Sansar Daily Current Affairs, 14 April 2020
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Indigenization of technology and developing new technology.
Topic : CollabCAD
संदर्भ
अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NITI Aayog & National Informatics Centre – NIC) ने आज संयुक्त रूप से एक सहयोगपूर्ण नेटवर्क, कंप्यूटर सक्षम सॉफ़्टवेयर सिस्टम “कोलैबकैड” लॉन्च किया.
कोलैबकैड क्या है?
- यह एक स्वदेशी त्रिआयामी कंप्यूटर एडेड डिजाइन (CAD) प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं (यूजर) को वर्चुअल 3डी स्पेस में विभिन्न प्रतिरूप (मॉडल) बनाने और शॉप फ्लोर के लिए इंजीनियरिंग ड्रॉइंग तैयार करने में मदद करती है.
- इस पहल का उद्देश्य देश भर में अटल टिंकरिंग लैबोरेटरीज़ (ATL) के छात्रों को रचनात्मकता और कल्पना के मुक्त प्रवाह के साथ 3 डी डिजाइन बनाने और संशोधित करने के लिए एक शानदार मंच प्रदान करना है.
- यह एक अद्भुत सॉफ्टवेयर प्रणाली है,जो छात्रों को असंख्य 3-डी डिजाइन बनाने में सक्षम बनाएगी.
- यह सॉफ्टवेयर छात्रों को पूरे नेटवर्क में डेटा तैयार करने और स्टोरेज और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए उसी डिज़ाइन डेटा का समवर्ती रूप से उपयोग करने में सक्षम बनाता है.
- भारत भर में स्थापित ATL बच्चों को उनकेनवोन्मेषी विचारों और रचनात्मकता में निखार लाने का अवसर (यानी टिंकरिंग स्पेस) प्रदान करते हैं.
ATL क्या है?
- ATLs वे प्रयोगशालाएँ हैं जिनमें 3D प्रिंटर, रोबोटिक्स, सेंसर टेक्नोलॉजी उपकरण, इन्टरनेट प्रणाली और सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की व्यवस्था होती है.
- प्रयोगशाला का उद्देश्य है कि बच्चे पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकीय ज्ञान की परिधि से बाहर निकलकर रचनात्मक गतिविधियाँ सम्पन्न करें.
- अटल इनोवेशन स्कीम मिशन (AIM) का लक्ष्य है देश के 98% अधिक स्मार्ट शहरों में और 93% जिलों में ऐसी प्रयोगशालाएँ तैयार हों.
- आज तक, एआईएम ने देश भर के 33 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में एटीएलकी स्थापना के लिए कुल 14,916 स्कूलों का चयन किया है.
- कक्षा 6 से10 तक की पढ़ाई देने वाले सरकारी विद्यालयों के अतिरिक्त स्थानीय निकायों अथवा निजी न्यासों/संस्थाओं में भी ये लैब स्थापित किये जाएँगे.
- ATL स्थापित करने के लिए अटल नवाचार मिशन (AIM) अनुदान देगा.
- इस अनुदान में दस लाख रु. की एकमुश्त स्थापना राशि के अतिरिक्त अधिकतम पाँच वर्षों तक प्रयोगशाला के संचालन हेतु दस लाख रु. भी दिए जाएँगे.
- एटीएल कार्यक्रम ने देश भर के बच्चों की इजी-टू-लर्न ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘टिंकल फ्रॉम होम‘ अभियान शुरू किया है ताकि वे खुद को उपयोगी कार्यों में व्यस्त रखें. इस पहल का उद्देश्य बच्चों को स्वयं के प्रयासों से सीखने को प्रोत्साहित करते हुए उनकी रचनात्मकता और नवीनता में निखार लाना है.
अटल नवाचार मिशन क्या है?
- यह मिशन भारत सरकार की प्रमुख पहल है जिसका प्रयोजन देश में नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देना है.
- इस मिशन का कार्य देश के अन्दर नवाचार के वातावरण पर दृष्टि रखने के लिए एक बहु-आयामी अवसरंचना का निर्माण करना है जिससे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से नवाचार पारिस्थितिकी तन्त्र में क्रान्ति लाई जा सके.
