Sansar Daily Current Affairs, 12 June 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Insolvency Code
- हाल ही में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दिवालिया एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2018 (Insolvency and Bankruptcy code (Amendment) Ordinance 2018) पर हस्ताक्षर कर दिए.
- इस संशोधन अधिनियम के द्वारा मूल अधिनियम में कुछ परिवर्तन किये गए हैं, जिनमें मुख्य हैं –
- घर खरीदने वाले अब बैंक की ही तरह ऋणदाता माना जायेंगे. इसका अर्थ यह हुआ कि बैंक की तरह घर खरीदने वाले भी बिल्डर के विरुद्ध अपना-अपना ऋण शोधन मुकदमा दायर कर सकेंगे. दिवालिया कम्पनी की व्यवस्था को ठीक करने या उसकी संपत्ति को बेचने के लिए बनी हुई ऋणदाता समिति (Committee of Creditors/CoC) में घर खरीदने वाले भी मंत्रणा के लिए बैठ सकते हैं.
- समाधान की प्रक्रिया के तहत यदि कम्पनी की नीलामी होती है तो उसमें उस कम्पनी से सम्बंधित व्यक्ति को बोली (bid) लगाने नहीं दिया जायेगा.
- इस संशोधन के द्वारा दो मामलों में CoC पूर्व के 75% के स्थान पर 66% के बहुमत से निर्णय ले सकती है – i) ऋणशोधन की प्रक्रिया को 6 महीने से बढाकर 9 महीने करना और ii) ऋणशोधन की प्रक्रिया के कार्यान्व्यन के लिए पेशेवर विशेषज्ञ की नियुक्ति. यदि किसी विशेष मामले में न्यायालय का आदेश न हो तो शेष सभी अन्य मामलों में CoC 51% के बहुमत से निर्णय ले सकेगी जिसके लिए पहले 75% बहुमत आवश्यक होता था. यदि कम्पनी ऋणशोधन प्रक्रिया से अलग होना चाहती है तो CoC 90% की बहुमत से इस पर फैसला ले सकती है.
- यदि CoC के किसी ऋणदाता का हित ऋण लेने वाली कम्पनी से जुड़ा हुआ हो तो उसे मत का अधिकार नहीं होगा.
- CoC ऋणशोधन प्रक्रिया शुरू करते ही एक अंतरिम अर्थात् तात्कालिक ऋणशोधन विशेषज्ञ को नियुक्त कर सकती है जब तक कि पेशेवर विशेषज्ञ की विधिवत् नियुक्ति न हो जाए.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : ‘EPIC’ planet
- इसरो के वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ग्रह का पता लगाया है जो पृथ्वी से छह गुना बड़ा है.
- यह ग्रह सूर्य के जैसे दिखने वाले एक तारे की परिक्रमा लगा रहा है जो पृथ्वी से 600 प्रकाश वर्ष दूर है.
- इस ग्रह का नाम EPIC 211945201b (K2-236b) रखा गया है.
- और जिस तारे की वह परिक्रमा लगा रहा है उसे EPIC 211945201 या K2-236 नाम दिया गया है.
- इस नए ग्रह का आकार शनि से छोटा है पर अरुण (Neptune) से बड़ा है.
- K2-236b ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से 27 गुणा अधिक है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस ग्रह द्रव्यमान का 60% भारी तत्त्वों से निर्मित है.
- इस खोज के साथ भारत उन मुट्ठीभर देशों के समकक्ष हो गया है जिन्होंने सौर मंडल के बाहर किसी ग्रह की खोज की हो जो किसी तारे की परिक्रमा लगा रहा हो.
- इस खोज में ISRO ने PARAS नाम के spectograph की सहायता ली है जो दूरस्थ अन्तरिक्षीय पिंडों के द्रव्यमान का पता लगाता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Credit Enhancement Fund
- सरकार आधारभूत संरचना में बीमा और पेंशन कोषों एवं अन्य स्रोतों से निवेश को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए के Credit Enhancement Fund का सूत्रपात करने जा रही है.
- गत वर्ष के बजट में (2016-17) इस फण्ड का पहली बार प्रावधान किया गया था.
- साख वृद्धि फण्ड से आधारभूत संरचना कम्पनियों द्वारा निर्गत बोंडों के उत्क्रमण (upgradation) का भी काम किया जायेगा.
- यह फण्ड इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (IIFCL) के माध्यम से खर्च होगा, जो एक गैर-बैंकिंग संस्था के रूप में कार्य करेगा.
- इस फण्ड की प्रारंभिक राशि 500 करोड़ रु. होगी और IIFCL गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में काम करेगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Business Correspondents
- सरकार ने यह निर्णय लिया है कि देश-भर में फैले 2.90 लाख सामान्य सेवा केन्द्रों (Common Service Centres/ CSC) को बैंक कॉरिसपोंडेंट बनाया जायेगा.
- सामान्य सेवा केंद्र वे केंद्र हैं जहाँ एक ही जगह पर सरकार की ई-सेवाओं से सम्बंधित सुविधा जनता को दूरस्थ क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाती है.
- बैंक अपने विभिन्न कार्यों के निष्पादन के लिए एजेंटों (bank correspondents) की बहाली करती है जो क्षेत्र में जाकर सम्बंधित लोगों से सम्पर्क करते हुए बैंक की योजनाओं को चलाने में सहायता करते हैं.
- इनके द्वारा संपादित कार्य निम्नलिखित हैं –
- ऋण लेने वालों की पहचान करना.
- ऋण आवेदन लेना तथा प्रारम्भिक सत्यापन करना.
- बचत योजनाओं का प्रचार करना.
- पैसा जमा करने और ऋण लेने से सम्बंधित जानकारी देना.
- दिए गए आवेदनों को बैंक में जमा करना.
- स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सहारा देना और देख-रेख करना.
- ऋण की वसूली करना.
5. सरकार के नए निर्णय के आलोक में ये सारे कार्य अब सामान्य सुविधा केंद्र ही कर सकेंगे.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : KATRIN experiment
- जर्मनी में शोधकर्ताओं ने ब्रह्मांड के सबसे हल्के कण– न्यूट्रिनो के द्रव्यमान को निर्धारित करने के लिए डेटा एकत्र करना शुरू कर दिया है.
- इस अभियान को “KATRIN experiment” नाम दिया गया है.
- न्यूट्रिनो को देखना सरलता से सम्भव नहीं होता इसलिए इसे “Ghost Particles” भी कहते हैं.
- न्यूट्रिनो (neutrino) प्रकृति में सबसे अधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला कण है.
- विदित हो कि कण विज्ञान की दुनिया में न्यूट्रिनो (neutrino) का द्रव्यमान सदैव चर्चा का विषय रहा है.
- न्यूट्रिनो (neutrinos) का द्रव्यमान पता लगने से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में बहुत जानकारी मिल सकती है.
- न्यूट्रिनो (neutrinos) एकमात्र ऐसा धातु-तत्त्व है जिसमें विद्युत-आवेश नहीं होता है.
- इन कणों से भौतिक शास्त्र को छोटे से छोटे पैमाने (प्राथमिक-कण भौतिकी) से लेकर बड़े से बड़े पैमाने (ब्रह्मांड) तक समझने में सहायता मिलेगी.
- KATRIN प्रयोग में देश-विदेश के 150 वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीसियन और छात्र लगे हुए हैं.
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