है.

ये स्तर हैं –

  1. सुरक्षा का उच्चतम स्तर Z-प्लस कहलाता है. इसके बाद क्रमशः Z, Y और X श्रेणी का स्थान आता है.
  2. स्तर जितना ऊँचा होगा, सुरक्षा में लगाया गया कार्यबल उतना ही बड़ा होगा.
  3. Z-प्लस में स्वचालित हथियारों के साथ मोटे तौर पर 24 से 36 सुरक्षाकर्मी लगाये जाते हैं. Z श्रेणी में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 16 से 20 तक होती है.
  4. जिन विशिष्ट व्यक्तियों को सर्वाधिक खतरा होता है उनके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के ब्लैक कैट कमांडो को तैनात किया जाता है.

Prelims Vishesh

What is Pliosaur? :-

  • पिछले दिनों पोलैंड के गाँव Krzyzanowice में मकई के खेत में कुछ बड़ी हड्डियाँ मिली थीं जिसके पश्चात् यूरोप में विरले पाए जाने वाले पिलोसौरों के अवशेष में रूचि बढ़ गई.
  • ज्ञातव्य है कि पिलोसौर समुद्री विशाल जन्तु थे जो सबसे बड़े सर्वभक्षी जलीय सरीसृप हुआ करते थे.

New Zealand- Zero Carbon Law :

  • पिछले दिनों न्यूज़ीलैण्ड ने जीरो कार्बन विधेयक पारित किया है जिसका उद्देश्य है देश में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन इतना घटा दिया जाए कि 2050 तक वह लगभग शून्य हो जाए.
  • इस विधेयक की विशेषता है कि इसमें किसानों को छूट देते हुए पशुओं से उत्पन्न होने वाले मीथेन के लिए फिलहाल ढील दी जा रही है.

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