Sansar डेली करंट अफेयर्स, 12 June 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 12 June 2021


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : One Nation One Ration Card Scheme

संदर्भ

हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ (One Nation One Ration Card) योजना तत्काल लागू करने को कहा है. इससे योजना के लाभार्थी, विशेषकर प्रवासी श्रमिकों को, देश-भर में कहीं से भी रियायती खाद्य वस्तुओं को पाने का लाभ उठा सकेंगे. पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त, असम, छत्तीसगढ़ और दिल्ली राज्यों में अभी यह योजना शुरू नहीं की गयी है.

पृष्ठभूमि

सर्वोच्च न्यायालय में “प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और दु:खों” से संबंधित एक स्वत: संज्ञान (suo motu) मामले पर सुनवाई की जा रही है.

एक राष्ट्र –  एक राशन कार्ड योजना क्या है?

यह एक राष्ट्रीय योजना है जो यह सुनिश्चित करती है कि कि जन-वितरण प्रणाली से लाभ लेने वाले सभी व्यक्ति, विशेषकर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले, देश के अन्दर किसी भी अपनी पसंद की PDS दुकान से अनाज आदि प्राप्त कर सकें.

अब तक यह सुविधा आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे 17 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में उपलब्ध कराई गई है.

लाभ

इस योजना का लाभ यह होगा कि खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत सब्सिडी युक्त अनाज पाने से कोई निर्धन व्यक्ति इसलिए वंचित न हो जाए कि वह एक स्थान से दूसरे स्थान चला गया है. इस योजना से एक अतिरिक्त लाभ यह होगा कि कोई व्यक्ति अलग-अलग राज्यों में जन-वितरण प्रणाली का लाभ लेने के लिए एक से अधिक राशन कार्ड नहीं बनवा पायेगा.

माहात्म्य

इस योजना से के फ़लस्वरूप लाभार्थी किसी एक PDS दुकान से बंधा नहीं रह जाएगा और ऐसी दुकान चलाने वालों पर उसकी निर्भरता घट जायेगी और साथ ही भ्रष्टाचार के मामलों में भी कटौती होगी.

चुनौतियाँ

  • प्रत्येक राज्य के पास जन-वितरण प्रणाली के विषय में अपने नियम होते हैं. यदि एक राष्ट्र – एक राशन कार्ड योजना लागू की गई तो संभावना है कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिले. वैसे भी सभी जानते हैं कि इस प्रणाली में भ्रष्टाचार होता रहता है.
  • इस योजना से जन-सामान्य का कष्ट बढ़ जाएगा और बिचौलिए तथा भ्रष्ट PDS दुकान के मालिक उसका शोषण करेंगे.
  • इन्हीं कारणों से तमिलनाडु ने इस योजना का विरोध किया है और कहा है कि इसको लागू करने से अवांछित परिणाम होंगे. साथ ही उसका कहना है कि यह योजना संघवाद पर कुठाराघात करती है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) : यह अधिनियम भारत सरकार ने 10 सितम्बर, 2013 को अधिसूचित किया था.इसका उद्देश्य लोगों को उचित मात्रा में गुणवत्तायुक्त भोजन, सस्ते दामों में उपलब्ध कराते हुए उनकी खाद्य एवं पोषण से सम्बंधित सुरक्षा प्रदान करना है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

इस योजना से कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पलायन करने वाले कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को रियायती दाम पर खाद्यान्न मिल सकेगा.

योजना को लागू करने के लिए सभी पीडीएस दुकानों पर PoS (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए.

योजना कागज पर तो अच्छी है, लेकिन इसे लागू करने में कई व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए बड़े पैमाने पर राशन कार्डों को डिजिटल स्वरूप देना होगा. कई राज्य इस मामले में काफी पिछड़े हैं. इसके अतिरिक्त पीडीएस से जुड़े दुकानदार भी इस मामले में अड़ंगा लगा सकते हैं. सरकार को इस योजना को लागू करने के लिए एक ठोस निगरानी तंत्र की स्थापना करनी होगी. अगर राशन दुकान मालिकों के भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग सका तो इस योजना का मकसद पूरा नहीं होगा. पीडीएस में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं. राशन कार्ड के पोर्टेबल होने के बावजूद दुकानदारों की मनमानी पर अंकुश लगाने की राह में राजनीति समेत कई बाधाएँ हैं. सरकार के एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना लागू करने से पहले इन पहलुओं को भी ध्यान में रखना होगा.


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : Pak. passes Bill to let Jadhav appeal

संदर्भ

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली द्वारा मौत की सजा पाए कैदी कुलभूषण जाधव को अपील करने का अधिकार प्रदान करने के लिए “अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2020” (ICJ (Review and Re-consideration) Bill, 2020) पारित किया गया है.

