Sansar Daily Current Affairs, 11 October 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Competition Commission of India
संदर्भ
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India – CCI) ने हाल ही में कॉम्बिनेशन विनियमों (Combination Regulations) में संशोधन किये हैं. इन संशोधनों के अनुसार आयोग के समक्ष कॉम्बिनेशन से जुड़े हुए मामलों में निश्चितता और पारदर्शिता आएगी तथा इनका निस्तार तेजी से हो सकेगा.
नवीनतम संशोधन क्या हैं?
- इन संशोधनों में सबसे बड़ा संशोधन यह है कि कॉम्बिनेशन से जुड़े हुए पक्षकार अब प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 29(1) के अंतर्गत निर्गत सूचना के उत्तर में स्वेच्छा से समाधान सुझा सकते हैं. यदि ऐसा समझा जाता है कि दिए गए समाधान कथित प्रतिस्पर्धा-जनित हानि का हल कर सकते हैं तो प्रस्तावित कॉम्बिनेशन को मंजूरी दी जा सकती है. इस संशोधन से कॉम्बिनेशन के मामलों के निस्तार में तेजी आने की संभावना है.
- एक और महत्त्वपूर्ण संशोधन यह है कि यदि नोटिस में जानकारी से सम्बंधित बड़ी-बड़ी चूकें हैं तो पक्षकारों को यह अनुमति दी जायेगी कि वे अपने नोटिस वापिस लें और नए सिरे से दाखिल करें. इस संशोधन से पक्षकारों को अपनी नोटिस की कमियों को स्वयं दूर करने की छूट मिलेगी और इस प्रकार आयोग द्वारा नोटिस को खारिज करने का उन्हें इतंजार नहीं करना पड़ेगा. यदि 3 महीने के अन्दर नई नोटिस फिर से दाखिल हो जाती है तो इसके लिए अलग से शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होगी.
CCI क्या है?
- प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की स्थापना मार्च, 2009 में हुई थी.
- इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नीति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 (अधिनियम) की धारा 8 (1) के अनुसार आयोग में केवल एक अध्यक्ष होगा और सदस्यों की संख्या कम से कम दो होगी और अधिक से अधिक छह होगी.
- आयोग के निम्नलिखित कार्य हैं :-
- व्यापार से सम्बंधित प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव करने वाले कारकों को रोकना.
- बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और बनाए रखना.
- उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना.
- व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : National Council for Vocational Education and Training (NCVET)
संदर्भ
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कौशल विकास से सम्बंधित दो नियामक संस्थानों – राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद् (National Council for Vocational Training – NCVT) और राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (National Skill Development Agency – NSDA) का विलय करके एक नए निकाय के निर्माण की मंजूरी दी है. इस निकाय का नाम होगा — राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् (National Council for Vocational Education and Training – NCVET).
NCVET का स्वरूप
इस परिषद् में एक अध्यक्ष तथा अन्य कार्यकारी तथा गैर सदस्य होंगे.
NCVET के कार्य
NCVET व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण में संग्लन निकायों के कार्यों का नियमन करेगी तथा इनके कार्यकलाप के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करेगी. NCVET के मुख्य कार्य हैं –
- व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं शिक्षा से जुड़ी हुई संस्थाओं को मान्यता देना और नियमित करना.
- व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रमाणपत्र निर्गत करने वाले निकायों तथा प्रक्षेत्रीय कौशल परिषदों के लिए योग्यता निर्धारित करना.
- व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों का अप्रत्यक्ष रूप से नियमन करना.
- शोध एवं जानकारी का प्रचार-प्रसार करना.
- शिकायतों के निवारण की व्यवस्था करना.
राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (NSDA) का स्वरूप
यह कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय होगा. यह भारत सरकार एवं निजी प्रक्षेत्र के द्वारा कौशल विकास के क्षेत्र में किये गए प्रयासों का समन्वय करता है जिससे 12वीं योजना में वर्णित कौशल विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके.
NSDA का एक मुख्य काम राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (National Skills Qualifications Framework – NSQF) को तैयार करना तथा नए व्यावसायिक प्रमाणीकरण निकायों की स्थापना में सहायता करना भी है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : International Court of Arbitration
संदर्भ
हाल ही में नीति आयोग और अंतर्राष्ट्रीय पंचाट न्यायालय ने मिलकर नई दिल्ली में एक कार्यशाला आयोजित की थी जिसमें अंतर्राष्ट्रीय पंचाट से सम्बंधित सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार किया गया था. यह कार्यशाला सरकार द्वारा किये जा रहे उन उपायों का एक अंग है जिनका उद्देश्य भारत में विवादों के निपटारे को संस्थागत बनाते हुए उन्हें पटरी पर लाना है जिससे भारत व्यवसाय करने के मामले में एक प्रमुख स्थान (hub) बन जाए.
पंचाट क्या है?
- पंचाट दो पक्षकारों के बीच विवाद के निबटारे की वह व्यवस्था है जिसमें एक तीसरा पक्षकार विवाद का बिना न्यायालय का सहारा लिए निष्पादन करता है.
