Sansar Daily Current Affairs, 12 April 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Salient features of the Representation of People’s Act.
Topic : Election Committee
संदर्भ
राष्ट्रपति ने श्री सुशील चन्द्र को भारतीय निर्वाचन आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नियुक्त किया है. वरिष्ठता के आधार पर वर्तमान में श्री सुशील चन्द्र भारतीय निर्वाचन आयोग में सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त थे. इससे पहले सुशील चंद्र, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील अरोड़ा के 12 अप्रैल 2021 को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद से मुक्त होने के बाद, 13 अप्रैल 2021 को श्री सुशील चन्द्र मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया.
निर्वाचन आयोग
भारत एक प्रजातन्त्रात्मक देश है. यहाँ प्रत्यक्ष मतदान द्वारा व्यवस्थापिका का संगठन किया जाता है. आम चुनाव के निष्पक्षतापूर्वक सम्पादन हेतु एक निर्वाचन आयोग की स्थापना संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार की गई है. निर्वाचन आयोग पर कार्यपालिका अथवा न्यायपालिका किसी का भी नियंत्रण नहीं होता है और यह आयोग निष्पक्षतापूर्वक अपने कार्य को संपन्न करता है. निर्वाचन आयोग/चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) या मुख्य निर्वाचन आयुक्त होता है और अन्य दो चुनाव आयुक्त होते हैं. Chief Election Commissioner of India प्रायः Indian Civil Services के मेम्बर या IAS होते हैं.
नियुक्ति
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(2) के अधीन इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. इसकी सहायता पहुँचाने के लिए राष्ट्रपति अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी करता है. मुख्य चुनाव आयुक्त को छोड़कर भारत में चुनाव आयुक्तों की संख्या कितनी हो यह निर्धारित करना राष्ट्रपति का ही कार्य है. मुख्य चुनाव आयुक्त को पदच्युत करने के लिए उस प्रणाली को अपनाना होता है जिस प्रणाली को उच्चतम न्यायलाय के न्यायाधीश को पदच्युत करने के लिए अपनाना होता है. निर्वाचन आयोग के अन्य सदस्यों को राष्ट्रपति तभी पदच्युत करता है जब मुख्य चुनाव आयुक्त उससे इस प्रकार की सिफारिश करता है.
- मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष तक होता है या 65 वर्ष की आयु तक होता है (इनमें से जो भी पहले हो).
- मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों का वेतन और पेंशन सुप्रीम कोर्ट के जज की सैलरी इतनी ही होती है.
- चुनाव आयुक्त अपना कार्य स्वयं के निर्णय और विवेक से करती है. यदि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों के बीच यदि किस बात पर मतभेद हो तो ऐसे मामले बहुमत की राय के अनुसार तय किये जाते हैं.
भारत के संविधान ने यह सुनिश्चित किया है कि आयोग एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के सामान संसद द्वारा महाभियोग (impeachment) के जरिए ही हटाया जा सकता है. दूसरे शब्दों में जब तक दो-तिहाई लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ अवास्तविक आचरण या अनुचित कार्रवाइयों के लिए वोट न कर दें, मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाया नहीं जा सकता.
निर्वाचन आयोग के कार्य
भारत निर्वाचन आयोग/चुनाव आयोग भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद, विधान सभाओ, विधान परिषदों, निगमों, नगरपालिकाओं, जिला परिषदों, ग्राम पंचायतों आदि के निर्वाचनों का सञ्चालन करता है.
निर्वाचन आयोग/चुनाव आयोग मुख्य रुप से निन्मलिखित कार्य संपन्न करता है: –
- भारत के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का चुनाव करना
- लोकसभा और विधान मंडलों के मतदाताओं की सूची तैयार करवाना और उनका निरीक्षण करना
- लोकसभा, राज्यसभाओं और विधानमंडलों के निर्वाचन की व्यवस्था, नियंत्रण और निरितिक्षण करना
- चुनाव के सम्बन्ध में जो वाद-विवाद अथवा संदेह उत्पन्न हों तो उनके निर्णय के लिए चुनाव न्यायालयों (Election Tribunals) की नियुक्ति करना
- चुनाव आयुक्त को अपने कार्यों को सुचारू रूप से सम्पादन करने के लिए बहुत से अन्य कर्मचारियों की आवश्यकता होती है. आयोग के आवेदन पर इन कर्मचारियों की नियुक्ति की व्यवस्था राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल द्वारा की जाती है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to Health.
Topic : Sputnik V
संदर्भ
केंद्र सरकार ने, रूस में निर्मित कोविड 19 वैक्सीन, “स्पुतनिक 5” (विश्व के पहले उपग्रह का एक संदर्भ) को नागरिक उपयोग के लिए स्वीकृति दे दी है. यह भारत में स्वीकृति प्राप्त करने वाली तीसरी वैक्सीन बन गई है. इससे पूर्व को-वैक्सीन और कोविशील्ड पहले से ही टीकाकरण कार्यक्रम में प्रयुक्त की जा रही है.