इस विधेयक का उद्देश्य, जाधव को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice- ICJ) के निर्णय के अनुरूप ‘कांसुलर एक्सेस’ अर्थात् वकील करने की अनुमति प्रदान करना है.

संबंधित प्रकरण

  1. अप्रैल 2017 में एक 51 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को एक पाकिस्तानी सैन्य न्यायालय ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी.
  2. भारत ने जाधव को वकील उपलब्ध कराने पर रोक लगाने तथा ‘मौत की सजा’ को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के विरुद्ध ‘अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय’ (ICJ) में अपील की.
  3. हेग स्थित ‘अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय’ ने जुलाई 2019 में इस मामले पर निर्णय सुनाते हुए कहा कि, पाकिस्तान, जाधव की दोष-सिद्धि तथा सुनाई गयी सजा की ‘प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार’ करे तथा बिना देरी किए भारत के लिए जाधव को वकील की सेवा उपलब्ध कराने की अनुमति प्रदान करे.

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय’ की महत्त्वपूर्ण टिप्पणियाँ

  1. पाकिस्तान सेना द्वारा जाधव को हिरासत में लेने के तुरंत पश्चात् उसकी गिरफ्तारी के विषय में भारत को सूचित नहीं करने पर, इस्लामाबाद ने वियना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस’ (Vienna Convention on Consular Relations) के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है.
  2. भारत को जाधव से संपर्क करने और हिरासत के दौरान उससे मिलने तथा उसके लिए कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के अधिकार से वंचित किया गया है.

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ)

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) का मुख्यालय हॉलैंड शहर के  हेग में स्थित है. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में वैधानिक विवादों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना की गई है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय परामर्श माना जाता है एवं इसके द्वारा दिए गये निर्णय को बाध्यकारी रूप से लागू करने की शक्ति सुरक्षा परिषद् के पास है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा देशों के बीच उप्तन्न विवादों को सुलझाया जाता है, जैसे – सीमा विवाद, जल विवाद आदि. इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न एजेंसियाँ अंतर्राष्ट्रीय विवाद के मुद्दों पर इससे परामर्श ले सकती हैं.

न्यायालय की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है. किसी एक राज्य के एक से अधिक नागरिक एक साथ न्यायाधीश नहीं हो सकते. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं जिनका कार्यकाल वर्षों का होता है. ये 15 न्यायाधीश निम्नलिखित क्षेत्रों से चुने जाते हैं –

  • अफ्रीका से तीन.
  • लैटिन अमेरिका और कैरीबियाई देशों से दो.
  • एशिया से तीन.
  • पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों में से पाँच.
  • पूर्वी यूरोप से दो.

GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation. Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.

Topic : Vehicle Scrappage Policy

संदर्भ

वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘वाहन स्क्रैपिंग नीति’ (Vehicle Scrappage Policy) के कार्यान्वयन में तीव्रता लाने को कहा है.

वाहन स्क्रैपिंग नीति के प्रमुख प्रावधान

  • वाणिज्यिक वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र न मिल पाने की स्थिति में 15 वर्ष के पश्चात् और निजी वाहनों को 20 वर्षों के बाद अपंजीकृत कर दिए जाने का प्रावधान है.
  • वाहनों के लिए उनके प्रारम्भिक पंजीकरण की तिथि से 15 वर्ष की अवधि सम्पूर्ण हो जाने के बाद फिर से पंजीकरण कराने के लिए बढ़ा हुआ शुल्क देना होगा.
  • इस योजना के अंतर्गत वाहन नष्ट करने के पंजीकृत केन्द्रों के माध्यम से पुराने और अनुपयुक्त वाहनों के स्वामियों को रोड टैक्स में छूट, नए वाहनों के खरीद पर छूट जैसे कई आकर्षक प्रोत्साहन दिए जाएँगे.
  • वाहन नष्ट करने का केंद्र पुराने वाहन के कबाड़ का मूल्य निर्धारित करेगा जो किसी नए वाहन की शोरूम से बाहर निकलते समय देय मूल्य का करीब 4-6% होगा.
  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देशभर में वाहनों को नष्ट करने के लिए पंजीकृत सुविधाएँ (Registered Vehicle Scrapping Facility – RVSF) स्थापित करने को को बढ़ावा देगा और इसके लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप को प्रोत्साहित किया जाएगा.

अक्टूबर 2021 तक फिटनेस केन्द्रों और स्क्रैपिंग केन्द्रों के लिए नियम जारी कर दिए जायेंगे. सरकारी एवं लोक उपक्रमों के 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप (नष्ट) करने की शुरुआत अप्रैल 2022 से हो जाएगी. भारी वाणिज्यिक वाहनों की फिटनेस की अनिवार्य जाँच 01 अप्रैल 2023 से होगी जबकि अन्य श्रेणियों में अनिवार्य जाँच जून 2024 से होगी.

 नई नीति से जुडी समस्याएँ

  1. ट्रकों के लिए सीमित प्रोत्साहन और कम कीमत देने वाली अर्थनीति.
  2. चिह्नित करने योग्य अन्य श्रेणियों के वाहनों की कम संख्या.
  3. 15 साल पुरानी एक शुरुआती श्रेणी की छोटी कार को स्क्रैप करने से लगभग 70,000 रुपए प्राप्त होंगे, जबकि इसे बेचने पर लगभग 95,000 रुपए मिल सकते हैं. इस कारण स्क्रैपिंग अनाकर्षक बन जाती है.

समय की माँग

इन सब कारणों को देखते हुए, स्क्रैपिंग नीति को पूरी तरह से लागू करने के लिए, हमें ‘जिन वाहनों का जीवन समाप्त हो चुका है, अर्थात् ‘एंड ऑफ़ लाइफ व्हीकल्स’ (ELV) को सड़क से हटाने के संदर्भ में एक व्यापक योजना तैयार करनी चाहिए. माल-भाडा ट्रांसपोर्टर्स को एक पर्याप्त एवं उत्साही वित्तीय सहायता दिए जाने की आवश्यकता है. हालाँकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जब तक पुराने वाहनों के बेड़े सड़क से नहीं हटाए जाएँगे, तब तक  बीएस-VI (BS-VI) वाहन लागू करने का लाभ पूरी तरह से नहीं मिल पाएगा.


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability, e-governance applications, models, successes, limitations, and potential; citizens charters, transparency & accountability and institutional and other measures.

Topic : Citizens’ Charter

संदर्भ

पंचायती राज मंत्रालय ने पंचायतों के लिए एक आदर्श नागरिक घोषणा-पत्र निर्गत किया है.

नागरिक घोषणा-पत्र

  • नागरिक घोषणा-पत्र (Citizens’ Charter) एक दस्तावेज है.
  • यह सेवा वितरण के मानक, गुणवत्ता और समय सीमा, शिकायत निवारण तंत्र, पारदर्शिता तथा जवाबदेही के प्रति पंचायत की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है.
  • पंचायती राज मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान के सहयोग से यह घोषणा-पत्र तैयार किया है.
  • यह स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के साथ कार्यों को संरेखित करते हुए, 29 क्षेत्रों में सेवाओं के वितरण के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है.
  • यह अपेक्षा की जाती है कि पंचायतें इस रूपरेखा का उपयोग नागरिक घोषणा-पत्र तैयार करने के लिए करेंगी तथा 15 अगस्त, 2021 तक इसे ग्राम सभा के एक संकल्प के माध्यम से अंगीकृत करेंगी.

महत्त्व

  • पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के तीसरे स्तर का गठन करती हैं. साथ ही, 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय जनसंख्या के लिए सरकार के साथ अंतःक्रिया के प्रथम स्तर (first level of Government) का प्रतिनिधित्व करती हैं.
  • पंचायतें भारत के संविधान के अनुच्छेद 243G के अंतर्गत विशेष रूप से स्वास्थ्य और स्वच्छता, शिक्षा, पोषण व पेयजल जैसे विषयों में बुनियादी सेवाओं के वितरण के लिए उत्तरदायी हैं.
  • इसलिए, यह घोषणा-पत्र समावेशी और जवाबदेह स्थानीय स्वशासन को सुदृढ़ करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

Prelims Vishesh

Food Saftey and Standards Authority of India (FSSAI) :-

  • नए पैकंजिंग नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए, FSSAI ने पैकेज खाद्य कंपनियों को नवंबर तक प्रत्येक उत्पाद में मौजूद सोडियम, चीनी और वसा की मात्रा प्रदर्शित करने का आदेश दिया है.
  • FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 5 के अंतर्गत स्थापित एक विनियामक संस्था है.
  • वर्ष 2019 में, FSSAI द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियमावली, 2011 {Food Safety and Standards (Packaging and Labelling) Regulations, 2011} को प्रतिस्थापित करने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियमावली, 2018 की घोषणा की गई थी.

New Mission to Venus :-

  • नासा ने अपने “डिस्कवरी प्रोग्राम” के एक भाग के रूप में पृथ्वी के निकटतम पड़ोसी शुक्र ग्रह के लिए दो मिशनों की घोषणा की है.
  • इनका उद्देश्य सौर मंडल का अन्वेषण करना और उसका अध्ययन करना है.
  • नए मिशनों के बारे में: DAVINCI+ (डीप एटमॉस्फियर वीनस इन्वेस्टिगेशन ऑफ नोबल गैस, कंमिस्ट्री एंड इमेजिंग) मिशन तथा VERITAS (वीनस एमीशविटी, रेडियो साइंस, InSAR, ट्रोपोग्राफी एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी).
  • वर्ष 1990 में प्रक्षेपित मैगलन ऑर्बिटर, इस ग्रह पर लैंडिंग करने वाला अंतिम अमेरिकी मिशन रहा है.

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