अटल नवाचार मिशन के दो प्रमुख कार्य
स्वरोजगार और प्रतिभा के उपयोग के द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा देना. इसके लिए नवाचार करने वाले को सफल उद्यमी बनाने के निमित्त सहायता और मन्त्रणा दोनों दी जायेगी.
आगे की राह
3डी-प्रिंटिंग 21वीं सदी के नवाचारों का अभिन्न अंग बनने जा रहा है. छात्र अपनेघरों से और साथ ही साथ अपने स्कूलों के सामान्य रूप से खुल जाने पर एटीएल लैब्स में अपनी रचनात्मकता और कल्पना के मुक्त प्रवाह के साथ इस अवसर का उपयोग कर महान नवाचारों की रचना करेंगे.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Issues related to health.
Topic : World Chagas Disease Day
संदर्भ
इस साल पहली बार यानी 14 अप्रैल को विश्व चगास रोग दिवस मनाया जा रहा है.
विश्व चगास रोग दिवस क्या है?
- इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पीड़ितों और स्वस्थ लोगों में बचाव और नियंत्रण की जानकारी साझा करना है.
- इसे अमेरिकन ट्रायपेनोसोमासिस भी कहा जाता है.
- यह एक उष्णकटिबंधीय परजीवी रोग है जो प्रोटीन ट्राइनोनोसोमा क्रूज़ी के कारण होता है.
- यह रोग आमतौर पर मानवों व दूसरे स्तनपाइयों में रक्त-चूसने वाले ट्राइटोमनी उप-परिवार के “किसिंग बग” द्वारा फैलता है.
चगास रोग के लक्षण
- इस रोग के शुरुआती लक्षण आमतौर पर मौजूद नहीं होते हैं या हल्के होते हैं. इसके लक्षण में बुखार, सूजन लिम्फ नोड्स, सिरदर्द या स्थानीय सूजन शामिल हो सकते हैं.
- इसके लक्षण संक्रमण के दौरान बदलते हैं.
- यह रोग दो चरणों में होता है: एक तीव्र चरण, जो प्रारंभिक संक्रमण के तुरंत बाद होता है, और एक पुराना चरण जो कई वर्षों से विकसित होता है.
- तीव्र चरण संक्रमण के पहले कुछ हफ्तों या महीनों तक रहता है. इसमें बुखार, थकान, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, दाने, भूख में कमी, दस्त, मितली आना और उल्टी होना शामिल हो सकते हैं.
उपचार
- अधिकांशतः रोकथाम में किसिंग बग को समाप्त करना तथा उनके काटने से बचना शामिल है. रोकथाम के अन्य प्रयासों में आधान के लिए उपयोग किए जाने वाले रक्त की जांच शामिल है.
- इसके लिए कोई वैक्सीन विकसित नहीं की गयी है.
- आरंभिक संक्रमण का उपचार बेंज़नाइडाज़ोल या निफर्टिमॉक्सजैसी दवाओं से किया जाता है. यदि आरंभिक अवस्था में दी जाएं तो ये लगभग हर मामले में उपचार कर देती हैं लेकिन चगास रोग से काफी समय से पीड़ित व्यक्ति में कम प्रभावी होती हैं.
GS Paper 3 Source: PIB
UPSC Syllabus : Inclusive growth and issues arising from it.
Topic : Business Correspondents
संदर्भ
कोविड-19 तालाबंदी के बीच प्रधानमन्त्री जनधन योजना खातों में प्रत्येक महिला को को 500 रु. अनुदान के रूप में दी जाने वाली पहली खेप के भुगतान में उन बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बैंक) सखियों और बैंक संखियों की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है जो सवयं सहायता समूहों में काम करती हैं.
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट का इतिहास
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट मॉडल बैंकिंग को सभी तक पहुंचाने के लिए लाया गया है. दरअसल, भारत में बड़ी आबादी बैंकिंग सुविधाओं के दायरे से बाहर है. लिहाजा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के लिए यह बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट मॉडल अपनाया जा रहा है. साल 2006 में रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह अनुमति दे दी कि वे बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट नियुक्त करने के लिए गैर-बैंकिंग इंटरमीडियरी का प्रयोग कर सकते हैं.
ये कहाँ नियुक्त किये जाते हैं?
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट वहां नियुक्त किए जाते हैं जहां बैंक या दूसरी वित्तीय सेवाएं नहीं हैं. जिन इलाकों में बैंक की शाखाएं नहीं हैं वहां भी इन्हें नियुक्त किया जाता है. इसका उद्देश्य समावेशी बैंकिंग को बढ़ावा देने का होता है. इससे देश के दूर-दराज के इलाकों में बैंकिंग सेवा पहुंचाने में मदद मिलती है.
बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट कौन होते हैं और उनके क्या कार्य हैं?
- बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट पूर्णरूपेण बैंक कर्मचारी नहीं होता है. वह इस बात के लिए अधिकृत होता है कि पैसों को इकट्ठा कर सके और बैंक के पक्ष में ग्राहकों से राशि ले सके.
- बिजनेस कॉरस्पोंडेंट व्यक्तिगत तौर पर बैंकिंग सेवा मुहैया कराने वाला व्यक्ति होता है. उसे लोगों से जमा लेने और बैंक की ओर से कर्ज देने का अधिकार होता है.
- वह कर्ज के एवज में ब्याज प्राप्त करने का अधिकार रखता है. वह माइक्रो इन्श्योरेंस पॉलिसी बेचता है. वह म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट भी बेच सकता है. वह दूसरे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट से जुड़े भुगतान और प्राप्ति का कामकाज भी कर सकता है.
- वह कम कीमत वाली जमा पर मूलधन ब्याज की वसूली भी कर सकता है.
- रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बैंकों सहित दूसरे संस्थानों को भी बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट बनने की छूट दे रखी है.
- सहकारी समितियान और गैर-लाभकारी कंपनियां भी बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट बन सकती है.
- साथ ही पोस्ट ऑफिस या बैंक के कर्मचारी और रिटायर सरकारी कर्मचारी भी बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट नियुक्त किए जा सकते है.
- रिजर्व बैंक ने बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट और बिजनेस फेसिलिएटर के बीच का अंतर स्पष्ट किया है.
बिजनेस फेसिलिएटर कौन हैं?
- बिजनेस फेसिलिएटर वह होता है जो कर्जदारों की पहचान करता है, संग्रह करता है, कर्ज देने की प्रारम्भिक प्रक्रिया को पूरा करता है, प्राथमिक सूचनाओं सत्यापन करता है.
- ये बचत और दूसरे बैंक उत्पादों के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य भी करते हैं.
- कर्ज लेने के लिए आवेदन आदि जमा करना और परामर्श देने का काम भी करते है.
- उसे स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा देने और उनसे रिकवरी का अधिकार है. साथ ही उसे कर्ज के बारे में सलाह देने का भी अधिकार प्राप्त है.
- हालांकि, इन सेवाओं की सुविधा में बिजनेस फेसिलिटेटर की तरफ से की जाने वाली कार्यवाही शामिल नहीं है. यह सिर्फ बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट का अधिकार होता है.
बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट कौन बन सकता है?
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कई निकायों को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट की अनुमति दी है. आरबीआई ने बैंकों को बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट नियुक्त करने से सम्बंधित निर्देश दिया है. इनमें एनजीओ, सोसाइटी या ट्रस्ट एक्ट के तहत गठित माइक्रोफाइनेंस संस्थान, को-ऑपरेटिव सोसाइटी और सेक्शन 25 के तहत कंपनियां, गैर मुनाफे वाली कंपनियां, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, बैंक, टेलीकॉम कंपनियां और दूसरे कॉरपोरेट निकाय भी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट बन सकते हैं. पोस्ट ऑफिस या बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी भी यह काम कर सकते हैं. एक्स सर्विस मैन और रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी भी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट बन सकते हैं.
GS Paper 3 Source: PIB
UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.
Topic : Sovereign Gold Bond Scheme
संदर्भ
सरकार 20 अप्रैल से शुरू हो रहे छह किस्तों में संप्रभु स्वर्ण बांड (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड – SGBs) जारी करेगी.
