Sansar डेली करंट अफेयर्स, 13 November 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 13 November 2018


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : National Green Tribunal (NGT)

संदर्भ

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को कहा कि पराली जलाने के मामले में ठोस और प्रभावी उपाय करने होंगे. इसी मसले पर उसने दिल्ली समेत चार राज्यों के मुख्य सचिवों को 15 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो इस मुद्दे पर उसी दिन या किसी अन्य दिन बैठक बुलाए.

NGT के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय कृषि सचिव और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली के मुख्य सचिवों को 15 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इससे पहले राज्यों को पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्ययोजना पूरी ईमानदारी और तत्परता से अमल में लानी होगी.

पृष्ठभूमि

पीठ ने कहा कि सरकार ने ‘राष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन नीति-2014‘ नामक योजना बनाई थी. इसके अंतर्गत किसानों को तकनीकी और मशीनी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जानी थीं, जिससे किसान पराली न जलाएं. हालांकि, इस दिशा में कई कदम उठाए गए लेकिन समस्या अब भी बरकरार है.

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) क्या है?

  • हाल ही में न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
  • राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) की स्थापना राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत की गई थी.
  • NGT का उद्देश्य पर्यावरण सुरक्षा एवं वनों एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों से सम्बंधित मामलों का कारगर एवं त्वरित निपटारा करना है.
  • न्यायाधिकरण पर्यावरण से सम्बंधित सभी कानूनी अधिकारों को लागू करने से सम्बंधित मामलों को देखता है और साथ ही यह किसी व्यक्ति या संपदा को होने वाली क्षति के लिए मुआवजा एवं राहत भी दिलवाता है.
  • अधिनियम के अनुसार इस न्यायाधिकरण में अधिकतम 20 विशेषज्ञ सदस्य एवं 20 न्यायिक सदस्य हो सकते हैं.
  • परन्तु वर्तमान में 10 विशेषज्ञ सदस्य एवं 10 न्यायिक सदस्य ही कार्यरत हैं.
  • इसका अध्यक्ष एक न्यायिक सदस्य होता है जो न्यायाधिकरण के प्रसाशन का प्रमुख होता है.
  • अधिनियम के अनुसार अध्यक्ष को उच्च न्यायालय का कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश अथवा सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए.
  • सदस्यों का चयन सर्वोच्च न्यायालय के एक कार्यरत न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा किया जाता है.
  • न्यायाधिकरण के न्यायिक सदस्यों का चुनाव उच्च न्यायालय के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों में से किया जाता है.
  • विशेषज्ञ सदस्यों का चुनाव भारत सरकार के अपर-सचिव श्रेणी के कार्यरत अथवा सेवानिवृत्त अधिकारियों में से किया जाता है जिनके पास पर्यावरण विषयक मामलों में काम करने का न्यूनतम पाँच वर्षों का अनुभव हो. विशेषज्ञ सदस्य के रूप में वे लोग भी चुने जा सकते हैं जिनके पास सम्बंधित विषयों में PhD की डिग्री हो.
  • यह न्यायाधिकरण अपनी कार्यवाहियों के लिए Code of Civil Procedure, 1908 को अपनाने के लिए बाध्य नहीं है परन्तु इसे नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का अनुसरण करना होता है.
  • न्यायाधिकरण को पर्यावरण से सम्बंधित किसी भी आवेदन को 6 महीने के भीतर-भीतर निष्पादित करना आवश्यक है.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : ISPRL, ADNOC sign MoU to explore storage of crude oil at Padur

संदर्भ

अबू धाबी नेशनल ऑइल कंपनी (Abu Dhabi National Oil Company – ADNOC) ने भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (Indian Strategic Petroleum Reserves Ltd – ISPRL) के साथ कर्नाटक के पादुर में ISPRL की भूमिगत तेल भंडारण सुविधा में ADNOC कच्चे तेल को भंडारित करने की संभावना का पता लगाने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.

पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि भारत ने तीन स्थानों पर भूमिगत भंडार बना रखे हैं जिसमें 5.33 मिलियन टन कच्चा तेल सुरक्षित कर दिया गया है. इन भंडारों से देश की तेल सम्बन्धी आवश्यकताएँ 9.5 दिन तक पूरी की जा सकेंगी. जिन स्थानों में भंडारण किया गया है, वे हैं – विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश), मंगलौर (कर्नाटक) और पादुर (कर्नाटक). इन तीनों भंडारों के अतिरिक्त भारत में कच्चे तेल के और पेट्रोलियम उत्पादों के कई और भंडार भी हैं जो तेल कम्पनियों के पास हैं. यदि कभी विदेश से आपूर्ति में बाधा होगी तो ये भंडार काम आयेंगे.

  • भारत सरकार ने 2017-18 बजट में यह घोषणा की थी कि ऐसे ही दो और भंडार अगले चरण में बीकानेर (राजस्थान) और उड़ीसा के जयपुर जिले में चंडीखोल में निर्मित किये जायेंगे.

ISPRL और ADNOC क्या हैं?

  • ISPRL भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक कम्पनी है जिसका काम आपातकालीन आवश्यकताओं के लिए कच्चे तेल का भंडारण करना है.
  • ADNOC एक विदेशी तेल और गैस कम्पनी है जो भारत की सामरिक पेट्रोलियम भंडार योजना में कच्चे तेल का निवेश करने जा रही है. यह इस प्रकार की पहली विदेशी कम्पनी है.

समझौते के लाभ

  • इस समझौते से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सामरिक भागीदारी सुदृढ़ होगी और साथ ही ADNOC कम्पनी की तेल संसाधनों के मामले में भारत को विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा.
  • समझौते के फलस्वरूप ISPRL विदेशी कम्पनी ADNOC के साथ मिलकर के पादुर में तेल भंडारण के अवसरों पर विचार करेंगे जिससे भारत को सामरिक पेट्रोलियम भंडार के निर्माण में सहायता मिलेगी.

योजना के लाभ

  • विदेशी फर्मों द्वारा तेल भंडार करने से सरकार को लागत भरने में 10,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिलेगी.
  • दूसरे चरण में, भारत ओडिशा में चंडीखोल और कर्नाटक के पादुर में अतिरिक्त 6.5 मिलियन टन सुविधाएं बनाने की योजना बना रहा है, जो कि किसी भी 11.5 दिनों तक किसी भी आपूर्ति में व्यवधान के खिलाफ आपातकालीन कवर बढ़ाने की उम्मीद है.
  • तेल व्यापारियों और उत्पादक अपने तेल का भंडार करने के लिए पादूर भंडारण का उपयोग कर सकते हैं और इसे वाणिज्यिक शर्तों पर क्षेत्र में रिफाइनरियों को बेच सकते हैं.
  • उन्होंने कहा कि आयात के जरिए 83 फीसदी तेल की जरूरतों को पूरा करने वाले भारत को आपातकाल के मामले में सुविधाओं को संग्रहीत कच्चे तेल को खरीदने से इनकार करने का अधिकार होगा.

भारतीय रिफाइनर 65 दिनों के कच्चे भंडारण को बनाए रखते हैं, और जब ISPRL द्वारा योजनाबद्ध और हासिल किए गए भंडारण में जोड़ा जाता है, तो भारतीय कच्चे भंडारण को लगभग 87 दिनों तक ले जाता है. यह सदस्य देशों के लिए आईईए द्वारा अनिवार्य 90 दिनों के भंडारण के बहुत करीब है.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : SpiNNaker- World’s largest brain-like supercomputer

संदर्भ

स्पाइकिंग न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर (स्पाइनेकर) मशीन दुनिया का सबसे बड़ा सुपरकंप्यूटर है जिसे मानव मस्तिष्क की तरह काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. हाल ही में इसे पहली बार चालू कर दिया गया है.