वैक्सीन की क्रियाविधि
यह वैक्सीन, एक SARS CoV 2 प्रकार के एडेनोवायरस के DNA पर आधारित है, जो एक सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए उत्तरदायी वायरस है. वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करने हेतु कमजोर वायरस का उपयोग करता है. यह वायरस कमजोर होता है, अत: मानव शरीर में अपनी प्रतिकृति बनाकर खतरा उत्पन्न नहीं कर सकता.
- इसके 2 डोज 21 दिन के अंतराल में लगाए जात हैं.
- ‘स्पुतनिक 5’ को इसकी तरल अवस्था में -18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जाता है.
- गत वर्ष रूस में हुए तीसरे ट्रायल के परिणामों के आधार पर इस वैक्सीन को 91% तक प्रभावी माना गया है.
- अब तक 55 देशों में इसके उपयोग की स्वीकृति दी जा चुकी है, तथा इसकी कीमत 10 डॉलर प्रति डोज से कम रखी गई है.
- भारत में डॉ. रेड्डी प्रयोगशाला को इसके निर्माण की अनुमति मिल गई है.
ज्ञातव्य है कि, जून माह में रूस की Gamalei नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडमियोलॉजी द्वारा निर्मित स्पुतनिक V दवा ह्यूमन ट्रायल पूरे करने वाली विश्व की पहली कोविड–19 दवा बनी थी. ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल का मुख्य उद्देश्य वैक्सीन का टीका लगाने के बाद मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा क लिए परिणामों का अध्ययन करना था और इसमें उन्हें सफलता मिली थी. रूस में अक्टूबर 2020 में एक वैक्सीन का सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया था.
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI)
- यह भारत सरकार के केंद्रीय डग्स स्टैंडर्ड कंटोल ऑर्गनाइजशन (CDSCO) का एक विभाग है.
- यह भारत में रक्त और रक्त उत्पादों, तरल पदार्थ, टीके और सेरा जैसी दवाओं की निर्दिष्ट श्रणियाँ के लाइसेंस के अनुमोदन के लिए जिम्मेदार है.
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
- इसके कार्यों में देश में बेची जाने वाली दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, नई दवाओं की स्वीकृति और नैदानिक परीक्षणों को विनियमित करना शामिल है.
DTAB क्या है? GS Paper 2 Source : The Hindu UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations. संदर्भ सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जम्मू में बंद अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को कानून का पालन किए बगैर वापस म्यांमार नहीं भेजा जाएगा. केंद्र सरकार ने, न्यायालय को आश्वासन देते हुए कहा है कि रोहिंग्या प्रवासियों को देश से निर्वासित करने में कानून का निष्ठापूर्वक पालन किया जाएगा. कुछ समय पहले, न्यायालय में रोहिंग्या शरणार्थियों से संबंधित एक याचिका दायर की गई थी जिसमें हिरासत में लिए गये रोहिंग्या शरणार्थियों को तत्काल रिहा करने तथा केंद्र-शासित प्रदेश सरकार और गृह मंत्रालय को अनौपचारिक शिविरों में रोहिंग्याओं के लिए शीघ्र ही ‘शरणार्थी पहचान पत्र’ निर्गत करने के लिए निर्देश देने की माँग की गयी. हालाँकि, संविधान में प्रतिष्ठापित ‘समता का अधिकार’ (अनुच्छेद 14) और ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (अनुच्छेद 21) का अधिकार भारत के नागरिकों तथा प्रवासियों, दोनों को प्राप्त है, तथा ‘निर्वासित नहीं किए जाने का अधिकार’ नागरिकता के आनुषंगिक है. भारत में, विशेष रूप से शरणार्थियों से संबंधित कोई कानून पारित नहीं किया गया है. GS Paper 3 Source : Indian Express UPSC Syllabus : Infrastructure – energy संदर्भ मंत्रिमंडल ने सोलर फोटोवॉल्टिक (Photovoltaic: PV) मॉड्यूल और श्वेत वस्तुओं (व्हाइट गुड्स) के लिए उत्पादन से संबंद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना को स्वीकृति प्रदान की है. ऐसा माना जा रहा है कि पीएलआई योजना से लगभग 30 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 1.2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा. लाभ आमतौर पर बड़े घरेलू उपकरणों जैसे रेफ्रिजरेटर, डिश वॉशर, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर को व्हाइट गुड्स के रूप में जाना जाता है. परंपरागत रूप से घरेलू सामान सफेद रंग में उपलब्ध थे और इसलिए यह नाम दिया गया है. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कंप्यूटर, टेलीविज़न, गेम कंसोल, रेडियो को ब्राउन गुड्स के रूप में जाना जाता है. Digital Yuan :- IMFC :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi February, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Supreme Court refuses to stop deportation of Rohingyas
पृष्ठभूमि
न्यायालय की टिप्पणी
भारत में शरणार्थियों पर लागू होने वाले कानून और नियम
Topic : Cabinet clears PLI schemes for white goods, solar modules
सोलर फोटोवॉल्टिक (Photovoltaic: PV) मॉड्यूल योजना
श्वेत वस्तुओं (व्हाइट गुड्स) के लिए उत्पादन से संबंद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना
व्हाइट गुड्स क्या हैं?
ब्राउन गुड्स क्या हैं?
Prelims Vishesh