Sansar डेली करंट अफेयर्स, 14 May 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 14 May 2020


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : West Bank and issues associated

संदर्भ

अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोम्पियों पिछले दिनों इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतनयाहू से जेरुसलम में मिले. इन दोनों ने वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को इजराइल में मिलाने की इजरायली योजना पर चर्चा हुई.

West Bank dispute israel and palestine

वेस्ट बैंक क्या है?

वेस्ट बैंक भूमध्यसागर के तट के निकट एक भूभाग है जो चारों ओर से अन्य देशों से घिरा हुआ है. इसके पूर्व में जॉर्डन तथा दक्षिण, पश्चिम और उत्तर में इजराइल है.

वेस्ट बैंक के अन्दर मृत सागर (dead sea) के पश्चिमी तट का एक बड़ा भाग भी आता है.

वेस्ट बैंक विवाद का इतिहास

  • 1948 के अरब-इजराइली युद्ध में जॉर्डन ने वेस्ट बैंक पर आधिपत्य कर लिया था.
  • 1967 के छह दिवसीय युद्ध के समय इजराइल ने जॉर्डन से यह भूभाग छीन लिया और तब से इस पर इजराइल का ही कब्ज़ा है.
  • इजराइल ने यहाँ 130 औपचारिक बस्तियाँ बनाई हैं. इसके अतिरिक्त इतनी ही बस्तियाँ पिछले 20-25 वर्षों में यहाँ बन चुकी हैं.
  • यहाँ 26 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं. इसके अतिरिक्त यहाँ 4 लाख इजराइली बस गये हैं. यहूदियों का मानना है कि इस भूभाग पर उनको बाइबिल में ही जन्मसिद्ध अधिकार मिला हुआ है.
  • फिलिस्तीनी लोगों का कोई अलग देश नहीं है. उनका लक्ष्य है कि इस भूभाग में फिलिस्तीन देश स्थापित किया जाए जिसकी राजधानी पूर्वी जेरुसलम हो. इस कारण यहूदियों और फिलिस्तीनियों में झगड़ा होता रहता है. फिलिस्तीनियों का मानना है कि 1967 के बाद वेस्ट बैंक ने जो यहूदी बस्तियाँ बसायीं, वे सभी अवैध हैं.
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद् और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय भी यही मानता है कि वेस्ट बैंक में इजराइल द्वारा बस्तियाँ स्थापित करना चौथी जिनेवा संधि (1949) का उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि यदि कोई देश किसी भूभाग पर कब्ज़ा करता है तो वहाँ अपने नागरिकों को नहीं बसा सकता है.
  • रोम स्टैच्यूट (Rome Statute) के अंतर्गत 1998 में गठित अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (International Criminal Court) के अनुसार भी इस प्रकार एक देश के लोगों को कब्जे वाली भूमि पर बसाना एक युद्ध अपराध है.

अमेरिका और भारत का दृष्टिकोण

अमेरिका इजराइली बस्तियों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं मानता है, अपितु उन्हें इजराइल की सुरक्षा के लिए आवश्यक मानता है. भारत पारम्परिक रूप से इस मामले में दो देशों के अस्तित्व के सिद्धांत (2-state solution) पर चलता आया है और इसलिए वह एक संप्रभु और स्वतंत्र फिलिस्तीन देश के स्थापना का समर्थन करता है. फिर भी इजराइल से भारत के रिश्ते दिन-प्रतिदिन प्रगाढ़ होते रहे हैं.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : China- Taiwan relations

संदर्भ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में ताइवान को शामिल करने के लिए अमेरिकी सांसदों ने 60 से अधिक देशों से समर्थन का आह्वान किया है.

विवाद क्या है?

चीन ताइवान को चीन का हिस्सा मानता है और इसलिए उस देश को WHO का सदस्य बनाने के प्रयासों पर आपत्ति करता है. इसी महीने WHO के निर्णायक निकाय – विश्व स्वास्थ्य सभा – की मंत्रिस्तरीय बैठक होने वाली है. ताइवान इस बैठक में शामिल होना चाहता है.

China- Taiwan relations

चीन-ताइवान सम्बन्ध : वन चाइना पॉलिसी

  • चीनी गृह युद्ध के पश्चात् साम्यवादी शक्तियों ने वहाँ के राष्ट्रीय दल Kuomintang को पराजित कर दिया था और 1949 में उसके नेताओं को फार्मोसा (ताइवान का पुराना नाम) भागने के लिए मजबूर कर दिया था. तब से चीन का प्रण रहा है कि आज न कल वह ताइवान को मुख्य चीन में मिला लेगा.
  • चीन वन चाइना नीति (One China policy) का अनुसरण करता है और ताइवान को नकारता है.
  • यदि कोई देश चीन के साथ कूटनीतिक सम्बद्ध स्थापित करता है तो उसको ताइवान से औपचारिक रिश्ता तोड़ देना पड़ता है.
  • अनौपचारिक ढंग से ताइवान से रिश्ता बनाये हुए हैं. अमेरिका और ताइवान का अनौपचारिक रिश्ता अत्यंत सुदृढ़ है और अमेरिका ताइवान को हथियार भी बेचता है. भारत भी ताइवान के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग करता है.
  • 2010 से भारत “एक चीन की नीति” की पुष्टि करने से मना करता आया है.
  • ताइवान विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अनौपचारिक रूप से सदस्य है, जैसे – विश्व व्यापार संगठन, एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग तथा एशियाई विकास बैंक.

GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Infrastructure- energy.

Topic : WEF’s global Energy Transition Index

संदर्भ

विश्व आर्थिक मंच ने हाल ही में अपना वैश्विक ऊर्जा रूपांतरण सूचकांक प्रकाशित किया है. यह सूचकांक प्रत्येक वर्ष प्रकाशित होता है और इसमें 115 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग इस आधार पर दी जाती है कि वे ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण सततता एवं सुलभता को कितना संतुलित रखती हैं.

इस सूचकांक में किसी देश की ऊर्जा प्रणाली की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ भविष्य की ऊर्जा विषयक आवश्यकताओं को अंगीकृत करने के लिए उनकी अवसंरचनात्मक तैयारी पर विचार किया जाता है.

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सूचकांक के बारे में

  • विश्व आर्थिक मंच ने अपने प्रतिवेदनWEF फोस्टरिंग इफेक्टिव एनर्जी ट्रांजिशन 2020 रिपोर्ट” में GET इंडेक्स के आधार पर 115 देशों को स्थान दिया है.
  • इस सूचकांक को देशों की ऊर्जा प्रणालियों के वर्तमान प्रदर्शन, पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा और टिकाऊ, सुरक्षित, सस्ती और समावेशी ऊर्जा प्रणालियों में बदलाव हेतु तत्परता जैसे संकेतकों के आधार पर तैयार किया गया है.
  • इस प्रतिवेदन के अनुसार 75% देशों ने अपनी पर्यावरणीय स्थिरता में सुधार किया है.
  • स्वीडन ने लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष स्थान प्राप्त किया है.
  • इसके पश्चात् स्विट्जरलैंड और फिनलैंड का स्थान आता है.
  • मात्र फ्रांस (8वें स्थान पर) और यूनाइटेड किंगडम (7वें स्थान पर) शीर्ष 10 में सम्मिलित जी- 20 देश है.
  • रैंकिंग के अनुसार, भारत और चीन दुनिया में माँग के उभरते केंद्र है.
  • इस सूचकांक में अमेरिका 32वें स्थान पर, कनाडा 28वें स्थान पर, ब्राजील 47वें स्थान पर और ऑस्ट्रेलिया 36वें स्थान पर रहे.