संप्रभु स्वर्ण बांड योजना क्या है?
- संप्रभु स्वर्ण बांड योजना सबसे पहले 2015 में लाई गई थी.
- इसयोजना का उद्देश्य सोने के आयात पर भारत की अत्यधिक निर्भरता को घटाना था.
- इस योजना का एक अन्य उद्देश्य भारतीयों की इस आदत को बदलना भी था कि सोना सदा भौतिक रूप में रखा जाए.
- इस योजना के माध्यम से उनमें यह आदत डाली जायेगी कि वे सरकार से समर्थित कागजात के रूप में सोने को रखा करें.
मुख्य तथ्य
- योग्यता : ये बांड भारत में रहने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान, अविभाजित हिन्दू परिवार, न्यास, विश्वविद्यालय तथा धर्मादा संस्थान ही खरीद सकते हैं.
- बांड की न्यूनतम इकाई और अवधि : ये बांड 1-1 ग्राम के सोने के बराबर होंगे. इस बांड की पूर्ण अवधि 8 वर्ष की होगी, किन्तु कोई चाहे तो इस योजना से पाँच साल के बाद ब्याज भुगतान की किसी भी तिथि पर बाहर निकल सकता है.
- न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा : इस योजना में कम से कम एक ग्राम सोना जमा करना आवश्यक है. जहाँ तक अधिकतम सीमा की बात है तो कोई व्यक्ति अथवा अविभाजित हिन्दू परिवार एक वित्तीय वर्ष में 4 किलो तक सोना जमा कर सकता है. यही मात्रा न्यासों और समतुल्य प्रतिष्ठानों के लिए 20 किलोग्राम है.
- संयुक्त धारक(Joint Holder) : यदि सोना एक से अधिक धारकों ने जमा किया है तो 4 किलोग्राम की अधिकतम सीमा उनमें से पहले आवेदक पर ही लागू होगी.
- बंधक : इन बांडों का प्रयोग ऋण लेने हेतु बंधक के लिए हो सकता है.
- ब्याज दर : इस योजना के अंतर्गत निवेशकों को प्रतिवर्ष 5% की निश्चित दर पर क्षतिपूर्ति मिलेगी. क्षतिपूर्ति की राशि हर छह महीने पर भुगतान की जायेगी.
UPSC 2016 में पूछा गया सवाल :-
सरकार की “संप्रभु स्वर्ण बांड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme)” एवं “स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (Gold Monetization Scheme)” का/के उद्देश्य हैं?
- भारतीय गृहस्थों के पास निष्क्रिय पड़े स्वर्ण को अर्थव्यवस्था में लाना
- स्वर्ण एवं आभूषण के क्षेत्र में FDI को प्रोत्साहित करना
- स्वर्ण-आयात पर भारत की निर्भरता में कमी लाना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
- a) केवल 1 और 2
- b) केवल 3
- c) केवल1 और 3
- d) 1, 2 और 3
Ans C
Explanation: Two motives/दो उद्देश्य:— i) To mobilize gold for productive purpose/घर में रखे सोने का उत्पादक कार्यों में उपयोग करना ( ii) To reduce the country’s reliance on imports of gold/सोने के आयात पर देश की निर्भरता को घटाना.
Reference: Economic Survey 2015-16 , Page 18
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Indian Economy and issues related.
Topic : What is helicopter money?
संदर्भ
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने अपने राज्य में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है साथ ही सरकार से हेलिकॉप्टर मनी प्रोग्राम शुरू करने की मांग की है.
हेलिकॉप्टर मनी क्या है?
- हेलिकॉप्टर मनी के तहत देश का सेंट्रल बैंक पहले बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई करता है और सरकार को दे देता है.
- इस प्रोग्राम के अंतर्गत सरकार को यह पैसा रिज़र्व बैंक को रिफंड नहीं करना पड़ता है.
- अमेरिकन इकनॉमिस्ट मिल्टन फ्राइडमेन (Milton Friedman) ने इस प्रक्रिया को हेलिकॉप्टर मनी का नाम दिया था.