- सम्बंधित पक्षकार सहमति से पंचाट नियुक्त कर सकते हैं. इसके लिए विशेषज्ञ का चुनाव किया जा सकता है. यह सब कुछ गोपनीय होता है और इसमें निबटारे की गति और मूल्य न्यायालय की तुलना में तेज और सस्ता होता है. पंचाट द्वारा किया गया कोई भी फैसला बाध्यकारी होता है और न्यायालय के द्वारा लागू करवाया जा सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय पंचाट न्यायालय
अंतर्राष्ट्रीय पंचाट न्यायालय अंतर्राष्ट्रीय चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स (International Chamber of Commerce – ICC) की एक शाखा है. अंतर्राष्ट्रीय पंचाट की सेवा प्रदान करने वाला यह विश्व का अग्रणी संस्थान है. यह न्यायालय विश्व-भर में उत्पन्न होने वाले आधे से अधिक व्यावसायिक विवादों के निष्पादन की सुविधा प्रदान करता है. इसका मुख्यालय पेरिस में है.
अंतर्राष्ट्रीय चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स
अंतर्राष्ट्रीय चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स (ICC) एक अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय से समबन्धित संगठन है जिसमें 130 से अधिक देशों की लाखों कंपनियाँ सदस्य होती हैं. इसके सदस्य निजी व्यवसाय के लगभग सभी प्रक्षेत्र का प्रतिनिधत्व करते हैं.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Inland Waterways Authority of India (IWAI)
संदर्भ
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) असम सरकार से मिलकर एक नई Roll on-Roll off (Ro-Ro) सुविधा माजुली द्वीप को राज्य के अन्य भागों से जोड़ने के लिए आरम्भ कर रही है.
लाभ
इस रो-रो सुविधा से यह लाभ होगा कि नदी मार्ग से नियामाटी (Neamati) से माजुली द्वीप की दूरी 12.7 किमी. हो जायेगी. पहले नियामटी से तेजपुर सेतु के जरिये ट्रक द्वारा माजुली द्वीप जाने में 423 किमी. की दूरी तय करनी पड़ती थी.
माजुली द्वीप क्या है?
- माजुली एक नदी द्वीप है जो दक्षिण से ब्रह्मपुत्र नदी और उत्तर से खेरखुटिया छुटी (Kherkutia Xuti) नामक ब्रह्मपुत्र की एक उपनदी के संगम स्थल पर स्थित है.
- यह भारत का पहला द्वीपीय जिला है.
- यह प्रसिद्ध संत शंकरदेव की जन्मभूमि तथा नववैष्णववाद का सबसे प्रधान केंद्र है.
- माजुली को विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप कहा जाता है.
IWAI
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) एक वैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में जलमार्ग का काम देखता है.
- इसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नोयडा शहर में स्थित है.
- यह जलमार्गों में आवश्यक निर्माण कार्य करता है तथा साथ ही नई परियोजनाएँ आर्थिक रूप से हाँथ में लेने लायक हैं या नहीं इसकी जाँच करता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : National Environment Survey (NES)
संदर्भ
जनवरी 2019 में भारत का सबसे पहला राष्ट्रीय पर्यावरण सर्वेक्षण (National Environment Survey – NES) का अनावरण किया जाएगा. इस सर्वेक्षण में 24 राज्यों और तीन केंद्रशाषित क्षेत्रों के 55 जिलों से सम्बन्धित पर्यावरणिक डाटा का संरक्षण किया जायेगा.
NES क्या है?
NES सभी जिलों की रैंकिंग उनके द्वारा पर्यावरण के विषय में किये गये कामों के आधार पर करेगा. साथ ही यह विभिन्न पर्यावरणिक मानदंडों के आधार पर इन जिलों में प्रचलित सर्वोत्तम हरित प्रथाओं का आलेख भी तैयार करेगा.
यह सर्वेक्षण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा कराया जाएगा. इसमें पर्यावरण सूचना प्रणाली (Environmental Information System – ENVIS) तथा देश-भर में फैले इसके केन्द्रों और संसाधन भागीदारों के माध्यम से कराया जाएगा. सर्वेक्षण में ग्रिड पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसमें एक ग्रिड की माप 9×9 किलोमीटर होगी. प्रत्येक ग्रिड के लिए विभिन्न पर्यावरणिक मानदंडों के विषय में व्यापक डाटा जमा किया जाएगा.
ये पर्यावरणिक मापदंड होंगे – वायु, जल, मृदा की गुणवत्ता; ठोस, खतरनाक और ई-कचरा; उत्सर्जन सूची; वन एवं वन्यजीवन; वनस्पति एवं पशु-पक्षी; दलदल, भूमि, झील, नदी तथा अन्य जलाशय. सर्वेक्षण में सभी जिलों की कार्बन छोड़ने की क्षमता का भी आकलन किया जाएगा.
Prelims Vishesh
Wing Loong II :-
- Wing Loong II एक उत्तम मानव-रहित हवाई प्रणाली (drone) है जिसके माध्यम से टोह लेने के साथ-साथ आक्रमण भी किया जा सकता है.
- इसमें हवा से सतह प्रयोग करने योग्य हथियार लगाए जा सकते हैं.
- Wing Loong II समाचार में हाल ही में इसलिए आया कि चीन ने ऐसे 48 Wing Loong II ड्रोन पाकिस्तान को बेचने पर सहमति दी है.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA