Sansar Daily Current Affairs, 14 July 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR)
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने निजी स्कूलों के लिए एक-समान शुल्क ढाँचे के लिए नियम तैयार किए हैं.
- सरकार को यह कदम निजी स्कूलों द्वारा गैर-कानूनी ढंग से बढ़ाई जा रही फीस पर लगाम कसने के लिए उठाना पड़ा.
- सरकार के पास मनमाने ढंग से स्कूल-फीस के बढ़ाए जाने को लेकर बच्चों के माता-पिता की कई शिकायतें आ रही थीं.
- ज्ञातव्य है कि भारत में लगभग 3,50,000 गैर-सरकार पोषित निजी विद्यालय हैं. इन विद्यालयों में 7 करोड़ 5 लाख बच्चे अध्ययन करते हैं.
- ऐसे स्कूलों को सरकार के द्वारा कोई अनुदान प्राप्त नहीं होता है और उन्हें खुद राजस्व के लिए कोशिश करनी पड़ती है.
- भारत के कई शहरों में ऐसा देखा गया है कि इन विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता ऐसे स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से शुल्क वृद्धि का प्रायः विरोध करते रहते हैं.
- उदाहरण के लिए, दिल्ली और मुंबई में, गत वर्ष गैर-सरकार पोषित निजी विद्यालयों (private unaided schools) में शुल्क वृद्धि की दर 10% से 40% के बीच की थी जिसको लेकर NCPCR सख्त नजर आ रहा है.
- इसी के चलते NCPCR ने गैर-सरकार संपोषित विद्यालयों में एक-जैसा शुल्क लगाने को लेकर नियम तैयार किए हैं.
- इन विद्यालयों शुल्क में वृद्धि पर निगरानी रखने के लिए राज्यों के हर जिले में एक जिला शुल्क नियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव है.
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की स्थापना मार्च 2007 में बाल अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी.
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत काम करता है.
- “बाल” शब्द की परिभाषा में 0 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को सम्मिलित किया गया है.
- कमीशन को यह काम दिया गया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सभी कानून, नीतियाँ , कार्यक्रम एवं प्रशासनिक प्रणाली भारतीय संविधान और संयुक्त राष्ट्र के द्वारा किये गये समझौतों में वर्णित बाल अधिकारों के अनुकूल हों.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Social Media Hub
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा ऑनलाइन डेटा पर निगरानी रखने के लिए प्रस्तावित सोशल मीडिया हब के विरुद्ध दायर एक याचिका की सुनवाई करते समय सर्वोच्च न्यायालय ने इसपर आपत्ति जतलाई है.
- सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ऐसा करना निगरानी सरकार की स्थापना (surveillance state) करने जैसा है.
- सरकार द्वारा प्रस्तावित सोशल मीडिया हब (social media hub) के निम्नलिखित उद्देश्य बताये गये हैं –
- सरकारी कल्याणकारी योजनाओं पर जनता की प्रतिक्रिया का आकलन करना.
- प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर योजनाओं में अपेक्षित सुधार लाना.
याचिकाकर्ताओं को यह डर है कि data संग्रह की इस मशीनरी का दुरूपयोग हो सकता है क्योंकि इसमें सरकार सभी डिजिटल चैनलों जैसे – फेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, लिंक्ड इन आदि में हो रहे वार्तालाप को सुनेगी.
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि सरकार को इन वार्तालापों को सुनने का अधिकार नहीं है और उसके द्वारा ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) में वर्णित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : MeerKAT radio telescope
- दक्षिण अफ्रीका ने MeerKAT नामक एक सुपर रेडियो दूरबीन का अनावरण किया है.
- यह संसार की सबसे बड़ी दूरबीन होगी जो 2020 में चालू हो जाएगी.
- इसे ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने के उद्देश्य से निर्मित एक परियोजना के पहले चरण के लिए तैयार किया गया है.
- इस दूरबीन का उद्घाटन द.अफ्रीका के एक सुदूरवर्ती शहर – Carnarvon में किया गया.
- इस दूरबीन की स्थापना SKA Project (Square Kilometre Array – SKA) नामक एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत हो रही है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Purvanchal Expressway
- उत्तर प्रदेश में 354 किलोमीटर की लम्बाई वाला एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है.
