Sansar Daily Current Affairs, 12 November 2018
GS Paper 1 Source: PIB
Topic : UNESCO Asia-Pacific award for conservation
संदर्भ
सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए UNESCO एशिया-प्रशांत पुरस्कारों के लिए घोषणा हो गई है.
विभिन्न विजेता
- श्रेष्ठता पुरस्कार : यह पुरस्कार लद्दाख में स्थित आंशिक रूप से नष्ट LAMO केंद्र के पुनर्निर्माण के लिए दिया गया.
- सम्मानजनक उल्लेख पुरस्कार : यह पुरस्कार चीन की एक परियोजना के साथ-साथ मुंबई के राजाबाई घड़ी मीनार (Rajabai Clock Tower) और रतनजी मूलजी जेठा फव्वारे के पुनर्निर्माण के लिए दिया गया है.
- उत्कृष्टता पुरस्कार : यह पुरस्कार जापान में स्थित क्योटो के Shijo-cho Ofune-hoko Shijo-cho Ofune-hoko को दिया गया है.
- धरोहर रक्षा के लिए नया रूपांकन पुरस्कार : यह पुरस्कार थाईलैंड में स्थित Chiang Mai के Kaomai Estate 1955 को तथा ऑस्ट्रेलिया में स्थित Adelaide बंदरगाह के Harts Mill को दिया गया है.
विशेष
जब से यह पुरस्कार आरम्भ हुए तब से मुंबई को इन पुरस्कारों से 19 बार सम्मानित किया जा चुका है जोकि किसी भी भारतीय शहर के लिए एक रिकॉर्ड है.
पुरस्कार के बारे में
- इस पुरस्कार का आरम्भ 2000 में हुआ था. यह पुरस्कार UNESCO द्वारा ASIA प्रशांत क्षेत्र में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए दिया जाता है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कुल 48 देश हैं जहाँ सांस्कृतिक संरक्षण के उत्कृष्ट कार्य की सराहना के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है. पुरस्कार के लिए उन संरक्षण कार्यों का चयन किया जाता है जिनमें ऐतिहासिक भवनों का संरक्षण इस प्रकार किया जाता है कि ये भवन न केवल सुदृढ़ हों अपितु उनका मूल स्वरूप यथावत बना रहे.
- इन पुरस्कारों को चार श्रेणियों में बाँटा गया है – श्रेष्ठता पुरस्कार, सम्मानजनक उल्लेख पुरस्कार, उत्कृष्टता पुरस्कार और धरोहर रक्षा के लिए नया रूपांकन पुरस्कार.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Competition Commission of India
संदर्भ
अशोक कुमार गुप्त को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति के अनुमोदन पर की गई है.
CCI क्या है?
- प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की स्थापना मार्च, 2009 में हुई थी.
- इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 (अधिनियम) की धारा 8 (1) के अनुसार आयोग में केवल एक अध्यक्ष होगा और सदस्यों की संख्या कम से कम दो होगी और अधिक से अधिक छह होगी.
कार्य
आयोग के निम्नलिखित कार्य हैं :-
- व्यापार से सम्बंधित प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव करने वाले कारकों को रोकना.
- बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और बनाए रखना.
- उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना.
- व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना.
- यह आयोग किसी वैधानिक प्राधिकरण के द्वारा भेजे गये प्रतिस्पर्धात्मक मामलों पर अपना परामर्श भी देता है.
- यह प्रतिस्पर्धा से जुड़े मामलों के विषय में जन-जागरूकता सृजित करता है और प्रशिक्षण प्रदान करता है.
प्रतिस्पर्धा अधिनियम
2002 का मूल प्रतिस्पर्धा अधिनियम और उसका 2007 में संशोधन अधिनियम प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौतों का प्रतिषेध करता है, प्रतिष्ठानों द्वारा अपनी प्रबल स्थिति के दुरूपयोग पर रोक लगाता है तथा भारत के अंदर प्रतिस्पर्धा पर विपरीत प्रभाव डालने वाली गतिविधियों, यथा – अधिग्रहण, नियंत्रण हाथ में लेना आदि को नियंत्रित करता है.
हाल ही में भारत सरकार ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम की समीक्षा के लिए एक प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति (Competition Law Review Committee) बनाई है जो यह देखेगी कि प्रतिस्पर्धा कानून आर्थिक मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप है अथवा नहीं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National body set up to study Monogenic diabetes
संदर्भ
देश में मोनोजेनिक मधुमेह की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय मोनोजेनिक मधुमेह अध्ययन समूह (National Monogenic Diabetes Study Group) का गठन किया गया है.
मोनोजेनिक मधुमेह क्या है?
मोनोजेनिक मधुमेह शारीरिक गड़बड़ियों के उस समूह को कहते हैं जिनमें एक अकेले जीन (gene) से मधुमेह हो जाता है. इस मधुमेह के ये तीन रूप सबसे अधिक पाए जाते हैं – युवा अवस्था में पदार्पण के समय होने वाला मधुमेह, नवजात में होने वाला मधुमेह और जन्म के साथ होने वाला अल्पशर्करा रोग (Hypoglycemia).
इस रोग के कारण
- मोनोजेनिक मधुमेह अधिकतर एक जीन के माध्यम से बच्चे में प्रवेश करता है. यह जीन बिना शारीरिक मेल के ही माता-पिता से बच्चे में प्रवेश कर जाता है. इसका अभिप्राय यह है कि इस प्रकार के मधुमेह को विकसित होने में अंतरण (mutation) की मात्र एक प्रति ही पर्याप्त होती है.
- यह रोग उस स्थिति में भी होता है जब परिवार में मधुमेह की एक प्रबल परम्परा रही हो और एक से अधिक पीढियाँ मधुमेह से ग्रस्त हों. यह भी हो सकता है कि बिना पारिवारिक परम्परा के भी ऐसा अंतरण हो जाए जिससे मोनोजेनिक मधुमेह की उत्पत्ति हो. इसलिए मोनोजेनिक मधुमेह के निदान के लिए इस मधुमेह-कारी जीन अंतरण का जेनेटिक परीक्षण आवश्यक होता है क्योंकि इनके कारण इंसुलीन के उत्पादन में विघ्न होता है.
- सामान्यतः यह देखा जाता है कि मोनोजेनिक मधुमेह से ग्रस्त लोग एंटीबॉडी नेगेटिव (antibody negative) भी होते हैं. कुछ मामलों में यह देखा जाता है कि ऐसे व्यक्ति के शरीर में antibody का स्तर निम्न होता है. परन्तु एक बार उपचार आरम्भ होने के पश्चात् इन antibodies का निर्माण सामान्य होने लगता है.
मोनोजेनिक मधुमेह के अन्य दुष्प्रभाव
मोनोजेनिक मधुमेह के साथ-साथ कुछ अन्य शारीरिक समस्याएँ भी उपजती हैं, जो हैं –
- शारीरिक वृद्धि में कमी.
- यकृत में glycogen के भंडारण को क्षति
- फैटी अम्ल प्रणाली को क्षति
- अग्न्याशय से अपर्याप्त प्रस्राव
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : INSPIRE 2018
संदर्भ
नई दिल्ली में द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय नवाचार एवं अनुसंधान प्रोत्साहन संगोष्ठी (International Symposium to Promote Innovation & Research in Energy Efficiency – INSPIRE) होने जा रही है. इस संगोष्ठी में जिन वस्तुओं की अभिवृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, वे हैं – ग्रिड प्रबंधन, ई-मोबिलिटी, वित्तीय संलेखों का सुदृढ़ीकरण तथा भारत में ऊर्जा बचत की तकनीक.
INSPIRE 2018
INSPIRE 2018 के आयोजन में इन संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है – ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency – BEE), ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (The Energy & Resources Institute – TERI), एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank – ADB), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Program – UNEP) एवं भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय (Administrative Staff College of India -ASCI).
इस संगोष्ठी में जो लोग प्रतिभागिता करेंगे, वे हैं – नीति निर्माता, प्रभाव व्यक्ति, नवाचारकर्ता, अग्रणी विचारक, अनुसंधानकर्ता, अगुआ ऊर्जा-सक्षम कंपनियाँ, सरकार एजेंसियाँ, प्रमुख व्यवसायी तथा अन्य ऐसे व्यक्ति जिनका हित ऊर्जा की बचत से जुड़ा हो. ये प्रतिभागीगण जिन विषयों पर चर्चा करेंगे, वे हैं – मुख्य ऊर्जा नीतियाँ, बाजार रूपांतरण रणनीतियाँ और ऐसे टिकाऊ व्यवसाय के तरीके जिनसे ऊर्जा की बचत की सम्पूर्ण संभावनाएँ सामने आ सकें तथा साथ ही बहुविध लाभ प्राप्त हो सकें.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Central Board of the RBI
संदर्भ
कहा जा रहा है कि भारत सरकार भारतीय रिजर्व बैंक को विशेष निर्देश देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुभाग 7 (Section 7 of the Reserve Bank of India Act) का प्रयोग करने जा रही है. ऐसा कयास भी लगाया जा रहा है कि RBI के गवर्नर उर्जित पटेल इस धारा के अंतर्गत एक विशिष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाने के कारण इस्तीफा दे सकते हैं.