भारत के सन्दर्भ में

  • भारत ने ऊर्जा सुरक्षा, विकास और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे प्रमुख मापदंडों में सुधार करते हुए 74वाँ स्थान प्राप्त किया है.
  • इस प्रतिवेदन में बतलाया गया है कि भारत ने अपने ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार करके अनेक जरुरी सुधार किए हैं.
  • भारत में LED बल्ब और स्मार्ट मीटर की थोक खरीद और उपकरणों की लेबलिंग के लिए कई कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये, जिसके लिए प्रतिवेदन में भारत को प्रशंसा प्राप्त हुई है.
  • इसके अतिरिक्त, भारत उन गिने-चुने देशों में आ गया है जिसने प्रतिवेदन के अनुसार 2015 से अनवरत प्रगति का मार्ग ही अपनाया है.
  • इस प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि 2015 से मात्र 11 देशों ने महत्त्वपूर्ण प्रगति की है.

GS Paper 3 Source : Down to Earth

down to earth

UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : Global Forest Resources Assessment 2020

संदर्भ

मई 13, 2020 को खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने 2020 का वैश्विक वन संसाधन आकलन प्रतिवेदन जारी कर दिया. इस रिपोर्ट में 236 से अधिक देशों और क्षेत्रों में 1990-2020 की अवधि में जंगलों की स्थिति की पड़ताल की गई है.

इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 30 वर्षों में हम लोग 178 मिलियन हेक्टेयर जंगल खो चुके हैं. यह अलग बात है कि जंगल खोने की दर में गिरावट देखी गई है.

मुख्य निष्कर्ष 

  1. रिपोर्ट के अनुसार, 2015 और 2020 के बीच जंगल घटने की दर घटकर 10 मिलियन हेक्टेयर हो गई है.
  2. याद रहे कि 2010 और 2015 के बीच हम लोगों ने 12 मिलियन हेक्टेयर जंगल खोया था.
  3. जहाँ तक सुरक्षित क्षेत्रों के जंगल की बात है तो 1990 के बाद से इसमें 191 मिलियन हेक्टयर की बढ़ोतरी हुई है.

क्षेत्रवार स्थिति

  1. सभी महादेशों में जंगलों की कमी सबसे अधिक अफ्रीका में हुई है. यहाँ 2000 और 2010 के बीच हर वर्ष 3.9 मिलियन हेक्टेयर वन भूमि नष्ट हुई.
  2. अफ्रीका के बाद जंगल खोने वाले महादेशों में दक्षिण अमेरिका का नाम आता है जहाँ उसी अवधि में हर वर्ष 2.6 मिलियन हेक्टयेर जंगल लुप्त हो गये.
  3. यूरोप और एशिया में सबसे कम जंगल घटे हैं.

जंगलों के प्रकार

  1. संसार में सबसे अधिक जंगल उष्ण कटिबंधीय (tropical) जंगल हैं जो सम्पूर्ण जंगलों का 45% हैं.
  2. उष्ण कटिबंधीय जंगलों के बाद क्षेत्रफल के अनुसार क्रमशः शीत कटिबंधीय बोरियल जंगल, समतापीय जंगल (temperate forests) और उप-उष्णकटिबंधीय (subtropical forests) जंगल आते हैं.

सबसे अधिक जंगल किन देशों में हैं?

रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में वैश्विक जंगल संसाधन में पाँच देशों का सबसे अधिक योगदान है, वे हैं – ब्राजील, अमेरिका, कनाडा, चीन और रूस.

संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन

  • संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्गत की गई थी.
  • इसका मुख्यालय रोम (Rome), इटली में है. 130 देशों में इसके क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं.
  • यह संगठन सरकारों और विकास एजेंसियों को कृषि, वानिकी (forestry), मत्स्यपालन तथा भूमि एवं जल संसाधन से सम्बंधित गतिविधियों के संचालन में सहायता करता है. यह विभिन्न परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहायता देने के अलावा शोध कार्य भी करता है.
  • यह शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण (training) कार्यक्रम भी चलाता है और कृषि उत्पादन और विकास से सम्बंधित आंकड़े भी इकठ्ठा करता है.
  • FAO वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के लिये कार्य करता है. इस संस्था का लक्ष्य भूक मिटाना और पोषण का स्तर ऊँचा करना है.
  • इसका ध्येय वाक्य (motto) है – Fiat Panis अर्थात् लोगों को रोटी मिले…
  • आपको जानना चाहिए कि कि FAO संयुक्त की सबसे पुरानी agency है.  
  • वर्तमान में इस संगठन के सदस्यों देशों की संख्या 197 है. इसके अन्दर 194 देश, 1 संगठन और 2 संलग्न सदस्य (associate members) होते हैं.

GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.

Topic : Tour of Duty” (ToD) scheme

संदर्भ

भारतीय सेना अब देश की प्रतिभाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए 3 साल के टूर ऑफ ड्यूटी नाम का एक योजना का अनावरण करने की तैयारी कर रही है.

टूर ऑफ ड्यूटी‘ (Tour of Duty) योजना क्या है?

  • यह प्रस्ताव देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को अपनी ओर आकर्षित करने के भारतीय सेना के प्रयासों का हिस्सा है. वर्तमान में, जो सबसे छोटा कार्यकाल है, वह शॉर्ट सर्विस कमीशन (Short Service Commission) के अंतर्गत 10 वर्ष का है.
  • इस योजना के अंतर्गत सेना देश के प्रतिभाशाली युवाओं को आकर्षित करना चाहती है. इस योजना के माध्यम से वे युवा भी सेना में सम्मिलित हो सकेंगे, जो किसी कारण पहले सम्मिलित नहीं सके थे.
  • भारतीय सेना इनवर्स इंडक्शन मॉडल नाम के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके अंतर्गत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को सेना में कुछ समय के लिए काम करने का अवसर दिया जा सकता है.

माहात्म्य

  • भारतीय सेना पिछले कई वर्षों से अधिकारियों की कमी का सामना कर रही है और जल्द से जल्द इसे दूर करना चाहती है. अगर प्रस्ताव को स्वीकृति मिलती है तो यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक होगी.
  • टूर ऑफ ड्यूटी मॉडल (टीओडी) से न केवल सेना में युवाओं की संख्या में वृद्धि होगी बल्कि सेना को पैसों की बचत भी होगी. उन्हें अनुग्रह राशि (ग्रेज्युटी व पेंशन भी नहीं देनी पड़ेगी.
  • विदित हो कि हाल में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा निर्गत एक रिपोर्ट में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले देशों की सूची में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इस सूची में भारत ने रूस समेत कई बड़े देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. भारत से ऊपर अमेरिका और चीन का स्थान है.
  • विदित हो कि शॉर्ट सर्विस कमिशन के माध्यम से सेना में भर्ती हुए अधिकारियों को मुक्त करने तक प्री-कमीशन ट्रेनिंग, वेतन व अन्य खर्च के तौर पर 10 वर्ष में 5.12 करोड़ व 14 वर्ष के लिए 6.83 करोड़ खर्च करने पड़ते हैं.
  • यदि यह योजना लागू हो जाती है तो तीन वर्ष के लिए सम्मिलित हुए लोगों पर सिर्फ 80 से 85 लाख का खर्च आएगा.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Various Security forces and agencies and their mandate.

Topic : Integrated Battle Groups (IBGs)

संदर्भ

भारत के सेना प्रमुख ने सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय सेना ‘समग्र परिवर्तन’ (Overall Transformation) की दिशा में जल्द ही एकीकृत युद्ध समूह(Integrated Battle Groups- IBG) का गठन किया जाएगा.