- इस एक्स्प्रेसवे का नाम पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होगा जो भारत का सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे होगा.
- उत्तर प्रदेश की सरकार के साथ इस परियोजना को पूरा करने पाँच कंपनियों को ठेका दिया है. ये पाँच कंपनियाँ हैं – पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड, गायत्री परियोजना, GR इंफ्रा, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग और APCO इंफ्रा.
- यह परियोजना लखनऊ को गाज़ीपुर से जोड़ेगी. इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत लखनऊ के NH -56 के निकट चंद सराय क्षेत्र से होगी.
- परियोजना को पूरा करने में अनुमानत: 23,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- इससे अलग से एक लिंक सड़क निकलेगी जो बनारस तक जायेगी.
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरेगा – लखनऊ, गाज़ीपुर, अमेठी, आजमगढ़, फैजाबाद, बाराबंकी, मउ, अम्बेडकर नगर और सुल्तानपुर.
- यह परियोजना EPC mode पर चलाई जा रही है.
- EPC का full form है – Engineering, Procurement and Construction.
- EPC ठेके का एक प्रकार है जिसमें सार्वजनिक आधारभूत संरचना के निर्माण में निजी फर्मों का सहयोग लिया जाता है.
- इस mode में धन मुहैया करने का काम पूर्णतः सरकार का होता है.
- निर्माण से सम्बंधित अन्य सभी कार्य जैसे – रूपांकण, सामग्री संकलन, आवश्यक भूमि और मजदूरों का प्रबंध आदि निजी फर्मों को सौंप दिया जाता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Swachh Survekshan Grameen 2018
- केंद्रीय पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय (MDWS) ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 (SSG 2018) सर्वेक्षण कार्यक्रम का अनावरण किया है.
- SSG गुणात्मक और मात्रात्मक मूल्यांकन के आधार पर सर्वेक्षण करके सभी राज्यों और जिलों को ग्रामीण स्वच्छता के लिए रैंक प्रदान करेगा.
- विदित हो कि ग्रामीण स्वच्छ भारत कार्यक्रम (Swachh Bharat Mission-Grameen – SBM-G) में स्वच्छता को मापने के लिए अलग-अलग गुणात्मक और मात्रात्मक मापदंड निर्धारित किये गये हैं जिनकी कसौटी पर राज्य अथवा जिले के प्रदर्शन को आँका जाएगा.
- इन मापदंडों के अनुसार किये गये कार्य को देखते हुए रैंक दिया जाता है.
- इसके अंतर्गत रैंकिंग के लिए 698 जिलों के 6,980 गाँवों का सर्वेक्षण किया जायेगा.
- रैंक देते समय निम्नलिखित गतिविधियाँ सम्पन्न की जायेंगी –
- सार्वजनिक स्थानों का सर्वेक्षण (शौचालय, प्लेटफार्म, बस-अड्डे, रोड आदि)
- सफाई पर जनता के विचार लेना
- Swachh Bharat Mission-Grameen – SBM-G से data का संकलन
उपर्युक्त गतिविधियों के लिए weightage भी निर्धारित किये गए हैं जैसे सार्वजनिक स्थानों के लिए 30%, जनता की राय के लिए 35% और SBM-G के data के लिए 35%.
Prelims Vishesh
१. Shwet Ashwa Drass Expedition
क्या है ? “श्वेत अश्व” सैन्य पुलिस की एक मोटरसाइकिल टीम है.
समाचार में क्यों था? यह टीम एक अभियान के तहत बेंगलुरू से कश्मीर के ड्रास तक जाएगी. इसका उद्देश्य करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है.
इसने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी जान डालने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में तक मोटरसाइकिल अभियान शुरू किया है.
२. ‘Anna’ canteens:
तमिलनाडु के अत्यधिक सफल ‘अम्मा’ कैंटीन कार्यक्रम से प्रेरणा लेते हुए हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में ‘अन्ना’ कैंटीन चलाने का निर्णय लिया है.
शहरी क्षेत्रों में भूख की समस्या से निपटने के लिए इस कैंटीन कार्यक्रम को संचालित किया जायेगा. इसके अंतर्गत नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन 5-5 रु. में उपलब्ध कराया जायेगा.
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