Section 7 of the RBI Act क्या है?
RBI Act के अनुभाग 7 के अनुसार केंद्र सरकार को यह शक्ति है कि वह समय-समय पर RBI गवर्नर से परमर्श करके भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को ऐसे निर्देश दे सके जो उसकी दृष्टि में लोकहित में आवश्यक है. “The Central Government may from time to time give such directions to the Bank as it may, after consultation with the Governor of the Bank, consider necessary in the public interest,” Section 7(1) of the RBI Act reads.
RBI Act के Section 7 में एक उप-अनुभाग भी जो कहता है कि – “भारत सरकार चाहे तो बैंक के सामान्य पर्यवेक्षण और कारोबार को वह एक केन्द्रीय निदेशक बोर्ड (Central Board of Directors) को सौंप सकती है जो बैंक द्वारा किये जाने वाले सभी कार्य कर सकता है और बैंक की सारी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है.”
RBI Board का स्वरूप
RBI Board एक ऐसा निकाय है जिसमें निम्नलिखित प्राधिकारी होते हैं –
- रिज़र्व बैंक का गवर्नर
- चार डिप्टी गवर्नर
- विभिन्न क्षेत्रों के अधिकतम 10 गैर-सरकारी निदेशक जिन्हें भारत सरकार नामित करती है
- दो सरकारी अधिकारी
- RBI के चार स्थानीय बोर्डों से एक-एक निदेशक
RBI Board के सदस्यों का कार्यकाल
- बोर्ड के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर का कार्यकाल अधिकतम 5 वर्ष का होता है.
- भारत सरकार द्वारा नामित 10 निदेशकों का कार्यकाल चार वर्ष का होता है.
- बोर्ड के सरकारी अधिकारियों का कार्यकाल सरकार के प्रसाद-पर्यन्त होता है.
बोर्ड का कार्य
RBI नियमों के अनुसार रिज़र्व बैंक के कार्यों का सामान्य पर्यवेक्षण और दिशा-निर्देश का कार्य इस बोर्ड को सौंपा गया है. इस प्रकार रिज़र्व बैंक जो भी कार्यकलाप करता है वे सभी कार्यकलाप यह बोर्ड भी कर सकता है. बोर्ड का काम सरकार को बैंक नोटों की रूपरेखा, आकार और इनके लिए प्रयुक्त सामग्री के विषय में अनुशंसा करना भी है.
बोर्ड कब बैठता है?
रिज़र्व बैंक का गवर्नर एक वर्ष में कम-से-कम छह बार बोर्ड की बैठक आहूत करता है. यह बैठक प्रत्येक तिमाही में कम-से-कम एक बार होना आवश्यक है. यदि कम-से-कम चार निदेशक ऐसा चाहें तो गवर्नर को बैठक बुलानी होती है. किसी कारण से यदि गवर्नर उपस्थित नहीं होता है तो उसके द्वारा प्राधिकृत डिप्टी गवर्नर बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करता है. यदि मत-विभाजन होता है तो गवर्नर एक अलग से दूसरा वोट भी दे सकता है जो कि निर्णायक होगा.
Prelims Vishesh
NASA to send organs on chips to space :-
- NASA की योजना है कि वह अन्तरिक्ष में स्थित अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में ऐसे छोटे-छोटे उपकरण भेजे जिनमें 3D मेट्रिक्स में मानवीय कोष रखे हों.
- इस योजना का उद्देश्य यह पता लगाना है कि अन्तरिक्ष में उनपर तनाव, दवाओं एवं जेनेटिक परिवर्तनों का क्या प्रभाव पड़ता है.
- NASA की इस पहल को “Tissue Chips in Space” नाम दिया गया है.
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