मुख्य तथ्य

  • भारतीय सेना ने युद्ध में अच्छे प्रदर्शन और शत्रु पर त्वरित आक्रमण करने की अपनी क्षमता में सुदृढ़ता प्रदान करने के लिये ‘एकीकृत युद्ध समूह’ (Integrated Battle Groups-IBG) को अपनाने का फैसलालिया है.
  • IBG का गठन सेना की ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ (Cold Start Doctrine) के एक अंग के रूप में किया जा रहा है.

भारतीय सेना की ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’

  • यह सिद्धांत भारतीय सेना को शत्रु देश (विशेष रूप से पाकिस्तान के विरुद्ध) के क्षेत्र में प्रवेश कर तेजी से से कार्यवाही करने का लक्ष्य प्रदान करता है.
  • इस सिद्धांत का विचार सबसे पहले साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम’ से आया.
  • ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान भारत की आक्रामक रणनीतियों की अनेक कमियाँ प्रकाश में आयीं जिनमें सीमा पर सेना की तैनाती में ही एक महीने का समय लगने आदि जैसे कई मुद्दे सम्मिलित थे.
  • 2017 में तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष द्वारा इस सिद्धांत के अस्तित्व को स्वीकार किया गया.

ब्रिगेड क्या है?

  • कमांड एक परिभाषित भौगोलिक क्षेत्र के लिए सेना की सर्वाधिक बड़ी स्थैतिक इकाई होती है, जबकि वाहिनी (Corps) सबसे बड़ी गतिशील इकाई होती है.
  • सामान्यत: प्रत्येक वाहिनी तीन डिवीज़नों में विभाजित होती है और हर डिवीज़न में तीन ब्रिगेड होते हैं.

एकीकृत युद्ध समूह (IBG)

IBG एक दक्ष और आत्मनिर्भर युद्ध व्यवस्था है जो ब्रिगेड के आकार के समान होती है. यह युद्ध की स्थिति में दुश्मन के विरुद्ध त्वरित आक्रमण करने में सक्षम होती है.

IBG का गठन

  • हर IBG का गठन संभावित खतरों (Threat), भू-भाग (Terrain) एवं कार्यो (Task) के निर्धारण के आधार पर किया जाएगा और इन्हीं तीन आधारों (3Ts) पर IBG को संसाधनों का आबंटन भी किया जाएगा. 
  • IBG कार्यवाही करने के लिए अपनी अवस्थति के आधार पर 12 से 48 घंटों के अन्दर संगठित होने में सक्षम होंगे.

IBG की कार्यप्रणाली

IBG को आक्रामक और रक्षात्मक रूप दिया जाएगा. जहाँ एक ओर आक्रामक IBG तेजी से कार्यवाही करते हुए शत्रु के क्षेत्र में हमला करेंगे, वहीं दूसरी तरफ रक्षात्मक IBG दुश्मन के संभावित हमले के प्रति सुभेद्य क्षेत्रों को सुरक्षित कर सकेंगे. 


Prelims Vishesh

Spirulina groundnut Chikki :-

  • मैसूरू स्थित केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान (Central Food Technological Research Institute – CFTR) ने स्पीरुलिना और मूंगफली की एक चिक्की तैयार की है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसको खाने से लोगों की रोग प्रतिरोधकता बढ़ेगी.
  • ज्ञातव्य है कि स्पीरुलिना एक नीली-हरी काई से बनती है जिसे मनुष्य और पशु खा सकते हैं.

COVID Kavach Elisa :-

  • कोरोना विषाणु के निदान के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे ने भारत का पहला स्वदेशी एंटी बॉडी पर आधारित एलिसा टेस्ट की किट तैयार की है जिससे 2.5 घंटे के भीतर 90 नमूनों की जांच हो सकती है.
  • इस किट की तकनीक दवाइयाँ बनाने वाली कम्पनियों को दी जा चुकी है जिससे कि वे बड़े पैमाने पर उनका निर्माण कर सकें.

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