विशिष्टियाँ

  • इसमें दस लाख प्रोसेसर कोर हैं. यह प्रति सेकेंड 200 मिलियन से अधिक कार्यों को पूर्ण कर सकता है. इसके प्रत्येक चिप में 100 मिलियन ट्रांजिस्टर होते हैं.
  • इसे यूनाइटेड किंगडम के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में डिजाइन और बनाया गया है.
  • यह किसी अन्य मशीन की तुलना में वास्तविक समय में अधिक जैविक न्यूरॉन्स को मॉडल कर सकता है.
जैविक न्यूरॉन्स क्या हैं?
ब्रिटेन में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में डिज़ाइन और निर्मित स्पाइनेकर मशीन, ग्रह पर किसी भी अन्य मशीन की तुलना में वास्तविक समय में अधिक जैविक न्यूरॉन्स का मॉडल कर सकती है. जैविक न्यूरॉन्स तंत्रिका तंत्र में मौजूद मूल मस्तिष्क कोशिकाएं हैं जो मुख्य रूप से शुद्ध विद्युत-रासायनिक ऊर्जा के ‘स्पाइक्स’ उत्सर्जित करके संवाद करती हैं. न्यूरोमोर्फिक कंप्यूटिंग मशीनों में इन स्पाइक्स की नकल करने के लिए ढेर सारी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट-युक्त कंप्यूटर प्रणालियों का उपयोग किया जाता है.
यह कैसे काम करता है?
शोधकर्ताओं का अंततः वास्तविक समय में एक अरब जैविक न्यूरॉन्स का मॉडल करना है और अब एक कदम करीब है. पैमाने का विचार देने के लिए, चूहे के मस्तिष्क में लगभग 100 मिलियन न्यूरॉन्स होते हैं और मानव मस्तिष्क उस से 1,000 गुना बड़ा होता है. एक अरब न्यूरॉन्स मानव मस्तिष्क के पैमाने का एक प्रतिशत है, जिसमें केवल 100 अरब मस्तिष्क कोशिकाओं या न्यूरॉन्स होते हैं, जो लगभग एक चौथाई स्पाइक्स के माध्यम से अत्यधिक जुड़े हुए हैं. यह बहुत बड़े पैमाने पर रियल-टाइम सिमुलेशन चलाकर करता है जो अन्य मशीनों पर बस संभव नहीं है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : India’s first multi-modal terminal on inland waterways in Varanasi

संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में देश का पहला मल्टी मोडल टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित किया. प्रधानमंत्री ने गंगा नदी पर बने इस टर्मिनल का बटन दबाकर उद्घाटन किया. उन्होंने इस टर्मिनल पर कोलकाता से आये पहले भारवाहक जहाज की अगवानी भी की. यह जहाज गत अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कोलकाता से काशी के लिये रवाना हुआ था. राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा नदी) पर बन रहे चार मल्टी मोडल टर्मिनलों में से इस पहले टर्मिनल को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा विश्व बैंक की मदद से जल विकास मार्ग परियोजना के तहत निर्मित किया गया है. करीब 5369.18 करोड़ रुपये की लागत से बने इस टर्मिनल पर आये खर्च को केन्द्र सरकार और विश्व बैंक ने आधा-आधा वहन किया है.

जलमार्ग विकास परियोजना

  • केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर कम से कम 1500 टन के जहाजों के वाणिज्यिक नौकायन को संभव बनाने के लिए जल मार्ग विकास परियोजना/JMVP को आरंभ किया है.
  • परियोजना में गंगा नदी पर इलाहाबाद और हल्दिया (NW-1) के बीच में जलमार्ग के विकास की परिकल्पना की गई है.
  • इस परियोजना को विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है.
  • जल मार्ग विकास परियोजना को केंद्र के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और जहाजरानी एवं जल संसाधन मंत्रालय संचालित करेंगे.

IWAI

  • भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) एक वैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में जलमार्ग का काम देखता है.
  • इसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नोयडा शहर में स्थित है.
  • यह जलमार्गों में आवश्यक निर्माण कार्य करता है तथा साथ ही नई परियोजनाएँ आर्थिक रूप से हाँथ में लेने लायक हैं या नहीं इसकी जाँच करता है.

गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली, जो प्रयागराज और हल्दिया के बीच स्थित है, को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 1 घोषित किया गया है. यह जलमार्ग जिन राज्यों से होकर जाता है, वे हैं – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Climate risk from rise in Indian AC units

संदर्भ

संयुक्त राज्य के कोलोरेडो राज्य में स्थित रॉकिंग माउंटेन संस्थान ने एक रिपोर्ट निर्गत किया है जिसमें कहा गया है कि 2022 तक विश्व-भर के एयर कंडीशनरों के चौथाई भाग भारत में होंगे. संस्थान का कहना है कि इस प्रकार भारत में जलवायु पर भविष्य में अत्यंत बड़ा खतरा उपस्थित हो सकता है.

चिंताएँ

  • वातानुकूलन के लिए उपयोग में लाये गए गैस वैश्विक तापवृद्धि के सबसे बड़े कारण होते हैं. यदि इनके उपयोग को रोका नहीं गया तो इनके कारण वैश्विक तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है. एक अनुमान यह है कि 2050 तक 4.5 बिलियन एयर कंडीशनर लगाए जा सकते हैं जोकि आज की तुलना में 4 गुनी उछाल मानी जायेगी क्योंकि विकासशील अर्थव्यस्थाओं में पाँच गुनी वृद्धि हो रही है.
  • HFC उन गैसों का एक वर्ग है जिनका उपयोग घर और कार के अंदर वातानुकूलन के लिए होता है. परन्तु इनसे वैश्विक तापवृद्धि चिंताजनक स्तर तक पहुँच जाती है. इसलिए भारत, चीन और अमेरिका के साथ-साथ यूरोप ने प्रण किया है कि वे 2045 तक HFC के उपयोग को 85% घटा देंगे.
  • 2016 में भारत ने 107 देशों की एक अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें भारत ने वचन दिया था कि वह 2045 तक HFC के उपयोग को अच्छा-ख़ासा ख़त्म कर देगा.

वातानुकूलन में बिजली बचाने की आवश्यकता क्यों?

  • यदि एयर कंडीशनर के तापमान को 1 डिग्री बढ़ाकर रखा जाए तो 6% बिजली की बचत होती है.
  • मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान लगभग 36-37 डिग्री सेल्सियस होता है. परन्तु व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, होटलों और कार्यालयों में एयर कंडीशनर को सामान्यतः 18-21 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है. इस प्रकार मनुष्य के लिए यह आरामदेह नहीं है, वस्तुतः अस्वास्थ्यकर है.
  • एयर कंडीशनर को 18-21 डिग्री सेल्सियस पर रखने से लोगों को गरम कपड़े पहनने पड़ते हैं और कम्बल ओढ़ना पड़ता है. इस प्रकार ये एयर कंडीशनर वास्तव में ऊर्जा की बर्बादी ही करते हैं.

Prelims Vishesh

Bilateral Naval Exercise ‘Samudra Shakti’ :-

  • इंडोनेशिया और भारत संयुक्त सैन्य-अभ्यास करने जा रहे हैं जिसका नाम “समुद्र शक्ति” रखा गया है.
  • यह सैन्य अभ्यास भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय सम्बन्धों को प्रौढ़ करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है. इसके तहत दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग एवं विस्तार तथा विचारों के आदान-प्रदान होने की उम्मीद है.

‘Ambassador of Conscience’ Award :

Amnesty International ने म्यांमार कीई नेत्री Aung San Suu Kyi  को अपनी ओर से दिए गये सर्वोच्च सम्मान ‘Ambassador of Conscience’  अर्थात् ‘विवेकदूत’ को वापास ले लिया है क्योंकि इस संस्था का विचार है कि म्यांमार की सेना ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में असहिष्णुता दिखलाई है और इस विषय पर Aung San Suu Kyi का रवैया उदासीन रहा है.

Public Service Broadcasting Day :

  • नवम्बर 12, 2018 को पूरे भारतवर्ष में लोकसेवा प्रसारण दिवस मनाया गया.
  • यह दिवस प्रत्येक वर्ष इसलिए मनाया जाता है कि नवम्बर 12 को 1947 में महात्मा गाँधी पहली बार और अंतिम बार आकाशवाणी, दिल्ली के स्टूडियो में पधारे थे.

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