- जब अर्थव्यवस्था की परिस्थिति बदतर हो जाती है तो सरकार केन्द्रीय बैंक की सहायता से मुद्रा आपूर्ति बढ़ा देती है जिससे मांग और महंगाई में तेजी आती है.
अर्थशास्त्र में हेलीकाप्टर मनी का निहितार्थ
- अर्थशास्त्र के सिद्धांत ये कहते हैं कि जब आर्थिक संकट अपने चरम पर पहुंच जाए तो ये आखिरी विकल्प होता है. परन्तु, अतीत में जब भी कभी ‘हेलिकॉप्टर मनी’ के विकल्प का सहारा लिया गया है, इसके बेहद खराब परिणाम सामने आए हैं.
- ‘हेलिकॉप्टर मनी’ का जिक्र करते हुए हमारे मन में पहली तस्वीर जिम्बॉब्वे और वेनेजुएला की आती है, जहां इस कदर बेहिसाब नोट छापे गए कि उनकी कीमत कौड़ियों के बराबर भी नहीं रह गई. डॉलर और यूरो को अपनाने वाले विकसित देशों में केंद्रीय बैंक के नोट छापने का ख्याल भी पागलपन भरे एक दु:स्वप्न की भाँति ही है.
- परन्तु तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि हमारे समक्ष कोरोना वायरस महामारी का संकट है और ‘हेलिकॉप्टर मनी’ का विचार कुछ विशेषज्ञों की ओर से हमारे समक्ष आया है. अगर परिस्थिति कुछ और होती तो शायद ही इसके बारे में कोई बात करता.
- हर कोई यह जानता है कि ‘हेलिकॉप्टर मनी’ एक खतरनाक विकल्प है और इसका कार्यान्वयन करना आग से खेलने जैसा है.
- जब हम अर्थव्यवस्था में पैसा झोंकते हैं तो लोगों का उस पैसे पर से विश्वास उठ जाता है और इसका परिणाम हायपरइन्फ्लेशन यानी अत्यधिक मुद्रास्फिति के रूप में हमारे सामने आता है.
आगे की राह
- ‘हेलिकॉप्टर मनी’ पर अभी जो बहस चल रही है, उसके और भी मायने हैं. मिल्टन फ्रीडमैन का ख्याल भले ही ये था कि केंद्रीय बैंक नोट छापे और सरकार उसे खर्च कर दें. कुछ अर्थशास्त्री ये मानते हैं कि ‘हेलिकॉप्टर मनी’ की पॉलिसी को और लचीला बनाया जा सकता है.
- हालांकि ये केंद्रीय बैंकों की जिम्मेदारी होती है कि आपातकालीन खर्चे के लिए वो पैसों का इंतजाम करे लेकिन सिस्टम में तरलता के प्रवाह को बढ़ाने (पैसे की कमी को दूर करने) के लिए और भी रास्ते हैं, जिन्हें अपनाया जा सकता है, भले ही वो थोड़े जटिल किस्म के हों.
- कुछ लोग तो ये भी मानते हैं कि यूरोप और अमेरिका में आर्थिक सुस्ती के प्रभाव को कम करने के लिए हाल में जो कदम उठाये गए हैं, वो भी एक तरह से ‘हेलिकॉप्टर मनी’ का ही उदाहरण कहे जा सकते हैं क्योंकि टैक्स में रियायत देने का मकसद यही होता है कि लोग ज्यादा खर्च करें.
- ये सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप ‘हेलिकॉप्टर मनी’ के विचार में क्या संभावनाएं देखते हैं और इसमें कितने लचीलेपन की गुंजाइश तलाशते हैं.
Prelims Vishesh
Indian Council for Cultural Relations (ICCR) :-
- विदित हो कि ICCR की स्थापना 1950 भारत के पहले शिक्षा मंत्रीमौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी.
- परिषद् का उद्देश्य भारत के विदेशी सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियां और कार्यक्रम तैयार करना और उनके कार्यान्वयन में भागीदारी करना; भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और पारस्परिक समझ को बढ़ाना और मजबूत करना; अन्य देशों और लोगों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना; संस्कृति के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संबंध स्थापित करना और उन्हें विकसित करना; और ऐसे कदम उठाना है जो इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हों.
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